सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय युवा गणितज्ञ सम्मेलन (आई.वाई.एम.सी.-2010) का भव्य उद्घाटन आज सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में हुआ। मुख्य अतिथि श्री मनोज कुमार मिश्रा, वाइस-चांसलर, लखनऊ विश्वविद्यालय ने दीप प्रज्जवलित कर समारोह का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर जहां एक ओर देश-विदेश के प्रतिभागी छात्र टीमों एवं उनके शिक्षकों के सम्मान में सी.एम.एस. छात्रों द्वारा प्रस्तुत अनेक शिक्षात्मक एवं प्रेरणादायी सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने उपस्थित दर्शकों व देश-विदेश से पधारे बाल गणितज्ञों का मन मोह लिया, तो वहीं दूसरी ओर विश्वविख्यात गणित विशेषज्ञों डा. सिमोन एल चुआ, प्रेसीडेन्ट, मैथेमेटिक्स ट्रेनर्स गिल्ड, फिलीपीन्स, श्री मार्क सॉल, सीनियर स्कॉलर जान टेमपलेटन फाउण्डेशन, ताईवान एवं प्रख्यात िक्वज मास्टर श्री ब्रेरी ओ ब्राइन की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा में चार-चान्द लगा दिये। सी.एम.एस. गोमती नगर कैम्पस के तत्वावधान में 2 से 5 दिसम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित इण्टरनेशनल यंग मैथमेटिशियन कन्वेन्शन (आई.वाई.एम.सी.-2010) में विश्व के 11 देशों इंग्लैण्ड, दक्षिण अफ्रीका, भूटान, फिलीपीन्स, थाईलैण्ड, ईरान, नेपाल, इण्डोनेशिया, श्रीलंका, कतर एवं भारत के विभिन्न प्रान्तो से लगभग 600 बाल गणितज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मुख्य अतिथि श्री मनोज कुमार मिश्रा, वाइस-चांसलर, लखनऊ विश्वविद्यालय ने कहा कि विश्व के बाल गणितज्ञों को एक मंच पर एकत्रित करने का सी.एम.एस. गोमती नगर का प्रयास अत्यन्त सराहनीय है। इस आयोजन ने युवाओं को स्विर्णम अवसर प्रदान किया है कि सब मिलकर मानव ज्ञान को सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए उपयोग करने का संकल्प लें। श्री मिश्रा ने आगे कहा कि भारत की प्राचीन संस्कृति सदैव विश्व में विभिन्नताओं में एकता का प्रतीक रही है। वसुधैव कुटुम्बकम हमारा सदैव आदर्श रहा है और सी.एम.एस. का यह आयोजन इसी महान विचारधारा का प्रतीक है। इससे पहले उद्घाटन समारोह में सी.एम.एस. छात्रों ने देश-विदेश से पधारे छात्रों, प्रख्यात गणितज्ञों के सम्मान में रंगारंग शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों का ऐसा समां बांधा कि दर्शक मन्त्रमुग्ध हो गये और तालियों की गड़गड़ाहट से सारा ऑडिटोरियम गूंज उठा। विदेशों से पधारे मेहमान भी इन छात्र-छात्राओं की कलात्मक प्रतिभा देखकर गदगद हो उठे। समारोह का शुभारम्भ सर्व-धर्म व विश्व शान्ति प्रार्थना से हुआ।
इससे पहले `आई.वाई.एम.सी.-2010´ में प्रतिभाग हेतु विश्व के 13 देशों से पधारे छात्र व गणित विशेषज्ञ आज अपरान्ह: सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से मिले और दिल खोलकर अपने विचार रखे। प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रख्यात गणित विशेषज्ञ डा. सिमोन एल चुआ, प्रेसीडेन्ट, मैथेमेटिक्स ट्रेनर्स गिल्ड, फिलीपीन्स ने कहा कि कम्प्यूटर, विज्ञान व अन्य सभी विषयों की आधारशिला गणित ही है। यदि गणित का विकास न हुआ होता तो वर्तमान में हम जो वैज्ञानिक प्रगति देख रहे हैं वह सिर्फ कल्पना होती वास्तविकता नही। वास्तव में आज की वैज्ञानिक प्रगति का श्रेय भी गणित विषय को जाता हैंं। डा. चुआ ने कहा कि वास्तव में गणित ही सभी विषयों की जननी है और मानवजाति की आधारशिला है। श्री चुआ ने कहा कि गणित विषय में प्रारम्भ में छात्रों को कुछ कठिनाइयां आती हैं किन्तु इनसे विचलित होने की आवश्यकता नही है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए ई.एम.एस. साइंस एण्ड मैथ्स स्कूल, दक्षिण अफ्रीका के मेधावी छात्रों ने कहा कि हमारा उद्देश्य इन प्रतियोगिताअों में जीतने का तो है पर उससे भी अधिक है भारतीय संस्कृति की अनेकता में एकता से सीख लेने का। उग्येन एकेडमी, भूटान से पधारे छात्रों ने कहा कि गणित तथा विज्ञान ने पूरी दुनियॉ को एक दूसरे के निकट लाकर खड़ा कर दिया है और पूरी दुनियॉ सिमट कर एक गांव के रूप में विकसित हो गई है। इसी प्रकार सेंट पॉल गल्र्स हाई स्कूल, इंग्लैण्ड से पधारे छात्रों ने कहा कि हम बाल वैज्ञानिकों का कर्तव्य है कि हम सम्पूर्ण मानवता की भलाई के लिए काम करें। हमें अपने ज्ञान का उपयोग मानवता की भलाई के लिये करना चाहिए न कि उसके विनाश के लिए। महीडोल वितायानुZसोन स्कूल, थाईलैण्ड से पधारे छात्रों का कहना था कि कोई परिवार ठीक प्रकार तभी चल सकता है जब उसमें एकता, व्यवस्था एवं अनुशासन होता है। उसी प्रकार सारे विश्व की एक व्यवस्था बनाकर ही मानवता का विकास किया जा सकता है।
आई.वाई.एम.सी.-2010 की संयोजिका एवं सी.एम.एस. गोमती नगर की प्रधानाचार्या सुश्री मंजीत बत्रा ने कहा कि गणित केवल गणना और अंको का खेल नहीं है, यह काम तो कम्प्यूटर और कैलकुलेटर जैसी इलेक्ट्रानिक मशीने भी कर सकती है। गणित तो मानव मस्तिष्क की गहराइयों तक पहुंचता है। इससे छात्रों की तािर्कक और बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। इन्हीं विचारों के अनुरूप आई.वाई.एम.सी. की प्रतियोगिताएं इस प्रकार आयोजित की गई हैं जिससे देश-विदेश से पधारे बाल गणितज्ञों को एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी योग्यता को परखने का अवसर प्राप्त हो, साथ ही साथ उनमें भाईचारा, मैत्री, एकता व सौहार्द की भावना भी विकसित हो। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य भावी पीढ़ी को मात्र एक कुशल गणितज्ञ बनाना ही नहीं है अपितु इसके माध्यम से भावी पीढ़ी को अच्छे बुरे की पहचान करने वाला एक संवेदनशील विश्व नागरिक बनाना है। उन्होंने कहा कि गणित विषय मानव जाति की एकता का जितना प्रभावशाली माध्यम है उतना शायद और कोई विषय नहीं क्योंकि गणित एक ऐसा विषय है जो किसी भेदभाव, ऊंचनीच को नहीं मानता। अच्छे कार्य के नतीजे भी अच्छे ही होंगे, यही जीवन का गणित है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि “आई.वाई.एम.सी.-2010´´ में प्रतियोगिताओं का दौर कल प्रात: 9.30 बजे से प्रारम्भ हो जायेगा जो कि 5 दिसम्बर को भव्य पुरस्कार वितरण समारोह के साथ सम्पन्न होगा। कल होने वाली प्रतियोगिताओं में जूनियर व सीनियर वर्ग के रिले राउण्ड कम्पटीशन, मैथमेटिक्स िक्वज का लिखित राउण्ड एवं व्यक्तिगत स्पर्धाएं प्रमुख हैं। श्री शर्मा ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की इन रोचक प्रतियोगिताओं के माध्यम से देश-विदेश के प्रतिभागी छात्र अपने ज्ञान-विज्ञान का उत्कृष्ट प्रदर्शन तो करेंगे ही, साथ ही साथ विश्व एकता की संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।
