Posted on 21 April 2010 by admin
भूख से मौत और रोजीरोटी के लिए पलायन। ऐसा तब होता है जब लोगों के पास कोई काम नहीं होता। यकीनन गरीबी का यह सबसे भयानक रुप है। इससे निपटने के लिए भारत सरकार के पास ‘‘हर हाथ को काम और काम का पूरा दाम’’ देने वाली ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना’ है। यह योजना लोगों को उनके गांवों में ही काम देने की गांरटी भी देती है। योजना में श्रम पर आधारित कई तरह के कामों का ब्यौरा दिया गया है। इन्हीं में से बहुत सारे कामों से विकलांग साथियों को जोड़ा जा सकता है और उन्हें विकास के रास्ते पर साथ लाया जा सकता है। कैसे, नरेगा का यह तजुर्बा सामने है:
एक आदमी गरीब है, आदिवासी समुदाय से है, और विकलांग है तो उसका हाल आप समझ सकते हैं। उसे उसके हाल से उभारने के लिए आजीविका का कोई मुनासिब जरिया होना जरूरी है। इसलिए दिल्ली में जब गरीबी दूर करने के लिए नरेगा (अब मनरेगा) की बात उठी थी तो मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले बड़वानी के ‘आशा ग्राम ट्रस्ट’ ने विकलांग साथियों का ध्यान रखा था और उन्हे रोजगार की गांरटी योजना से जोड़ने की पहल की थी। जहां तय हुआ था कि नरेगा में विकलांग साथियों को उनकी क्षमता और कार्यकुशलता के हिसाब से किस तरह के कामों में और किस तरीके से शामिल जा सकता है।
इसके लिए ब्लाक-स्तर पर एक चरणबद्ध योजना बनायी गई थी। योजना में विकलांग साथियों को न केवल भागीदार बनाया गया था बल्कि उन्हें निर्णायक मंडल में भी रखा गया। उन्होंने एक कार्यशाला के जरिए सबसे पहले वो सूची तैयार की जो बताती थी कि विकलांग साथी कौन-कौन से कामों को कर सकते हैं और कैसे-कैसे। इस सूची में कुल 25 प्रकार के कामों और उनके तरीकों को सुझाया गया था। बाद में सभी 25 प्रकार के कामों को वगीकृत किया गया और सूची को ‘वगीकृत कार्यों वाली सूची’ कहा गया। अब इस सूची की कई फोटोकापियों को ग्राम-स्तर पर संगठित विकलांग साथी समूहों तक पहुंचाया गया। इसके बाद विकलांग साथियों के लिए ‘जाब-कार्ड बनाओ आवेदन करो’ अभियान छेड़ा गया। दूसरी तरफ, इस अभियान में जन-प्रतिनिधियों की सहभागिता बढ़ाने के लिए ‘गांव-गांव की बैठक’ का सिलसिला भी चलाया गया। इसी दौरान विकलांग साथियों ने अपने जैसे कई और साथियों की पहचान करने के लिए एक सर्वे कार्यक्रम भी चलाया था। इससे जहां बड़ी तादाद में विकलांग साथियों की संख्या ज्ञात हो सकी, वहीं उन्हें जाब-कार्ड बनाने और आवेदन भरने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा सका। नतीजन, अकेले बड़वानी ब्लाक के 30 गांवों में 100 से ज्यादा विकलांग साथियों को नरेगा से जोड़ा जा सका। तब यहां के विकलांग कार्यकर्ताओं ने कार्य-स्थलों पर घूम घूमके नरेगा की गतिविधियों का मूल्यांकन भी किया था। आज इन्हीं कार्यकर्ताओं द्वारा जिलेभर के हजारों विकलांग साथियों को नरेगा से जोड़ने का काम प्रगति पर है।
रोजगार के लिए विकलांग कार्यकर्ताओं के सामने बाधाएं तो आज भी आती हैं। मगर ऐसी तमाम बाधाओं से पार पाने के लिए इनके पास जो रणनीति है, उसके खास बिन्दु इस तरह से हैं: (1) रोजगार गारंटी योजना के जरिए ज्यादा से ज्यादा विकलांग साथियों को काम दिलाना। (2) पंचायत स्तर पर सरपंच और सचिवों को संवेदनशील बनाना। (3) जन जागरण कार्यक्रमों को बढावा देना। (4) निगरानी तंत्र को त्रि-स्तरीय याने जिला, ब्लाक और पंचायत स्तर पर मजबूत बनाना। (5) लोक-शिकायत की प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित कार्यवाही के लिए प्रोत्साहित करना। यह तर्जुबा बताता है कि जब एक छोटे से इलाके के विकलांग साथी नरेगा के रास्ते अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं, तो प्रदेश या देश भर के विकलांग साथी भी यही क्रम दोहरा सकते हैं।
