गौसगंज कछौना कस्बे की जमीन पर 600मेगावाट की दो विद्युत इकाइयों की स्थापना हेतु जमीन अधिग्रहण करने पर मामला जोर पकड़ रहा है। सम्बन्धित जमीन पर किसानों की तरफ से 200लोगों ने अपनी आपत्तियाँ दर्ज करवा रखी हैं। सण्डीला तहसील के निकट रैसों, बंधुआमऊ क्षेत्र में 600मेगावाट की दो इकाइया यूपीएसआईडीसी परियोजना ने ग्राम समाज की भूमि और किसानों की खेती योग्य भूमि करीब 1000एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है। किसानों के खाता सं0 को दर्शाकर नोटिसें भी गाँव में चस्पा कर दी गई हैं। जिससे किसानों में हड़कम्प मचा हुआ है किसानों का आरोप है कि बगैर विश्वास में लिये यह अधिग्रहण अवैध है क्योंकि अधिकारियों ने मुआवजा सम्बन्धी कोई भी वार्ता हमसे नहीं की किसान जो भूमिहीन हो गये हैं उनका यही कहना है हम जान दे देंगे परन्तु जमीन नहीं देंगे। करीब 200किसानों ने जिलाधीश सहित उससे सम्बन्धित सभी अधिकारियों के यहाँ लखनऊ तक में आपत्ति दर्ज करवा दी है जिनमें प्रमुख 26माँगे हैं। ग्रामवासी रंजना सिंह का कहना है गाँव की जमीन 80फीसदी खेती लायक है। अधिगृहीत भूमि पर टयूबवेल, पूजा, घर, पेंड़, बोरिंग सभी कुछ मौजूद है। किसानों के तेवर देखकर कम्पनी के अधिकारी भी असमंजस की स्थिति में है जिससे वह निकल नहीं पा रहे हैं। अधिकारी भूमि अधिगृहण लखनऊ ने आदेश में कहा है कि 25दिसम्बर को आपत्तियों की अन्तिम तारीख निश्चित की है परन्तु सम्बन्धित जिला हरदोई में कोई भी आपत्तियाँ नहीं ली जा रही हैं। यह दोहरा मापदण्ड क्यों? सरकार को इसका जबाव जनता को देना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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