उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मन्त्रिपरिषद् की बैठक में निम्न निर्णय लिए गए
लखनऊ - उत्तर प्रदेश मन्त्रिपरिषद् ने आज राज्य वन विकास अभिकरण के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। साथ ही मन्त्रिपरिषद् ने राज्य वन विकास अभिकरण का गठन सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट-1860 के अन्तर्गत किए जाने तथा सोसाइटी के मेमोरेण्डम ऑफ एसोसिएशन एवं नियमावली को भी अनुमोदित कर दिया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में वन क्षेत्रों के कुछ भागों का संरक्षण संवर्धन एवं विकास स्थानीय ग्रामवासियों के साथ सहभागी प्रबन्धन से किया जा रहा है। इसके लिए वित्त पोषण राश्ट्रीय वनीय कार्यक्रम के तहत राश्ट्रीय वनीकरण एवं पारिस्थितिकीय विकास बोर्ड, वन एवं पर्यावरण मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाता है। अब इस कार्यक्रम के संशोधित संचालन मार्ग निर्देश में राज्य स्तर पर वन विकास अभिकरण के गठन करने के निर्देश हैं।
प्रस्तावित राज्य वन विकास अभिकरण, उत्तर प्रदेश के समस्त प्रभागों के वन विकास अभिकरणों के संघ के रूप में कार्य करेगा। पूर्व में प्रभागों द्वारा वन विकास अभिकरण के प्रस्ताव भारत सरकार को अलग-अलग प्रेशित किए जाते थे। वर्तमान निर्देश के अनुसार समस्त वन प्रभागों से सम्बन्धित प्रस्ताव संहत रूप से भारत सरकार को प्रेशित किया जाना है। पूर्व में भारत सरकार द्वारा वित्त पोषण सीधे प्रभाग स्तरीय वन विकास अभिकरण को किया जाता था। अब नए मार्ग निर्देश के अनुसार प्रदेश स्तर पर धनरािश भारत सरकार द्वारा राज्य वन विकास अभिकरण को उपलब्ध करायी जायेगी।
लघु उद्यमियों, विशिष्ट हस्तिशल्पियों व निर्यात प्रोत्साहन हेतु संचालित पुरस्कार योजनायें बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी के नाम पर देने का निर्णय
मन्त्रिपरिषद ने लघु उद्यमियों, विशिष्ट हस्तशिल्पियों तथा निर्यात प्रोत्साहन हेतु संचालित पुरस्कार योजनाओं का नामकरण बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी जैसे महानुभावों के नाम पर किये जाने का निर्णय लिया है।
मन्त्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार लघु उद्यमी प्रादेशिक पुरस्कार योजना अब `बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर लघु उद्यमी प्रादेशिक पुरस्कार योजना` के नाम से जानी जायेगी। विशिष्ट हस्त शिल्पियों को दिये जाने वाला प्रादेशिक पुरस्कार योजना भी अब `बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर विशिष्ट हस्तशिल्पी प्रादेशिक पुरस्कार योजना` के नाम से होगी। इसी प्रकार निर्यात पुरस्कार योजना का नाम `मान्यवर श्री कांशीराम निर्यात पुरस्कार योजना` कर दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य हैं। प्रदेश के लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश के लघु उद्यमियों को लघु उद्योग पुरस्कार, हस्तशिल्पियों को हस्तशिल्प पुरस्कार एवं निर्यातकों को निर्यात पुरस्कार दिये जाने की योजना विद्यमान है। राज्य सरकार ने इन पुरस्कारों को बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी जैसे महानुभावों की स्मृति स्वरूप, इनके नाम पर संचालित करने का फैसला किया है। इन महानुभावों का देश व समाज के उन्नयन में बहुमूल्य योगदान रहा है। मन्त्रिपरिषद के निर्णय से जहां एक ओर इन पुरस्कार योजनाओं का मान बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर इन पुरस्कारों को पाने वाले व्यक्ति स्वयं को गौरवािन्वत महसूस करेंगे।
कृशि विश्वविद्यालयों एवं डीम्ड विश्वविद्यालय, इलाहाबाद के शिक्षकों/समकक्षीय संवर्ग को पुनरीक्षित वेतनमान देने का निर्णय
मन्त्रिपरिषद् ने आज कृषि विश्वविद्यालय, मेरठ, फैजाबाद, कानपुर एवं इलाहाबाद एग्रीकल्चरल इन्स्टीट्यूट (डीम्ड विश्वविद्यालय) इलाहाबाद के शिक्षकों/समकक्षीय संवर्ग को छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप वेतनमान पुनरीक्षित करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
