Archive | September 4th, 2010

राज्य वन विकास अभिकरण, उत्तर प्रदेश के गठन को मंजूरी

Posted on 04 September 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मन्त्रिपरिद् की बैठक में निम्न निर्णय लिए गए

लखनऊ -  उत्तर प्रदेश मन्त्रिपरिद् ने आज राज्य वन विकास अभिकरण के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। साथ ही मन्त्रिपरिद् ने राज्य वन विकास अभिकरण का गठन सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट-1860 के अन्तर्गत किए जाने तथा सोसाइटी के मेमोरेण्डम ऑफ एसोसिएशन एवं नियमावली को भी अनुमोदित कर दिया है।

गौरतलब है कि प्रदेश में वन क्षेत्रों के कुछ भागों का संरक्षण संवर्धन एवं विकास स्थानीय ग्रामवासियों के साथ सहभागी प्रबन्धन से किया जा रहा है। इसके लिए वित्त पोण राश्ट्रीय वनीय कार्यक्रम के तहत राश्ट्रीय वनीकरण एवं पारिस्थितिकीय विकास बोर्ड, वन एवं पर्यावरण मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाता है। अब इस कार्यक्रम के संशोधित संचालन मार्ग निर्देश में राज्य स्तर पर वन विकास अभिकरण के गठन करने के निर्देश हैं।

प्रस्तावित राज्य वन विकास अभिकरण, उत्तर प्रदेश के समस्त प्रभागों के वन विकास अभिकरणों के संघ के रूप में कार्य करेगा। पूर्व में प्रभागों द्वारा वन विकास अभिकरण के प्रस्ताव भारत सरकार को अलग-अलग प्रेशित किए जाते थे। वर्तमान निर्देश के अनुसार समस्त वन प्रभागों से सम्बन्धित प्रस्ताव संहत रूप से भारत सरकार को प्रेशित किया जाना है। पूर्व में भारत सरकार द्वारा वित्त पोण सीधे प्रभाग स्तरीय वन विकास अभिकरण को किया जाता था। अब नए मार्ग निर्देश के अनुसार प्रदेश स्तर पर धनरािश भारत सरकार द्वारा राज्य वन विकास अभिकरण को उपलब्ध करायी जायेगी।

लघु उद्यमियों, विशिष्ट हस्तिशल्पियों व निर्यात प्रोत्साहन हेतु संचालित पुरस्कार योजनायें बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी के नाम पर देने का निर्णय

मन्त्रिपरिषद ने लघु उद्यमियों, विशिष्ट हस्तशिल्पियों तथा निर्यात प्रोत्साहन हेतु संचालित पुरस्कार योजनाओं का नामकरण बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी जैसे महानुभावों के नाम पर किये जाने का निर्णय लिया है।

मन्त्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार लघु उद्यमी प्रादेशिक पुरस्कार योजना अब `बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर लघु उद्यमी प्रादेशिक पुरस्कार योजना` के नाम से जानी जायेगी। विशिष्ट हस्त शिल्पियों को दिये जाने वाला प्रादेशिक पुरस्कार योजना भी अब `बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर विशिष्ट हस्तशिल्पी प्रादेशिक पुरस्कार योजना` के नाम से होगी। इसी प्रकार निर्यात पुरस्कार योजना का नाम `मान्यवर श्री कांशीराम निर्यात पुरस्कार योजना` कर दिया गया है।

ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य हैं। प्रदेश के लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश के लघु उद्यमियों को लघु उद्योग पुरस्कार, हस्तशिल्पियों को हस्तशिल्प पुरस्कार एवं निर्यातकों को निर्यात पुरस्कार दिये जाने की योजना विद्यमान है। राज्य सरकार ने इन पुरस्कारों को बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी जैसे महानुभावों की स्मृति स्वरूप, इनके नाम पर संचालित करने का फैसला किया है। इन महानुभावों का देश व समाज के उन्नयन में बहुमूल्य योगदान रहा है। मन्त्रिपरिद के निर्णय से जहां एक ओर  इन पुरस्कार योजनाओं का मान बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर इन पुरस्कारों को पाने वाले व्यक्ति स्वयं को गौरवािन्वत महसूस करेंगे।

कृशि विश्वविद्यालयों एवं डीम्ड विश्वविद्यालय, इलाहाबाद के शिक्षकों/समकक्षीय संवर्ग को पुनरीक्षित वेतनमान देने का निर्णय

मन्त्रिपरिद् ने आज कृषि विश्वविद्यालय, मेरठ, फैजाबाद, कानपुर एवं इलाहाबाद एग्रीकल्चरल इन्स्टीट्यूट (डीम्ड विश्वविद्यालय) इलाहाबाद के शिक्षकों/समकक्षीय संवर्ग को छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप वेतनमान पुनरीक्षित करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
मन्त्रिपरिद् द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार शिक्षकों/समकक्षीय संवर्ग के वेतनमानों का 01 जनवरी, 2006 से पुनरीक्षण कृषि मन्त्रालय, भारत सरकार के पत्र दिनांक 13 मार्च, 2009 के अनुसार होगा। वेतनमानों का पुनरीक्षण उन्हीं मामलों में अनुमन्य होगा, जिनमें 01 जनवरी, 2006 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिद के देय वेतनमान पा रहे थे। पुनरीक्षण वेतनमान का लाभ 01 जनवरी, 2006 से देय होगा तथा अन्य भत्ते उसी प्रकार दिए जायेंगे, जैसा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को स्वीकृत किये जाते हैं।