शिरीष खरे
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शिरीष खरे ‘चाईल्ड राईटस एण्ड यू’ के ‘संचार-विभाग’ से जुड़े हैं।
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Vikas Sharma
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Posted on 21 April 2010 by admin
एक युवक नगर के बर्रा क्षेत्र से कुछ दिनों पहले अपहृत हुआ था। उसके परिजनों से अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख की रकम मांगी है। युवक के पिता को चेतावनी मिली है कि अगर बेटे को सही सलामत पाना चाहते हो तो रकम बताए गए पते पर पहुंचा दो। इस संबंध में बर्रा पुलिस की कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोर्ट कर्मी प्रेम तिवारी किदवई नगर में के ब्लाक में रहते हैं। उनका बेटा सर्वेश बर्रा-2 स्थित रणवीर के स्टूडियों में तस्वीरें बनाने का कार्य करता था। पिता ने बताया कि बीती सात अप्रैल को सर्वेश व्यापार के काम से मझावन गया था। देर शाम तक घर न लौटने पर उसकी खोजबीन की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।काफी खोजबीन के बाद जब वह नहीं मिला तो पिरजनों ने ग्यारह अप्रैल को बर्रा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रेम तिवारी के अनुसार बारह अप्रैल की शाम को सर्वेश के ही मोबाइल से तीस लाख रुपए फिरौती मांगने का एक संदेश आया। संदेश में कहा गया कि रकम का जल्दी इंतजाम करके दिल्ली पहुंचो। जब बर्रा एसओ संजय कुमार ने सर्वेश के नंबर पर फोन मिलाकर अपना परिचय दिया तो उसके बाद से मोबाइल स्विच बंद चल रहा है। आखिरी बार मंझावन से फोन किया गया है। बर्रा थानाध्यक्ष का कहना है कि अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर स्टूडियो संचालक के भाई व भतीजे से पूछताछ की जा रही है।
अवनीश अग्निहोत्री कानपुर।(उत्तर प्रदेश).
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Posted on 21 April 2010 by admin
महानगर के 1500 गरीब परिवारों का अपने घर का सपना जल्द ही सच होने वाला है। इन गरीबों को प्रदेश सरकार की काशीराम शहरी आवास योजना के तहत सवा दो-दो लाख के फ्लैट मुफ्त मिलेंगे। केडीए द्वारा इनका निर्माण किया जाएगा।केडीए के उपाध्यक्ष राम स्वरूप ने बताया कि नगर के सजारी क्षेत्र में काशीराम आवास योजना के तहत 1504 फ्लैट बनाए जाएंगे। इन फ्लैटों को चार मंजिला बनाने की योजना है। यह पूरा निर्माण क्षेत्र 94 ब्लाकों में बांटा जाएगा। यहां पर पार्क, समुदायिक केंद्र, बाजार, और स्कूल की भी सुविधा उपलब्ध होगी। यह योजना एक साल में पूरी कर ली जाएगी।उन्होंने बताया कि इस जमीन पर कुछ काश्तकार कब्जा कर खेती कर रहे थे। जिसे मुख्य अभियंता और तहसीलदार को भेज कर वापस ले लिया गया है और निर्माण के लिए कार्य आदेश जारी कर दिया गया है। एक मई से फ्लैट बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अभी तो जमीन को समतल कराने का कार्य चल रहा है। इन फ्लैट के निर्माण में लगभग 24 करोड़ का खर्च आएगा। इन आवासों को डूडा के तहत गरीबों को आवंटित किया जाएगा। यह फ्लैट उन्हीं गरीब परिवारों को दिये जाएंगे जिनका बीपीएल या अंत्योदय कार्ड बना होगा।
अवनीश अग्निहोत्री कानपुर।(उत्तर प्रदेश).
