उत्तर प्रदेश में आम जनता को सुरक्षित एवं गुणवत्तायुक्त खाध पदार्थ उपलब्ध कराने के मददेनजर खाध सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 लागू है। जिसके तहत सभी खाध व्यवसार्इयों को खाध लाइसेंस लेना एवं पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उपभोक्ता मिलावटी खाध पदार्थ एवं मिलावट खोरों के विरूद्ध अपनी शिकायतें टोल फ्री नं0-1800,1805533 पर दर्ज करा सकते हैं।
यह जानकारी प्रमुख सचिव खाध सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन श्री हेमन्त राव ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि खाध सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत प्रति वर्ष 12 लाख से अधिक का करोबार करने वाले खाध व्यवसायियों को लाइसेंस तथा 12 लाख से कम टर्न ओवर करने वाले खाध कारोबारियों को पंजीकरण कराना आवश्यक है। लाइसेंस एंव पंजीकरण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी तथा सुविधाजनक बनाने हेतु प्रदेश के सभी जनपदों में आन लाइन सुविधा उपलब्ध है। व्यवसायी कहीं से भी अपने व्यवसाय का रजिस्ट्रेशनपंजीकरण करा सकते हैं, साथ ही खाध कारोबारी अपने व्यवसाय की श्रेणी का निर्धारण, निर्धारित शुल्क जमा करने, आवश्यक प्रपत्र अपलोड करने, आवेदन सिथति की जानकारी तथा लाइसेंस एवं पंजीकरण का नवीनीकरण करा सकते हैं।
श्री राव ने बताया कि प्रदेश में अब तक 25541 खाध कारोबारियों के लाइसेंस निर्गत एवं 176387 व्यवसायी पंजीकृत किये गये है। खाध व्यवसायी आगामी 04 फरवरी तक अपने खाध व्यवसाय का लाइसेंसपंजीकरण आवश्य करा लें। खाध कारोबारियों को खाध लाइसेंसपंजीकरण प्राप्त करने की अनितम तिथि 04 फरवरी 2014 निर्धारित की गर्इ है। उन्होंने बताया कि खाध करोबार कर्ता ीजजचरूध्ध्विवकसपबमदेपदहण्ेिेंपण्हवअण्पद अथवाूूूण्ेिेंपण्हवअण्पद वेबसाइट पर आन लाइन रजिस्ट्रेशनपंजीकरण तथा अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि खाध लाइसेंसपंजीकरण के तहत आने वाले कारोबार में, दुग्ध संग्रहठंडा करना, वनस्पति तेल प्रसंस्करण इकार्इ, वध शालाएं, मांस प्रसंस्करण इकार्इ, पुन: लेबल लगानेपैक करने वाली इकाइयां, खाधान्नों को पीसने वाली इकाइयां, स्थायीअस्थार्इ स्टाल धारक, चलते फिरते खाध विक्रेता, घर में सिथत कैन्टीन, खाने पीने के फुटकर विक्रेता, विनिर्माताप्रसंस्करण कर्ता, पैकेजिंग, होटल रेस्तरां, ढ़ाबाकैटरिंग, क्लबकैंटीन आदि शामिल हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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