मन्त्रिपरिद् द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार नए वेतनमानों में नोशनल फिक्सेशन कर भुगतान 01 दिसम्बर, 2008 से देय होगा। पुनरीक्षित वेतनमान के एरियर भुगतान के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया है कि 01 जनवरी, 2006 से 30 नवम्बर, 2008 तक के अवशेश/अन्तरवेतन का भुगतान तभी अनुमन्य होगा, जब आई0सी0ए0आर0 (भारत सरकार) दिनांक 01 जनवरी, 2006 से दिनांक 31 मार्च, 2010 तक की अवधि के एरियर के व्यय भार का 80 प्रतिशत वहन करने के लिए सहमति प्रदान करते हुए इस हेतु देय धनरािश अवमुक्त कर दे। देय अवशेश धनराशि का आधा भुगतान वर्ष 2010-11 में एवं शेश आधा भुगतान वर्ष 2011-12 में किया जायेगा। भुगतान की पद्धति राज्य कर्मचारियों के समान ही होगी।

अनुदानित अभियन्त्रण संस्थाओं में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों हेतु शिक्षण शुल्क का निर्धारण
मन्त्रिपरिषद द्वारा अनुदानित अभियन्त्रण संस्थाओं ( इन्जीनियरिंग कालेज) में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में वर्तमान में लागू शुल्क दरों को संशोधित किये जाने के प्रस्ताव को मन्जूरी प्रदान कर दी है।

मन्त्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार सरकार द्वारा अनुदानित समस्त अभियन्त्रण संस्थाओं में, एन0आर0आई कोटे की पांच प्रतिशत सीटों को छोड़ते हुए शिक्षण सत्र 2010-11 से बी0 टेक, बी0 आर्क, बी0फार्मा आदि के लिये 40 हजार रू0 प्रति छात्र प्रति वर्ष शुल्क निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार एम0सी0ए0, एम0बी0ए0, एम0टेक के लिए 25 हजार रू0 प्रति छात्र प्रति वर्ष शुल्क निर्धारित किया गया है। इस शुल्क में छात्रावास शुल्क तथा परीक्षा शुल्क सम्मिलित नहीं है। छात्रावास शुल्क संस्थाओं द्वारा नियमानुसार अपनी अधिशाशी समिति के माध्यम से निर्धारित की जायेगी। परीक्षा शुल्क प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित किया जायेगा।

यह शुल्क ऐसे छात्रों से लिया जायेगा, जो शिक्षण सत्र 2010-11 में प्रवेश लेंगे। शिक्षण सत्र 2010-11 से पूर्व के छात्रों पर पुरानी व्यवस्था लागू रहेगी। पिछले शिक्षण सत्र में प्रवेश लेने वाले ऐसे छात्र जो या तो फेल हो गये हैं या किसी अन्य कारण से परीक्षा नहीं दे सके हैं और पुन: सत्र 2010-11 में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेते हैं, उन पर नई शुल्क व्यवस्था लागू होगी।

एन0आर0आई0 की अधिकतम पांच प्रतिशत सीटों पर अधिकतम शुल्क 07 हजार यू0एस0 डॉलर प्रति छात्र प्रति वर्ष होगा। इसके अलावा प्रवेश के समय छात्रों से एक बार पांच हजार रू0 की धनराशि प्रतिभूति के रूप में ली जायेगी, जो पाठ्यक्रम के अन्तिम वर्ष के समाप्त होते ही सम्बंधित छात्र को नियमानुसार वापस कर दी जायेगी।

राज्य सरकार द्वारा अनुदानित अभियन्त्रण संस्थाओं में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों की फीस का निर्धारण भविश्य में आवश्यकता/औचित्य को देखते हुए संस्थान की प्रशासकीय परिद द्वारा किया जायेगा।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा अनुदानित अभियन्त्रण संस्थाओं में बी0टेक0, बी0आर्क तथा बी0 फार्मा पाठ्यक्रमों हेतु 25 हजार रू0 प्रति छात्र प्रतिवर्ष, समस्त स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम हेतु 17 हजार रू0 प्रति छात्र प्रति वर्ष तथा एन0आर0 आई0 सीट हेतु पांच हजार यू0 एस0 डॉलर प्रति छात्र प्रतिवर्ष फीस वर्ष 2003 में निर्धारित की गई थी। अभियन्त्रण संस्थाओं को प्राप्त होने वाला अनुदान वर्ष 1998-99 से फ्रीज है। पिछले सात वर्षो में मुद्रा स्फीति की दरों तथा विभिन्न उपकरणों एवं अन्य जरूरी संसाधनों की कीमतों में हुई वृद्धि एवं छठे वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू किये जाने से वित्तीय भार में हुई बढोत्तरी को दृिश्टगत रखते हुए राज्य सरकार ने पूर्व निर्धारित शुल्क को पुनरीक्षित करने का फैसला किया है।
01 अप्रैल, 2005 के पूर्व राज्य सरकार के अधीन किसी पेंशनयुक्त सेवा संवर्ग में नियुक्त ऐसे कर्मी जो 01 अप्रैल, 2005 को अथवा इसके पश्चात राज्य सरकार के अधीन किसी अन्य पेंशनयुक्त सेवा में नियुक्त हों, को पुरानी परिभाशित लाभ पेंशन योजना से आच्छादित माने जाने की अनुमति

उत्तर प्रदेश मन्त्रिपरिद ने आज राज्य कर्मचारियों की पेंशन से सम्बन्धित एक मसले पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसके तहत ऐसे सभी कर्मचारी जिन्होंने राज्य सरकार की अथवा ऐसे समस्त शासन के नियन्त्रणाधीन स्वायत्तशासी संस्थाओं और शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, जिनमें राज्य कर्मचारियों की पेंशन योजना की भान्ति पेंशन योजना लागू थी और उनका वित्त पोशण राज्य सरकार की समेकित निधि से किया जाता है, की पेंशनयुक्त सेवा में 01 अप्रैल, 2005 को अथवा इसके पश्चात राज्य सरकार की अथवा शासन के नियन्त्रणाधीन उक्त उिल्लखित स्वायत्तशासी संस्थाओं और शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं की पेंशनयुक्त सेवा में अपनी पूर्व सेवा से कार्यमुक्त होकर अथवा तकनीकी त्यागपत्र देकर नियुक्त होते हैं, तो उसी पेंशन योजना से आच्छादित माने जायेंगे, जिस पेंशन योजना से वे दिनांक 01 अप्रैल, 2005 के पूर्व आच्छादित थे।

ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार ने 01 अप्रैल, 2005 को अथवा इसके पश्चात नई भर्तियों से आने वाले कर्मियों पर नई परिभाशित अंशदायी पेंशन योजना अनिवार्य रूप से लागू किया है।
उत्तर प्रदेश सचिवालय खान-पान निगम का नाम परिवर्तित कर उ0प्र0 सचिवालय सत्कार सेवा संस्था किया गया

मन्त्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सचिवालय खान-पान निगम के नाम को परिवर्तित कर उ0प्र0 सचिवालय सत्कार सेवा संस्था किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
बायो पेस्टीसाइड्स, बायो एजेन्ट्स, इको फ्रेण्डली व बीज शोधक रसायनों पर वर्ष 2010-11 में अनुदान दिये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
मन्त्रिपरिषद ने बायोपेस्टीसाइड्स, बायो एजेन्ट्स तथा इको फ्रेण्डली एवं बीज शोधक रसायनों पर वर्ष 2010-11 में अनुदान दिये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया है। यह अनुदान वित्तीय वर्ष 2009-10 की भान्ति दिया जायेगा।
मन्त्रिपरिषद के फैसले के अनुसार लघु एवं सीमान्त कृशकों को बायो पेस्टीसाइड्स, बायो एजेन्ट्स पर 90 प्रतिशत तथा इको फ्रेण्डली रसायनों पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। इस श्रेणी के कुल लाभार्थियों में 30 प्रतिशत महिलाएं होंगी।

अनुसूचित जाति/जन जाति के कृषकों को बायोपेस्टीसाइड्स तथा बायो एजेन्ट्स पर 90 प्रतिशत तथा इको फ्रेण्डली रसायनों पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। इस श्रेणी के कुल लाभार्थियों में भी 30 प्रतिशत महिलाएं होंगी।
बीज शोधक रसायनों पर कृषकों को 90 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य होगा।  25 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जाति/जनजाति के होंगे जिनमें महिला लाभार्थी 30 प्रतिशत होंगी।

ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा बायोपेस्टीसाइड्स, बायो एजेन्ट्स तथा इको फ्रेण्डली एवं बीज शोधक रसायनों की खपत में बढ़ोत्तरी के लिए इन पर अनुदान की योजना लागू की गई। इस योजना के लागू होने से फसलों में कीट/रोग नियन्त्रण की नई तकनीक को बढ़ावा मिला है।
उ0प्र0 अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली-2010 प्रख्यापित

मन्त्रिपरिषद ने उ0प्र0 अधिनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली-2010 प्रख्यापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) संवर्ग एक अधीनस्थ अराजपत्रित सेवा है, जिसमें राजकीय विद्यालयों में विभिन्न विषयों का अध्यापन कार्य सम्पादित करने वाले सहायक अध्यापक/सहायक अध्यापिका के पद सम्मिलित है। इस वर्ग के शिक्षकों के लिए उ0प्र0 अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा नियमावली 1983 तथा उसका प्रथम संशोधन 1992 प्रख्यापित की गई थी।

नियम-8 (यथा संशोधित) में प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी के अध्यापकों के विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती की शैक्षिक अहर्तायें निर्धारित हैं। सीधी भर्ती के वर्तमान अहर्ताओं में डा0 शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा प्रदत्त बी0एड0 (विशेष शिक्षा) की अहर्ता को कतिपय पदों की सीधी भर्ती की अहर्ता में सम्मिलित किया जाना प्रस्तावित था। यह संशोधन विकलांगों को सेवा योजन का अवसर प्रदान किये जाने के उद्देश्य से किया गया था।

सीधी भर्ती की प्रक्रिया सम्बन्धी नियमों में आवेदन पत्र के साथ ली जाने वाली फीस निर्धारित है। वर्तमान में यह फीस अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति के अभ्यर्थियों के लिए 5 रूपये तथा अन्य श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए 15 रूपये निर्धारित है। यह फीस अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 40 रूपये तथा अन्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए 100 रूपये प्रस्तावित किया गया।

उत्तर प्रदेश वेतन समिति-2008 की संस्तुतियों के क्रम में लागू वेतन संरचना में वेतन के आधार पर अग्रिम अनुमन्य किए जाने का निर्णय

मन्त्रिपरिद् ने आज उत्तर प्रदेश वेतन समिति-2008 की संस्तुतियों के क्रम में लागू वेतन संरचना में वेतन के आधार पर राज्य कर्मचारियों को भवन निर्माण/क्रय, भवन मरम्मत/विस्तार, मोटर कार/मोटर साइकिल/स्कूटर/मोपेड तथा व्यक्तिगत कम्प्यूटर क्रय हेतु अग्रिम अनुमन्य किए जाने की मंजूरी प्रदान कर दी है।

मन्त्रिपरिद् द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार भवन निर्माण/क्रय हेतु वेतन बैण्ड में 34 माह का वेतन या अधिकतम रूपये 7.50 लाख अथवा भवन की लागत, जो भी कम हो, भवन मरम्मत/विस्तार हेतु वेतन बैण्ड में 34 माह का वेतन या अधिकतम रूपये 1.80 लाख अथवा विस्तार की लागत, जो भी कम हो, को अनुमति प्रदान कर दी गई है। इसी प्रकार मोटर कार अग्रिम हेतु वेतन बैण्ड में वेतन रूपये 19,530 या अधिक की पात्रता निर्धारित की गई है। मोटर साइकिल/स्कूटर हेतु वेतन बैण्ड में वेतन रूपये 8,560 या अधिक तथा मोपेड/आटो साइकिल हेतु वेतन बैण्ड में वेतन रूपये 5,060 या अधिक पाने वाले कर्मचारियों को अग्रिम देने का निर्णय लिया गया है। साइकिल हेतु वेतन बैण्ड में वेतन रूपये 9,300 या कम की पात्रता निर्धारित की गई है। व्यक्तिगत कम्प्यूटर अग्रिम हेतु वेतन बैण्ड में वेतन रूपये 14,880 या अधिक पाने वाले कर्मियों की पात्रता निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है।

