अधेंरे में तीर चला रही नगर कोतवाली पुलिस
सुल्तानपुर - बिनव्याही मां बनी उमा, के प्रकरण से जिले में नवजात शिशुओं के खरीद फरोक्त का धन्धा उजागर हुआ है। इस गोरखधन्धे से जुडें लोगो पुलिस अभी तक परछाई नही पा सकी है। फिलहाल आभा नर्सिगहोम की तर्ज पर कई और भी नर्सिगहोम बदस्तूर चल रहे है।
सूत्रों की मानों तो जिला महिला अस्पताल सें यह धन्धा दलालों के जरियें चरम पर है। बहरहाल स्टाफ नर्स उशा दूबे से पूछ-तांछ में पूरा प्रकरण में आइने की तरह साफ हो जायेगा। कोतवाली नगर अन्तर्गत पल्टू का पूरवा की रहने वाली बिनव्याही 16 वर्षीय कुसुम मौर्या (काल्पनिक नाम) को जब परिजन 30 अगस्त को लेकर जिलाअस्पताल पहुंचे तो यहा पर डियूटी पर तैनात स्टाफ नर्स उशा दूबे की बांछे खिल गई। रात्रि 02 बजे उशा दूबे आभा नर्सिग होम पहुचें, जहां पर उसे एक बच्चा पैदा हुआ। सूत्रों के मुताबिक बच्चे को लाखों रूपये में इन्ही लोगों ने एक महिला के हाथ बेच डाला, जब हो-हल्ला मचा तो पुलिस ने कार्यवाही करते हुए उशा दूबे समेत छ: (06) लोगो के विरूद्व धारा 363,364,384,317,506, के तहत मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी को जेल भेज दिया।
मृतक शिशु को बरामद कर पोश्टमार्टम कराया गया। सूत्रों की माने तो कुसुम का बच्चा अब भी जिन्दा है, कार्यवाही के डर से बीमार हाल बच्चे को सौंपा गया था। जिसकी कुछ क्षणों में मौत हो गई थी, इस पूरे खेल से स्टाफ नर्स व नर्सिग होम संचालक की कार्य गुजारियों का भण्डाफोड़ हुआ है। सूत्रो के मुताबिक अस्पताल में नवजात शिशुओं को अदलाबदली का भी खेल-खेला जाता है। पुलिस अभी अन्य अभियुक्तों की धर पकड़ के लिये हाथ पैर मार रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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