Posted on 23 March 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 23 मार्च, 2013 को लखनऊ में डाॅ0 राम मनोहर लोहिया पार्क में यश भारती सम्मान से अलंकृत विभूतियों के साथ। साथ में हैं, सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री मुलायम सिंह यादव।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 23 मार्च, 2013 को लखनऊ में जनेश्वर मिश्र लखनऊ पार्क का शिलान्यास करते हुए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 23 मार्च, 2013 को लखनऊ में डाॅ0 राम मनोहर लोहिया पार्क में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए।
23 मार्च, 2013
राज्य सरकार अपने कार्यक्रमों एवं योजनाओं द्वारा
डाॅ0 लोहिया के सिद्धान्तों को लागू कर रही है: मुख्यमंत्री
डाॅ0 लोहिया की नीतियां और विचार समाज के हर वर्ग
के कल्याण के लिए: श्री मुलायम सिंह यादव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रख्यात समाजवादी चिन्तक डाॅ0 राम मनोहर लोहिया ने समाज में व्याप्त गैर बराबरी को समाप्त करने के लिए हमेशा संघर्ष किया। डाॅ0 लोहिया ने समाजवादी विचारधारा व सिद्धान्तों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया। उन्होंने कहा कि डाॅ0 लोहिया के दिखाए हुए रास्ते पर चलकर ही समाज में खुशहाली लायी जा सकती है।
मुख्यमंत्री आज यहां डाॅ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में डाॅ0 लोहिया की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद वहां आयोजित एक विचार गोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री मुलायम सिंह यादव भी उपस्थित थे तथा उन्होंने भी विचार गोष्ठी को सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता ने डाॅ0 लोहिया के सिद्धान्तों को आगे बढ़ाने का अवसर दिया। राज्य सरकार अपने तमाम कार्यक्रमों एवं योजनाओं के माध्यम से इन सिद्धान्तों को लागू कर रही है। वर्तमान परिवेश में डाॅ0 लोहिया के विचार और अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए गौरव का विषय है कि उन्होंने लोकसभा में उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, जहां डाॅ0 लोहिया ने संघर्ष किया था।
श्री यादव ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना पिछली समाजवादी सरकार द्वारा की गई थी। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि वर्तमान में डाॅ0 लोहिया विधि विश्वविद्यालय की गणना देश के बेहतरीन विश्वविद्यालयों में की जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव एवं उनके समाजवादी साथियों ने डाॅ0 लोहिया के विचारों को आगे बढ़ाया।
सांसद तथा पूर्व केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि डाॅ0 राम मनोहर लोहिया सबसे ज्यादा विद्यार्थियों में लोकप्रिय थे। लोहिया जी के विचारों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में छात्र समाजवादी आंदोलन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि डाॅ0 लोहिया के चिन्तन से प्रेरित होकर विद्यार्थी जीवन से ही वे समाजवादी आंदोलन में सक्रिय हो गए।
पूर्व केन्द्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि डाॅ0 लोहिया ने अन्याय व अत्याचार का विरोध किया। डाॅ0 लोहिया कहा करते थे कि जहां अन्याय हो, पक्षपात हो, उसके खिलाफ संघर्ष करो और उसका विरोध करो। उन्होंने कहा कि डाॅ0 राम मनोहर लोहिया की नीतियां और विचार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए हैं।
डाॅ0 लोहिया के नाम पर विधि विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने के सम्बन्ध में श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि डाॅ0 लोहिया कानून के छात्र नहीं थे लेकिन दुनिया के विभिन्न देशों के कानूनों की उन्हें बहुत अच्छी जानकारी थी। इसके साथ ही डाॅ0 लोहिया कमजोर व गरीब लोगों को न्याय दिलाने एवं उनके अधिकारों के प्रति हमेशा संघर्षरत रहे। इसे ध्यान में रखकर डाॅ0 राम मनोहर लोहिया के नाम पर विधि विश्वविद्यालय की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं का आहवान किया कि यहां से शिक्षा ग्रहण करने के बाद वे जिस क्षेत्र में जाएं, वहां हमेशा गरीबों का ध्यान रखें और उन्हें न्याय दिलाने में मदद करें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे डाॅ0 लोहिया के साहित्य का अध्ययन करें, जिससे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