ज्ञातव्य है कि विभिन्न अग्रिमों की अधिकतम अनुमन्य राशियों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। अग्रिमों से सम्बन्धित यह सभी निर्णय केन्द्र सरकार के वर्तमान में लागू नियमों के आधार पर लिए गए हैं।

विभिन्न विभागों, नागर निकायों, आवास-विकास परिद एवं विकास प्राधिकरणों में कार्यरत वर्कचार्ज व दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को विनियमित करने का निर्णय

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मन्त्रिपरिषद की बैठक में विभिन्न विभागों, नागर निकायों, आवास-विकास परिषद तथा विकास प्राधिकरणों में वशZ 1991 के पूर्व नियुक्त/कार्यरत समस्त वर्कचार्ज एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को विनियमित करने का निर्णय लिया गया है।

मन्त्रिपरिषद के निर्णय के अनुसार विभिन्न विभागों में नियुक्त/कार्यरत समस्त वर्कचार्ज तथा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए अधिसंख्य पद सृजित किये जायेंगे। इस निर्णय से सरकार पर लगभग 20 करोड़ रूपये का वार्शिक अतिरिक्त व्यय भार आयेगा।

इसी प्रकार नागर निकायों, आवास-विकास परिषद तथा विकास प्राधिकरणों में कार्यरत समस्त वर्कचार्ज तथा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, जिनकी नियुक्ति 1991 से पहले की है, को सम्बंधित संस्थाओं में अधिसंख्य पद सृजित करते हुए विनियमित किया जायेगा। इन कर्मियों के विनियमितीकरण से स्थानीय निकायों एवं विकास प्राधिकरणों पर लगभग 60 करोड़ रूपये का वार्शिक अतिरिक्त व्यय भार आयेगा, जिसे सम्बंधित निकाय/प्राधिकरण द्वारा वहन किया जायेगा।

ज्ञातव्य है कि वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न विभागों में लगभग 10 हजार वर्कचार्ज तथा 9़800 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी वर्ष 1991 के पहले से कार्यरत है। इसी प्रकार नागर निकायों में लगभग 03 हजार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, आवास-विकास परिशद तथा विभिन्न प्राधिकरणों में लगभग 03 हजार वर्कचार्ज और एक हजार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी वर्ष 1991 से पूर्व कार्य कर रहे हैं। इन सभी कर्मचारियों में से अधिकांश को मा0 उच्च न्यायालय के विभिन्न आदेशो के तहत न्यूनतम वेतन तथा उस पर देय भत्ता प्रदान किया जा रहा है। यह भी ज्ञातव्य है कि शासन द्वारा 29 जून, 1991 के पश्चात् दैनिक वेतन अथवा वर्कचार्ज पर नियुक्ति प्रतिबन्धित है।

राज्य के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 5200-20200 रू0 वेतन बैण्ड तथा 1800 रूपये का ग्रेड-पे देने का निर्णय

सरकार के इस निर्णय से 3 लाख कर्मचारी लाभािन्वत होंगे

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मन्त्रिपरिषद की बैठक में राज्य के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के तहत केन्द्र सरकार की भान्ति 5200-20200 रूपये वेतन बैण्ड तथा 1800 रूपये का ग्रेड पे देने का निर्णय लिया गया है।

मन्त्रिपरिषद के इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 03 लाख चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उच्च वेतन बैण्ड का लाभ मिलेगा, जिस पर लगभग 350 करोड़ रूपये का वार्शिक व्यय भार आयेगा। भारत सरकार की भान्ति राज्य सरकार द्वारा समस्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर तात्कालिक प्रभाव से नई भर्ती नहीं करने का निर्णय लिया है।

ज्ञातव्य है कि वर्तमान में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 4440-7440 रूपये का वेतन बैण्ड तथा 1300 रूपये ग्रेड पे रिप्लेसमेंट के रूप में दिया जा रहा है। वेतन समिति द्वारा यह संस्तुति की गई थी कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 4440-7440 का वेतन बैण्ड दिया जाय तथा ग्रेड पे 1300 रूपये से बढ़ाकर 1400 रूपये किया जाये तथा इनके ऊपर वाले वेतन में ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जिनकी संख्या लगभग 30 हजार होगी, को केन्द्र सरकार की भान्ति 5200-20200 वेतन बैण्ड एवं 1800 ग्रेड पे के रूप में दिया जाये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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प्रदेश की राजधानी लखनऊ को आदर्श शहर के रूप में विकसित करें- मुख्यमन्त्री

Posted on 04 September 2010 by admin

लखनऊ के समग्र विकास हेतु 456 करोड़ रूपये का प्राविधान

लखनऊ शहर को बुनियादी नागरिक सुविधाओं से सन्तृप्त बनायें

लखनऊ के विभिन्न घने व्यवसायिक क्षेत्रों में पार्किंग की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

हजरतगंज क्षेत्र का सौन्दर्यीकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाये

लखनऊ  -  प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ के समेकित विकास के लिए बुनियादी नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों को पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूरा कराने के कड़े निर्देश दिये है। उन्होंने लखनऊ शहर को आदर्श शहर के रूप में विकसित करने के निर्देश देते हुए कहा कि शहर में पेयजल, विद्युत, सीवर, सड़क, पार्किंग, बाजार व पार्को आदि की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि यहां आने वाले पर्यटकों एवं नगर वासियों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इस सम्बंध में शिकायत मिलने पर दोशी अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।

