समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि लोकतंत्र में जनता के सभी वर्गो की भागीदारी सुनिशिचत होती है। समाजवादी पार्टी का विश्वास सामाजिक न्याय के साथ समाज के कुचले दबे और उत्पीड़न के शिकार लोगों को विशेष अवसर देकर उन्हें भी सबके बराबर लाने में है। समाजवादी पार्टी की श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनी सरकार ने समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए राजनीति और सत्ता में सबकी भागीदारी का सिद्धांत अपनाया है और उसे अमली जामा पहनाने का काम किया है। इस दृषिट से राज्य मंत्रिमण्डल बहुत संतुलित और जन आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करनेवाला है।
हाल के मंत्रिमण्डल विस्तार के आलोचक और मुसिलम तुष्टीकरण का आरोप मढ़नेवाले वे विपक्षी हैं जो आज भी 15वीं 16वीं सदी की मानसिकता में जी रहे हैं। उन्हें किसानों, मुसलमानों और समाज के वंचितों की तरक्की से जलन होती है। वे आज भी सामंती मानसिकता नहीं छोड़ पा रहे हैं। विपक्षियों की नाराजगी से ज्यादा उनकी हताशा और कुंठा के दर्शन होते हैं क्योंकि प्रदेश की जनता उन्हें विधान सभा चुनावों में नकार चुकी है और अब लोकसभा चुनावों में भी उन्हें अपने पैरो के नीचे कहीं जमीन नहीं दिख रही है।
समाजवादी पार्टी सरकार में सामाजिक न्याय के लिए संघर्षरत समाज को महत्वपूर्ण पद देकर उनके साथ हुर्इ नाइंसाफी को समाप्त करने का काम किया गया है। सामाजिक न्याय यात्रा ने अति पिछड़ों में भी नर्इ चेतना जगार्इ है। सर्वश्री अवधेश प्रसाद, राम सकल गुर्जर, गायत्री प्रसाद प्रजापति, सुरेन्द्र पटेल, मानपाल सिंह, शिव कुमार बेरिया, शंखलाल मांझी, राममूर्ति वर्मा, अरूण कुमारी कोरी, भगंवत शरण गंगवार, नरेन्द्र वर्मा, कैलाश चौरसिया, जगदीश सोनकर, आलोक शाक्य और विजय बहादुर पाल, राम करन आर्य, मनोज पारस, रामपाल राजवंशी ये सब समाज के पिछड़े वर्ग के लोग है। इन्हें समाजवादी पार्टी के मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव ने आगे बढ़ाया और अधिकार तथा सम्मान दिया। उन्होने ही 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कर सुविधाएं दी थीं जिसे बसपा सरकार ने रदद कर दिया था। अब मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने फिर इस दिशा में कदम उठाएं है। राज्य मंत्रिमण्डल में अगड़े समाज के ठाकुर, ब्राहमण, वैश्य भी महत्वपूर्ण पद सम्हाल रहे हैं। पिछड़ो को भी उचित सम्मान मिला है। मंडल कमीशन को लागू कराने में श्री मुलायम सिंह यादव ने बहुत संघर्ष किया था।
समाजवादी पार्टी जब भी किसी मुसिलम को पद और सम्मान देती है विपक्षी बड़े जोरशोर से तुष्टीकरण का राग अलापने लगते है। सच्चर कमेटी ने, जिसे केन्द्र सरकार ने ही बनाया था, अपनी रिपोर्ट में मुसिलमों की हालत दलितों से बदतर बतार्इ थी। श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनी समाजवादी सरकार में पहली बार 10 मुसिलम मंत्री बनाए गए हैं। सच्चर कमेटी और श्री रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिशों को कांग्रेस ने आज तक लागू नहीं किया है। भाजपा तो मुसिलम विरोधी है ही। सिर्फ श्री मुलायम सिंह यादव ही इनकी सिफारिशों को लागू कराने की मांग उठाते रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमण्डल को जो नया स्वरूप दिया है जनता में इसकी सराहना एवं स्वागत को देखकर विपक्षी हैरान परेशान हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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