कमलनैनपुर के बहुचर्चित सगे भाई रियासत और फिरासत हत्याकाण्ड में षष्टम् अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश सुरेश चन्द्रा ने चार लोगों को आजीवन कारावास तथा 35-35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
थाना कांट के ग्राम कमलनैनपुर के लियाकत ने 30 जुलाई 2002 को रिपोर्ट लिखाई कि गांव के ताहिर आदि ने घटना से लगभग 4-5 वर्ष पूर्व उसके बाग से शीशम के दो पेड़ काट लिये थे। पिता शफीउल्ला ने खैरपुर से लकड़ी बरामद कर मुकदमा कायम कराया था। इसी रंजिश के चलते ताहिर, वासिद, शाहिद, (तीनों सगे भाई) जहीर, रफ्फन तमंचे लेकर पड़ोसी अहमद की छत पर आ गये। ताहिर ने गाली देते हुये कहा भून डालो। फायरिंग में उसका भाई रियासत, फिरासत, बहन शहाना गंभीर रूप से घायल हो गयी। अस्पताल में उपचार के दौरान रियासत और फिरासत की मृत्यु हो गई। पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया। न्यायाधीश श्री चन्द्रा ने उभय पक्ष को सुनने के पश्चात ताहिर, शाहिद, वासिद, जहीर को उम्रकैद की सजा काटने को जेल भेज दिया। अभियुक्त टाप टेन बदमाश रफ्फन की मृत्यु होने के कारण उसका विचारण बंद कर दिया गया।
दोहरे हत्याकांड में उम्रकैद पाये ताहिर और शाहिद पर दर्जनों गंभीर मुकदमे हैं। तत्कालीन एपी द्वारा जारी की गयी सूची के अनुसार ताहिर, शाहिद, रफ्फन पीलीभीत, बरेली, बदायूं, लखीमपुर, फर्रुखाबाद जिलों में संगठित होकर गंभीर अपराधों को अंजाम देते थे। इनका इतना आतंक था कोई इनके विरुद्ध गवाही भी देने को तैयार नहीं होता था। इन पर कई बार गैंगस्टर की कार्यवाही की जा चुकी है। ताहिर इस समय पीलीभीत की जेल में गम्भीर अपराध में निरुद्ध हैं। जबकि रफ्फन की मौत हो चुकी है। तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ने इनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के दिशा निर्देश दिये थे। ताहिर और शाहिद सगे भाई हैं। पुलिस द्वारा प्रेषित अपराधिक इतिहास की सूची के अनुसार कांट थाना व अन्य थाना क्षेत्रों में हत्या, लूट, हत्या के प्रयास, चोरी, लकड़ी, चोरी, धमकी, आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट के 24 मुकदमे ताहिर पर दर्ज हैं। शाहिद पर इसी प्रकार के 15 मुकदमे दर्ज हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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