पूर्व सांसद श्री संजय डालमिया ने डाॅ0 लोहिया से जुड़े अपने संस्मरणों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि गांधी जी के ट्रस्टीशिप सिद्धान्त को लागू करने के सम्बन्ध में सर्वप्रथम डाॅ0 लोहिया द्वारा ही लोकसभा में निजी विधेयक प्रस्तुत किया गया था। श्री डालमिया ने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव एक मात्र ऐसे समाजवादी हैं, जो डाॅ0 लोहिया की जयंती व पुण्यतिथि पर नियमित रूप से सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति श्रीमती अनीता मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के समापन पर आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री टी0 वेंकटेश, प्रमुख सचिव न्याय श्री एस0के0 पाण्डेय, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती अनीता सिंह एवं श्री आलोक कुमार सहित अन्य अधिकारीगण, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 23 March 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 23 मार्च, 2013 को लखनऊ में डाॅ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में डाॅ0 लोहिया की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर। साथ में हैं, सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री मुलायम सिंह यादव।
23 मार्च, 2013
वर्तमान राज्य सरकार द्वारा जनता को सीधे लाभ पहंुचाने वाली जितनी योजनाएं संचालित की जा रही हैं इतनी कभी किसी सरकार द्वारा संचालित नहीं की गई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने डाॅ0 राम मनोहर लोहिया के 103वंे जन्म दिवस पर आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम में साहित्य, कला, खेल एवं संगीत के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाली 15 विभूतियों को यश भारती सम्मान 2012-13 से अलंकृत किया। डाॅ0 राम मनोहर लोहिया पार्क में सम्पन्न इस कार्यक्रम में उन्होंने 376 एकड़ में बनने वाले जनेश्वर मिश्र लखनऊ पार्क तथा 19 एकड़ में बनने वाले जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र, लखनऊ का शिलान्यास भी किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव तथा सांसद एवं पूर्व रक्षा मंत्री श्री मुलायम सिंह यादव ने संयुक्त रूप से ‘स्वतंत्रता संग्राम समाजवादी आन्दोलन व डाॅ0 लोहिया’ विशेषांक तथा ‘मानेंगे नहीं, मारेंगे नहीं’ पुस्तक का विमोचन किया। विशेषांक के सम्पादक श्री दीपक मिश्रा एवं अतिथि सम्पादक लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव तथा पुस्तक के लेखक श्री के0 विक्रम राव हैं। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने डाॅ0 राम मनोहर लोहिया, श्री जयप्रकाश नारायण तथा श्री जनेश्वर मिश्र के चित्र पर माल्यार्पण किया।
कार्यक्रम में उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी प्रतिभा एवं मेहनत के बल पर देश एवं विदेश में प्रदेश का नाम रोशन करने वाली प्रदेश में जन्मी विभूतियों को यश भारती सम्मान से अलंकृत करने की शुरूआत समाजवादी पार्टी की पूर्व सरकार द्वारा की गयी थी। जिसे बाद में आने वाली राज्य सरकार ने बन्द कर दिया था। जनता ने उनकी पार्टी को पुनः पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने का अवसर दिया। इसलिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र की आधार शिला भी पिछली सपा सरकार में आदरणीय नेता जी द्वारा रखी गई थी। जिसे बाद की राज्य सरकार ने आगे नहीं बढ़ाया। उन्हांेने कहा कि यह केन्द्र अपने आप में अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं सभी सुविधाओं से सम्पन्न होगा। उन्होंने जनेश्वर मिश्र लखनऊ पार्क की चर्चा करते हुए कहा कि समाजवादी चिंतक एवं छोटे लोहिया के नाम से प्रसिद्ध स्व0 श्री मिश्र की याद में बनने वाला यह पार्क अत्यन्त खूबसूरत एवं हरियाली युक्त होगा।