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Posted on 21 April 2010 by admin
गुरुवार रात एक छात्रा ने आर्थिक तंगी के चलते फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।गोविन्द नगरा थाना क्षेत्र की केनाल कालोनी में स्व. रामदास का परिवार निवास करता है। सात साल पहले रामदास की मृत्यु हो जाने के बाद उसकी पत्नी उर्मिला सब्जी बेज कर किसी तरह से परिवार का भरण पोषण करती है। उसकी छोटी पुत्री मोनी (13) राजकीय विद्यालय में कक्षा आठ में पढ़ती थी।पुलिस ने बताया कि कल शाम करीब छह बजे मोनी की मां सब्जी बेचने को बाजार गई थी। मां के जाने के बाद उसने अपनी छोटी बहन देवकी को बगल के घर में खेलने को भेज दिया। शायद बहन के जाने के बाद ही मोनी ने कमरे में जाकर फांसी लगा ली। क्योंकि रात दस बजे जब उसकी मां बाजार से वापस लौटी तो उसने कमरे में मोनी को दुपट्टे के सहारे फांसी पर लटका हुआ पाया।बेटी को फांसी पर लटका हुआ देखकर उसके होश उड़ गये। चीख पुकार सुन कर मोहल्ले वाले भी वहां आ पहुंचे। मोनी की मां ने बताया कि मोनी अपने जीवन में बहुत कुछ करना चाहती थी। वह कहती थी मां एक दिन इस टूटे-फूटे घर की जगह बहुत बड़ा महल बनेगा। वह हमेशा परिवार को एक विशेष दर्जा दिलाने की बात करती थी। लेकिन आर्थिक बदहाली के कारण कभी-कभी उदास भी हो जाती थी। पुलिस ने भी मोनी की आत्म हत्या के पीछे आर्थिक तंगी की बात स्वीकार की.
अवनीश अग्निहोत्री कानपुर।(उत्तर प्रदेश).
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Vikas Sharma
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Posted on 20 April 2010 by admin
नगर क्षेत्रं गभड़िया स्थित बेबी किण्डर गार्डेन जूनियर हाई स्कूल में कक्षा पांच व कक्षा आठ के बच्चों को कक्षा चार एवं कक्षा सात के बच्चों ने अपने बडे भाई एवं बहनों को स्मृति चिन्ह के रूप में अपनी क्षमता अनुसार उपहार देकर उनके उज्जवल भविश्य की कामना की। उक्त अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती उमा श्रीवास्तव , सहा0 अ0 मीना श्रीवास्तव, इन्दु प्रकाश श्रीवास्तव, नम्रता सिंह, रेनू रावत, बन्दना मिश्रा सहित विद्यालय परिवार उपस्थित रहे। उक्त अवसर पर विद्यालय के प्रवन्धक जीतेन्द्र श्रीवास्तव ने अध्ययन कर रहे बच्चो को अनुसासन में रहने की एंव अपनो से बडो को सम्मान देने की िशक्षा दी, तथा उन्होने कहा कि आज के बच्चे कल देश के भविश्य निमार्ण मे तथा विकास में अपना योगदान देगें और विद्यालय एवं परिवार का नाम रोशन करेगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 20 April 2010 by admin
नगर क्षेत्र में नशे का कारोबार बढने से युवाओं मेंं अपनी जडे जमा रहा है। विवेक नगर स्थित मधुसूदन इण्टर कालेज नशेड़ियो का अडडा बन गया है। नगर में बढती चोरियेां का एक यह भी मुख्य कारण है कि स्मैकियों का आन्तंक इस हद तक व्याप्त हो गया है। साइकिल चोरी, मोबाइल चोरी तथा घरो में चोरिया बढ गई है। पुलिस की नििश्क्रयता के चलते नशे का कारोबार करने वालो के हौसले बुलन्द है। नगर के सभी मोहल्ले में नशे का अबैध कारोबार धडल्ले से हो रहा है। युवाओं की संंलिप्तता बढ रही है। नशेड़ियेां ने अब अपने अडडो में मिन्दर िशक्षा मिन्दरो तथा सुनसान क्षेत्रो पर आराम से वेधडक सेवन कर रहे है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 20 April 2010 by admin
