उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री मो0 आजम खाँ दिनांक 14 दिसम्बर, 2012 को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विश्व शान्ति पद यात्रा के सदस्य सर्वश्री जितेन्द्र प्रताप, महेन्द्र प्रताप एवं गोविन्दानन्द से मुलाकात करते हुये।
Posted on 15 December 2012 by admin
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद श्री विनय कटियार 15, 16 तथा 17 दिसम्बर को अयोध्या में प्रवास करेंगे। 17 दिसम्बर को अयोध्या में आयोजित रामविवाह महोत्सव में भाग लेंगे।
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प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी 15 दिसम्बर को मेरठ में हाहाकार रैली में भाग लेंगे। 16 दिसम्बर को लखनऊ विधि प्रकोष्ठ की बैठक को सम्बोधित करेंगे। 17 दिसम्बर को क्षेत्रीय पदाधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करेंगे। 18 दिसम्बर को डा0 बाजपेयी देवरिया में किसान बचाओं -गन्ना मूल्य दिलाओं प्रदर्शन में भाग लेंगे तथा मऊ, गाजीपुर होते हुए वाराणसी पहुंचेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 December 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में प्रस्तावित रेलवे ओवरब्रिज (आर0ओ0बी0) तथा रेलवे अण्डरग्राउण्ड (अधोगामी) ब्रिज बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाकर सक्षम स्तर से अनुमोदन शीघ्रताशीघ्र प्राप्त किए जायें। उन्होंने कहा कि जिन रेल उपरिगामी सेतुओं का निर्माण उपयुक्त नहीं पाया गया है उनका सेतु निगम एवं लोक निर्माण तथा रेलवे के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण पुनः करा लिया जाय ताकि सेतुओं के निर्माण में तेजी आ सके। उन्होंने बताया कि उत्तर मध्य रेलवे (एन0सी0आर0) द्वारा डेडीकेडेड फ्रंट कारीडोर परियोजना में 56 आर0ओ0बी0 तथा अन्य स्थानों पर 33 और आर0ओ0बी0, उत्तर रेलवे द्वारा 34 आर0ओ0बी0 एवं 78 आर0यू0बी0 तथा प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ शहर के माल एवेन्यू एवं ठाकुरगंज (आलमबाग सहित) कुल 25 आर0ओ0बी0 बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार प्रदेश में कुल 148 आर0ओ0बी0 तथा 178 आर0यू0बी0 बनाये जा रहे हैं।
मुख्य सचिव शास्त्री भवन स्थित सभागार में प्रदेश के विभिन्न रेल समपारों पर रेल उपरिगामी सेतुओं के निर्माण के सम्बन्ध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समस्त रेलवे ओवर ब्रिजों को एक ही समान स्टैण्डर्ड से ही बनाये जायें ताकि समानता बनी रहे। उन्होंने कहा कि संयुक्त निरीक्षण से प्राप्त संस्तुति पर तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाय।
बैठक में रेलवे विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ सचिव, लोक निर्माण श्री संजीव कुमार, प्रबन्ध निदेशक, सेतु निगम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 December 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक को रेलवे इन्क्वायरी की तर्ज पर परिवहन निगम में भी रोडवेज इन्क्वायरी की स्थापना हेतु सम्भावना का पता लगाने के निर्देश दिये हैं, जिससे यात्री बसों के आगमन एवं प्रस्थान के संबंध में घर बैठे टेलीफोन से पता लगा सकें। उन्होंने परिवहन निगम की हेल्पलाइन नम्बर को निगम की सभी बसों में अंकित/दर्शाने के निर्देश दिये हैं ताकि यात्री किसी सहायता, शिकायत एवं अपने सुझाव को हेल्पलाइन के जरिये अधिकारियों तक पहंुचा सकें। परिवहन मंत्री ने प्रबन्ध निदेशक को यह भी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं कि निगम मुख्यालय की हेल्पलाइन हर समय क्रियाशील रहे तथा उस पर आने वाली शिकायतों एवं सुझावों का अनुश्रवण कर उन्हें (परिवहन मंत्री) भी अवगत करायें। परिवहन मंत्री ने परिवहन आयुक्त को भी अपने कार्यालय में तत्काल हेल्पलाइन स्थापित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि यह खेद की बात है कि परिवहन आयुक्त कार्यालय में हेल्पलाइन