मुख्यमन्त्री ने यह निर्देश उस समय दिये जब उ0प्र0 राज्य सलाहकार परिशद के अध्यक्ष श्री सतीश चन्द्र मिश्र ने आज एनेक्सी सभाकक्ष में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में लखनऊ के समेकित विकास के लिए चल रही विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करने के बाद बैठक के निष्कर्षो से उन्हें अवगत कराया।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि लखनऊ के समग्र विकास हेतु विभिन्न योजनाओं हेतु 456 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है।

मुख्यमन्त्री ने लखनऊ के समग्र विकास हेतु विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लेते हुए कहा कि जे0एन0एन0यू0आर0एम0 के तहत निर्माणधीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लाण्ट परियोजना का कार्य प्रत्येक दशा में सितम्बर माह के अन्त तक पूरा कर लिया जाये। उन्होंने लखनऊ शहर की विभिन्न पेयजल योजनाओं के कार्य को भी मार्च 2011 के पूर्व पूरा कराने के निर्देश दिए।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि लखनऊ शहर की अगले 20 साल की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए घने व्यवसायिक क्षेत्रों में समुचित पार्किंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये। इस क्रम में दिल्ली की पालिका बाजार की तर्ज पर सरोजनी नायडू पार्क में पार्किंग की व्यवस्था की जाये। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही दयानिधान पार्क में पार्किंग, कैसरबाग सब्जी मण्डी में मल्टी लेबिल पािर्कंग, भोपाल हाउस पार्किंग का सौन्दर्यीकरण एवं सिविल कोर्ट के पास पार्किंग की व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित की जाये। उन्होंने हजरतगंज के सौन्दर्यीकरण तथा गोमती रिवर फ्रंट के विकास के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया।

बैठक में मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव वित्त श्री अनूप मिश्र, प्रमुख सचिव मुख्यमन्त्री व सचिव राज्य सलाहकार परिषद् श्री आर0पी0 सिंह, प्रमुख सचिव आवास श्री रवीन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव परिवहन श्री माजिद अली, प्रमुख सचिव नियोजन श्री मंजीत सिंह, प्रमुख सचिव न्याय श्री के0के0 शर्मा, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री किशन सिंह अटोरिया, मण्डलायुक्त लखनऊ श्री प्रशान्त त्रिवेदी, जिलाधिकारी लखनऊ श्री अनिल कुमार सागर, नगर आयुक्त लखनऊ श्री एस0 के0 सिंह व अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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संशोधित किसानों की हर सम्भव मदद की जायें - सहकारिता मन्त्री

Posted on 04 September 2010 by admin

उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक आधुनिक कार्य संस्कृति अपनायें

बैंक की ऋण वसूली में आशातीत सुधार विगत एक साल में 268 कार्मिकों की पदोन्नतियॉ

लखनऊ -  उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के सदस्यों की संख्या विगत तीन वर्षो में 120694 से बढ़कर 132.841 हो गई। जिसके फलस्वरूप बैंक की अंश पूंजी तथा निजी पूंजी भी क्रमश: 254 करोड़ से 471 करोड़ रूपये एवं 422 करोड़ से बढ़कर 457 करोड़ रूपये हो गई है। इसी अवधि में ऋण वितरण का लक्ष्य भी 490 करोड़ से बढ़कर 703 करोड़ रूपये हो गया है। विगत दस वर्षो से ऋण वसूली में आ रही गिरावट को रोकने के लिये बैंक शाखाओं के अभिलेखों को विगत तीन वर्षो में दुरूस्त कराया गया, जिसके कारण वसूली में आशातीत बढ़ोत्तरी हुयी है।

यह बात सहकारिता मन्त्री श्री बाबू सिंह कुशवाहा ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बैंक के तीन वर्ष की उपलब्धियों की समीक्षा करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि बैंक की शाखाओं के अभिलेख पूर्ण कराये जाने से ऋण वसूली में सहूलियत हुयी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ऋण माफी एवं ऋण राहत योजना के पूर्ण होने के उपरान्त बैंक की वसूली हेतु विशेष प्रयास किये गये। वित्तीय वर्ष 2008-09 में 38 प्रतिशत के सापेक्ष 2009-10 में 44 प्रतिशत वसूली हुयी, जो गत वर्ष से 6 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार बैंक की नकद वसूली में अपेक्षित सुधार हुआ।

मन्त्री ने बताया कि किसानों में जागरूकता अभियान चलाने के लिये नाबार्ड के सहयोग से प्रदेश में 202 कृषक क्लबों का गठन किया जा चुका है। बैंक के अपने आय स्त्रोत विकसित करने हेतु सावधि जमा योजना के अन्तर्गत रू0 40.00 करोड़ तक की जमा वर्ष 2009-10 करायी गई, जो विगत तीन वर्ष पहले के 3.34 करोड़ रू0 से 36.66 करोड़ रूपये अधिक है। इससे बैंक के वित्तीय स्त्रोतों में वृद्धि हुयी।

उन्होंने कहा कि बैंक में अधिकतम कर्मचारियों एवं अधिकारियों के सेवा सम्बंधी मामलों का निस्तारण करते हुये 268 पदोन्नतियॉं वर्ष 2009-10 में की गई, जो बैंक के इतिहास में कर्मचारी हित में एक अभूतपूर्व निर्णय है। बैंक में नयी कार्य प्रणाली एवं कार्य संस्कृति विकसित करने के लिये स्वस्थ परिवेश सृजन तथा अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब का निर्माण कराया गया। किसानों तथा बैंक के प्रधान कार्यालय पर आने वाले आगन्तुकों के दर्शनार्थ बैंक की कार्य पद्धति-प्रणाली एवं प्रगति को प्रदर्शित करते हुये आकर्षक प्रदर्शनी कक्ष बनाया गया है। उन्होंने निर्देश दिये कि किसानों में सहकारिता के प्रति जागरूकता पैदा की जाये तथा किसानों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जाये, जिससे उनकी आय में इजाफा हो सके।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री अमल कुमार वर्मा, प्रबंध निदेशक श्री नवल किशोर सहित बैक के सभी अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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आर0एल0बी0 में शिक्षक समारोह का आयोजन

