राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन के नाम पर भी पुरस्कार दिये जाने की घोषणा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने हिन्दी संस्थान द्वारा साहित्यकारों को दिये जाने वाले 108 पुरस्कारों को बहाल करने की घोषणा की। उन्होंने इन पुरस्कारों में दी जाने वाली धनराशि को दोगुना करने की भी घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन के नाम पर भी पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की। उन्होंने हिन्दी संस्थान के कर्मियों की अधिवर्षता (रिटायरमेण्ट) की आयु बढ़ाकर 60 करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने हिन्दी संस्थान के अन्तर्गत समाप्त किये गये पदों को पुनर्जीवित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार हिन्दी के उत्थान के लिये हर संभव प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने ये सभी घोषणायें आज यहां उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के 36वें स्थापना दिवस के अवसर पर राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन हिन्दी भवन के यशपाल सभागार में आयोजित शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ एवं सुब्रह्मण्य भारती स्मृति समारोह एवं काव्य गोष्ठी के उद्घाटन सत्र में अपने सम्बोधन में कीं। मुख्यमंत्री, जो हिन्दी संस्थान के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि हिन्दी के सम्मान की लड़ाई को समाजवादियों ने लड़ा है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में हिन्दी की पहुंच निरंतर बढ़ रही है, लोग हिन्दी को पसंद कर रहे हैं। हिन्दी की पहुुंच बढ़ाने में फिल्मों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार हिन्दी को बढ़ावा देने और उसके प्रचार-प्रसार के सभी सार्थक प्रयास करेगी। हिन्दी पूरे भारत को जोड़ने का काम करती है। उन्होंने कहा कि हिन्दी को कामकाज की भाषा बनाने के फैसले समाजवादी सरकारों ने ही लिये हैं। हिन्दी राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का भी कार्य करती है। उन्होंने हिन्दी में अच्छे बाल साहित्य की आवश्यकता पर भी बल दिया।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ-साथ सुमन जी तथा भारती जी के चित्रों पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को उत्तरीय तथा गंगा जी की प्रतिमा भेंट की। उन्हें हिन्दी संस्थान के प्रकाशनों का एक सेट भी भेंट किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मंच पर आसीन सुप्रसिद्ध कवि तथा उ0प्र0 भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ0 गोपाल दास ‘नीरज’ तथा श्री उदय प्रताप सिंह को उत्तरीय भेंट किये।
कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह एवं संस्थान के निदेशक डाॅ0 सुधाकर अदीब ने भी सम्बोधित किया। डाॅ0 गोपालदास नीरज ने सुमन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए अपने संस्मरण भी सुनाये।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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