की स्थापना के निर्देश दिये हुए कई माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक इसकी स्थापना नहीं हो पायी है। परिवहन मंत्री ने परिवहन निगम एवं परिवहन विभाग के जिला स्तरीय सभी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने जिले में परिवहन विभाग से संबंधित समाचार पत्रों में प्रतिदिन प्रकाशित खबरों को उनके कार्यालय (परिवहन मंत्री) में ई-मेल के द्वारा भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने निजी सचिव को निर्देश दिये हैं कि कार्यालय में ई-मेल के जरिये आने वाली सभी खबरों को उनके संज्ञान में लायें ताकि आवश्यकानुसार उन पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 December 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त आलोक कुमार ने ओवरलोड वाहनों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई किये जाने के निर्देश सभी सम्भागीय एवं सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा है कि ओवरलोड वाहनों के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के उद्देश्य से अब आकस्मिक रूप से दूसरे जिलों के परिवहन अधिकारियों द्वारा चेकिंग कराकर इस बात की छानबीन की जायेगी कि कहीं स्थानीय अधिकारी इस मामले में ढि़लाई तो नहीं बरत रहे हैं। उन्होंने बताया कि क्रास चेकिंग के आधार पर स्थानीय अधिकारियों की श्थििलता अथवा ओवरलोडिंग कराने में संलिप्तता पाये जाने पर उनके विरूद्ध निलम्बन जैसी सख्त कार्रवाई की जायेगी।
परिवहन आयुक्त ने सभी वाहन स्वामियों से भी अपील की है कि वे ट्रकों में निर्धारित सीमा से अधिक लदान न करें, ताकि चेकिंग के समय होने वाली असुविधा एवं कानूनी कार्यवाही से बच सकें। उन्होंने बताया कि ओवरलोडिंग की समस्या विशेषकर बालू तथा गिट्टी ढोने वाले ट्रकों में ही पायी गयी है। उन्होंने बताया कि खनन विभाग द्वारा जो मानक निर्धारित किये गये हैं उसके अनुसार 6 पहिया ट्रक में 4.5 घन मीटर तथा 10 पहिया से अधिक ट्रकों में 7.5 घन मीटर मोरंग बालू का लदान न किया जाए। इसी तरह गिट्टी के मामले में 6 पहिया ट्रक में 5.29 घन मीटर तथा 10 पहिया ट्रक में 6.52 घन मीटर से अधिक का लदान न किया जाए। परिवहन आयुक्त ने बताया कि ओवरलोडिंग वाले वाहनों में मोटर वेहिकल एक्ट के अन्तर्गत कार्रवाई के साथ-साथ प्रिवेन्शन आफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट के अन्तर्गत भी कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन आयुक्त ने बताया कि ओवरलोडिंग के विरूद्ध परिवहन मंत्री के सख्त निर्देश हैं कि ऐसे वाहनों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि परिवहन मंत्री के निर्देश पर गत नवम्बर माह में चलाये गये विशेष अभियान के तहत 5662 वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही कर 467.73 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया तथा 31 चालकों के विरूद्ध प्रिवेन्शन आफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट के तहत एफ0आई0आर0 भी दर्ज कराया गया।
परिवहन आयुक्त ने बताया कि गत 10/11 दिसम्बर को प्रदेश भर से 30 प्रवर्तन अधिकारियों को मुख्यालय बुलाकर उनसे आकस्मिक रूप से रात्रि चेकिंग करायी गयी, जिसमें लखनऊ में 175 वाहनों के विरूद्ध तथा उन्नाव में 25 वाहनों के ट्रकों में ओवरलोडिंग होने पर प्रिवेन्शन आफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 December 2012 by admin
प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में लोक निर्माण विभाग का कुल बजट 7500 करोड़ रुपये है। यह धनराशि 31 मार्च 2013 तक व्यय हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धनराशि लैप्स होने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
श्री यादव ने कहा कि लोक निर्माण विभाग की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति अपेक्षाकृत संतोषजनक नही है। इसमें सुधार किया जाना चाहिए तथा सड़क निर्माण कार्यों में तेजी लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो धनराशि स्वीकृति है, उसे शीघ्र जनपदों को आवंटित कर दिया जाना चाहिए। जिससे सड़क निर्माण कार्यों में तेजी आ सके।