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार डाॅ0 लोहिया के समाजवादी चिंतन के आधार पर कार्य कर रही है। जनता से किए गए वायदों को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा जनता को सीधे लाभ पहंुचाने वाली जितनी योजनाएं संचालित की जा रही हैं इतनी कभी किसी सरकार द्वारा संचालित नहीं की र्गइं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सांसद एवं पूर्व रक्षा मंत्री श्री मुलायम सिंह यादव ने राजनीति में महिलाओं को बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में जहां भी अत्याचार एवं भेदभाव की घटनाएं हुईं वहां पहुंचकर डाॅ0 लोहिया ने संघर्ष किया। उन्होंने लोगों से डाॅ0 लोहिया द्वारा लिखित पुस्तकों एवं उनके भाषणों को पढ़ने की बात भी कही।
कार्यक्रम को विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय, लोक निर्माण मंत्री
श्री शिवपाल सिंह यादव, संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अरूण कुमारी कोरी, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, पूर्व सांसद श्री भगवती सिंह, वरिष्ठ पत्रकार श्री के0 विक्रम राव ने भी सम्बोधित किया।
इस कार्यक्रम में पं0 छन्नू लाल मिश्र, प्रो0 सत्यमित्र दुबे, प्रो0 वसीम बरेलवी,
डाॅ0 रामकृष्ण राजपूत, श्री आमिर रज़ा हुसैन, डाॅ0 सरिता शर्मा, श्री मेवालाल यादव,
श्री विवेक गुप्ता, श्री नरसिंह यादव, सुश्री अंशु तोमर को मुख्यमंत्री ने अंगवस्त्रतम, प्रशस्ति पत्र तथा 11 लाख रुपए का ड्राफ्ट देकर यश भारती से सम्मानित किया। इस अवसर पर श्री राजेन्द्र यादव, श्री अभिजीत भट्टाचार्य, श्री सुरेश कुमार रैना, श्री जावेद अली तथा मस्तराम कपूर कतिपय कारणों से उपस्थित नहीं थे। इसलिए इनकी अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री ने इनके प्रतिनिधियों को यश भारती सम्मान से सम्मानित किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कासा, जनकेन्द्रित विकास महासमिति एवं लोक हकदारी मोर्चा उ0 प्र0 द्वारा शहीदेआजम भगत सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर गंगा प्रसाद वर्मा मेमोरियल सोसाइटी हाल में ‘‘ग्रामीणों की आजीविका के सन्दर्भ में मनरेगाःएक हकीकत’’ विषय पर एक दिवसीय मजदूर सभा का आयोजन किया गया जिसमें उत्तर प्रदेश के 20 जनपदों से मनरेगा श्रमिकों तथा मनरेगा योजना के तहत जाॅब कार्ड से वंचित लगभग 350 लोगों ने अपनी प्रतिभागिता की।
कार्यक्रम के विषय में विस्तृत जनकारी देते हुये कासा के श्री कमल कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मनरेगा श्रमिकों का तथा मनरेगा योजना के तहत जाॅब कार्ड से वंचित समुदाय की स्थिति कैसी है तथा उनके सामने किस तरह की समस्याएं सामने आती है।
कार्यक्रम में कासा के प्रियंक श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश के 8 जनपदों के 9 विकासखण्डों की 11 ग्रामपंचायतों की मनरेगा सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की। मिर्जापुर जनपद के अमोई ग्राम पंचायत में सामाजिक अंकेक्षण के दौरान कुल 1135 परिवार सम्मिलित रहे, इन परिवारों से बातचीत तथा पंचायत के दस्तावेजों से जानकारी के अनुसार 1135 परिवारों के सापेक्ष पंचायत में मात्र 915 जाॅब कार्ड बनाये गये है।
चित्रकूट जनपद के चुरेह केशरूवा ग्राम पंचायत में कुल 1248 परिवार निवासरत् है, परन्तु मिली जानकारी के अनुसार इस पंचायत में कुल परिवार की संख्या से 268 जाॅब कार्ड अधिक बनाये गये है।
सोनभद्र जनपद के कोरट ग्राम पंचायत में मिली जानकारी कु अनुसार कुल 555 परिवारों के सापेक्ष 13 जाॅब कार्ड अधिक बनाये गये है।
बाँदा जनपद के छेहराँव ग्राम पंचायत में कुल 310 परिवारों के सापेक्ष मात्र 220 जाॅब कार्ड ही पाये गये।
जालौन जनपद के पीपरीकला ग्राम पंचायत के कुल 291 परिवारों के सापेक्ष 41 जाॅब कार्ड कम बनाये गये।
झांसी जनपद के ग्राम पंचायतों डगरिया रून्द, मुरारी तथा सफा के कुल परिवारों क्रमशः 237, 243, 735 के सापेक्ष क्रमशः 99, 129 तथा 380 जाॅब कार्ड कम बनाये गये।
