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विकासपरक वातावरण सृजित करने हेतु उद्योग बन्धु का सुदृढ़ीकरण कर सार्थक प्रयास किए जाएं

Posted on 15 December 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु उद्योगपरक एवं विकासपरक वातावरण सृजित करने हेतु उद्योग बन्धु का सुदृढ़ीकरण कर सार्थक प्रयास किए जाएं। अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से कराए जाने के निर्देश दिए गए, ताकि निवेश को आकर्षित करने हेतु समस्त नीतियों का देश-प्रदेश में व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जा सके।
प्रदेश में औद्योगिक वातावरण को और अधिक सुदृढ़ बनाए जाने तथा प्रदेश मंे स्थापित होने वाली लघु मध्यम एवं वृहद औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के सम्बन्ध में उद्यमियों को न्यूनतम अवधि में विभिन्न सुविधाएं, स्वीकृतियां, अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना, अनुमोदन आदि समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराए जाने एवं उद्यमियों को यथोचित सहायता प्रदान कराए जाने के उद्देश्य से उद्योग बन्धु को और अधिक सुदृढ़ बनाए जाने के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गत् दिवस बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में विशेष सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग एवं संयुक्त अधिशासी निदेशक, उद्योग बन्धु द्वारा उद्योग बन्धु के सुदृढ़ीकरण सम्बन्धी प्रस्तुतिकरण किया गया।
बैठक में प्रदेश को पूँजी निवेश हेतु सर्वाधिक आकर्षक गंतव्य के रूप मंे स्थापित करने, अधिकाधिक पूँजी निवेश को आकर्षित करने तथा नई अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सम्भावित उद्यमियों व निवेशकों में विश्वास जागृत किया जाना आवश्यक है। इस मंशा को क्रियान्वित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य सरकार के नीतियों एवं उसके द्वारा किए जा रहे गम्भीर प्रयासों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु एक वृहद दीर्घकालिक योजना बनाई जाए, जिसके अन्तर्गत रोड शोज, प्रचार-प्रसार कार्यक्रम व निवेश सम्मेलनों का आयोजन किया जाना अत्यावश्यक है। इससे उत्तर प्रदेश की छवि में बेहतर सुधार होगा तथा विश्व के उद्योग पटल में प्रदेश की पहचान स्थापित होगी।
पूँजी निवेश की सम्भावनाओं को तलाशने एवं उन्हें मूर्त रूप देने हेतु यह भी आवश्यक है कि प्रदेश के वर्तमान निवेशकों की समस्याओं को शीघ्रता से निस्तारित किया जाए एवं उनमें विश्वास जगाया जाए कि प्रदेश में उनके द्वारा किया गया निवेश सुरक्षित है।
उपरोक्त सबके दृष्टिगत उद्योग बन्धु, जो कि राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक एवं अवस्थापना विकास के लिए नोडल एजेन्सी स्थापित की गई है, को सुदृढ़ किया जाना अत्यावश्यक है, जिसके सन्दर्भ में मुख्य सचिव के द्वारा निर्देश दिए गए कि उद्यमियों की समस्याओं के समाधान हेतु राज्य स्तर के साथ-साथ मण्डल एवं जनपद स्तर पर भी गठित समितियों को पुनर्गठित कर निर्धारित अवधि में सक्षम स्तर पर बैठकें अवश्य आयोजित करायी जाएं। यह भी निर्देश दिए कि माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का भी पुनर्गठन किया जाए, जिसमें प्रदेश स्तरीय प्रमुख उद्यमी संगठनों एवं निर्यातक संघों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए। इस समिति में उद्यमियों की समस्याओं के साथ-साथ नीतिगत प्रकरणों पर भी विचार किया जाए।
अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 व अन्य औद्योगीकरण से सम्बन्धित विभागों की नीतियों को लागू कराने में किसी भी प्रकार उत्पन्न होने वाली समस्या का समाधान स्थानीय स्तर पर कराए जाने हेतु राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्राधिकृत समिति, मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डल उद्योग बन्धु समिति एवं जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला उद्योग बन्धु समिति का गठन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अधिशाषी निदेशक की अध्यक्षता में उद्योग बन्धु के अन्तर्गत त्रिपक्षीय वार्ता बैठक की व्यवस्था पूर्वत् सुनिश्चित करायी जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में ऐसा औद्योगिक वातावरण बनाया जाए, जिससे कि निवेशकों में प्रदेश में निवेश के प्रति विश्वास जागृत हो सके। इसके लिए जो भी आवश्यक कदम उठाए जाने हैं, उठाए जाएं। शीघ्र स्वीकृतियां प्राप्त करने की प्रक्रिया अर्थात उद्योग बन्धु द्वारा संचालित निवेश मित्र व्यवस्था को पूर्णतया सभी विभागों द्वारा लागू किया जाए एवं समयबद्ध स्वीकृतियां प्रदान की जाएं। निवेश मित्र में दर्शित निश्चित समयावधि के उपरान्त लम्बित प्रकरणों की समीक्षा अवश्य सुनिश्चित की जाए। उन्हांेने यह भी कहा कि जनपद, मण्डल, राज्य स्तरीय उद्योग बन्धु में लिए गए निर्णयों का अनुपालन कराने हेतु उच्च स्तरीय अनुश्रवण भी सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि उद्योग बन्धु को औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना सुविधाएं स्थापित करने से सम्बन्धित नीतियों, नियमों एवं अधिनियमों का अध्ययन कर उनके आवश्यकतानुसार सरलीकरण एवं सुधार कराए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा निर्णय समय से लिया जाए।
श्री उस्मानी ने कहा कि उद्योग बन्धु के अन्तर्गत निवेश प्रोत्साहन प्रकोष्ठ, आई0टी0 प्रकोष्ठ एवं उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण हेतु औद्योगिक सहायक प्रकोष्ठ का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि निवेश प्रोत्साहन प्रकोष्ठ द्वारा विभिन्न विभागों की घोषित नीतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराते हुए प्रदेश में निवेश आकर्षण हेतु कार्य सम्पादित किए जाएंगेे तथा निवेश को प्रोत्साहन हेतु रोड शो, राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार/काॅन्फ्रेन्स में प्रतिभाग करना आदि भी इस सेल का दायित्व होगा। इसी प्रकार आई0टी0 प्रकोष्ठ द्वारा निवेशकों को निवेश सम्बन्धी सुलभ सूचनाएं उपलब्ध कराने हेतु ई-गवर्नेन्स के अन्तर्गत वेब पोर्टल आदि तैयार करने के साथ-साथ निजी तकनीकी परामर्शी की आवश्यकतानुसार सहायता लेना एवं ई-बिज वेब पोर्टल की स्थापना एवं संचालन का कार्य भी सम्पादित किया जाएगा।
औद्योगिक सहायक प्रकोष्ठ द्वारा जनपद स्तरीय उद्योग बन्धु/मण्डल स्तरीय उद्योग बन्धु से प्राप्त समस्याओं का निस्तारण त्रिपक्षीय बैठकें आयोजित कराकर तथा राज्य स्तरीय उद्योग बन्धु के विभिन्न फोरम के माध्यम से कराना, अवशेष समस्याओं सम्बन्धी सूचनाएं संकलित करना, मेगा इकाईयों को प्रोत्साहित करने की योजना, औद्योगिक परियोजनाओं हेतु नोडल अधिकारी नामित करने की योजना तथा इम्पावर्ड कमेटी का सचिवालीय कार्य करना, माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठकों का आयोजन कराया जाएगा।
बैठक में औद्योगिक विकास आयुक्त अनिल कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव श्रम शैलेष कृष्णा, प्रमुख सचिव चीनी एवं गन्ना उद्योग राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव आई0टी0 जीवेश नन्दन, सचिव ऊर्जा संजय प्रसाद, विशेष सचिव औद्योगिक विकास श्री कौशल राज शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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