श्री यादव ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में केवल साढ़े तीन माह़ शेष बचे हैं। इस अवधि में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कार्यों को पूरा किया जाय। उन्होंने कहा कि कई जनपदों में सड़कांे की स्थिति अभी भी बहुत खराब हैं। गड्ढ़ों के कारण चलना मुश्किल है। जिन जनपदों की सड़के अभी तक गड्ढ़ा मुक्त न हो पाई हैं, वहां के अभियन्ताओं के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ताआंें की जिम्मेदारी है कि वह अपने अधीन सड़कों का नियमित निरीक्षण करें।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि सड़कों के साथ-साथ सेतुओं के निर्माण में तेजी लाई जाय। चालू वित्तीय वर्ष में 125 नये सेतु बनाने तथा लगभग 90 सेतुओं के एप्रोज मार्गोें का निर्माण किया जाना हैं उन्होंने कहा कि सेतुओं के निर्माण की प्रगति भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सड़कों एवं सेतुओं के निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाय। जो सड़के जल्दी खराब होंगी उसकी टी0ए0सी0 से जांच कराई जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 December 2012 by admin
प्रदेश के सिचंाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव बताया कि उ0प्र0 विधान परिषद की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के नियम-115 के अन्तर्गत श्री हरपाल सिंह सैनी व श्री मुन्ना सिंह चैहान, मा0 सदस्य, विधान परिषद द्वारा दिनांक 03 अगस्त, 2009 को उत्तरी खण्ड गंगा नहर, रूड़की में पिछले सात-आठ वर्षों का ठेकेदारों से कराये गये कार्यों का सम्पूर्ण भुगतान व दोषी अधिकारियों के विरूद्ध जांच कर दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने के संबंध में दी गयी सूचना पर जांचोंपरान्त पाया गया कि श्री वीरेन्द्र प्रताप सिन्हा, तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता, उत्तरी खण्ड गंगा नहर, रूकड़ी द्वारा अपनी तैनाती अवधि (दिनांक 25.4.2000 से 30.6.2002) के दौरान 13.88 लाख रुपये तथा श्री अरविन्द कुमार तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता, उत्तरी खण्ड गंगा नहर, रूड़की द्वारा अपनी तैनाती अवधि (दिनांक 30.6.2002 से 19.12.2003) के दौरान 38.19 लाख रुपये की देनदारियां सृजित की गई हैं। इस प्रकार बिना सक्षम स्तर की स्वीकृति एवं धनावंटन प्राप्त हुए अनियमित देनदारियां सृजित करने हेतु प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये उक्त अभियन्ताओं के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्णय लिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 December 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु उद्योगपरक एवं विकासपरक वातावरण सृजित करने हेतु उद्योग बन्धु का सुदृढ़ीकरण कर सार्थक प्रयास किए जाएं। अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से कराए जाने के निर्देश दिए गए, ताकि निवेश को आकर्षित करने हेतु समस्त नीतियों का देश-प्रदेश में व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जा सके।
प्रदेश में औद्योगिक वातावरण को और अधिक सुदृढ़ बनाए जाने तथा प्रदेश मंे स्थापित होने वाली लघु मध्यम एवं वृहद औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के सम्बन्ध में उद्यमियों को न्यूनतम अवधि में विभिन्न सुविधाएं, स्वीकृतियां, अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना, अनुमोदन आदि समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराए जाने एवं उद्यमियों को यथोचित सहायता प्रदान कराए जाने के उद्देश्य से उद्योग बन्धु को और अधिक सुदृढ़ बनाए जाने के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गत् दिवस बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में विशेष सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग एवं संयुक्त अधिशासी निदेशक, उद्योग बन्धु द्वारा उद्योग बन्धु के सुदृढ़ीकरण सम्बन्धी प्रस्तुतिकरण किया गया।
