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औषधीय पौधा `आर्टीमिसिया एन्नुआ` की खेती

Posted on 04 September 2010 by admin

लखनऊ - सीमैप में कृषि के विस्तार एवं उन्नत प्रौद्योगिकी के लिए कृषकों के आर्थिक उन्नति को सुदृढ़ करने के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण औषधीय पौधा `आर्टीमिसिया एन्नुआ` की खेती को आगे बढ़ाने के लिए `इपका लेबोरेट्रीज, रतलाम, (म. प्र.) के साथ लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली तथा अन्य निकटवर्ती जनपदों से लगभग 25 से भी अधिक कृषकों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में तकनीकी एवं व्यापार विकास विभाग के प्रमुख डा. ए. के. सिंह ने `आर्टीमिसिया एन्नुआ` के सेरीब्रल मलेरिया उपचार हेतु औषधीय गुणों तथा व्यवसायिक विन्दुओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए जोर देकर कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व में मलेरिया जैसी बीमारी भयावह रूप ले रही है जिसके लिए केवल एक मात्र औषधि `आर्टीमिसिया एन्नुआ से निर्मित औषधि ही एक विकल्प के रूप में हमारे सामने है। आज देश में इपका कम्पनी आगे आकर हमारे कृषकों के आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करने के लिए तत्पर है जिससे हमारे कृषक भाइयों को अधिक से अधिक लाभ भी होगा और दुनिया को जीवन रक्षक दवा भी मिलेगी। डा. वी. के. एस. तोमर ने इसकी उन्नत खेती पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हमारे किसान भाई इस महत्वपूर्ण फसल को अपने खेतों पर जरूर लगायें और फसल चक्र में अपनाकर प्रति एकड़ 25-30 हजार रूपये का शुद्ध लाभ प्राप्त कर सकते है।

इपका लेबोरेट्रीज लि. के प्रतिनिधि डा. डी. सी. जैन व सुश्री अलका दंगेश ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर ईमानदारी व कर्तव्य निष्ठा से कोई भी काम किया जायेगा तो कृषकों को अधिक से अधिक लाभ भी मिलेगा तथा खेती के नये-नये आयाम भी विकसित होगें। इस वर्ष इस मलेरिया-रोग रोधी औषधि के स्रोत वाली फसल लगभग 3000 हजार से भी अधिक क्षेत्रफल में लगाने की योजना है जिसमें उ. प्र. उत्तराखण्ड व विहार के किसान इसमें आगे आकर अपनी खेती से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है। आज पूरे विश्व में इस औषधि की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है और जब खेती होगी तभी इसका उत्पादन होगा और दवा कम्पनियों को कच्चा माल सुलभ मात्रा उपलब्ध कराया जा सकता है। कम्पनी को लगभग 5000 टन आर्टीमिसिनिन तत्व की आवश्यकता है और एक टन मेें 4 किलोग्राम ही तत्व प्राप्त होता है तो अन्दाजा लगाया जा सकता है कि कितने क्षेत्रफल में इसकी खेती की जाये तो आर्टीमिसिया तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल सकता है। अन्त में कृषकों ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा बढ़-चढ़कर इसकी खेती करने के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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