Archive | December 22nd, 2011

भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की बैठक

Posted on 22 December 2011 by admin

img_5475भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की एक आवश्यक बैठक आज दारूलशफा-ए-ब्लाक कामनहाल में हुई। बैठक की अध्यक्षता किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रभारी सुशील शाक्य ने की। बैठक में शाक्य, कुशवाहा, मौर्य, सैनी समाज के पूरे प्रदेश के कार्यकर्ता एकत्रित हुए।
बैठक को संबोधित करते हुए श्री शाक्य ने कहा कि भगवान बुद्ध के तिराहे, चैराहे पर मूर्ति लगाकर राज्य सरकार ने उनका अपमान किया है। जबकि बसपा सरकार ने हजारों करोड़ रूपया स्मारकों, पार्को एवं हाथियों की मूर्तियों पर खर्च किया किन्तु भगवान बुद्ध के तीर्थस्थलों के विकास हेतु धन का समुचित प्राविधान न कर राज्य सरकार ने शाक्यवंशी समाज सहित भगवान बुद्ध के अनुयायिओं की भावना को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने बताया कि बैठक में समाज ने निर्णय लिया है कि हम सभी बसपा सरकार को सबक सिखाएंगे। उन्होंने पिछड़े वर्ग के आरक्षण 27 प्रतिशत में से 7 प्रतिशत काटकर मुसलमानों को आरक्षण देने का विरोध किया। श्री शाक्य ने कहा कि कांगे्रस मजहबी आरक्षण के लिए आमदा है। जबकि संविधान में मजहब धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं किया जा सकता। कांगे्रस-सपा-बसपा के बीच मजहबी वोट बैंक की गलाकाट प्रतिस्पर्धा है। ये तीनों दल संविधान विरोधी मजहवी आरक्षण के पक्ष में हैं। पिछड़ा वर्ग इसका घोर विरोध करता है।  बैठक में उ0प्र0 सरकार द्वारा सामाजिक न्यायिक समिति 2001 की रिपोर्ट लागू करने की भी मांग की गई है।
बैठक में भाजपा के प्रदेश मंत्री जसवंत सिंह सैनी, पूर्व मंत्री बहोरनलाल मौर्य, पूर्व एसएलसी ब्रजभूषण सिंह कुशवाहा, राम जियावन मौर्य, रमापति मौर्य, भागीरथ मौर्य सहित कई अन्य नेता व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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विभिन्न समस्याओं को लेकर अभिषेक सिंह राणा ने किया सड़क जाम

Posted on 22 December 2011 by admin

photo-nसोसाइटी द्वारा किसानों  को धान की खेती करने के लिए हाईब्रिड बीज दिया गया परन्तु किसानों द्वारा उक्त बीज से उत्पादित फसल धान को सरकार ने लेने से मना करने पर जिला पंचायत सदस्य अभिषेक  सिंह राणा के नेतृत्व में युवा कांग्रेस छात्र संगठन के सैकडों छात्र एवं किसानों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने इलाहाबाद रोड जाम कर यातायात बन्द कर दिया। राजीव गाॅधी जिन्दाबाद, जय जवान जय किसान जिला प्रशासन मुर्दाबाद, मायावती मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। सड़क जाम की सूचना पाकर मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट, सी ओ कादीपुर, थाना कुड़वार, धम्मौर, कोतवाली देहात ,गोसाईगंज एवं थाना कूरेभार के थानाध्यक्ष बाने दल-बल के साथ पहुॅच गये। ज्ञापन के लिए श्री राणा ने जिलाधिकारी को धरना स्थल पर आकर लेने पर डटे रहे। सिटी मजिस्टेªट के लाख समझाने के बावजूद धरने पर बैठे नेता किसान  व छात्र संगठन के पदाधिकारी सड़क पर से नहीं उठे। झुॅझलाकर सिटी मजिस्टेªेट ने जेल ले जाने के लिए गाड़ी बुलवा ली। किसान की समसयाओं को देखते हुए किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष कर्मराज दुवे भी धरना स्थल पर आकर अपना समर्थन दिया। अधिवक्ताओं की तरफ से अनवर एड0 ने समर्थन का एलान किया। जिससे धरनार्थियों का और भी मनोबल बढ़ गया। मामला बनते न देख सिटी मजिस्ट्रेट के बहुत प्रयास के बाद जिलाधिकारी के न पहुॅचने पर काफी जद्दोजहद के साथ सिटी मजिस्ट्रेट को इस शर्त पर ज्ञापन दिया गया कि कल सिटी मजिस्ट्रेट समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारी से वार्ता करवाएंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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घोषणाएं सिर्फ विभिन्न वर्गो के लोगों को भरमाने के लिए हैं