बैठक में प्रदेश को पूँजी निवेश हेतु सर्वाधिक आकर्षक गंतव्य के रूप मंे स्थापित करने, अधिकाधिक पूँजी निवेश को आकर्षित करने तथा नई अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सम्भावित उद्यमियों व निवेशकों में विश्वास जागृत किया जाना आवश्यक है। इस मंशा को क्रियान्वित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य सरकार के नीतियों एवं उसके द्वारा किए जा रहे गम्भीर प्रयासों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु एक वृहद दीर्घकालिक योजना बनाई जाए, जिसके अन्तर्गत रोड शोज, प्रचार-प्रसार कार्यक्रम व निवेश सम्मेलनों का आयोजन किया जाना अत्यावश्यक है। इससे उत्तर प्रदेश की छवि में बेहतर सुधार होगा तथा विश्व के उद्योग पटल में प्रदेश की पहचान स्थापित होगी।
पूँजी निवेश की सम्भावनाओं को तलाशने एवं उन्हें मूर्त रूप देने हेतु यह भी आवश्यक है कि प्रदेश के वर्तमान निवेशकों की समस्याओं को शीघ्रता से निस्तारित किया जाए एवं उनमें विश्वास जगाया जाए कि प्रदेश में उनके द्वारा किया गया निवेश सुरक्षित है।
उपरोक्त सबके दृष्टिगत उद्योग बन्धु, जो कि राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक एवं अवस्थापना विकास के लिए नोडल एजेन्सी स्थापित की गई है, को सुदृढ़ किया जाना अत्यावश्यक है, जिसके सन्दर्भ में मुख्य सचिव के द्वारा निर्देश दिए गए कि उद्यमियों की समस्याओं के समाधान हेतु राज्य स्तर के साथ-साथ मण्डल एवं जनपद स्तर पर भी गठित समितियों को पुनर्गठित कर निर्धारित अवधि में सक्षम स्तर पर बैठकें अवश्य आयोजित करायी जाएं। यह भी निर्देश दिए कि माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का भी पुनर्गठन किया जाए, जिसमें प्रदेश स्तरीय प्रमुख उद्यमी संगठनों एवं निर्यातक संघों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए। इस समिति में उद्यमियों की समस्याओं के साथ-साथ नीतिगत प्रकरणों पर भी विचार किया जाए।
अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 व अन्य औद्योगीकरण से सम्बन्धित विभागों की नीतियों को लागू कराने में किसी भी प्रकार उत्पन्न होने वाली समस्या का समाधान स्थानीय स्तर पर कराए जाने हेतु राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्राधिकृत समिति, मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डल उद्योग बन्धु समिति एवं जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला उद्योग बन्धु समिति का गठन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अधिशाषी निदेशक की अध्यक्षता में उद्योग बन्धु के अन्तर्गत त्रिपक्षीय वार्ता बैठक की व्यवस्था पूर्वत् सुनिश्चित करायी जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में ऐसा औद्योगिक वातावरण बनाया जाए, जिससे कि निवेशकों में प्रदेश में निवेश के प्रति विश्वास जागृत हो सके। इसके लिए जो भी आवश्यक कदम उठाए जाने हैं, उठाए जाएं। शीघ्र स्वीकृतियां प्राप्त करने की प्रक्रिया अर्थात उद्योग बन्धु द्वारा संचालित निवेश मित्र व्यवस्था को पूर्णतया सभी विभागों द्वारा लागू किया जाए एवं समयबद्ध स्वीकृतियां प्रदान की जाएं। निवेश मित्र में दर्शित निश्चित समयावधि के उपरान्त लम्बित प्रकरणों की समीक्षा अवश्य सुनिश्चित की जाए। उन्हांेने यह भी कहा कि जनपद, मण्डल, राज्य स्तरीय उद्योग बन्धु में लिए गए निर्णयों का अनुपालन कराने हेतु उच्च स्तरीय अनुश्रवण भी सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि उद्योग बन्धु को औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना सुविधाएं स्थापित करने से सम्बन्धित नीतियों, नियमों एवं अधिनियमों का अध्ययन कर उनके आवश्यकतानुसार सरलीकरण एवं सुधार कराए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा निर्णय समय से लिया जाए।