Posted on 04 September 2010 by admin

लखनऊ -  प्रदेश में बेसिक शिक्षा मन्त्री डा0 धर्म सिंह सैनी, कल 05 सितम्बर शिक्षक दिवस के अवसर पर पूर्वाहन 11:00 बजे रानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल, सेक्टर-14, इिन्दरा नगर (नजदीक मुंशी पुलिया) के कैप्टन मनोज पाण्डेय सभागार में आयोजित शिक्षक समारोह में शिक्षकों को सम्मानित करेंगे।

इस अवसर पर डा0 सैनी उत्कृष्ट शिक्षकों को पुरस्कार भी वितरित करेंगे। यह जानकारी निदेशक श्री डी0सी0 कनौजिया ने दी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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शिक्षक दिवस पर नौ विद्वानों को उच्च शिक्षा मन्त्री सरस्वती सम्मान एवं शिक्षक श्री सम्मान से विभूषित करेंगे

Posted on 04 September 2010 by admin

लखनऊ -  उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मन्त्री डा0 राकेशधर त्रिपाठी कल दिनांक 05 सितम्बर, 2010 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य के नौ उल्लेखनीय विद्वानों को प्रतििष्ठत सरस्वती सम्मान एवं शिक्षक श्री सम्मान से विभूषित करेंगे।

विद्वानों को विभूषित करने का कार्यक्रम डा0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में कल दिनांक 05 सितम्बर को दोपहर 12:00 बजे आयोजित किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध हिन्दी विद्वान एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यसचिव डा0 शम्भूनाथ करेंगे। इस अवसर पर अनेक गणमान्य विद्वान एवं अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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औषधीय पौधा `आर्टीमिसिया एन्नुआ` की खेती

Posted on 04 September 2010 by admin

लखनऊ - सीमैप में कृषि के विस्तार एवं उन्नत प्रौद्योगिकी के लिए कृषकों के आर्थिक उन्नति को सुदृढ़ करने के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण औषधीय पौधा `आर्टीमिसिया एन्नुआ` की खेती को आगे बढ़ाने के लिए `इपका लेबोरेट्रीज, रतलाम, (म. प्र.) के साथ लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली तथा अन्य निकटवर्ती जनपदों से लगभग 25 से भी अधिक कृषकों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में तकनीकी एवं व्यापार विकास विभाग के प्रमुख डा. ए. के. सिंह ने `आर्टीमिसिया एन्नुआ` के सेरीब्रल मलेरिया उपचार हेतु औषधीय गुणों तथा व्यवसायिक विन्दुओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए जोर देकर कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व में मलेरिया जैसी बीमारी भयावह रूप ले रही है जिसके लिए केवल एक मात्र औषधि `आर्टीमिसिया एन्नुआ से निर्मित औषधि ही एक विकल्प के रूप में हमारे सामने है। आज देश में इपका कम्पनी आगे आकर हमारे कृषकों के आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करने के लिए तत्पर है जिससे हमारे कृषक भाइयों को अधिक से अधिक लाभ भी होगा और दुनिया को जीवन रक्षक दवा भी मिलेगी। डा. वी. के. एस. तोमर ने इसकी उन्नत खेती पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हमारे किसान भाई इस महत्वपूर्ण फसल को अपने खेतों पर जरूर लगायें और फसल चक्र में अपनाकर प्रति एकड़ 25-30 हजार रूपये का शुद्ध लाभ प्राप्त कर सकते है।

इपका लेबोरेट्रीज लि. के प्रतिनिधि डा. डी. सी. जैन व सुश्री अलका दंगेश ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर ईमानदारी व कर्तव्य निष्ठा से कोई भी काम किया जायेगा तो कृषकों को अधिक से अधिक लाभ भी मिलेगा तथा खेती के नये-नये आयाम भी विकसित होगें। इस वर्ष इस मलेरिया-रोग रोधी औषधि के स्रोत वाली फसल लगभग 3000 हजार से भी अधिक क्षेत्रफल में लगाने की योजना है जिसमें उ. प्र. उत्तराखण्ड व विहार के किसान इसमें आगे आकर अपनी खेती से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है। आज पूरे विश्व में इस औषधि की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है और जब खेती होगी तभी इसका उत्पादन होगा और दवा कम्पनियों को कच्चा माल सुलभ मात्रा उपलब्ध कराया जा सकता है। कम्पनी को लगभग 5000 टन आर्टीमिसिनिन तत्व की आवश्यकता है और एक टन मेें 4 किलोग्राम ही तत्व प्राप्त होता है तो अन्दाजा लगाया जा सकता है कि कितने क्षेत्रफल में इसकी खेती की जाये तो आर्टीमिसिया तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल सकता है। अन्त में कृषकों ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा बढ़-चढ़कर इसकी खेती करने के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नई भूमि अधिग्रहण नीति संघर्षरत किसानों की जीत है - रीता बहुगुणा

Posted on 04 September 2010 by admin

लखनऊ - उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नई भूमि अधिग्रहण नीति उन संघर्षरत किसानों की जीत है जिन्होने मायावती सरकार की शोषण पर आधारित भूमि अधिग्रहण नीति के विरूद्ध एवं अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष किया और कई किसानों ने अपनी जान की  कुर्बानी दी।