Posted on 22 December 2011 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में गम्भीर संवैधानिक संकट की स्थिति है। विधान सभा चुनाव सिर पर हैं। मुख्यमंत्री फिर भी ताबड़तोड़ ऐसी घेाषणाएं करती जा रही हैं जिनका उद्देश्य केवल जनता को भ्रमित करना है। उनके मंत्रिमण्डल के तमाम मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए हैं। लोकायुक्त के यहां मुख्यमंत्री के बाद नं0 2 की हैसियत रखनेवाले मंत्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी सपरिवार जांच के घेरे में है। उन्हें जेल जाना चाहिए पर आज भी उन्होने 6 सौ करोड़ के शिलान्यास और लोकार्पण किये हैं। प्रदेश में न सड़कें हैं न स्वास्थ्य सेवाएं बस लूट और बजट के बंदरबांट का यह इंतजाम किया गया है। कई मंत्री जांच में दोषी सिद्ध हो चुके है। भ्रष्टाचारियों के बूते सरकार चलानेवाली मुख्यमंत्री को यदि महामहिम ने तत्काल बर्खास्त नहीं किया तो उससे न्यायमंत्र की अवमानना के साथ स्वतंत्र चुनाव भी मजाक बनकर रह जाएगें।
भ्रष्ट बसपा सरकार से किसी तरह के स्वच्छ प्रशासन और जनता को न्याय मिलने की आशा नहीं की जा सकती है। ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की जांच की आंच स्वयं मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुॅच रही है। मनरेगा और धान-‘गेहू खरीद में भी घोटाला हुआ है। मुख्यमंत्री को सीबीआई जांच से परहेज है क्योंकि प्रदेश में जो कुछ भी घोटाले हो रहे है उनकी जानकारी में हो रहे है। कहीं आगे जांच न बढ़े इसलिए अब उनके गुर्गो ने घपलों के रिकार्ड ही गायब करने शुरू कर दिए हंै। बुंदेलखण्ड पैकेज के तहत कृषि यंत्रीकरण के लिए केन्द्र से आवंटित धन के लाभार्थियों के आवेदन पत्र. गायब हो गए हैं। गरीबों का हक छीनकर मंत्री श्री नसीमुद्दीन के परिवारीजनों ने केन्द्रीय धनराशि में लूट की और उनकी पत्नी ने भी एक ट्रस्ट के नाम पर अकूत संपत्ति खरीदी है। ये सब मामले उजागर हो रहे हैं। एक मंत्री जी अपने पद के अलावा एक स्कूल के हेड मास्टर और प्रबन्धक का भी काम कर रहे है और हर तरफ बटोर रहे हैं। सर छुपाने को प्रदेशवासी तरस रहे हैं मगर एक मंत्री को वन विभाग तोहफे में 40 बीघा जमीन देने जा रहा है।
दलितों को वोट बैंक माानकर उनका शोषण करनेवाली मुख्यमंत्री के समय में जो भ्रष्टाचार फैला है, उसका ओरछोर नहीं है। वे खुद और उनके मंत्र.ी सिर्फ प्रदेश को लूटने पर तुले है। जनता की गाढ़ी कमाई में कमीशन के लिए हजारों करोड़ रूपए पार्को, स्मारकों, पत्थर के हाथियों और अपनी मूर्तियों पर फंूक देनेवाली मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों पर कैसे लगाम लगा सकती है? लोकायुक्त की जांच में दोषी मंत्रिेयों के खिलाफ न तो एफआईआर दर्ज हुइर्, न उन पर मुकदमा चला है। सरकारी संसाधनों से किराए की भीड़ लगाकर रैलियां करनेवाली मुख्यमंत्री भाईचारा कमेटियों को चारा की तरह इस्तेमाल कर रही हंै। उनकी तमाम घोषणाएं सिर्फ विभिन्न वर्गो के लोगों को भरमाने के लिए हैं। वे खुद जानेवाली है फिर भी प्रदेश के शिक्षकों, राज्य कर्मियों तथा अन्य वर्गो को बहलाने के लिए वे रोज नए-नए तोहफे बांट रही हैं। झूठ के बल पर अपने काले कारनामों को श्वेतपत्र बताकर वे जो आचरण कर रही है वह असंवैधानिक एवं अनैतिक है। अब सत्ता में बने रहने का उन्हें कोई अधिकार नहीं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उद्घाटन व शिलान्यास में लगे बसपा मंत्रियों व विधायकों से आक्रोशित जनता