श्री उस्मानी ने कहा कि उद्योग बन्धु के अन्तर्गत निवेश प्रोत्साहन प्रकोष्ठ, आई0टी0 प्रकोष्ठ एवं उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण हेतु औद्योगिक सहायक प्रकोष्ठ का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि निवेश प्रोत्साहन प्रकोष्ठ द्वारा विभिन्न विभागों की घोषित नीतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराते हुए प्रदेश में निवेश आकर्षण हेतु कार्य सम्पादित किए जाएंगेे तथा निवेश को प्रोत्साहन हेतु रोड शो, राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार/काॅन्फ्रेन्स में प्रतिभाग करना आदि भी इस सेल का दायित्व होगा। इसी प्रकार आई0टी0 प्रकोष्ठ द्वारा निवेशकों को निवेश सम्बन्धी सुलभ सूचनाएं उपलब्ध कराने हेतु ई-गवर्नेन्स के अन्तर्गत वेब पोर्टल आदि तैयार करने के साथ-साथ निजी तकनीकी परामर्शी की आवश्यकतानुसार सहायता लेना एवं ई-बिज वेब पोर्टल की स्थापना एवं संचालन का कार्य भी सम्पादित किया जाएगा।
औद्योगिक सहायक प्रकोष्ठ द्वारा जनपद स्तरीय उद्योग बन्धु/मण्डल स्तरीय उद्योग बन्धु से प्राप्त समस्याओं का निस्तारण त्रिपक्षीय बैठकें आयोजित कराकर तथा राज्य स्तरीय उद्योग बन्धु के विभिन्न फोरम के माध्यम से कराना, अवशेष समस्याओं सम्बन्धी सूचनाएं संकलित करना, मेगा इकाईयों को प्रोत्साहित करने की योजना, औद्योगिक परियोजनाओं हेतु नोडल अधिकारी नामित करने की योजना तथा इम्पावर्ड कमेटी का सचिवालीय कार्य करना, माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठकों का आयोजन कराया जाएगा।
बैठक में औद्योगिक विकास आयुक्त अनिल कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव श्रम शैलेष कृष्णा, प्रमुख सचिव चीनी एवं गन्ना उद्योग राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव आई0टी0 जीवेश नन्दन, सचिव ऊर्जा संजय प्रसाद, विशेष सचिव औद्योगिक विकास श्री कौशल राज शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 December 2012 by admin
बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के बैंक खाता संख्या एवं आई0 एफ0 एस0 कोड के सत्यापन कार्य में हो रही देरी तथा लापरवाही के प्रति श्रम एवं सेवायोजन विभाग के प्रमुख सचिव श्री शैलेष कृष्ण ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने एक सप्ताह यानी-21 दिसम्बर तक इस कार्य को पूरा न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी अनुषासनात्मक कार्यवाही के निर्देंष दिये हैं। प्रमुख सचिव आज बापू भवन सभागार में क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारियों, जिला सेवायोजन अधिकारियों, तथा कम्प्यूटर सहायकों के लिए आयोजित कार्यषाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेष में बेरोजगारी भत्ते हेतु जो फार्म जमा किये जा रहे है उनमें बैंक खाता संख्या आदि गलत अंकित हो जाने के कारण भत्ते की धनराषि अभ्यार्थियों के खाते में स्थानांतरित करते समय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रकार की कठिनाइयों के निराकरण हेतु बेरोजगारी भत्ता हेतु फार्म जमा करते समय अभ्यर्थियों से उनकी कम्प्यूटरीकृत बैंक पास बुक की फोटो कापी भी प्राप्त की जाय ताकि बैंक संख्या एवं आई0 एफ0 एस0 कोड में होने वाली त्रुटियों को दूर किया जा सके। प्रमुख सचिव ने कहा कि जिन जनपदों में मुख्यमंत्री जी द्वारा स्वयं जाकर बेरोजगारी भत्ते के चेक बांटे जा चुके हैं उसके अतिरिक्त शेष जनपदों में 31 अगस्त तक प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच कर लाभार्थियों के खाते में प्रथम तिमाही का भत्ता भेजा जाना है। परन्तु आई0 एफ0 एस0 कोड सत्यापन का कार्य कई जनपदों में बहुत धीमी गति से किया जा रहा है। इस कार्य में षिथिलता बरतने वाले अधिकारियों को आगाह करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि समय सीमा पर यह कार्य पूरा न करने वाले कर्मियों के विरूद्ध अब सीधे निलम्बन की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने निर्देंष दिये कि आय प्रमाण पत्रों की भी गहराई से जांच कराई जाय तथा 31 अगस्त तक प्राप्त आवेदन पत्रों में से स्वीकृति के बाद लाभार्थियों के खाते में कोषागार के माध्यम से धनराषि हस्तांतरित कर दी जाय।