फतेहपुर जनपद के फिरोजपुर ग्राम पंचायत के कुल 315 परिवार निवासरत् है, परन्तु मिली जानकारी के अनुसार कुल परिवारों की संख्या से 111 जाॅब कार्ड कम बनाये गये है।
देवरिया जनपद की ग्राम पंचायतों गौतमा तथा नरायनपुर के कुल परिवारों क्रमशः 207 तथा 383 के सापेक्ष क्रमशः 80 तथा 291 जाॅब कार्ड कम जारी किये गये है।
झांसी जनपद के ग्राम पंचायतों डगरिया रून्द, मुरारी तथा सफा में क्रमशः 31, 28 तथा 93 परिवार जाॅब कार्ड की सुविधा से वंचित पाये गये।
फतेहपुर जनपद के फिरोजपुर ग्राम पंचायत में 60 परिवार जाॅब कार्ड की सुविधा के लाभ से वंचित पाये गये।
देवरिया जनपद के ग्राम पंचायतों गौतमा तथा नरायनपुर में क्रमशः 19 तथा 6 परिवार जाॅब कार्ड के लाभ से वंचित पाये गये।
जालौन जनपद के पीपरी कला ग्राम पंचायत में 13 परिवार जाॅब कार्ड की सुविधा से वंचित पाये गये वहीं सोनभद्र जनपद के कोरट ग्राम पंचायत में 12 परिवार जाॅब कार्ड की सुविधा से वंचित मिले।
सोनभद्र तथा फतेहपुर जनपद की कोरट एवं फिरोजपुर ग्राम पंचायतों में 25-25 परिवार ऐसे पाये गये जिनके पास 1 से अधिक थे।
देवरिया जनपद की गौतमा तथा नरायनपुर ग्राम पंचायतों में क्रमशः 17 तथा 32 ऐसे परिवार पाये गये जिनके पास 1 से अधिक जाॅब कार्ड था।
मिर्जापुर जनपद के अमोई ग्राम पंचायत में 20 परिवार ऐसे पाये गये जिनके पास 1 से अधिक जाॅब कार्ड उपलब्ध थे।
जालौन जनपद के पीपरी कला ग्राम पंचायत में 11 परिवार ऐसे पाये गये जिनके पास 1 से अधिक जाॅब कार्ड थे।
सोनभद्र जनपद के कोरट ग्राम पंचायत में पंचायत द्वारा 78 कार्यों का प्रस्ताव किया गया, जिसके सापेक्ष मात्र 46 कार्यों का अनुमोदन दिया गया।
मिर्जापुर जनपद के अमोई ग्राम पंचायत में पंचायत द्वारा 3 कार्यों का प्रस्ताव किया गया, जिसके सापेक्ष इस पंचायत को सभी 3 कार्यों का अनुमोदन प्राप्त हुआ, परन्तु इस पंचायत द्वारा अनुमोदित 3 कार्यों के स्थान पर मात्र 2 कार्यों का ही क्रियान्वयन किया जा सका।
चित्रकूट जनपद के चुरेह केशरूवा ग्राम पंचायत द्वारा 8 कार्यों का प्रस्ताव किया गया, जिसके सापेक्ष इस पंचायत को सभी 8 कार्यों का अनुमोदन भी प्राप्त हुआ, परन्तु अनुमोदित 8 कार्यों में से मात्र 5 कार्य ही इस पंचायत द्वारा क्रियान्वित किये गये।
बाकी अन्य जनपदों जालौन, बाँदा, झांसी तथा देवरिया जनपद के ग्राम पंचायतों में कार्यों के मामले में स्थिति संतोषजनक पाई गई।
सामाजिक अंकेक्षण से निकले तथ्यों के अनुसार बाँदा जनपद के छेहराँव ग्राम पंचायत में 7 लाख 10 हजार 375 रूपये का बजट मनरेगा कार्यों हेतु प्रस्तावित किया गया, जिसके आधार पर इस ग्राम पंचायत को प्रस्तावित बजट का अनुमोदन भी प्राप्त हुआ, परन्तु सामाजिक अंकेक्षण के दौरान देखने में आया कि इस पंचायत द्वारा अभी तक मात्र 31 हजार 250 रूपये ही व्यय किये गये है।
चित्रकूट जनपद के चुरेह केशरूवा ग्राम पंचायत द्वारा 3 लाख 10 हजार रूपये का बजट मनरेगा के कार्यों हेतु प्रस्तावित किया गया, जिसके सापेक्ष इस पंचायत को प्रस्तावित बजट का अनुमोदन भी प्राप्त हुआ, परन्तु अभी तक पंचायत द्वारा उपरोक्त बजट में से मात्र 53 हजार 520 रूपये ही व्यय किये गये है।
देवरिया जनपद के गौतमा तथा नरायनपुर ग्राम पंचायत द्वारा क्रमशः 6 लाख 89 हजार 700 रूपये तथा 36 लाख 35 हजार रूपये का बजट मनरेगा के कार्यों हेतु प्रस्तावित किया गया, जिसके आधार पर उक्त दोनों ग्राम पंचायतों को प्रस्तावित बजट का अनुमोदन भी प्राप्त हुआ परन्तु अनुमोदित बजट के सापेक्ष दोनों ग्राम पंचायतों द्वारा क्रमशः 4 लाख 18 हजार 740 तथा 4 लाख 96 हजार 99 रूपये ही व्यय किये जा सके है।
सोनभद्र जनपद के कोरट ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा कार्यों हेतु 72 लाख 40 हजार रूपये का प्रस्ताव किया गया, जिसके आधार पर इस पंचायत को 69 लाख 15 हजार रूपये का अनुमोदन भी प्राप्त हुआ, परन्तु इस पंचायत द्वारा अनुमोदित धनराशि के सापेक्ष अभी तक 68 लाख 52 हजार रूपये ही व्यय किया गया है।
जालौन जनपद के पीपरी कला ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा कार्यों हेतु 1 लाख रूपये का प्रस्ताव किया गया, जिसके आधार पर प्रस्तावित बजट का अनुमोदन भी इस पंचायत को प्राप्त हुआ, परन्तु अनुमोदित बजट के सापेक्ष इस पंचायत द्वारा अभी तक 99 हजार 875 रूपये व्यय किये गये है।