Posted on 22 December 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने आज कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ बसपा सरकार अपनी विदाई नजदीक आते देखकर बगैर कैबिनेट की बैठक बुलाए कैविनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए अपने राजनीतिक स्वार्थ व ’अपने चेहतों को उपकृत’ करने के निर्णय कर रही है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य में चुनाव नजदीक आते देखकर उद्घाटन व शिलान्यास में लगे बसपा मंत्रियों व विधायकों से आक्रोशित जनता उन्हें दौड़ा रही है।
पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अपने काले कारनामों व भ्रष्टाचार को लेकर लोकायुक्त जांच के दायरे में प्रतिदिन एक नए मंत्री का नाम सामने आ रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई का साहस नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा राज्य के कद्दावर मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दिकी पर भ्रष्टाचार व घोटालों के कई प्रमाणिक मामले लोकायुक्त के यहां दर्ज हुए हैं। लेकिन मुख्यमंत्री अपने चहेते मंत्री को बचाने की जुगत में लगी है। उन्होंने  आशंका जाहिर की कि भ्रष्टाचार व घोटाले में फंसे सत्तारूढ़ दल के मंत्री अपने पद का दुरूपयोग कर सरकारी पत्रावलियों के साथ छेड़छाड़ कर सबूत मिटाने का काम कर रहे हैं।
श्री पाठक ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ दल बसपा ने अपने पूरे कार्यकाल में जनहित की अनदेखी कर सरकारी धन की जमकर लूट की। भाजपा ने बसपा सरकार के भ्रष्टाचार व घपले-घोटालों द्वारा प्रदेश में 2 लाख 54 हजार करोड़ की हेराफेरी के दस्तावेज जारी किए। यहीं नहीं पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री व उनके भाई द्वारा किए गए करोड़ों के घोटालों को भी तथ्यों सहित  सार्वजनिक किया है। यदि मुख्यमंत्री मेंजरा भी नैतिकता है तो वह अपने व अपने परिजनों पर  लगे आरोपों का विन्दुवार खण्डन करती, किन्तु उन्होनंे ऐसा न करके अर्नगल बयानबाजी तक ही खुद को सीमित रखा।
श्री पाठक ने राज्य के पुलिस-प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के तबादलों पर भी गम्भीर चिन्ता व्यक्त् करते हुए आशंका जताई है कि अपने राजनैतिक हितों की पूर्ति के लिए सत्तारूढ़ दल द्वारा तबादलों की फेहरिस्त लम्बी की जा रही है। ताकि आसन्न चुनावों में वह इसका लाभ ले सके। भाजपा प्रवक्ता ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वह इन तबादलों को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मनरेगाा के 32करोड़ अधिकारियों के पास हैं फिर भी विकास का रोना

