कैबिनेट ने गुरुवार को एफएम रेडियो सेवा के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी.
इस महत्वपूर्ण फैसले के तहत अब निजी एफएम रेडियो चैनल आकाशवाणी की खबरों का भी प्रसारण कर सकेंगे.
227 नये शहरों में एफएम चैनलों के लाइसेंसों की नीलामी से सरकार को 1,733 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व हासिल हो सकेगा.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की गुरुवार को दिल्ली में हुई बैठक में ‘निजी एजेंसियों के जरिये एफएम रेडियो प्रसारण सेवाओं के विस्तार संबंधी नीतिगत दिशा-निर्देशों के तीसरे चरण के प्रस्ताव’ को मंजूरी दे दी गयी. यह प्रस्ताव सूचना और प्रसारण मंत्रालय का था.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कैबिनेट के इस निर्णय की संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि तीसरे चरण के अनुसार, रेडियो परिचालनकर्ताओं को आकाशवाणी की खबरों के बुलेटिन का प्रसारण करने की अनुमति होगी.
उन्होंने कहा कि साथ ही, खेल आयोजनों, यातायात, मौसम, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, उत्सवों, परीक्षाओं, परिणामों, पाठ्यक्रमों में प्रवेश, करियर मार्गदर्शन, रोज़गार अवसरों की उपलब्धता और स्थानीय प्रशासन द्वारा मुहैया करायी जाने वाली बिजली-पानी की आपूर्ति, प्राकृतिक आपदाओं और स्वास्थ्य संदेश संबंधी जानकारियों को गैर-समाचार तथा सामयिक मामलों की प्रसारण श्रेणी में रखा जायेगा. इस तरह की जानकारी के प्रसारण की अनुमति रहेगी.
तीसरा चरण
एफएम रेडियो सेवा के तीसरे चरण पर अमल के साथ ही देश के कुल 294 शहरों में 839 नये एफएम रेडियो चैनल होंगे. तीसरे चरण का कार्यान्वयन एक लाख और उससे अधिक की आबादी वाले शहरों में निजी चैनलों के जरिये होगा. अभी 86 शहरों में एफएम चैनल चल रहे हैं.
अंबिका ने कहा कि एफएम के तीसरे चरण के तहत लाइसेंसों की नीलामी के जरिये सरकार को 1,733 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है.
अंबिका ने कहा कि अब निजी एफएम चैनलों को आकाशवाणी के समाचार प्रसारित करने की अनुमति होगी.
एजेंसी की ख़बरें फिलहाल नहीं
इस सवाल पर कि नये निजी एफएम चैनलों को समाचार एजेंसियों की खबरों के प्रसारण की अनुमति क्यों नहीं दी गयी है, जबकि आकाशवाणी भी एजेंसियों से खबरें लेता है, इस पर मंत्री ने कहा, ‘‘मैं भविष्य में इस संभावना से इनकार नहीं करती.’’
अंबिका ने कहा, ‘‘जब आने वाले समय में वृहद उदारीकरण होगा तो इस पर विचार किया जा सकता है. यह इस पर निर्भर करेगा कि विभिन्न मंत्रालय क्या कहते हैं और व्यवस्था किस तरह काम करती है.’’
ई-नीलामी
कैबिनेट के एक और अहम फैसले के तहत एफएम चैनलों के लाइसेंस आवंटित करने के लिये ई-नीलामी प्रक्रिया अपनाने के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गयी है.
कैबिनेट ने एफएम चैनलों के लाइसेंसों के लिये उसी तरह की ई-नीलामी प्रक्रिया के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जैसी दूरसंचार विभाग ने 3-जी और बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम के लिये अपनायी थी.
लाइसेंस प्रक्रिया संबंधी मामलों के मंत्री-समूह ने एफएम के तीसरे चरण के लिये इस तरह की प्रक्रिया अपनाने की सिफारिश की थी.
इस तीसरे चरण के तहत किसी भी एक कंपनी को राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले आवंटन में 15 फीसदी से अधिक लाइसेंस नहीं दिये जायेंगे. हालांकि, जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों और द्वीप क्षेत्रों के लिये यह सीमा नहीं रखी गयी है.
इस नीति के तहत निजी परिचालनकर्ताओं को किसी एक शहर में एक से अधिक चैनल चलाने की अनुमति होगी लेकिन वह उस शहर में चल रहे कुल चैनलों में से 40 फीसदी से अधिक चैनल नहीं रख सकेगा.
कैबिनेट ने किसी निजी एफएम चैनल रेडियो प्रसारण कंपनी में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और विदेशी संस्थागत निवेश 20 फीसदी से बढ़कर 26 फीसदी रखने की अनुमति दे दी है.
तीसरे चरण के तहत निजी एफएम चैनलों को उनके प्रसारण तंत्र के तहत नेटवर्किंग की भी अनुमति होगी
Vikas Sharma
Editor
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