सामाजिक अंकेक्षण प्रक्रिया में सम्मिलित कुल 1148 श्रमिकों का 42 प्रतिशत श्रमिकों ने कहा कि उनकी मजदूरी का भुगतान 1 माह से 3 माह के भीतर होता है।
कुल श्रमिकों का 26 प्रतिशत श्रमिकों ने बताया कि उनकी मजदूरी का भुगतान 15 दिन से 1 माह के भीतर होता है।
कुल श्रमिकों का 21 प्रतिशत श्रमिकों ने कहा कि उनकी मजदूरी का भुगतान 1 वर्ष से अधिक के समय में होता है।
मजदूरों के वक्तव्य के अनुसार मनरेगा के तहत निर्धारित 125 रुपये प्रतिदिन की दर से कम मजदूरी प्राप्त करने वाले मजदूरों की संख्या 465 पायी गयी।
मस्टररोल में दर्ज प्रविष्टियों के अनुसार सभी को नियत 125 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया गया है।
जाॅब कार्ड पर दर्ज प्रविष्टियों का मिलान करने पर 84 मजदूर ही ऐसे मिले जिन्हें 125 रुपये प्रतिदिन की दर से कम मजदूरी का भुगतान हुआ है।
मस्टररोल में दर्ज सूचना के अनुसार कुल 1148 मजदूरों को 125 रुपये की दर से मजदूरी का भुगतान किया गया है।
मजदूरों द्वारा दिये गये वक्तव्य में महज 683 मजदूरों ने ही कहा की उन्हें 125 रुपये की दर से मजदूरी प्राप्त हुई है।
जाॅब कार्ड के साथ मिलान करने पर 1064 मजदूर ही ऐसे मिले जिनकी मजदूरी की दर 125 रुपये प्रतितदन के हिसाब से है। उपस्थित समुदाय ने इस योजना का और बेहतर एवं प्रभावी बनाने के लिये मांगे सरकार के समक्ष रखी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना की कार्ययोजना का निर्माण श्रमिकों की आवश्यकता के अनुसार खुली बैठकों में ही किया जाये।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत कार्य के दिनों की संख्या 100 दिन से बढ़ा कर 200 दिन की जाये।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत पंचायतों में एक अलग से सन्दर्भ केन्द्र की व्यवस्था की जाये, जहाँ पर मनरेगा से सम्बन्धित सभी सूचनाएं सार्वजनिक हो।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत कार्य के आवेदन की प्राप्ति श्रमिकों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित एवं अनिवार्य किया जाये।
प्रत्येक जिलों में तहसील दिवस और थाना दिवसों की तरह मनरेगा दिवस का आयोजन प्रत्येक माह में किया जाये, जहाँ पर मनरेगा श्रमिक अपनी समस्याएं उच्च अधिकारियों तक पहुँचा सके।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत परिवार को यूनिट न मानते हुये व्यक्ति को यूनिट मानने की व्यवस्था की जाये।
कार्यस्थल पर मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता को अनिवार्य किया जाये।
महिलाओं तथा विकलांगों का जाॅब कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनाया जाये तथा कार्य उपलब्ध कराने में इनको प्राथमिकता के आधार पर रखा जाये।
मनरेगा के तहत कार्य के दौरान हुई दुर्घटना राशि को संशोधित करते हुये इस राशि को बढ़ाया जाये।
ग्राम सभा की खुली बेठकों को अनिवार्य किया जाये।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान 15 दिनों के भीतर सुनिश्चित किया जाये।
कार्य की मांग के 15 दिनों के भीतर कार्य उपलब्ध न होने की दशा में बेरोजगारी भत्ते के प्रावधान को अनिवार्य रूप से लागू किया जाये तथा 15 दिनों के भीतर कार्य न उपलब्ध करा पाने की दशा में ग्राम प्रधान, सचिव तथा खण्ड विकास अधिकारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही का प्राविधान किया जाये।
प्रत्येक जिले में मनरेगा की कार्ययोजना के निर्माण प्रक्रिया वर्षवार किया जाना सुनिश्चित किया जाये।
उक्त 8 जनपदों के 9 विकास खण्ड़ों की 11 ग्रामपंचायतों में वर्ष 2012-13 के कार्यों की सघन जाँच सक्षम अधिकारियों द्वारा कराई जाये। सदन में चर्चा के दौरान यह तय हुआ कि पूरे कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट कार्यक्रम में उपस्थित पैनल सदस्यों की संस्तुतियों के साथ उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की जायेगी। कार्यक्रम में भइयालाल, सिपाहीलाल, संतोष कोल, पुष्पा रामेश्वर, प्रदीप कुमार, अलक्षेन्द्र प्रताप सिंह, आदि प्रमुख रुप से उपस्थित रहे। संचालन आर0पी0 साहू ने किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 March 2013 by admin
