लखनऊ - उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नई भूमि अधिग्रहण नीति उन संघर्षरत किसानों की जीत है जिन्होने मायावती सरकार की शोषण पर आधारित भूमि अधिग्रहण नीति के विरूद्ध एवं अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष किया और कई किसानों ने अपनी जान की कुर्बानी दी।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि वास्तव में उ0प्र0 सरकार की यह घोषणा किसानों के लिए “राहुल गांधी बोनस´´ है। अभी तक किसानों के विरूद्ध खड़ी दिख रहीं प्रदेश की मुख्यमन्त्री द्वारा अचानक नई भूमि अधिग्रहण नीति घोषित करना वास्तव में कांग्रेस पार्टी द्वारा किसानों के आन्दोलन को किये जा रहे समर्थन की जीत है। उन्होने श्रीमती सोनिया गांधी व श्री राहुल गांधी को उ0प्र0 में किसान के सरोकारों को मजबूती से उठाने एवं उ0प्र0 सरकार को हरियाणा पैकेज के आधार पर नीति घोषित करने हेतु मजबूर किये जाने के लिए बधाई दी है।
उन्होने कहा कि यह श्रीमती सोनिया गांधी ही थीं जिन्होने हरियाणा सरकार द्वारा घोषित पैकेज के लिए पहल की थी। पिछले वर्ष उन्होने दादरी, गौतमबुद्धनगर में किसानों की एक विशाल रैली को सम्बोधित किया था। उन्होने किसानों को भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून लाने के लिए आश्वस्त किया था और उ0प्र0 सरकार को सलाह दी थी कि जब तक ऐसा न हो जाय तब तक हरियाणा पैकेज के आधार किसानों को मुआवजा दिया जाय। हरियाणा के मुख्यमन्त्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने वहां अपने संबोधन में हरियाणा पैकेज के बारे में विस्तार से बताया था तब से पश्चिमी उ0प्र0 के किसान भी वैसा ही पैकेज दिये जाने की मांग कर रहे हैं। श्री राहुल गांधी का टप्पल दौरा अधिग्रहण के बारे में उनका साफ दृष्टिकोण एवं प्रधानमन्त्री द्वारा भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल को लोकसभा के अगले सत्र में लाने का श्री राहुल गांधी को दिये गये आश्वासन के बाद उ0प्र0 सरकार पर यह दबाव बढ़ गया था कि इस मुद्दे पर त्वरित कार्यवाही करे। उ0प्र0 में मायावती सरकार द्वारा मनमाने ढंग से भूमि अधिग्रहीत करने, जिसमें किये गये भ्रष्टाचार के कारण किसानों को विश्वास राज्य सरकार पर से उठ गया था। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि निजी बिल्डर और कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की नीयत से राज्य सरकार किसानों के विरूद्ध कार्य कर रही थी और बदले में उसे लाभ मिल रहा था।
डा0 जोशी ने कहा कि सुश्री मायावती यह भलीभान्ति जानती हैं कि अगले दो-तीन महीनों में भूमि अधिग्रहण बिल संसद में पारित हो जायेगा, इसीलिए अब वह किसानों के लिए जिस पैकेज की बात करके उन्हें अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही हैं वह अभी भी हरियाणा पैकेज जितना फायदेमन्द नहीं है।
हरियाणा में विशेष आर्थिक जोन, औद्योगिक पार्क और टेक्नालाजी सिटी बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सरकार प्रोजेक्ट एरिया का पचीस प्रतिशत से ज्यादा अधिग्रहीत नहीं कर सकती और एनसीआर से बाहर पचास प्रतिशत से ज्यादा नहीं कर सकती, उ0प्र0 सरकार का पैकेज इस विषय में चुप है।
हरियाणा पैकेज के अन्तर्गत निजी परियोजनाओं हेतु भूमि लिये जाने में 30 हजार रूपये वार्षिक राशि प्रति एकड़ 33वर्षो तक दी जाती है जिसमें एक हजार प्रति वर्ष इजाफा किया जाता है। उ0प्र0 सरकार ने मात्र 20हजार रूपये वार्षिक राशि प्रति एकड़ घोषित की है जो प्रति वर्ष केवल 5सौ रूपये ही बढ़ेगी।
हरियाणा में अधिग्रहण राशि का एक प्रतिशत का प्रयोग भू स्वामी, उनके बच्चों एवं प्रभावित गांवों के बेरोजगार नौजवानो के लिए दक्षता विकास पहल के लिए किया जाता है। उ0प्र0 सरकार के पैकेज में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
अधिग्रहण के लिए फ्लोर रेट की घोषणा नहीं की गई है। हरियाणा पैकेज में इस बात का भी प्रावधान है कि क्षेत्र को विकसित करने वाले पूरे परियोजना कीमत का 2प्रतिशत स्वास्थ्य एवं शिक्षा सहित नागरिक आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने हेतु प्रदान करेगा, जहां पर यह किसान बसाये जायेंगे।
हरियाणा में भूमि विकसित करने वाली एजेंसी, भूमि देने वाले किसान के परिवार के कम से कम एक सदस्य को नौकरी देगा। तकनीकी नौकरियों केा छोड़कर सभी नौकरियों में कम से कम 25प्रतिशत रोजगार हरियाणा के स्थायी निवासियों को दिया जायेगा। इस तरह का कोई भी प्रावधान उ0प्र0 के पैकेज में नहीं है।
उ0प्र0 के पैकेज में क्षेत्र के भूमिहीन किसानों के लिए जो मुख्यत: अनु.जाति एवं पिछड़ी जातियों के हैं कोई प्रावधान नहीं है। कांग्रेस का यह मानना है कि उन्हें भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रेाजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत देय राशि के आधार पर 10हजार रूपये प्रतिवर्ष वार्षिक राशि के रूप में देय होना चाहिए जिसमें प्रति वर्ष एक हजार रूपये का इजाफा होना चाहिए।
उ0प्र0 के पैकेज में यह भी स्पष्ट नहीं है कि पिछले कुछ समय में जिन किसानों की जमीन जबरन अधिग्रहीत की गई है उनकी शिकायतें किस तरह दूर की जायेंगीं।
डॉ0 जोशी ने कहा कि उ0प्र0 सरकार के पैकेज का पूरा विवरण मिल जाने के बाद कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद आगे की कार्यवाही के बारे में निर्णय करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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