धान खरीद की सभी तैयारियां समय से करने के सख्त निर्देश
सरकारी अस्पतालों में किये जाने वाले ऑपरेशनों की स्थिति में तुरन्त सुधार लाया जाये
अपेक्षित समय में नर्सो की नियुक्ति बिना किसी देरी के करने के निर्देश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने कहा है कि इस वर्ष खरीफ में रिकार्ड उत्पादन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कहा है कि जिन जनपदों में कम वर्षा के कारण बुआई प्रभावित हुई है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कम पानी वाले फसलों के बीज उपलब्ध कराया जाये, ताकि खरीफ के उत्पादन में कमी न रहे। इसी प्रकार जिन क्षेत्रों में बाढ़ के कारण फसलें नष्ट हो गई हैं, वहां पानी उतरने के बाद देर से बोई जाने वाली फसलों के बीज किसानों को मुहैया कराये जायें।
मुख्यमन्त्री ने यह निर्देश आज उस समय दिये जब योजना भवन में आयोजित प्रमुख सचिवों/सचिवों की बैठक के उपरान्त कैबिनेट सचिव श्री शशांक शेखर सिंह, मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता तथा अपर कैबिनेट सचिव श्री नेत राम ने बैठक के निष्कर्षो से उन्हें अवगत कराया।
सुश्री मायावती ने कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि खरीफ के दौरान उर्वरक की उपलब्धता हर हालत में बनायी रखी जाये। नेपाल से लगी सीमा में खाद की तस्करी की चर्चा करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि इसे कठोरता से रोका जाये तथा यह भी सुनिश्चित किया जाये कि नेपाल से लगे प्रदेश के जनपदों में मांग से अधिक उर्वरक उपलब्ध न करायी जाये। उन्होंने कहा कि मृदा परीक्षण तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आंकड़ो में भारी अन्तर है, इससे स्पष्ट है कि किसानों को मृदा परीक्षण की रिपोर्ट समय से नहीं मिल रही है। उन्होंने निर्देश दिये कि मृदा परीक्षण के निश्चित समय बाद किसान को मृदा स्वास्थ्य कार्ड सुलभ करा दिये जाये। उन्होंने कहा कि यद्यपि इस वर्ष किसानों को पिछली बार की अपेक्षा 50 फीसदी अधिक फसली ऋण का वितरण किया गया है, परन्तु अभी इसमें सुधार की काफी गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को लक्ष्य के अनुरूप किसान क्रेडिट कार्ड शिविर लगाकर वितरित किये जाने चाहिए।
मुख्यमन्त्री ने किसानों की आय दोगुनी करने की राज्य सरकार की योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक फसल के बाद आंकलन कराया जाये कि किसानों की आमदनी में कितनी वृद्धि हुई। इसके लिए आवश्यक मापदण्ड भी तय किये जायें। उन्होंने प्रमुख सचिव कृषि को निर्देश दिये कि किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की प्रगति तथा उनके क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लेने के लिए वे स्वयं सप्ताह में दो दिन गांवों का भ्रमण करें। सहकारी समितियों को मजबूत करने के लिए वैद्यनाथन कमेटी की संस्तुतियों के अनुरूप केन्द्र सरकार से धनराशि प्राप्त करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सहकारी समितियो के माध्यम से किसानों को आवश्यक कृषि निवेश आदि की सुविधा सुलभ करायी जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि धान खरीद की प्रभावी व्यवस्था की जाये और इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जायें। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का पर्याप्त एवं लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए। उन्होंने हिदायत दी कि धान क्रय के समय किसानों का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि किसानों के हित में राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के मामले में किसानों के पुनर्वास के लिए नई नीति घोषित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति के तहत किसानों को समुचित लाभ दिलाया जाये। उन्होंने भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले किसानों का पूरा विवरण एकत्रित करने के भी निर्देश दिये।
सुश्री मायावती ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन प्राथमिकता से कराया जाये। बाढ़ से पीड़ित लोगों को नियमानुसार अहेतुक सहायता का वितरण भी शीघ्र किया जाये। इसके अलावा बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त मार्गो एवं आधारभूत सुविधाओं की मरम्मत जल्द करायी जाये। उन्होंने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने से रोकने के लिए चिकित्सा विभाग तथा पशुपालन विभाग को त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बीमारी फैलने पर अपर निदेशक स्वास्थ्य सीधे जिम्मेदार होंगे।
मुख्यमन्त्री ने सरकारी अस्पतालों की कार्य-प्रणाली की समीक्षा करते हुए कहा कि इसमें और अधिक सुधार की आवश्यकता है। उन्होनें अस्पतालों में किये जाने वाले ऑपरेशनों की स्थिति में तुरन्त सुधार लाने का निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में नर्सो की काफी कमी है जिन्हें तत्काल भरने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का पूरी क्षमता से उपयोग करने के निर्देश देते हुए कहा कि आम जनता को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जानी चाहिए।
सुश्री मायावती ने उ0प्र0 मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए तैयार की गई समय-सारणी का कठोरता से पालन किया जाये। उन्होंने कहा कि इस योजना में लाभार्थियों के चयन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस योजना की समीक्षा मौके पर शासन स्तर के अधिकारी भेजकर करायी जाये। बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा को स्कूलों में शिक्षकों की कमी की चर्चा करते हुए मुख्यमन्त्री ने निर्देश दिये कि शिक्षकों के पदों को भरने की कार्यवाही तेज की जाये। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के छात्रों की समस्याओं को गम्भीरता से लेेते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिये हैं कि प्रभावित क्षेत्रों के बोर्ड के छात्रों के पंजीयन के लिए पर्याप्त समय दिया जाये। उन्होंने बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के भी निर्देश दिये हैं। मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में खाद्य-पदार्थो की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे समय रहते इनके स्टाक की समीक्षा प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करें।
ग्राम्य विकास विभाग एवं मनरेगा की समीक्षा करते हुए सुश्री मायावती ने कहा कि इन योजनाओं का लाभ गुणवत्ता के साथ लाभार्थियों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीब जनता से जुड़ी इन योजनाओं में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर ग्राम सभाओं में सोलर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था शीघ्र करायी जाये। नहरों में सिल्ट सफाई के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए सिंचाई विभाग द्वारा विस्तृत कार्य-योजना तैयार की जाये और इसकी सूचना शासन को भी उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि नहरों की सफाई के समय में शासन के वरिष्ठ अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर सिल्ट सफाई के कायोंZ का आकिस्मक निरीक्षण सुनिश्चित करें। वृक्षारोपण की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्य को पूरी गम्भीरता से लिया जाये। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 7 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 21 लाख पौधे लगाने की योजना तैयार की गई है, उसी प्रकार की योजना विन्ध्याचल क्षेत्र के लिए भी तैयार की जाये। इसके अलावा उन्होंने नये जनपदों में सृजित किये गये सभी पदों को तत्काल भरने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमन्त्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनके स्तर से भेजे गये लिम्बत संदर्भो पर की गई कार्यवाही की सूचना उन्हें शीघ्र उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया कि वे केवल जिला एवं तहसील मुख्यालय पर ही विकास योजनाओं आदि का आकिस्मक निरीक्षण करने के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर योजनाओं का स्थलीय सत्यापन करें तथा लाभार्थियों से भी मुलाकात कर फीडबैक प्राप्त करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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