किसानों को प्रत्येक दशा में न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के निर्देश
वर्ष 2013-14 के लिए प्रदेश में गेहूँ खरीद का कार्यकारी लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन और क्रय केन्द्रांे की संख्या 6000 निर्धारित
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आगामी अप्रैल माह से शुरू की जाने वाली गेहूँ खरीद के मद्देनजर किसानों को प्रत्येक दशा में न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वर्ष 2013-14 के लिए प्रदेश में गेहूँ क्रय केन्द्रांे की संख्या 6000 और गेहूँ खरीद का कार्यकारी लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गेहूँ खरीद में किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में प्रदेश में वर्ष 2013-14 की गेहूँ खरीद की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1350 रुपए प्रति कुन्तल प्रत्येक दशा में दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गेहूँ खरीद क्रय केन्द्रों को खोले जाने और उसे प्रभावी बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जाए।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश में गेहूँ भण्डारण की क्षमता को बढ़ाते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि गेहूँ भण्डारण की उत्तम व्यवस्था हो। उन्होंने एजेन्सियों को सही तौल करने की हिदायत देते हुए कहा कि क्रय केन्द्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। किसानों का भुगतान समयबद्ध रूप से किया जाए, जिससे किसान क्रय केन्द्रों पर गेहूँ लाने के लिए उत्सुक रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बोरों की कोई कमी न रहे। उन्होंने कहा कि गेहूँ खरीद केन्द्र इस प्रकार निर्धारित किए जाएं कि किसानों को अपना गेहूँ खरीद केन्द्रों तक ले जाने में कोई दिक्कत न हो। समस्त क्रय एजेन्सियां किसान के खाते में गेहूँ के क्रय का सीधा भुगतान सुनिश्चित करें। क्रय केन्द्रों और क्रय संस्थाओं के पास पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध हो। प्रत्येक क्रय केन्द्र पर सही तौल के लिए इलेक्ट्राॅनिक कांटों की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि गेहूँ भण्डारण के लिए स्थान अभी से चिन्हित कर लिए जाएं।
लोक निर्माण, सिंचाई एवं सहकारिता मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि यह विशेष ध्यान रखा जाए कि किसानों से गेहूँ की खरीद में किसी भी दशा में बिचैलियों की भूमिका न हो। राज्य सरकार सदैव किसानों की हितैषी रही है, इसलिए किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलवाने के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि इस वर्ष गेहूँ खरीद में बोरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है। गेहूँ क्रय केन्द्र का समय प्रातः 9 बजे से सायं 6 बजे तक रहेगा। क्रय केन्द्रों की व्यवस्था के अभिनव प्रयासों के तहत प्रत्येक 4 किलोमीटर के रेडियस अर्थात 8 किलोमीटर की दूरी पर न्यूनतम एक क्रय केन्द्र स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक क्रय केन्द्र पर बोरों का परमानेंट बफर स्टाॅक रखा जाएगा, जो जिलाधिकारी की अनुमति से ही उपयोग किया जा सकेगा। पी0सी0एफ0 और यू0पी0एस0एस0 द्वारा किसानों के भुगतान की यथासंभव व्यवस्था की जाएगी। गेहूँ के मूल्य का सीधा भुगतान कृषक के खाते में आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से किया जाएगा। प्रत्येक क्रय केन्द्र पर मण्डी समिति द्वारा दो इलेक्ट्राॅनिक कांटों की व्यवस्था की जाएगी। जिलाधिकारियों द्वारा सप्ताह में दो बार निर्धारित प्रारूप पर रिपोर्ट खाद्य आयुक्त को भेजी जाएगी।
