- सिंचाई एवं मत्स्य विभाग द्वारा आवंटित धनराशि का उपयोग बहुत कम किये जाने के कारणों की जांच 24 घण्टे में कर दोषी अधिकारियों को दण्डित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करें: जावेद उस्मानी
- वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए प्रस्तावित 376.20 करोड़ रूपये की योजना के सापेक्ष 310 करोड़ रूपये की योजनायें स्वीकृत
- बुन्देलखण्ड पैकेज योजना के अन्तर्गत क्रय किये गये मोबाइल चिकित्सा वैन परिचालन की सुचारु रूप से व्यवस्था कराने हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष के अवशेष चार माह के लिए 15 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत
- वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदेश के 50 जनपदों में 25 दुधारू पशुओं की 115 इकाइयांे एवं 25 बछियों की 45 इकाइयां स्थापित कराने हेतु 1943.10 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने राष्ट्रीय विकास योजना के अन्तर्गत संचालित कार्यों को प्रत्येक स्तर पर साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक प्रगति समीक्षा सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मासिक प्रगति से उन्हें नियमित रूप से अवगत कराया जाये। सम्बन्धित कार्यदायी विभाग, संस्था निर्धारित प्रारूपों पर प्रत्येक माह की तीन तारीख तक नोडल विभाग को प्रगति की सूचना अवश्य उपलब्ध करायें। उन्होंने प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग एवं मत्स्य विभाग को निर्देश दिए कि उनके विभाग द्वारा आवंटित धनराशि का उपयोग बहुत कम किये जाने के कारणों की जांच 24 घण्टे में कर दोषी अधिकारियों को दण्डित करने का भी प्रस्ताव प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि थर्ड पार्टी से कार्यों का मूल्यांकन कराने हेतु उपकार, गिरि तथा च्त्।प् एजेन्सी के साथ-साथ और एजेन्सियों को कार्य सौपा जाये। बुन्देलखण्ड पैकेज योजना के अन्तर्गत क्रय किये गये मोबाइल चिकित्सा वैन परिचालन की सुचारु रूप से व्यवस्था कराने हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष के अवशेष चार माह के लिए 15 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदेश के 50 जनपदों में 25 दुधारू पशुओं की 115 इकाइयांे एवं 25 बछियों की 45 इकाइयां स्थापित करायी जायेंगी, जिसके लिए 1943.10 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन में अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की राज्य स्तरीय स्वीकृत समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए प्रस्तावित 376.20 करोड़ रूपये की योजना के सापेक्ष 310 करोड़ रूपये की योजना स्वीकृत की गयी, जिसमें मुख्यतः कृषि विभाग को 71 करोड़ रुपये, सहकारिता को 175 करोड़ रुपये पशुपालन विभाग की 15.47 करोड़ रुपये, गन्ना विभाग हेतु 10 करोड़ रुपये, उद्यान हेतु 12.25 करोड़ रुपये, मत्स्य हेतु 3.65 करोड़ रुपये तथा पी0सी0डी0एफ0 हेतु 19.43 करोड़ रूपये की योजना अनुमोदित की गयी। उद्यान एवं सिंचाई विभाग में वित्तीय प्रगति कम होने के कारण पूर्व में आवंटित धनराशि से क्रमशः 10 एवं 18 करोड़ रुपये की धनराशि वापस लेने के भी निर्देश दिये गये। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 में 432.36 करोड़ रूपये की धनराशि भारत सरकार द्वारा मात्राकृत की गयी है तथा अब तक 122.01 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गयी है। गत् वर्ष की अवशेष 275.62 करोड़ रुपये की धनराशि सम्मिलित करते हुए वर्तमान में योजनान्तर्गत लगभग 397.63 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध है। इस योजनान्तर्गत अद्यावधि 164.87 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की गयी है।
