Archive | September 23rd, 2010

यूटीवी बिन्दास की नई पेशकश `द चेयर´,

Posted on 23 September 2010 by admin


जिसमें वास्तविक दुनिया जुडे़गी अलौकिक संसार से
परालौकिक संसार के रहस्यों को जानने के लिये तैयार हो जाइये

याद कीजिये उन एकान्तमय यात्राओं और अपने दोस्तों के साथ बिताए गए पलों को, जब बिस्तर में सिकुड़ते हुए और खुद को मोटे कंबल में लपेटकर आप एक-दूसरे से `प्रेतात्माओ´ं का सामना करने के किस्से सुनते थे
या उन रातों को याद कीजिये, जब आप सुनसान सड़क से गुजर रहे थे और आपको विश्वास था कि कोई डरावनी चीज आपका पीछा कर रही थी…

उस समय आपको कैसा महसूस हुआ थार्षोर्षो
भूतों, आत्माओं और अमानवीय शक्तियों की कहानियों ने हर पीढ़ी के लोगों को रोमांचित किया है।
परालौकिक शक्तियों का दूसरा नाम `डर´ है: एक ऐसा एहसास, जो आपके रोंगटे खड़े कर देता है…
जापानी में यूरेई, हिन्दी में भूत, वेल्श में जीनेवर और पुर्तगाली में फैंटसमास के नाम से विख्यात `मृत्यु उपरान्त जीवन´ की परिकल्पना पर पूरे विश्व के अधिकांश लोग विश्वास करते हैं और प्राय: इसका तात्पर्य बुरी शक्तियों से नहीं होता है…

स्नबादवूए 22 ैमचजमउइमत 2010: यूटीवी बिन्दास पेश करते हैं भारत का पहला हॉरर रियालिटी शो- `द चेयर´, जिसमें अवचेतन मस्तिष्क अमानवीय शक्ति से संपर्क साधकर स्तब्ध कर देने वाले अनुभवों को उजागर करेगा। इस शो की शुरूआत 12 सितम्बर से होने जा रही है। अपने प्रकार के इस पहले रियलिटी शो में 13 साहसी व्यक्ति अपने भय पर विजय प्राप्त करने के लिये भारत भर के भयावह स्थानों पर जाएंगे और मृत व्यक्तियों से संपर्क स्थापित करने का प्रयास करेंगे। युवाओं के लिये हमेशा नवीनतम विषय-वस्तु प्रस्तुत करने और रोमांचक मंच प्रदान करने के अपने प्रयास को जारी रखते हुए यूटीवी बिन्दास एक और सफल कार्यक्रम की शुरूआत करने जा रहा है, जो न केवल मनोरंजक होगा, बल्कि इस विषय से सम्बंधित रहस्यों को भी उजागर करेगा।

यूटीवी बिन्दास हर बार उन विश्वासों को चुनौती देने वाली नवीनतम विषय-वस्तु प्रस्तुत करने का प्रयास करता है, जिनके बारे में हम कोई प्रश्न नहीं उठाते हैं। `दूसरी दुनिया´ के कुछ रहस्यमय तथ्यों को उजागर करने पर आधारित `द चेयर´ में भाग लेने वाले व्यक्तियों को सम्मोहन द्वारा अवचेतन अवस्था में पहुंचाया जाएगा(ूपजी ीमसच वि ं तमदवूदमक ेचपतपजनंस ीमंसमतए ैूंजप च्तंोंीद्ध…अर्थात् सामान्य अवस्था से अलौकिक अवस्था में… जिसमें उनकी कुर्सी वास्तविक संसार और उसके पीछे छुपे परिदृश्य के बीच एक `मार्ग´ का कार्य करेगी। मृत व्यक्तियों के संसार के कुछ अनबूझे पहलूओं को उजागर करने वाली इस यात्रा को देखिये 12 सितम्बर से प्रत्येक रविवार शाम 7 बजे केवल यूटीवी बिन्दास पर!
`द चेयर´ की शुरू

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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जहां एक ओर प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है।

Posted on 23 September 2010 by admin

जहां एक ओर प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती अपनी पार्टी से अपराधियों, माफियाओं को बाहर का रास्ता दिखाने का ढोंग रचती हैं, जिसका जीता-जागता उदाहरण है, मुजफ्फरनगर में अपोलो सर्कस के नेपाली कलाकार बालिकाओं के यौन शोषण के आरोपी बहुजन समाज पार्टी के विधायक मोहम्मद अलीम द्वारा न्यायालय में उपस्थित न होना है, क्योंकि बसपा सरकार का उन्हें पूरी तरह वरदहस्त प्राप्त है। बसपा विधायक का नाम यौन शोषण जैसे अपराध में आने से एक बार पुन: यह सिद्ध हो गया है कि बहुजन समाज पार्टी अपराधियों की आरामगाह बन चुकी है।