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि वास्तव में उ0प्र0 सरकार की यह घोषणा किसानों के लिए “राहुल गांधी बोनस´´ है। अभी तक किसानों के विरूद्ध खड़ी दिख रहीं प्रदेश की मुख्यमन्त्री द्वारा अचानक नई भूमि अधिग्रहण नीति घोषित करना वास्तव में कांग्रेस पार्टी द्वारा किसानों के आन्दोलन को किये जा रहे समर्थन की जीत है। उन्होने श्रीमती सोनिया गांधी व श्री राहुल गांधी को उ0प्र0 में किसान के सरोकारों को मजबूती से उठाने एवं उ0प्र0 सरकार को हरियाणा पैकेज के आधार पर नीति घोषित करने हेतु मजबूर किये जाने के लिए बधाई दी है।

उन्होने कहा कि यह श्रीमती सोनिया गांधी ही थीं जिन्होने हरियाणा सरकार द्वारा घोषित पैकेज के लिए पहल की थी। पिछले वर्ष उन्होने दादरी, गौतमबुद्धनगर में किसानों की एक विशाल रैली को सम्बोधित किया था। उन्होने किसानों को भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून लाने के लिए आश्वस्त किया था और उ0प्र0 सरकार को सलाह दी थी कि जब तक ऐसा न हो जाय तब तक हरियाणा पैकेज के आधार किसानों को मुआवजा दिया जाय। हरियाणा के मुख्यमन्त्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने वहां अपने संबोधन में हरियाणा पैकेज के बारे में विस्तार से बताया था तब से पश्चिमी उ0प्र0 के किसान भी वैसा ही पैकेज दिये जाने की मांग कर रहे हैं। श्री राहुल गांधी का टप्पल दौरा अधिग्रहण के बारे में उनका साफ दृष्टिकोण एवं प्रधानमन्त्री द्वारा भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल को लोकसभा के अगले सत्र में लाने का श्री राहुल गांधी को दिये गये आश्वासन के बाद उ0प्र0 सरकार पर यह दबाव बढ़ गया था कि इस मुद्दे पर त्वरित कार्यवाही करे। उ0प्र0 में मायावती सरकार द्वारा मनमाने ढंग से भूमि अधिग्रहीत करने, जिसमें किये गये भ्रष्टाचार के कारण किसानों को विश्वास राज्य सरकार पर से उठ गया था। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि निजी बिल्डर और कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की नीयत से राज्य सरकार किसानों के विरूद्ध कार्य कर रही थी और बदले में उसे लाभ मिल रहा था।

डा0 जोशी ने कहा कि सुश्री मायावती यह भलीभान्ति जानती हैं कि अगले दो-तीन महीनों में भूमि अधिग्रहण बिल संसद में पारित हो जायेगा, इसीलिए अब वह किसानों के लिए जिस पैकेज की बात करके उन्हें अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही हैं वह अभी भी हरियाणा पैकेज जितना फायदेमन्द नहीं है।

हरियाणा में विशेष आर्थिक जोन, औद्योगिक पार्क और टेक्नालाजी सिटी बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सरकार प्रोजेक्ट एरिया का पचीस प्रतिशत से ज्यादा अधिग्रहीत नहीं कर सकती और एनसीआर से बाहर पचास प्रतिशत से ज्यादा नहीं कर सकती, उ0प्र0 सरकार का पैकेज इस विषय में चुप है।

हरियाणा पैकेज के अन्तर्गत निजी परियोजनाओं हेतु भूमि लिये जाने में 30 हजार रूपये वार्षिक राशि प्रति एकड़ 33वर्षो तक दी जाती है जिसमें एक हजार प्रति वर्ष इजाफा किया जाता है। उ0प्र0 सरकार ने मात्र 20हजार रूपये वार्षिक राशि प्रति एकड़ घोषित की है जो प्रति वर्ष केवल 5सौ रूपये ही बढ़ेगी।

हरियाणा में अधिग्रहण राशि का एक प्रतिशत का प्रयोग भू स्वामी, उनके बच्चों एवं प्रभावित गांवों के बेरोजगार नौजवानो के लिए दक्षता विकास पहल के लिए किया जाता है। उ0प्र0 सरकार के पैकेज में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

अधिग्रहण के लिए फ्लोर रेट की घोषणा नहीं की गई है। हरियाणा पैकेज में इस बात का भी प्रावधान है कि क्षेत्र को विकसित करने वाले पूरे परियोजना कीमत का 2प्रतिशत स्वास्थ्य एवं शिक्षा सहित नागरिक आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने हेतु प्रदान करेगा, जहां पर यह किसान बसाये जायेंगे।

हरियाणा में भूमि विकसित करने वाली एजेंसी, भूमि देने वाले किसान के परिवार के कम से कम एक सदस्य को नौकरी देगा। तकनीकी नौकरियों केा छोड़कर सभी नौकरियों में कम से कम 25प्रतिशत रोजगार हरियाणा के स्थायी निवासियों को दिया जायेगा। इस तरह का कोई भी प्रावधान उ0प्र0 के पैकेज में नहीं है।

उ0प्र0 के पैकेज में क्षेत्र के भूमिहीन किसानों के लिए जो मुख्यत: अनु.जाति एवं पिछड़ी जातियों के हैं कोई प्रावधान नहीं है। कांग्रेस का यह मानना है कि उन्हें भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रेाजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत देय राशि के आधार पर 10हजार रूपये प्रतिवर्ष वार्षिक राशि के रूप में देय होना चाहिए जिसमें प्रति वर्ष एक हजार रूपये का इजाफा होना चाहिए।

उ0प्र0 के पैकेज में यह भी स्पष्ट नहीं है कि पिछले कुछ समय में जिन किसानों की जमीन जबरन अधिग्रहीत की गई है उनकी शिकायतें किस तरह दूर की जायेंगीं।