कुडवार, सुल्तानपुर 20 अपै्रल। पंचायत चुनाव आने की सुगबुगाहट से राजनीति में अपने को स्थापित करने का जो तरीका लोग निकाल रहे है उनका न तो किसी के मान प्रतिश्ठा का ख्याल है और न उनके मान सम्मन का किस किस की भावनायें आहत हेा रही है राजनैतिक नेताओ को इससे क्या लेना देना, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कुड़वार व्लाक में देखने को मिलने लगा, इसी क्रम में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का प्रकरण ने खूब जोर पकड़ा और इसमें वाडेZन से लेकर संम्बन्धित आला अधिकारियेा तक ने कीचड़ उछालने में कोई कोर कसर नही छोड़ी। कुडवार बाजार में जब कुछ माननीयेा से इस बारे में बात चीत की गई तो उन लोगो ने बताया कि इस विद्यालय में जिन बिच्चयों की पढाई छूट गई थी उनके लिये इस विद्यालय का संचालन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस विद्यालय में हमारे ही गांव गिंराव की बिच्चयां पढ़ने आती है। उनकी इज्जर आबरू की रक्षा करना हम लोगो का भी परम कर्तव्य है। आवासीय विद्यालय का जो प्रकरण चल रहा है वह केवल चुनाव के मदद्े नज़र किया जा रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य में कुडवार मार्केट बन्द कराने वाले सफेदपोश लोगों को उस समय मुह की खानी पड़ी जब कस्बा दूकानदारोंं ने उनका साथ देने से इनकार कर दिया। मामला कस्तूरबा गाधी आवासीय बालिका विद्यालय कुड़वार से सम्बधित रहा। ज्ञातव्य हो कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कुड़वार इन दिनो सुर्खियो में रहा, जहां राजनीतिक लोग अपनी अपनी रोटिंया सेकने के लिए क्षेत्रीय सफेद नकाब पोश के लोग अपना उल्लू सीधा करने को प्रयास रत है और विद्यालय को बदनाम करने के सारे हथकण्डे़ अपनाने में कोई कोर कसर बाकी नही छोड रहे है।
सूत्रों के अनुसार कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कुड़वार विबाद के धेरे में उस समय आया जब दूबेपुर विद्यालय की वाडेZZन प्रतिमा सिंह से कुड़वार आवासीय बालिका विद्यालय का कार्य भार छिन गया, और उनके स्थान पर संविदा पर नियुक्ति सरोज यादव कार्यरत हो गई। वार्डन प्रतिमा सिंह प्रभाव शाली परिवार से होने के कारण कुडवार से जाने को तैयार नही थी, जिसके चलते दोनो महिला वाडेZन के बीच जोर आजमायिश का दौर चला, वार्डेन सरोज यादव अपने को असफल होते देख उच्च न्यायलय का सहारा लिया और कामयाब हुई। उक्त सरोज यादव वाडेZन की नियूक्ति क्षेत्रीय सफेद नकाब पोश वालो को नागवार लगी, और बदला लेने का कुचक्र रचना प्रारम्भ कर दिया। ऐसे में द्वेश भावना से ग्रस्त सफेद नकाब पोश के लोग भी क्या सोने पर सुहागा उस समय सावित हुआ जब मितयी पाण्डे पुरवा निवासी क्षत्रिय व प्रजापति छात्राओं के बीच विद्यालय में विबाद हो गया। जिसकी खबर क्षत्रिय परिवार की बालिका ने धर पर फोन से दी, !और छात्रा के अभिभावक विद्यालय पहुंचकर वाडेZन से इस कदर भिड़ गये कि दोनो के बीच हाथा-पायी की नौबत आ गई र्षोर्षो ´´और उसने आवेस में आकर अपनी दोनो बच्चोें का नाम विद्यालय से कटवा कर हस्ताक्षर कर दिया। उक्त विबाद की भनक जब नेताओ को लगी तब उन्होने कूट रचित खडयन्त्र के तहत छात्रांें के द्वारा जनपद के आला अधिकारियो का दरवाजा खट-खटाया, तथा विद्यालय पर सैक्स रैकेट जैसे गम्भीर आरोप लगाये, ! वही मामले की जांच एसडीएम सदर को मिली जिन्होने विद्यालय का औचक निरीक्षण किया, और बल्कि विद्यालय में अध्ययन रत छात्राओं व उनके अभिभावको से गोपनीय जानकारी हासिल कर अन्य-पहलुओं पर भी निरीक्षण किया। एस0डी0एम0 सदर आशुतोश मोहन अग्निहोत्री के औचक निरीक्षण के आधार पर जिला बेसिक िशक्षा अधिकारी मसीहूज्जमा सिद्दीकी ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कुड़वार में कार्यरत वाडेZन केा विन्दुवार कमियोें को उल्लेख कर यथा सीध्र सुधार की हिदायत दी। ऐसे मे सफेद नकाब पोश के लोग कूट रचित खडयन्त्र में अपने को असफल होते देख कुड़वार बजार बन्द करने का लाउड स्पीकर से एलान कराया। किन्तु कस्बा दूकानदारो ने उक्त बाजार बन्द के एलान को सिरे से नकारते हुंए सुबह से अपनी अपनी दुकाने खोल दी जिससे उक्त नेता लोेगो को करारा झटका लगा।