मन्त्रिपरिषद् द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार शिक्षकों/समकक्षीय संवर्ग के वेतनमानों का 01 जनवरी, 2006 से पुनरीक्षण कृषि मन्त्रालय, भारत सरकार के पत्र दिनांक 13 मार्च, 2009 के अनुसार होगा। वेतनमानों का पुनरीक्षण उन्हीं मामलों में अनुमन्य होगा, जिनमें 01 जनवरी, 2006 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के देय वेतनमान पा रहे थे। पुनरीक्षण वेतनमान का लाभ 01 जनवरी, 2006 से देय होगा तथा अन्य भत्ते उसी प्रकार दिए जायेंगे, जैसा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को स्वीकृत किये जाते हैं।
मन्त्रिपरिषद् द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार नए वेतनमानों में नोशनल फिक्सेशन कर भुगतान 01 दिसम्बर, 2008 से देय होगा। पुनरीक्षित वेतनमान के एरियर भुगतान के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया है कि 01 जनवरी, 2006 से 30 नवम्बर, 2008 तक के अवशेश/अन्तरवेतन का भुगतान तभी अनुमन्य होगा, जब आई0सी0ए0आर0 (भारत सरकार) दिनांक 01 जनवरी, 2006 से दिनांक 31 मार्च, 2010 तक की अवधि के एरियर के व्यय भार का 80 प्रतिशत वहन करने के लिए सहमति प्रदान करते हुए इस हेतु देय धनरािश अवमुक्त कर दे। देय अवशेश धनराशि का आधा भुगतान वर्ष 2010-11 में एवं शेश आधा भुगतान वर्ष 2011-12 में किया जायेगा। भुगतान की पद्धति राज्य कर्मचारियों के समान ही होगी।
अनुदानित अभियन्त्रण संस्थाओं में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों हेतु शिक्षण शुल्क का निर्धारण
मन्त्रिपरिषद द्वारा अनुदानित अभियन्त्रण संस्थाओं ( इन्जीनियरिंग कालेज) में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में वर्तमान में लागू शुल्क दरों को संशोधित किये जाने के प्रस्ताव को मन्जूरी प्रदान कर दी है।
मन्त्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार सरकार द्वारा अनुदानित समस्त अभियन्त्रण संस्थाओं में, एन0आर0आई कोटे की पांच प्रतिशत सीटों को छोड़ते हुए शिक्षण सत्र 2010-11 से बी0 टेक, बी0 आर्क, बी0फार्मा आदि के लिये 40 हजार रू0 प्रति छात्र प्रति वर्ष शुल्क निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार एम0सी0ए0, एम0बी0ए0, एम0टेक के लिए 25 हजार रू0 प्रति छात्र प्रति वर्ष शुल्क निर्धारित किया गया है। इस शुल्क में छात्रावास शुल्क तथा परीक्षा शुल्क सम्मिलित नहीं है। छात्रावास शुल्क संस्थाओं द्वारा नियमानुसार अपनी अधिशाशी समिति के माध्यम से निर्धारित की जायेगी। परीक्षा शुल्क प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित किया जायेगा।
यह शुल्क ऐसे छात्रों से लिया जायेगा, जो शिक्षण सत्र 2010-11 में प्रवेश लेंगे। शिक्षण सत्र 2010-11 से पूर्व के छात्रों पर पुरानी व्यवस्था लागू रहेगी। पिछले शिक्षण सत्र में प्रवेश लेने वाले ऐसे छात्र जो या तो फेल हो गये हैं या किसी अन्य कारण से परीक्षा नहीं दे सके हैं और पुन: सत्र 2010-11 में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेते हैं, उन पर नई शुल्क व्यवस्था लागू होगी।
एन0आर0आई0 की अधिकतम पांच प्रतिशत सीटों पर अधिकतम शुल्क 07 हजार यू0एस0 डॉलर प्रति छात्र प्रति वर्ष होगा। इसके अलावा प्रवेश के समय छात्रों से एक बार पांच हजार रू0 की धनराशि प्रतिभूति के रूप में ली जायेगी, जो पाठ्यक्रम के अन्तिम वर्ष के समाप्त होते ही सम्बंधित छात्र को नियमानुसार वापस कर दी जायेगी।