Posted on 22 December 2011 by admin

मनरेगा के छः विभागों में 32करोड़ की धनराशि मौजूद है तब भी विभाग धन की कमी का रोना रो रहा है। मनरेगा मजदूर काम न मिलने का रोना रो रहा है और विभाग धन के अभाव का। प्रमुख सचिव, शासन द्वारा कड़ा पत्र लिखने के बाद कड़ी भाषा का प्रयोग करके पूँछा जा रहा है। जिले के अधिकारियों से जिससे सम्बन्धित प्रशासन सकते में है। मनरेगा के तहत कनवर्जन के माध्यम से रोजगार सृजन कार्य में धनराशि अवमुक्त होती जिला समन्वयक या अन्य के खातो में तब रूपया जाता है। विभागों के प्रस्ताव पर धनराशि आबंटित की जाती है फिर भी जिले की स्थिति काफी खराब है। विभाग का कहना है प्रस्ताव मंजूर नहीं हो रहे, विकास कार्य अधर में हैं लक्ष्यों के अनुरूप धनराशि अधिकारियों के पास जमा है। जिले के छः विभागों में लोक निर्माण विभाग, लघु सिंचाई विभाग, कृषि, भूमि संरक्षण, पंचायती राज, वन विभाग, के लिए वित्तीय वर्ष में 48करोड़ 55लाख से अधिक की धनराशि आई। विभागों को मिले 1करोड़ 37लाख यानि 32 करोड़ की राशि अभी तक नहीं मिली है। इस पर प्रमुख सचिव एस0एन0रवि ने पत्र जारी करके कारण पूँछा है। जाब कार्डधारकों के घरों के चूल्हे क्येां नहीं जले हैं उन्हें कार्य क्यों नहीं दिया जा रहा है। इससे अधिकारियों में हड़कम्प मचा है। जबकि सीडीओ आनन्द कुमार द्विवेदी का कहना है जब विभाग प्रस्ताव देंगे तभी उन पर विचार होगा और धनराशि आबंटित की जायेगी। जब विभाग कोई प्रस्ताव ही नहीं दे रहे हैं तो धनराशि किसे दी जाय। सीडीओ ने कहा है कि आल यू0पी0 की यही हालत है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बेबस किसान जमीन अधिग्रहण पर आन्दोनल की राह पर

Posted on 22 December 2011 by admin

गौसगंज कछौना कस्बे की जमीन पर 600मेगावाट की दो विद्युत इकाइयों की स्थापना हेतु जमीन अधिग्रहण करने पर मामला जोर पकड़ रहा है। सम्बन्धित जमीन पर किसानों की तरफ से 200लोगों ने अपनी आपत्तियाँ दर्ज करवा रखी हैं। सण्डीला तहसील के निकट रैसों, बंधुआमऊ क्षेत्र में 600मेगावाट की दो इकाइया यूपीएसआईडीसी परियोजना ने ग्राम समाज की भूमि और किसानों की खेती योग्य भूमि करीब 1000एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है। किसानों के खाता सं0 को दर्शाकर नोटिसें भी गाँव में चस्पा कर दी गई हैं। जिससे किसानों में हड़कम्प मचा हुआ है किसानों का आरोप है कि बगैर विश्वास में लिये यह अधिग्रहण अवैध है क्योंकि अधिकारियों ने मुआवजा सम्बन्धी कोई भी वार्ता हमसे नहीं की किसान जो भूमिहीन हो गये हैं उनका यही कहना है हम जान दे देंगे परन्तु जमीन नहीं देंगे। करीब 200किसानों ने जिलाधीश सहित उससे सम्बन्धित सभी अधिकारियों के यहाँ लखनऊ तक में आपत्ति दर्ज करवा दी है जिनमें प्रमुख 26माँगे हैं। ग्रामवासी रंजना सिंह का कहना है गाँव की जमीन 80फीसदी खेती लायक है। अधिगृहीत भूमि पर टयूबवेल, पूजा, घर, पेंड़, बोरिंग सभी कुछ मौजूद है। किसानों के तेवर देखकर कम्पनी के अधिकारी भी असमंजस की स्थिति में है जिससे वह निकल नहीं पा रहे हैं। अधिकारी भूमि अधिगृहण लखनऊ ने आदेश में कहा है कि 25दिसम्बर को आपत्तियों की अन्तिम तारीख निश्चित की है परन्तु सम्बन्धित जिला हरदोई में कोई भी आपत्तियाँ नहीं ली जा रही हैं। यह दोहरा मापदण्ड क्यों? सरकार को इसका जबाव जनता को देना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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