कार्यषाला में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बेरोजगारी भत्ते के संबंध में समस्त सूचनायें किस तरह से कम्प्यूटर पर उपलब्ध कराई जायं ताकि माउस के एक क्लिक पर ही सारी सूचनायें कम्प्यूटर पर उपलब्ध हो सकें। अधिकारियों/कर्मचारियों को इस संबंध में व्यापक दिषा निर्देंष तथा प्रषिक्षण भी दिया गया। कार्यषाला में निदेषक, सेवायोजन श्री अनिल कुमार, शासन के वरिष्ठ अधिकारी अपर निदेषक श्री डी0 प्रसाद, क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी श्री पी0 के0 पुडीर श्री डी0 के0 वर्मा, सहित समस्त मण्डलों/जनपदों के क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी, सहायक सेवायोजन अधिकारी तथा कम्प्यूटर सहायक उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 December 2012 by admin
उत्तर प्रदेष सरकार के लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भगवत सरन गंगवार ने असिस्टेंस टू स्टेट्स फार डेव्लपमेन्ट आफ एक्सपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड एलाइड (एसाइड) योजना के तहत निर्यात अवस्थापना एवं निर्यात प्रोत्साहन हेतु विभिन्न प्रकार के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की धीमी प्रगति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि योजना के अन्र्तगत प्रथम किस्त का उपभोग प्रमाण पत्र समय से न दिये जाने पर अधिकारियों से वसूली की कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि जिन प्रोजेक्टों में प्रथम किस्त की धनराषि का उपभोग कर लिया गया है। उसका सत्यापन कर दूसरी किष्त तत्काल जारी की जाय । भगवत सरन गंगवार ने यह निर्देंष कल देर शाम बापू भवन में निर्यात प्रोत्सहन ब्यूरो द्वारा संचालित एसाइड योजना की समीक्षा करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्टों, सड़कों एवं नालियों आदि के निर्माण में यदि कही दिक्कत आ रही है तो महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र एवं सम्बन्धित एस0 पी0 वी0 बैठक करके समस्याओं का शीघ्र निस्तारण करायें इसमें किसी प्रकार की उदासीनता/लापरवाही न बरती जायेे। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अन्दर कमियों को दूर करते हुए प्रथम किस्त की धनराषि का उपभोग प्रमाण पत्र भेजते हुए दूसरी किष्त शीघ्र जारी कर दी जाये। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देंष दिये कि कलस्टर विकास योजना के तहत प्रत्येक जनपद से दो-दो प्रोजेक्ट भेजने के निर्देंष दिये गये थे लेकिन कुछ जनपदों से एक श्ी प्रोजेक्ट नहीं भेजे गये है। उन्होंने कहा कि दिसम्बर माह में जिन जनपदों द्वारा प्रोजेक्ट नहीं भेजे जायेंगे। वहाँ के महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र को प्रतिकूल प्रविष्टी दी जायेगी।
श्री गंगवार ने कहा कि अधिकारी टीम भावना से कार्य करें। इसमें किसी प्रकार की षिथिलता बर्दाष्त नहीं की जायेगी। उन्होने कहा कि सभी अधिकारी कम्प्यूटर चलाना सीखले इसके लिए उन्हें एक माह का समय दिया जा रहा है। देष एवं प्रदेष में लगने वाली प्रदर्षनियों का विवरण आन लाइन नहीं है इसे तत्काल आन लाइन किया जाये। उन्होंने कहा कि हस्तषिल्पियों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा। उन्होंने प्रमुख सचिव लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन श्री मुकुल सिंघल को प्रदर्षनी में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को दी जाने वाली सहायता में वृद्धि करने के भी निर्देंष दिये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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