राज्य सरकार द्वारा अनुदानित अभियन्त्रण संस्थाओं में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों की फीस का निर्धारण भविश्य में आवश्यकता/औचित्य को देखते हुए संस्थान की प्रशासकीय परिषद द्वारा किया जायेगा।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा अनुदानित अभियन्त्रण संस्थाओं में बी0टेक0, बी0आर्क तथा बी0 फार्मा पाठ्यक्रमों हेतु 25 हजार रू0 प्रति छात्र प्रतिवर्ष, समस्त स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम हेतु 17 हजार रू0 प्रति छात्र प्रति वर्ष तथा एन0आर0 आई0 सीट हेतु पांच हजार यू0 एस0 डॉलर प्रति छात्र प्रतिवर्ष फीस वर्ष 2003 में निर्धारित की गई थी। अभियन्त्रण संस्थाओं को प्राप्त होने वाला अनुदान वर्ष 1998-99 से फ्रीज है। पिछले सात वर्षो में मुद्रा स्फीति की दरों तथा विभिन्न उपकरणों एवं अन्य जरूरी संसाधनों की कीमतों में हुई वृद्धि एवं छठे वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू किये जाने से वित्तीय भार में हुई बढोत्तरी को दृिश्टगत रखते हुए राज्य सरकार ने पूर्व निर्धारित शुल्क को पुनरीक्षित करने का फैसला किया है।
01 अप्रैल, 2005 के पूर्व राज्य सरकार के अधीन किसी पेंशनयुक्त सेवा संवर्ग में नियुक्त ऐसे कर्मी जो 01 अप्रैल, 2005 को अथवा इसके पश्चात राज्य सरकार के अधीन किसी अन्य पेंशनयुक्त सेवा में नियुक्त हों, को पुरानी परिभाशित लाभ पेंशन योजना से आच्छादित माने जाने की अनुमति
उत्तर प्रदेश मन्त्रिपरिषद ने आज राज्य कर्मचारियों की पेंशन से सम्बन्धित एक मसले पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसके तहत ऐसे सभी कर्मचारी जिन्होंने राज्य सरकार की अथवा ऐसे समस्त शासन के नियन्त्रणाधीन स्वायत्तशासी संस्थाओं और शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, जिनमें राज्य कर्मचारियों की पेंशन योजना की भान्ति पेंशन योजना लागू थी और उनका वित्त पोशण राज्य सरकार की समेकित निधि से किया जाता है, की पेंशनयुक्त सेवा में 01 अप्रैल, 2005 को अथवा इसके पश्चात राज्य सरकार की अथवा शासन के नियन्त्रणाधीन उक्त उिल्लखित स्वायत्तशासी संस्थाओं और शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं की पेंशनयुक्त सेवा में अपनी पूर्व सेवा से कार्यमुक्त होकर अथवा तकनीकी त्यागपत्र देकर नियुक्त होते हैं, तो उसी पेंशन योजना से आच्छादित माने जायेंगे, जिस पेंशन योजना से वे दिनांक 01 अप्रैल, 2005 के पूर्व आच्छादित थे।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार ने 01 अप्रैल, 2005 को अथवा इसके पश्चात नई भर्तियों से आने वाले कर्मियों पर नई परिभाशित अंशदायी पेंशन योजना अनिवार्य रूप से लागू किया है।
उत्तर प्रदेश सचिवालय खान-पान निगम का नाम परिवर्तित कर उ0प्र0 सचिवालय सत्कार सेवा संस्था किया गया
मन्त्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सचिवालय खान-पान निगम के नाम को परिवर्तित कर उ0प्र0 सचिवालय सत्कार सेवा संस्था किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
बायो पेस्टीसाइड्स, बायो एजेन्ट्स, इको फ्रेण्डली व बीज शोधक रसायनों पर वर्ष 2010-11 में अनुदान दिये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत
मन्त्रिपरिषद ने बायोपेस्टीसाइड्स, बायो एजेन्ट्स तथा इको फ्रेण्डली एवं बीज शोधक रसायनों पर वर्ष 2010-11 में अनुदान दिये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया है। यह अनुदान वित्तीय वर्ष 2009-10 की भान्ति दिया जायेगा।
मन्त्रिपरिषद के फैसले के अनुसार लघु एवं सीमान्त कृशकों को बायो पेस्टीसाइड्स, बायो एजेन्ट्स पर 90 प्रतिशत तथा इको फ्रेण्डली रसायनों पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। इस श्रेणी के कुल लाभार्थियों में 30 प्रतिशत महिलाएं होंगी।
अनुसूचित जाति/जन जाति के कृषकों को बायोपेस्टीसाइड्स तथा बायो एजेन्ट्स पर 90 प्रतिशत तथा इको फ्रेण्डली रसायनों पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। इस श्रेणी के कुल लाभार्थियों में भी 30 प्रतिशत महिलाएं होंगी।
