22 मार्च। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के 20 कैम्पसों में अध्य्यनरत 45,000 छात्रों तथा 3,000 शिक्षकों व कार्यकर्ताओं ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु आज संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित ‘वल्र्ड वाटर डे - 22 मार्च’ को बड़ी धूमधाम से मनाया एवं समस्त जन-मानस को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल एसेम्बली नेवर्ष 2013 को जल सहयोग वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है। इसी संदर्भ में मुख्य समारोह सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय पर सम्पन्न हुआ, जिसमें सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी समेत कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने अपने सारगर्भित विचारों से जल संरक्षण की महत्ता को उजागर किया।
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि पृथ्वी पर जल प्रकृति की सबसे कीमती देन है। इसलिए पृथ्वी पर आने वाली पीढि़यों के जीवन की रक्षा के लिए इसे संरक्षित करने के उपाय करना बहुत आवश्यक है। अन्यथा हमें जल के कारण होने वाले तृतीय महायुद्ध की संभावना को झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए। डा. गांधी ने कहा कि पृथ्वी में जीवित रहने के लिए जल महत्वपूर्ण पेय पदार्थ है जो निरन्तर घटता जा रहा है। प्रतिदिन नदियों तथा झीलों का पानी प्रदुषित हो रहा है जो कि मनुष्य के उपयोग के लिए खतरनाक है। जल का एक प्रमुख óोत्र भूमि के अंदर से मिलने वाला पानी है जो कि निरन्तर नीचे गिरता जा रहा है। विश्व की तेजी से बढ़ती जनसंख्या को दृष्टि में रखकर देखा जाये तो आने वाले कुछ वर्षों में मनुष्य के लिए स्वच्छ जल का मिलना दुर्लभ हो जायेगा।
डा. गाँधी ने आगे कहा कि विगत कई वर्षों से सी.एम.एस. ने ऊर्जा तथा जल के संरक्षण पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया है एवं इस दिशा में बच्चों में काफी उत्साह है। डा. गाँधी ने कहा कि पर्यावरण, जल संरक्षण व ऊर्जा संरक्षण जैसे विषयों में किशोर व युवा पीढ़ी की भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु सी.एम.एस. ने नई दिल्ली के सेन्टर आॅफ साइन्स एण्ड एन्वारमेन्ट के अन्तर्गत ग्रीन स्कूल प्रोग्राम को अपनाया है, जिसका उद्देश्य सी.एम.एस. के 45,000 छात्रों व 3000 शिक्षकों के माध्यम से लखनऊ के 2 लाख से अधिक लोगों को प्रेरित करना है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जल संरक्षण के क्षेत्र में पहल करते हुए सी.एम.एस. के विभिन्न कैम्पस में वाटर हारवेस्टिंग प्लान्ट की स्थापना की गई है तथापि पर्यावरण, जल एवं ऊर्जा संरक्षण हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा बताया कि सी.एम.एस. का मानना है कि जल, ऊर्जा व पर्यावरण जैसे विषयों पर लोगों के विचारों एवं जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन बहुत जरूरी है। आज यह सोचने का विषय है कि प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं और इनका इस्तेमान बहुत ही विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए। श्री शर्मा ने कहा कि सामाजिक जागरूकता के प्रयासों में सी.एम.एस. सदैव ही अग्रणी रहा है एवं सी.एम.एस. छात्र पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक जागरूकता अभियानों एवं प्रतियोगिताओं में विद्यालय के छात्र बढ-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। यही कारण है कि सी.एम.एस. छात्रों ने पढ़ाई में सर्वोच्च कीर्तिमान बनाने के साथ ही साथ सामाजिक जागरूकता की भी अनूठी मिसाल प्रस्तुत की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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