श्री शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय गणित सम्मेलन (आई.वाई.एम.सी.-2010) में प्रतिभाग हेतु देश-विदेश से
पधारने वाली बाल गणितज्ञों की टीमें इस प्रकार हैं : जेनेरासी सेरडास नुसान्तरा, टीम-1, इण्डोनेशिया, जेनेरासी सेरडास नुसान्तरा, टीम-2, इण्डोनेशिया, बेंजामाराचुटिअ रैटचाबरी स्कूल, थाईलैण्ड, महीडोल वितायानुसोZन स्कूल, थाईलैण्ड, कोरिया साइन्स एकेडमी, कोरिया, अलवण्ड, ईरान, उग्येन एकेडमी (टीम-1), भूटान, उग्येन एकेडमी (टीम-2), भूटान, कोलम्बो सिटी कालेज, श्रीलंका, बुद्धानीलकंठ स्कूल, नेपाल, मैथमेटिक्स ट्रेनर्स गिल्ड, टीम-1, फिलीपीन्स, मैथमेटिक्स ट्रेनर्स गिल्ड, टीम-2, फिलीपीन्स, मैथमेटिक्स ट्रेनर्स गिल्ड, टीम-3, फिलीपीन्स, मैथमेटिक्स ट्रेनर्स गिल्ड, टीम-4, फिलीपीन्स, मैथमेटिक्स ट्रेनर्स गिल्ड, टीम-5, फिलीपीन्स, मैथमेटिक्स ट्रेनर्स गिल्ड, टीम-6, फिलीपीन्स, ईएमएस साइंस एण्ड मैथ्स स्कूल, साउथ अफ्रीका, आई.वाई.एम.आई., ईरान, स्पेशलाइज्ड एजुकेशनल साइिन्टफिक सेन्टर ऑफ नोवोब्रिस्क स्टेट यूनिवर्सिटी, रूस, मैथमेटिक्स एजुकेशन क्लीनिक, इण्डोनेशिया, शाहिद माहदवी एजुकेशनल काम्प्लेक्स, ईरान, सेंट पाल्स गल्र्स स्कूल, टीम-1, इंग्लैण्ड, सेंट पाल्स गल्र्स स्कूल, टीम-2, इंग्लैण्ड, सेंट पाल्स गल्र्स स्कूल, टीम-3, इंग्लैण्ड, सेंट पाल्स गल्र्स स्कूल, टीम-4, इंग्लैण्ड, मालपी इण्टरनेशनल स्कूल, नेपाल, एओउलिसिना, ईरान, एम.इ.एस. इण्डियन स्कूल, दोहा, कतर, एस.डी. पब्लिक स्कूल, मुजफ्फरनगर, भाल्गमदा प्राइमरी स्कूल, गुजरात, सेंट माक्र्स सी.से. स्कूल, दिल्ली, डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, गौतम बुद्ध नगर, गल्र्स हाई स्कूल एण्ड कालेज, इलाहाबाद, सेक्रेड हर्ट स्कूल, पंजाब, कार्मेल कान्वेन्ट सी. से. स्कूल, भोपाल, लक्ष्मीपत सिंघानिया एकेडमी, कोलकाता, एम.पी.वी.एम. गंगागुरुकुलम, इलाहाबाद, सेंट जोसेफ सीनियर सेकेण्डरी सकूल, जियामऊ, कानपुर, आर्मी पब्लिक स्कूल, नोएडा, एमिटी इण्टरनेशनल स्कूल, नोएडा, चिल्ड्रेन्स एकेडमी, जयपुर, हर्टमैन कालेज, बरेली, गुरुकुल एकेडमी, पलिया कला, रेजीडेिन्सयल पब्लिक स्कूल, आन्ध्र प्रदेश, नेशनल वैदिक मैथ्स एकेडमी, अहमदाबाद, आल इण्डिया रामानुजम मैथ्स क्लब, राजकोट, मिल्लकार्जुन स्कूल, पिथौरागढ़, डी.पी.एस. आजाद नगर, कानपुर, डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, गुजरात, आसाम वैली स्कूल, आसाम, जयपुरिया स्कूल, कानपुर, लखनऊ पब्लिक कालेज, लखनऊ, डैबल कालेज, लखनऊ, लामार्टिनियर कालेज, लखनऊ, सेठ एम. आर. जयपुरिया स्कूल, लखनऊ, हार्नर कालेज, महानगर, लखनऊ, रीवरसाइड एकेडमी, लखनऊ, स्कालर्स होम, लखनऊ, आर्मी पब्लिक स्कूल, लखनऊ एवं सिटी मोन्टेसरी स्कूल की विभिन्न शाखाएं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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