सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा भूमि आवंटन मामले में मायावती सरकार के एक फैसले को रद्द कर दिया है। इसके तहत मौजूदा सरकार ने मुलायम सिंह यादव के शासनकाल में हुए उस निर्णय को रद्द कर दिया था जिसके अनुसार होटल कंपनियों को जमीन मिलनी थी। लेकिन अब शीर्ष कोर्ट से यह फैसला रद्द होने से होटल कंपनियों को जमीन वापस मिलने की राह खुल गई है।
जस्टिस आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता वाली बेंच ने होटल कंपनियों को निर्देश दिया कि उन्हें दी गई जमीन के लिए 70,000 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से अतिरिक्त राशि दें। वजह, इस आवंटन के कारण सरकारी खजाने को भारी-भरकम क्षति हुई है।
मामला?:
- मुलायम सरकार ने 2006 में 16 होटल कंपनियों को नोएडा में जमीन देने का फैसला किया था।
- दो साल बाद ही बसपा सरकार ने भूमि आवंटन में धांधली के आरोप लगाते हुए इस फैसले को रद्द किया था।
- इसके बाद होटल कंपनियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
- कंपनियों का कहना था कि वे पांच सितारा होटल बनाने के लिए भारी-भरकम निवेश कर चुकी हैं।
फैसले का असर:
- अतिरिक्त रकम देने पर होटल कंपनियों को जमीन वापस मिल जाएगी।
Vikas Sharma
Editor
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