बीज शोधक रसायनों पर कृषकों को 90 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य होगा। 25 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जाति/जनजाति के होंगे जिनमें महिला लाभार्थी 30 प्रतिशत होंगी।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा बायोपेस्टीसाइड्स, बायो एजेन्ट्स तथा इको फ्रेण्डली एवं बीज शोधक रसायनों की खपत में बढ़ोत्तरी के लिए इन पर अनुदान की योजना लागू की गई। इस योजना के लागू होने से फसलों में कीट/रोग नियन्त्रण की नई तकनीक को बढ़ावा मिला है।
उ0प्र0 अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली-2010 प्रख्यापित
मन्त्रिपरिषद ने उ0प्र0 अधिनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली-2010 प्रख्यापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) संवर्ग एक अधीनस्थ अराजपत्रित सेवा है, जिसमें राजकीय विद्यालयों में विभिन्न विषयों का अध्यापन कार्य सम्पादित करने वाले सहायक अध्यापक/सहायक अध्यापिका के पद सम्मिलित है। इस वर्ग के शिक्षकों के लिए उ0प्र0 अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा नियमावली 1983 तथा उसका प्रथम संशोधन 1992 प्रख्यापित की गई थी।
नियम-8 (यथा संशोधित) में प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी के अध्यापकों के विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती की शैक्षिक अहर्तायें निर्धारित हैं। सीधी भर्ती के वर्तमान अहर्ताओं में डा0 शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा प्रदत्त बी0एड0 (विशेष शिक्षा) की अहर्ता को कतिपय पदों की सीधी भर्ती की अहर्ता में सम्मिलित किया जाना प्रस्तावित था। यह संशोधन विकलांगों को सेवा योजन का अवसर प्रदान किये जाने के उद्देश्य से किया गया था।
सीधी भर्ती की प्रक्रिया सम्बन्धी नियमों में आवेदन पत्र के साथ ली जाने वाली फीस निर्धारित है। वर्तमान में यह फीस अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति के अभ्यर्थियों के लिए 5 रूपये तथा अन्य श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए 15 रूपये निर्धारित है। यह फीस अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 40 रूपये तथा अन्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए 100 रूपये प्रस्तावित किया गया।
उत्तर प्रदेश वेतन समिति-2008 की संस्तुतियों के क्रम में लागू वेतन संरचना में वेतन के आधार पर अग्रिम अनुमन्य किए जाने का निर्णय
मन्त्रिपरिषद् ने आज उत्तर प्रदेश वेतन समिति-2008 की संस्तुतियों के क्रम में लागू वेतन संरचना में वेतन के आधार पर राज्य कर्मचारियों को भवन निर्माण/क्रय, भवन मरम्मत/विस्तार, मोटर कार/मोटर साइकिल/स्कूटर/मोपेड तथा व्यक्तिगत कम्प्यूटर क्रय हेतु अग्रिम अनुमन्य किए जाने की मंजूरी प्रदान कर दी है।
मन्त्रिपरिषद् द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार भवन निर्माण/क्रय हेतु वेतन बैण्ड में 34 माह का वेतन या अधिकतम रूपये 7.50 लाख अथवा भवन की लागत, जो भी कम हो, भवन मरम्मत/विस्तार हेतु वेतन बैण्ड में 34 माह का वेतन या अधिकतम रूपये 1.80 लाख अथवा विस्तार की लागत, जो भी कम हो, को अनुमति प्रदान कर दी गई है। इसी प्रकार मोटर कार अग्रिम हेतु वेतन बैण्ड में वेतन रूपये 19,530 या अधिक की पात्रता निर्धारित की गई है। मोटर साइकिल/स्कूटर हेतु वेतन बैण्ड में वेतन रूपये 8,560 या अधिक तथा मोपेड/आटो साइकिल हेतु वेतन बैण्ड में वेतन रूपये 5,060 या अधिक पाने वाले कर्मचारियों को अग्रिम देने का निर्णय लिया गया है। साइकिल हेतु वेतन बैण्ड में वेतन रूपये 9,300 या कम की पात्रता निर्धारित की गई है। व्यक्तिगत कम्प्यूटर अग्रिम हेतु वेतन बैण्ड में वेतन रूपये 14,880 या अधिक पाने वाले कर्मियों की पात्रता निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि विभिन्न अग्रिमों की अधिकतम अनुमन्य राशियों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। अग्रिमों से सम्बन्धित यह सभी निर्णय केन्द्र सरकार के वर्तमान में लागू नियमों के आधार पर लिए गए हैं।