बैठक में कृषि मंत्री श्री आनंद सिंह, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री एन0सी0 बाजपेई, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव वित्त श्री आनंद मिश्रा, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री दीपक त्रिवेदी, प्रमुख सचिव कृषि श्री देवाशीष पाण्डा, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती अनीता सिंह, खाद्य आयुक्त श्रीमती अर्चना अग्रवाल समेत एफ0सी0आई0, स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन, पी0सी0एफ0, यू0पी0एस0एस0 आदि के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 March 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 22 मार्च, 2013 को हिन्दी संस्थान, लखनऊ में साहित्यकार डाॅ0 महीप सिंह को भारत-भारती सम्मान प्रदान करते हुए।
Posted on 22 March 2013 by admin
22 मार्च। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के 20 कैम्पसों में अध्य्यनरत 45,000 छात्रों तथा 3,000 शिक्षकों व कार्यकर्ताओं ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु आज संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित ‘वल्र्ड वाटर डे - 22 मार्च’ को बड़ी धूमधाम से मनाया एवं समस्त जन-मानस को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल एसेम्बली नेवर्ष 2013 को जल सहयोग वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है। इसी संदर्भ में मुख्य समारोह सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय पर सम्पन्न हुआ, जिसमें सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी समेत कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने अपने सारगर्भित विचारों से जल संरक्षण की महत्ता को उजागर किया।
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि पृथ्वी पर जल प्रकृति की सबसे कीमती देन है। इसलिए पृथ्वी पर आने वाली पीढि़यों के जीवन की रक्षा के लिए इसे संरक्षित करने के उपाय करना बहुत आवश्यक है। अन्यथा हमें जल के कारण होने वाले तृतीय महायुद्ध की संभावना को झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए। डा. गांधी ने कहा कि पृथ्वी में जीवित रहने के लिए जल महत्वपूर्ण पेय पदार्थ है जो निरन्तर घटता जा रहा है। प्रतिदिन नदियों तथा झीलों का पानी प्रदुषित हो रहा है जो कि मनुष्य के उपयोग के लिए खतरनाक है। जल का एक प्रमुख óोत्र भूमि के अंदर से मिलने वाला पानी है जो कि निरन्तर नीचे गिरता जा रहा है। विश्व की तेजी से बढ़ती जनसंख्या को दृष्टि में रखकर देखा जाये तो आने वाले कुछ वर्षों में मनुष्य के लिए स्वच्छ जल का मिलना दुर्लभ हो जायेगा।
डा. गाँधी ने आगे कहा कि विगत कई वर्षों से सी.एम.एस. ने ऊर्जा तथा जल के संरक्षण पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया है एवं इस दिशा में बच्चों में काफी उत्साह है। डा. गाँधी ने कहा कि पर्यावरण, जल संरक्षण व ऊर्जा संरक्षण जैसे विषयों में किशोर व युवा पीढ़ी की भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु सी.एम.एस. ने नई दिल्ली के सेन्टर आॅफ साइन्स एण्ड एन्वारमेन्ट के अन्तर्गत ग्रीन स्कूल प्रोग्राम को अपनाया है, जिसका उद्देश्य सी.एम.एस. के 45,000 छात्रों व 3000 शिक्षकों के माध्यम से लखनऊ के 2 लाख से अधिक लोगों को प्रेरित करना है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जल संरक्षण के क्षेत्र में पहल करते हुए सी.एम.एस. के विभिन्न कैम्पस में वाटर हारवेस्टिंग प्लान्ट की स्थापना की गई है तथापि पर्यावरण, जल एवं ऊर्जा संरक्षण हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा बताया कि सी.एम.एस. का मानना है कि जल, ऊर्जा व पर्यावरण जैसे विषयों पर लोगों के विचारों एवं जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन बहुत जरूरी है। आज यह सोचने का विषय है कि प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं और इनका इस्तेमान बहुत ही विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए। श्री शर्मा ने कहा कि सामाजिक जागरूकता के प्रयासों में सी.एम.एस. सदैव ही अग्रणी रहा है एवं सी.एम.एस. छात्र पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक जागरूकता अभियानों एवं प्रतियोगिताओं में विद्यालय के छात्र बढ-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। यही कारण है कि सी.एम.एस. छात्रों ने पढ़ाई में सर्वोच्च कीर्तिमान बनाने के साथ ही साथ सामाजिक जागरूकता की भी अनूठी मिसाल प्रस्तुत की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 22 March 2013 by admin
राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन अधिनियम में प्राविधानों के अनुसार विभिन्न विभागों को अपनी विभागीय योजनाओं एवं कार्यों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के तत्वों का समावेश किया जाना आवश्यक है। आपदा प्रबन्धन में आम आदमी की सहभागिता और जागरूकता बहुत आवश्यक है। इसके लिए जन जागरूकता अभियान चलायें।
जिलाधिकारी जुहेर बिन सगीर आज यहां आयुक्त सभागार में आयोजित आपदा प्रबन्धन कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कार्यों और योजनाओं का इस दृष्टि से भी परीक्षण करें कि उनमें कहां-कहां और किस रूप में आपदा जोखिम न्यूनीकरण उपायों का समावेश किया जा सकता है और तदनुसार उन्हें शामिल करने हेतु यथोचित प्रभावी कदम उठाना सुनिश्चित करें। आपदा जोखिम न्यनीकरण घटकोें को विभिन्न कार्यों और योजनाओं में समाहित करने हेतु जनपद स्तर पर भी विभागीय बजट में आवश्यक धनराशि की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा अपने विभाग के माध्यम से संचालित नये कार्यक्रमों, परियोजनाओं और गतिविधियों को इस दृष्टिकोण से बनायंे कि उनके माध्यम से आपदाओं के जोखिम को कम किया जा सके व आपदाओ से निपटने की पूर्व तैयारी की जा सके। यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाये कि किसी भी गतिविधि या परियोजना से आपदाओं में बढोतरी न हों जैसे भवन भूकम्प रोधी बनायें और अग्निशमन की मानकों के अनुसार व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि जोखिम न्यूनीकरण घटकों को विभागीय नीतियों व इनके क्रियान्वयन दोनों स्तरो पर शामिल किया जाना आवश्यक है।
अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) सी0पी0सिंह ने कार्यशाला के आयोजन के महत्व बताते हुए कहा कि विभिन्न विकास योजनाओं के प्रत्येक चरण में आपदा जोखिम न्यूनीकरण तत्वो को समावेश किया जाये। उन्होंने विस्तार से बताया कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण के तत्वों का समस्त सेक्टर, विभागो और योजनाओ में समावेश किया जाना है।
कार्यशाला में शिक्षा, आवास और अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रकचर) आदि क्षेत्रों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण समावेश हेतु की जाने वाली गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की गई। राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की धारा 39 के विभिन्न प्राविधानों पर लखनऊ से आये विशेषज्ञों ने विस्तार से जानकारी दी।
संगोष्ठी में अपर जिलाधिकारी (प्र0) जगदीश, उप जिलाधिकारीगण, केन्द्रीय जल आयोग, केन्द्रीय लो0नि0वि0/जल संस्थान, भारत संचार निगम लि0, गैल गैस लि0, ग्रीन गैस, सिविल डिफेंस, अग्निशमन, उद्योग, परिवहन, टोरन्ट पावर, आदि के अधिकारी, एम0डी0इण्टर कालेज, महाराजा अग्रसेन इण्टर कालेज, दयालबाग, इन्जीनियरिंग संस्थान आदि शिक्षण संस्थानों तथा विभिन्न पेट्रोल पम्पों के स्वामी/प्रबन्धक आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 March 2013 by admin
जनपद अम्बेडकरनगर/थाना कोतवाली नगर
दिनांक 22-03-13 को प्रातः 6 बजे जब पुलिस लाइन में परेड हो रही थी तो सूचना मिली कि पुलिस लाइन गेट के बाहर सीमेन्ट की दुकान के पास एक शव पड़ा हेै । मौके पर जाकर देखा गया तो शव की शिनाख्त आरक्षी ना0पु0 जगदीश सिंह नियुक्ति पुलिस लाइन अम्बेडकरनगर के रूप में हुई । उल्लेखनीय है कि उक्त आरक्षी की ड्यिूटी ईवीएम सुरक्षा गार्द में लगायी गयी थी जहाॅ से वह दिनांक 10-3-13 से अनुपस्थित चल रहा था । शव पर कोई जाहिरा चोट के निशान नहीं हैं। परिजनों को सूचित कर दिया गया है। विधिक कार्यवाही की जा रही है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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