प्रदेश में बीज वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जनपद स्तर पर बफर बीज गोदाम, विकास खण्ड स्तर पर बीज भण्डार, विक्रय केन्द्र तथा बीज परीक्षण प्रयोगशाला के निर्माण हेतु योजना बनायी गयी है, जिसके अन्तर्गत प्रदेश के समस्त जनपद स्तर पर एक हजार मी0टन क्षमता एवं विकास खण्ड स्तर पर 200 मी0टन क्षमता के बीज विक्रय केन्द्रों के निर्माण के सापेक्ष क्रमशः 30 एवं 26 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है। उन्होंने कहा कि 20 ब्लाक स्तर के गोदाम तथा जनपद स्तरीय 45 बीज गोदामों का निर्माण वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 में ही करा लिया जाये। उन्हांेने कहा कि बीजों की पर्याप्त उपलब्धता तथा किसानों को फसलों की बुवाई, पुष्पावस्था एवं कटाई से पूर्व लगभग तीन बार प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 53.15 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
श्री उस्मानी ने बताया कि वर्तमान में फास्फेटिक उर्वरकों के मूल्य में अत्यधिक वृद्धि हो जाने के कारण डी0ए0पी0 एवं यूरिया उर्वरकों की निरन्तर उपलब्धता बनाये रखने के लिये दो हजार पैक्स समितियों हेतु 3.00 लाख रूपये प्रति समिति की दर से छः हजार लाख रूपये धनराशि की अतिरिक्त व्यवस्था रिवाल्विंग फण्ड के रूप में की गई है। भण्डारण क्षमता की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से सहकारी समितियों में 4150 विभिन्न क्षमतायुक्त गोदाम निर्माण हेतु 74529.50 लाख रूपये का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है, जिसके अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रथम चरण में दस हजार लाख रूपये खर्च किए जायेंगे। उन्हांेने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 1432.95 लाख रूपये की योजना से फसलों एवं उनके उपयोग में आने वाले कृषि यंत्रों को न्याय पंचायत स्तर पर सहकारी समितियों पर स्थापना करायी जायेगी, जिनका उपयोग सम्बन्धित क्षेत्र के कृषकों द्वारा नियमानुसार कराया जायेगा।
मुख्य सचिव ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा संचालित परियोजनाओं एवं नवीन तकनीकों व कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार कार्य हेतु भी पच्चीस लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है। प्रदेश के 25 जनपदों-आजमगढ़, मऊ, बलिया, इटावा, गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, संतकबीरनगर, फैजाबाद, सुल्तानपुर, बाराबंकी, गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, बरेली, पीलीभीत, बिजनौर, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, गाजीपुर एवं जौनपुर में 50 समेकित मत्स्य पालन प्रदर्शन स्थलों के विकास की परियोजना हेतु 37.50 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। प्रदेश में मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने हेतु मत्स्य पालकों को उच्च कोटि के प्रशिक्षण केन्द्रों पर प्रशिक्षित कराने एवं जागरूकता अभियान चलाने हेतु 77 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत पशुपालन विभाग की परियोजनाओं के कार्य कराने हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 299.32 लाख रूपये की धनराशि भी स्वीकृत की गयी है। दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सब्जी फल, मशरूम एवं फूलों आदि की उपलब्धता मांग के सापेक्ष कम होने के कारण लखनऊ एवं इसके परिनगरीय जनपद उन्नाव, बाराबंकी, रायबरेली, सीतापुर एवं हरदोई के चयनित विकास खण्डों में आने वाले 1 से 3 गांवों के सर्वेक्षण के आधार पर लाभार्थी कृषकों को प्रशिक्षित कर उन्नतशील संकर बीज, पौध, बल्ब एवं स्पान आदि की आपूर्ति के साथ ही साथ संरक्षित क्षेत्र में खेती कर उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होने से मांग के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त कानपुर नगर, आगरा एवं वाराणसी महानगर तथा उसके परिनगरीय जनपदों में बेसलाइन सर्वे का कार्य वर्ष 2012-13 में गत् वर्षों के बाद कराने हेतु 1200 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव कृषि श्री देवाशीष पाण्डा, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री राजीव कुमार, प्रमुख सचिव मत्स्य श्री योगेश कुमार सहित भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री ई0के0मांझी, योजना आयोग के संयुक्त सलाहकार डाॅ0 वन्दना द्विवेदी, निदेशक डेयरी भारत सरकार श्री प्रशांत कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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