बताते चले कि कई दूकानदारो ने दबे जुवान से बताया कि राहजनी, चोरी, अश्लील हरकते, गरीबो के आसियाना लूटने वाले दलाल तथा बालिकाओ पर फिब्तया कसने व अश्लील हरकते करने वाले लोगो की भरमार है जिन्हे सफेद पोश नेता लोग संरक्षण दे रखे है और क्षेत्र में हमेशा अशान्ति बातावरण माहौल को पैदा करने को प्रयास रत है। इसी कड़ी में पूर्व थानाध्यक्ष के बीस हजार रूपये प्रतिमाह गौ-कशी के एसटीएफ द्वारा भण्ड़ा फोड़ के तरफ इशारा करते हुए दूकान दारों ने कहा कि उक्त सफेद पोश नेता के कान पर उस समय जूं ,, तक नही रेगंा, और आज झूंठे प्रकरण लेकर समाज में विग्रह कर रहे क्योकि वै स्वजातीय रहे। आज क्षेत्र के बच्चो का भविश्य बर्वाद करने व अपनी राजनैतिक रोटिया सेकने का प्रयास रत है जो चिन्ता का विशय है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 20 April 2010 by admin
काग्रेस की स्मृति यात्रा ने आम जनमानस में एक ऐसा प्रभाव छोड़ा है कि हर हाथ काग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने के लिए जुड रहा है। इससे विपक्षियो में बौखलाहट व्याप्त है। उक्त बातें स्मृति यात्रा के स्वागत समारोह में वर्तमान बाल्मीकी समाज के साथ स्वागत करते हुए वरि0 काग्रेंसी राम सुन्दर चौधरी ने कही। श्री चौधरी ने कोतवाली नगर के सामने स्वागत द्वार बनवा कर वािल्मीकी समाज की महिजाओं पुरूशों वा युवाओं के साथ स्मृति यात्रा 2010 का स्वागत किया। स्वागत रथ पर सांसद पीएल पुनिया सांसद डा0 संजय सिह विधायक अमेठी अमिता सिंह काग्रेंस कमेटी के जिलाध्यक्ष मकसूद आलम जगह-जगह संबोधित करते हुए सुल्तानपुर नगर के तिकोनिया पार्क मेें लोगों केा संबोधित करते हुूए काग्रेंस के मिशन को पूरा करने का आवाहन किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 20 April 2010 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग की मुस्लिमों के सम्बंध में की गई संस्तुतियों को लागू करने में केन्द्र और प्रदेश सरकार की हीलाहवाली के खिलाफ समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आज फैजाबाद के रकाबगंज चौराहा पर जबरदस्त प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी। सच्चर कमेटी ने मुस्लिमों की हालत दलितों से भी बदतर बताई है और रंगनाथ मिश्र आयेाग ने मुस्लिमों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की संस्तुति की है।
संसद में पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग के साथ मुम्बई दंगों पर श्रीकृष्ण आयोग की जॉच रिपोर्ट पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही किए जाने की मांग उठाई थी। फैजाबाद की समाजवादी पार्टी ने इस मांग को लेकर पहले ही प्रदर्शन की घोषणा कर रखी थी।
