उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक आधुनिक कार्य संस्कृति अपनायें
बैंक की ऋण वसूली में आशातीत सुधार विगत एक साल में 268 कार्मिकों की पदोन्नतियॉ
लखनऊ - उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के सदस्यों की संख्या विगत तीन वर्षो में 120694 से बढ़कर 132.841 हो गई। जिसके फलस्वरूप बैंक की अंश पूंजी तथा निजी पूंजी भी क्रमश: 254 करोड़ से 471 करोड़ रूपये एवं 422 करोड़ से बढ़कर 457 करोड़ रूपये हो गई है। इसी अवधि में ऋण वितरण का लक्ष्य भी 490 करोड़ से बढ़कर 703 करोड़ रूपये हो गया है। विगत दस वर्षो से ऋण वसूली में आ रही गिरावट को रोकने के लिये बैंक शाखाओं के अभिलेखों को विगत तीन वर्षो में दुरूस्त कराया गया, जिसके कारण वसूली में आशातीत बढ़ोत्तरी हुयी है।
यह बात सहकारिता मन्त्री श्री बाबू सिंह कुशवाहा ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बैंक के तीन वर्ष की उपलब्धियों की समीक्षा करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि बैंक की शाखाओं के अभिलेख पूर्ण कराये जाने से ऋण वसूली में सहूलियत हुयी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ऋण माफी एवं ऋण राहत योजना के पूर्ण होने के उपरान्त बैंक की वसूली हेतु विशेष प्रयास किये गये। वित्तीय वर्ष 2008-09 में 38 प्रतिशत के सापेक्ष 2009-10 में 44 प्रतिशत वसूली हुयी, जो गत वर्ष से 6 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार बैंक की नकद वसूली में अपेक्षित सुधार हुआ।
मन्त्री ने बताया कि किसानों में जागरूकता अभियान चलाने के लिये नाबार्ड के सहयोग से प्रदेश में 202 कृषक क्लबों का गठन किया जा चुका है। बैंक के अपने आय स्त्रोत विकसित करने हेतु सावधि जमा योजना के अन्तर्गत रू0 40.00 करोड़ तक की जमा वर्ष 2009-10 करायी गई, जो विगत तीन वर्ष पहले के 3.34 करोड़ रू0 से 36.66 करोड़ रूपये अधिक है। इससे बैंक के वित्तीय स्त्रोतों में वृद्धि हुयी।
उन्होंने कहा कि बैंक में अधिकतम कर्मचारियों एवं अधिकारियों के सेवा सम्बंधी मामलों का निस्तारण करते हुये 268 पदोन्नतियॉं वर्ष 2009-10 में की गई, जो बैंक के इतिहास में कर्मचारी हित में एक अभूतपूर्व निर्णय है। बैंक में नयी कार्य प्रणाली एवं कार्य संस्कृति विकसित करने के लिये स्वस्थ परिवेश सृजन तथा अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब का निर्माण कराया गया। किसानों तथा बैंक के प्रधान कार्यालय पर आने वाले आगन्तुकों के दर्शनार्थ बैंक की कार्य पद्धति-प्रणाली एवं प्रगति को प्रदर्शित करते हुये आकर्षक प्रदर्शनी कक्ष बनाया गया है। उन्होंने निर्देश दिये कि किसानों में सहकारिता के प्रति जागरूकता पैदा की जाये तथा किसानों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जाये, जिससे उनकी आय में इजाफा हो सके।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री अमल कुमार वर्मा, प्रबंध निदेशक श्री नवल किशोर सहित बैक के सभी अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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