भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की एक आवश्यक बैठक आज दारूलशफा-ए-ब्लाक कामनहाल में हुई। बैठक की अध्यक्षता किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रभारी सुशील शाक्य ने की। बैठक में शाक्य, कुशवाहा, मौर्य, सैनी समाज के पूरे प्रदेश के कार्यकर्ता एकत्रित हुए।
बैठक को संबोधित करते हुए श्री शाक्य ने कहा कि भगवान बुद्ध के तिराहे, चैराहे पर मूर्ति लगाकर राज्य सरकार ने उनका अपमान किया है। जबकि बसपा सरकार ने हजारों करोड़ रूपया स्मारकों, पार्को एवं हाथियों की मूर्तियों पर खर्च किया किन्तु भगवान बुद्ध के तीर्थस्थलों के विकास हेतु धन का समुचित प्राविधान न कर राज्य सरकार ने शाक्यवंशी समाज सहित भगवान बुद्ध के अनुयायिओं की भावना को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने बताया कि बैठक में समाज ने निर्णय लिया है कि हम सभी बसपा सरकार को सबक सिखाएंगे। उन्होंने पिछड़े वर्ग के आरक्षण 27 प्रतिशत में से 7 प्रतिशत काटकर मुसलमानों को आरक्षण देने का विरोध किया। श्री शाक्य ने कहा कि कांगे्रस मजहबी आरक्षण के लिए आमदा है। जबकि संविधान में मजहब धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं किया जा सकता। कांगे्रस-सपा-बसपा के बीच मजहबी वोट बैंक की गलाकाट प्रतिस्पर्धा है। ये तीनों दल संविधान विरोधी मजहवी आरक्षण के पक्ष में हैं। पिछड़ा वर्ग इसका घोर विरोध करता है। बैठक में उ0प्र0 सरकार द्वारा सामाजिक न्यायिक समिति 2001 की रिपोर्ट लागू करने की भी मांग की गई है।
बैठक में भाजपा के प्रदेश मंत्री जसवंत सिंह सैनी, पूर्व मंत्री बहोरनलाल मौर्य, पूर्व एसएलसी ब्रजभूषण सिंह कुशवाहा, राम जियावन मौर्य, रमापति मौर्य, भागीरथ मौर्य सहित कई अन्य नेता व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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