डॉ0 जोशी ने कहा कि  उ0प्र0 सरकार के पैकेज का पूरा विवरण मिल जाने के बाद कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद आगे की कार्यवाही के बारे में निर्णय करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बिन ब्याही मां बनी प्रकरण से शिशुओ के खरीद फरोख्त का धन्धा हुआ उजागर

Posted on 04 September 2010 by admin

अधेंरे में तीर चला रही नगर कोतवाली पुलिस

सुल्तानपुर - बिनव्याही मां बनी उमा, के प्रकरण से जिले में नवजात शिशुओं के खरीद फरोक्त का धन्धा उजागर हुआ है। इस गोरखधन्धे से जुडें लोगो पुलिस अभी तक परछाई नही पा सकी है। फिलहाल आभा नर्सिगहोम की तर्ज पर कई और भी नर्सिगहोम बदस्तूर चल रहे है।

सूत्रों की मानों तो जिला महिला अस्पताल सें यह धन्धा दलालों के जरियें चरम पर है। बहरहाल स्टाफ नर्स उशा दूबे से पूछ-तांछ में पूरा प्रकरण में आइने की तरह साफ हो जायेगा। कोतवाली नगर अन्तर्गत पल्टू का पूरवा की रहने वाली बिनव्याही 16 वर्षीय कुसुम मौर्या (काल्पनिक नाम) को जब परिजन 30 अगस्त को लेकर जिलाअस्पताल पहुंचे तो यहा पर डियूटी पर तैनात स्टाफ नर्स उशा दूबे की बांछे खिल गई। रात्रि 02 बजे उशा दूबे आभा नर्सिग होम पहुचें, जहां पर उसे एक बच्चा पैदा हुआ। सूत्रों के मुताबिक बच्चे को लाखों रूपये में इन्ही लोगों ने एक महिला के हाथ बेच डाला, जब हो-हल्ला मचा तो पुलिस ने कार्यवाही करते हुए उशा दूबे समेत छ: (06) लोगो के विरूद्व धारा 363,364,384,317,506, के तहत मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी को जेल भेज दिया।

मृतक शिशु को बरामद कर पोश्टमार्टम कराया गया। सूत्रों की माने तो कुसुम का बच्चा अब भी जिन्दा है, कार्यवाही के डर से बीमार हाल बच्चे को सौंपा गया था। जिसकी कुछ क्षणों में मौत हो गई थी, इस पूरे खेल से स्टाफ नर्स व नर्सिग होम संचालक की कार्य गुजारियों का भण्डाफोड़ हुआ है। सूत्रो के मुताबिक अस्पताल में नवजात शिशुओं को अदलाबदली का भी खेल-खेला जाता है। पुलिस अभी अन्य अभियुक्तों की धर पकड़ के लिये हाथ पैर मार रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नगर की सफाई को लेकर स्वयं सेवी संगठनो कसी कमर

Posted on 04 September 2010 by admin

सुलतानपुर- जैसे- जैसे पॉच सितम्बर नजदीक आ रहा है जिले के स्वयंसेवी संगठनों ने नगर को साफ- सुथरा बनाने के लिए अपने- अपने  वार्डो की बैठके कर के रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसी परिपेक्ष्य में  शाहगंज वार्ड की सफाई व्यवस्था को लेकर आज नगर पालिका परिशद के चेयर मैन प्रवीण अग्रवाल के निवास स्थान पर आर्ट आफ लिविंग  के कार्य कर्ताओं  एवं वार्ड के लोगों के  साथ बैठक की।

ज्ञात हो कि पूरे जनपद में 05 सितम्बर को जिले की सारी समाज सेवी संगठनों ने जिला प्रशासन के सहयोग से नगर को स्वच्छनगर बनाने का बीड़ा उठाया है। उक्त बैठक में नगर पालिका चेयर मैन, मनीश जायसवाल शाहगंज वार्ड सभासद, पल्लवी वर्मा, डा0 सुधाकर सिंह, डा0 पी0पी0 पाण्डेय, कर्नल ए़केजे सिंह , डा0 कुलदीप पाण्डेय, लाल जी वर्मा, पत्रकार विजय पाण्डेय, जितेन्द्र श्रीवास्तव सहित लगभग दो दर्जन स्थानीय लोग मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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शिक्षामित्र की नियुक्ति में हुई धांधली की शिकायत

Posted on 04 September 2010 by admin

थाना लम्भुआ अन्तर्गत निवासी गया प्रसाद तिवारी ने शिक्षामित्र की नियुक्ति में हुई धांधली को लेकर जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौंपा हैं

मामला ग्राम सभा मुकुन्दपुर विकासखण्ड लम्भुआ में सन 2006 में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी अमर कान्त  सिंह पर आरोप लगाते हुए मामले की जांच करने की मांग की है। आरोपी गया प्रसाद तिवारी ने शिकायती पत्र में लिखा है कि ग्राम सभा मुकुन्दपुर मेकं सन 2006 में दो शिक्षा मित्रों के पद रिक्त हुए थे , जिसमें अभ्यर्थी नें अपना आवेदन पत्र दिया था। अभ्यर्थी अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक के रूप में कार्य भी कर चुका हैं  जब कि शासनादेश में शिक्षामित्र की अहर्ता में अनौपचारि के पद पद पर कार्य कर चुके लोगों की सीधे भर्ती होने को थीं परन्तु पूर्व में रह चुकें जनपद के जिला बेसिकिशक्षा अधिकारी अमर कान्त सिंह नें नीता देवी की नियुक्ति जिसेकी 06 माह उम्र भी कम थी घन लेर कर दिया तथा दूसरे पद पर पूनम देवी की नियुक्ति भारी- भरकम धन लेकर कर दिया। जब की अनौपचारि शिक्षा अनुदेशकों की शिक्षामित्र पद पर चयन करना प्रथम वरीयता थी।

उक्त प्रकरण की जांच गया प्रसाद ने जिलाधिकारी से की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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