आज फैजाबाद में समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन का श्री अवधेश प्रसाद, विधायक, पूर्व सॉसद मित्रसेन यादव, पूर्व मन्त्री डा0 मसूद एवं, अब्बास अली जैदी, उर्फ रूश्दी मियॉ, विधायक, जिलाध्यक्ष जयशंकर पाण्डेय,महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती लीलावती कुशवाहा, सूर्यकान्त पाण्डेय तथा पवन पाण्डेय ने नेतृत्व किया जिन्हें 500 साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय इमाम तथा मौलाना भी शामिल हुए। इसमें उल्लेखनीय है हाजी अब्दुल हाफिज कैप्टन अफजाल अहमद, जाम मिस्जद, टाट साहब के नायब इमाम मौलान जमीर, अयोध्या के जनाव बाबू खॉ एवं जनाव अब्दुल लतीफ आदि।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 20 April 2010 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार ने किसानों को तबाह करनी की कसम खा रखी है। अपने पूरे कार्यकाल में इसने किसानों को न तो कभी फसलों का लागत मूल्य दिलाया है और न हीं सरकारी संस्थाओं की लूट से बचाया है। गन्ना, गेहूं, धान और आलू के किसान सभी उसके शिकार बने हैं। हॉ, उसने पूंजीपतियों, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और अफसरशाही को इस बात की खुली छूट दे दी है कि वे जितना कर सकते हैं, शोषण करके उसे कर्जदार बनाकर आत्महत्या के लिए मजबूर कर दें।
उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है किन्तु अब तक मात्र 70 से 80 हजार टन गेंहंू की खरीद हो पाई है। खरीद का समर्थन मूल्य 1100 रूपये प्रति िक्वटंल जारी किया गया है। राज्य पूल में गेंहंू, चावल का भण्डारण खत्म कर दिया गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि अब भारतीय खाद्य निगम पर निर्भरता बढ़ गई है और खाद्य निगम किसानों का गेहंू लेने से इसलिए इंकार कर रहा है कि यह उसके मानक का नहीं है। गेंहूं के दाने पूरी तरह से पुष्ट नहीं हो पाने और सिकुडने का वजह बनाया जा रहा है।।
किसान को लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है जो कम से कम 1500 रूपए िक्वटंल होना चाहिए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव बराबर इतने न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग करते रहे है। दूसरे खाद्य निगम की मनमानी की वजह से किसान को अपना गेहूं बिचौलियों और बड़ी कम्पनियों के हाथो 900 रूपए तक में बेचना पड़ रहा है। यही गेहूं उपभोक्ता को मंहगा बेचकर नौकरशाही की मिलीभगत से मुनाफा कमाने की साजिश है।।
गेहूं किसानों के साथ जैसा व्यवहार किया जा रहा है उसमें तो कर्ज के बोझ से लदे किसान को जिन्दगी चलाना मुश्किल हो जाएगा। किसानों पर चौतरफा मुसीबते हैं। खाद्य निगम उनको वापस लौटा रहा है, गेहूं खरीद केन्द्र पूरी तरह खुले नहीं है। बिजली विभाग की लापरवाही से जर्जर तारों के टूटने और खेतों के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजरने से आए दिन किसानों के खेतों में आग लगने की घटनाएं हो रही है। प्रशासनिक अधिकारी अपनी लापरवाही छुपाने के लिए क्षतिग्रस्त सम्पत्ति का कम आकंलन कर रिपोर्ट भेजते हैं।
किसानों के साथ इस तरह की उपेक्षा का बर्ताव करने वाली सरकार के पास इस बात का कोई जबाब नहीं है कि गरीब की थाली में तो अन्न नही,ं वहीं सरकारी गोदामों में लाखों टन गेहंू दो साल से सड़ क्यों रहा हैर्षोर्षो सरकारी राशन वितरण प्रणाली से गरीब को गेहूं नहीं मिल रहा है।
दरअसल, केन्द्र की कांग्रेस और प्रदेश की बसपा सरकारें दोनों गांव किसान से कोई रिश्ता नहीं रखती है। वे पूंजीपतियों एवं राष्ट्रीय कम्पनियों की मदद से जीने वाली पार्टियां है। समाजवादी पार्टी उन्हें सचेत करना चाहती है कि वे अपनी गलत नीतियां सुधारे, किसानों को इतना ज्यादा परेशान न करें कि वे अराजकता की शरण में चले जाए। किसान अन्न का देवता है, उसका सम्मान करना सीखना ही होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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