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी बेहतर कानून व्यवस्था का `थोथा राग´ अलापना बन्द करें। अपराधी तत्वों, माफियाओं और गुण्डों द्वारा की जा रही अवैध वसूली, लूट, हत्या और बलात्कार की शिकायतें तक थानों में दर्ज नहीं हो रही है। बहुजन समाज पार्टी के खुद विधायक बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में अरोपित हैं और शासन-प्रशासन द्वारा उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है। बसपा प्रमुख सुश्री मायावती एक तरफ जहां पांच सौ से अधिक अपराधी तत्वों को बसपा से बाहर करने की बार-बार घोषणा तो करती हैं मगर जब उनसे बसपा से निकाले गये उन अपराधियों की सूची बार-बार मांगने पर भी वह आज तक सार्वजनिक नहीं कर पायी हैं।

मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमन्त्री शायद भूल चुकी हैं कि बसपा के  आधा दर्जन से अधिक विधायक और तमाम पदाधिकारियों पर अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं किन्तु सभी के सभी बसपा में बने हुए हैं वहीं औरैया के इंजीनियर मनोज गुप्ता की हत्या के आरोपित विधायक शेखर तिवारी सरीखे लोग अभी भी बसपा के सम्मानित सदस्य बने हुए हैं। बसपा के शासनकाल में महिलाओं, विशेष रूप से दलित महिलाओं पर अत्याचार और दुराचार की खबरें समाचारपत्रों की मुख्य खबरों में शामिल रहती हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा 24सितम्बर को बाबरी मिस्जद-रामजन्मभूमि मामले में सुनाया जाने वाला निर्णय एक महत्वपूर्ण पड़ाव तो है परन्तु अन्तिम पड़ाव नहीं है।

Posted on 23 September 2010 by admin

उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा 24सितम्बर को बाबरी मिस्जद-रामजन्मभूमि मामले में सुनाया जाने वाला निर्णय एक महत्वपूर्ण पड़ाव तो है परन्तु अन्तिम पड़ाव नहीं है। एक सिविल मुकदमें के निर्णय के रूप में ही इसे देखने की आवश्यकता है। निर्णय आने के बाद न तो किसी पक्ष को आक्रोशित होना चाहिए और न ही किसी पक्ष को जश्न मनाना चाहिए।

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि फिरकापरस्त ताकतें इस मौके पर अपनी नापाक साजिशों को अंजाम देने की कोशिश कर सकती हैं परन्तु राष्ट्रीय एकता, साम्प्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारा बनाए रखने की जिम्मेदारी सही सोच रखने वाले सभी नागरिकों की है।

मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की राजधानी का सन्देश पूरे प्रदेश में जाता है इसलिए लखनऊ के निवासियों को अपनी रवायत के मुताबिक एक बार फिर फिरकावाराना ज़हनियत और साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वाले तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करके हिन्दू-मुस्लिम एकता, आपसी भाईचारा और मेल-मिलाप की धारा के लिए एक मिसाल पेश करनी चाहिए।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि वर्ष 1992 में बाबरी मिस्जद विध्वंस के बाद भी लखनऊ में अपेक्षाकृत शान्ति रही थी और लखनऊ के बाशिन्दों ने साम्प्रदायिक सद्भाव की एक मिसाल पेश की थी। इस बार यद्यपि माहौल में तनाव नहीं है और साम्प्रदायिक शक्तियां भी ज़ाहिरा तौर पर उत्तेजना फैलाने की हरकत नहीं कर रही हैं पर इनके छुपे हुए मंसूबों से सचेत रहना आवश्यक है। इसलिए भारत की एकता-अखण्डता में विश्वास रखने वाले सच्चे देश भक्तों का यह दायित्व है कि वे हर हालत में शान्ति, आपसी भाईचारा और सर्व-धर्म-समभाव के ह़क में खड़े हों।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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मछलियों को पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन की व्यवस्था हेतु उपाय