विभिन्न विभागों, नागर निकायों, आवास-विकास परिषद एवं विकास प्राधिकरणों में कार्यरत वर्कचार्ज व दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को विनियमित करने का निर्णय
उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मन्त्रिपरिषद की बैठक में विभिन्न विभागों, नागर निकायों, आवास-विकास परिषद तथा विकास प्राधिकरणों में वशZ 1991 के पूर्व नियुक्त/कार्यरत समस्त वर्कचार्ज एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को विनियमित करने का निर्णय लिया गया है।
मन्त्रिपरिषद के निर्णय के अनुसार विभिन्न विभागों में नियुक्त/कार्यरत समस्त वर्कचार्ज तथा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए अधिसंख्य पद सृजित किये जायेंगे। इस निर्णय से सरकार पर लगभग 20 करोड़ रूपये का वार्शिक अतिरिक्त व्यय भार आयेगा।
इसी प्रकार नागर निकायों, आवास-विकास परिषद तथा विकास प्राधिकरणों में कार्यरत समस्त वर्कचार्ज तथा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, जिनकी नियुक्ति 1991 से पहले की है, को सम्बंधित संस्थाओं में अधिसंख्य पद सृजित करते हुए विनियमित किया जायेगा। इन कर्मियों के विनियमितीकरण से स्थानीय निकायों एवं विकास प्राधिकरणों पर लगभग 60 करोड़ रूपये का वार्शिक अतिरिक्त व्यय भार आयेगा, जिसे सम्बंधित निकाय/प्राधिकरण द्वारा वहन किया जायेगा।
ज्ञातव्य है कि वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न विभागों में लगभग 10 हजार वर्कचार्ज तथा 9़800 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी वर्ष 1991 के पहले से कार्यरत है। इसी प्रकार नागर निकायों में लगभग 03 हजार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, आवास-विकास परिशद तथा विभिन्न प्राधिकरणों में लगभग 03 हजार वर्कचार्ज और एक हजार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी वर्ष 1991 से पूर्व कार्य कर रहे हैं। इन सभी कर्मचारियों में से अधिकांश को मा0 उच्च न्यायालय के विभिन्न आदेशो के तहत न्यूनतम वेतन तथा उस पर देय भत्ता प्रदान किया जा रहा है। यह भी ज्ञातव्य है कि शासन द्वारा 29 जून, 1991 के पश्चात् दैनिक वेतन अथवा वर्कचार्ज पर नियुक्ति प्रतिबन्धित है।
राज्य के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 5200-20200 रू0 वेतन बैण्ड तथा 1800 रूपये का ग्रेड-पे देने का निर्णय
सरकार के इस निर्णय से 3 लाख कर्मचारी लाभािन्वत होंगे
उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मन्त्रिपरिषद की बैठक में राज्य के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के तहत केन्द्र सरकार की भान्ति 5200-20200 रूपये वेतन बैण्ड तथा 1800 रूपये का ग्रेड पे देने का निर्णय लिया गया है।
मन्त्रिपरिषद के इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 03 लाख चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उच्च वेतन बैण्ड का लाभ मिलेगा, जिस पर लगभग 350 करोड़ रूपये का वार्शिक व्यय भार आयेगा। भारत सरकार की भान्ति राज्य सरकार द्वारा समस्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर तात्कालिक प्रभाव से नई भर्ती नहीं करने का निर्णय लिया है।
ज्ञातव्य है कि वर्तमान में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 4440-7440 रूपये का वेतन बैण्ड तथा 1300 रूपये ग्रेड पे रिप्लेसमेंट के रूप में दिया जा रहा है। वेतन समिति द्वारा यह संस्तुति की गई थी कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 4440-7440 का वेतन बैण्ड दिया जाय तथा ग्रेड पे 1300 रूपये से बढ़ाकर 1400 रूपये किया जाये तथा इनके ऊपर वाले वेतन में ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जिनकी संख्या लगभग 30 हजार होगी, को केन्द्र सरकार की भान्ति 5200-20200 वेतन बैण्ड एवं 1800 ग्रेड पे के रूप में दिया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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