Posted on 23 September 2010 by admin

उत्तर प्रदेश के मत्स्य निदेशक श्री अशोक दीक्षित ने हैचरी स्वामियों को सलाह दी है कि बरसात के मौसम में आक्सीजन की पर्याप्त मात्रा बनी रहे इसके लिये नर्सरियों में जल स्तर 4.5 फीट बनाये रखें, ताकि मछलियॉ भली प्रकार जीवित रहें।

श्री दीक्षित ने बताया कि बरसात के दिनों में सूर्य निकलने से पहले अक्सर तालाब में आक्सीजन की कमी के कारण मछलियॉ सतह पर मुंह खोलते हुये देखी जा सकती हैं। आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिये तालाब में 100 कि0ग्रा0 कली चूने का छिड़काव करायें या 1/4 या 1/2 भाग जल को बदलकर ताजा जल तालाब में भरें। यदि जल बदलने का साधन न हो तो पम्प द्वारा तालाब का पानी तालाब में ही फब्वारे के रूप में डालें अथवा केले के तने काटकर डालने से या बॉस के डण्डे से जल को पीटने से भी पानी में आक्सीजन की मात्रा बढ़ायी जा सकती है। उन्होंने बताया कि यदि प्लवक या आप्यकाओं की अधिकता से जल रंगीन हो जाये अथवा आक्सीजन की मात्रा कम हो जाये तो सामान्य परिस्थितियॉ उत्पन्न होने तक पूरक आहार रोक दें।

निदेशक मत्स्य ने बताया कि जिन मत्स्य पालकों ने अभी तक मत्स्य बीज संचय नहीं किया है वे शीघ्र अपने तालाबों में मत्स्य बीज संचय करा लें। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालकों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे अपने तालाब में 200 कि0ग्रा0 प्रति हे0 की दर से बुझे हुये चूने का घोल बनाकर छिड़काव करें तथा एक टन प्रति हे0 की दर से गोबर की खाद तालाब में डालने के 3-4 दिन बाद यदि 50 मिमी0 से बड़े आकार का बीज है तो 5000 मत्स्य बीज हे0 की दर से संचय करायें। यदि 50 मिमी0 से छोटे आकार का बीज है तो 10,000 मत्स्य बीज प्रति हे0 की दर से संचय करायें।

श्री दीक्षित ने यह भी सलाह दी है कि तालाबों/झीलों में यदि जल कुम्भी उग आई हो तो तत्काल उसे बाहर निकाल दें अन्यथा यह बहुत तेजी से बढ़ेगी और कुछ ही दिनों में पूरे तालाब/झील को आच्छादित कर लेगी। अन्य सतही जलीय पौधों की भी सफाई करते रहें। उन्होंने बताया कि माह में कम से कम एक बार जाल चलाकर मछलियों की बढ़त तथा स्वास्थ्य के बारे में जानकारी कर लेनी चाहिये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के आवेदन पत्र 31 अक्टूबर तक भेंजे

Posted on 23 September 2010 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति से सम्बंधित आवेदन पत्र प्राप्त होने की अन्तिम तिथि 31 अक्टूबर निर्धारित की गई है। आवेदन पत्र सम्बंधित संस्थाध्यक्ष के हस्ताक्षर से संस्था के लेटर-पैड पर रजिस्टर्ड/स्पीडपोस्ट के माध्यम से समाज कल्याण निदेशालय भेजे जायेंगे। छात्रों द्वारा स्वयं उपलब्ध कराये गये व निर्धारित तिथि के उपरान्त प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जायेगा।

निदेशक समाज कल्याण श्री राम बहादुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार देश की शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत उत्तर प्रदेश के मूल निवासी अनुसूचित जाति/जनजाति/सामान्य वर्ग के ऐसे छात्र/छात्राओं जिनके माता/पिता/अभिभावक की वाषिZक आय एक लाख रुपये से कम हो, को निर्धारित नियमों/शर्तों के अधीन छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा प्रदान करती है।

निदेशक समाज कल्याण ने शिक्षण संस्थाओं के संस्थाध्यक्षों को सूचित किया है कि प्रदेश के बाहर पढ़ने वाले भारत सरकार द्वारा सहायतित अनुसूचित जाति/जनजाति के व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सहायतित सामान्य वर्ग के छात्रों के दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के आवेदन पत्र अपने हस्ताक्षर कर संस्था के लेटर पैड पर निर्धारित तिथि तक प्रदेश के समाज कल्याण निदेशालय में उपलब्ध करा दें। शुल्क प्रतिपूर्ति एवं छात्रवृत्ति की धनराशि को बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से भुगतान के लिए बैंक ड्राफ्ट में देयता (नाम आदि का विवरण) के सापेक्ष स्पष्ट उल्लेख अग्रसारण पत्र में किया जाय।

श्री राम बहादुर ने बताया कि संस्था में संचालित समस्त पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष के छात्रवृत्ति /शुल्क प्रतिपूर्ति के आवेदन पत्र में छात्र के जाति प्रमाण पत्र की छायाप्रति, माता पिता/अभिभावक का आय प्रमाण पत्र मूल रूप में, निवास प्रमाण पत्र की फोटो प्रति, फीस का मद्वार विवरण संस्थाध्यक्ष से प्रमाणित होना चाहिए और शैक्षिक प्रमाण पत्रों की प्रमाणित प्रतियां व गैप के सापेक्ष नोटरी द्वारा प्रमाणित शपथ पत्र एवं संस्थाध्यक्ष द्वारा प्रति हस्ताक्षरित संलग्न किया जाय।

निदेशक ने कहा कि पाठ्यक्रम के द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ वषोZं के आवेदन पत्र छात्र का जाति प्रमाण पत्र प्रमाणित, अभिभावक का आय प्रमाण पत्र मूल रूप में, फीस का मदवार विवरण, पूर्व वर्ष की अंकतालिका के साथ छात्र का संस्थाध्यक्ष द्वारा सत्यापित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जाय। साथ ही पूर्व में स्वीकृत छात्रवृत्ति का उपभोग प्रमाण पत्र भी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने कहा कि आवेदन पत्र के साथ संलग्न सभी प्रमाण पत्रों की वैधता के प्रमाणीकरण का उत्तरदायित्व भी संस्थाध्यक्ष का होगा। मछलियों को पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन की
व्यवस्था हेतु उपाय

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पशु राहत शिविरों में पशुओं के चारे एवं चिकित्सा की समुचित व्यवस्था पशुओं को हरे चारे में भूसा मिलाकर खिलाएं -डा0 हरशरण दास

Posted on 23 September 2010 by admin

उत्तर प्रदेश के सचिव पशुधन डा0 हरशरण दास ने जानकारी दी है कि पशुपालन विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन के सहयोग से पशु राहत शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन शिविरों में पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था के साथ-साथ उनकी चिकित्सा आदि की भी व्यवस्था की जा रही है।

सचिव पशुधन ने यह जानकारी फसल मौसम सतर्कता समूह (क्राप वेदर वाच ग्रुप) की बैठक में दी। उन्होंने बताया कि पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे बड़े पशुओं में गलाघोटू रोग के नियन्त्रण हेतु एच0एस0 वैक्सीन से टीकाकरण अवश्य कराएं। उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में चारे की फसल में दुर्गन्ध आने लगती है तथा रोग एवं कीट की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए हरे चारे को धोकर उसकी कुट्टी बनाकर ही पशुओं को खिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरे चारे में भूसा मिलाकर ही पशुओं को खिलाना चाहिए अन्यथा पशुओं में पोकनी रोग की समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि पशुओं को चारे में प्रतिदिन खाने वाला नमक देना चाहिए।

डा0 हरशरण दास ने सलाह दी कि पशुओं को ऊंचे एवं साफ-सुथरे स्थान पर बांधें तथा साफ पानी पिलाएं इसके साथ ही सायंकाल पशुओं के आस-पास धुआ अवश्य करें। उन्होंने कहा कि पशुओं को तीन माह के अन्तराल पर कृमि नाशक दवा अवश्य दिलानी चाहिए। उन्होंने सलाह दी है कि चारे की फसलों जैसे ज्वार, मक्का, बाजरा तथा मकचरी अगर एक माह की हो गई हो तो उसमें 50 कि0ग्रा0 प्रति हेक्टेअर की दर से यूरिया की टापड्रेसिंग अवश्य करें।

सचिव पशुपालन ने पशु पालकों को सलाह दी है कि ज्यादा दूध देने वाले पशुओं के ब्याने के तुरन्त बाद पूरा दूध न निकालें अन्यथा उन्हें दुग्ध ज्वर होने की संभावना बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि पशुओं के नवजात बच्चों को उनके वजन का दसवां हिस्सा खीस तीन हिस्सों में बांटकर तीन बार में पिलाएं। उन्होंने बताया कि ऐसा करने से बच्चे स्वस्थ्य व निरोग रहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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