कुडवार, सुल्तानपुर 20 अपै्रल। पंचायत चुनाव आने की सुगबुगाहट से राजनीति में अपने को स्थापित करने का जो तरीका लोग निकाल रहे है उनका न तो किसी के मान प्रतिश्ठा का ख्याल है और न उनके मान सम्मन का किस किस की भावनायें आहत हेा रही है राजनैतिक नेताओ को इससे क्या लेना देना, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कुड़वार व्लाक में देखने को मिलने लगा, इसी क्रम में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का प्रकरण ने खूब जोर पकड़ा और इसमें वाडेZन से लेकर संम्बन्धित आला अधिकारियेा तक ने कीचड़ उछालने में कोई कोर कसर नही छोड़ी। कुडवार बाजार में जब कुछ माननीयेा से इस बारे में बात चीत की गई तो उन लोगो ने बताया कि इस विद्यालय में जिन बिच्चयों की पढाई छूट गई थी उनके लिये इस विद्यालय का संचालन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस विद्यालय में हमारे ही गांव गिंराव की बिच्चयां पढ़ने आती है। उनकी इज्जर आबरू की रक्षा करना हम लोगो का भी परम कर्तव्य है। आवासीय विद्यालय का जो प्रकरण चल रहा है वह केवल चुनाव के मदद्े नज़र किया जा रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य में कुडवार मार्केट बन्द कराने वाले सफेदपोश लोगों को उस समय मुह की खानी पड़ी जब कस्बा दूकानदारोंं ने उनका साथ देने से इनकार कर दिया। मामला कस्तूरबा गाधी आवासीय बालिका विद्यालय कुड़वार से सम्बधित रहा। ज्ञातव्य हो कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कुड़वार इन दिनो सुर्खियो में रहा, जहां राजनीतिक लोग अपनी अपनी रोटिंया सेकने के लिए क्षेत्रीय सफेद नकाब पोश के लोग अपना उल्लू सीधा करने को प्रयास रत है और विद्यालय को बदनाम करने के सारे हथकण्डे़ अपनाने में कोई कोर कसर बाकी नही छोड रहे है।
सूत्रों के अनुसार कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कुड़वार विबाद के धेरे में उस समय आया जब दूबेपुर विद्यालय की वाडेZZन प्रतिमा सिंह से कुड़वार आवासीय बालिका विद्यालय का कार्य भार छिन गया, और उनके स्थान पर संविदा पर नियुक्ति सरोज यादव कार्यरत हो गई। वार्डन प्रतिमा सिंह प्रभाव शाली परिवार से होने के कारण कुडवार से जाने को तैयार नही थी, जिसके चलते दोनो महिला वाडेZन के बीच जोर आजमायिश का दौर चला, वार्डेन सरोज यादव अपने को असफल होते देख उच्च न्यायलय का सहारा लिया और कामयाब हुई। उक्त सरोज यादव वाडेZन की नियूक्ति क्षेत्रीय सफेद नकाब पोश वालो को नागवार लगी, और बदला लेने का कुचक्र रचना प्रारम्भ कर दिया। ऐसे में द्वेश भावना से ग्रस्त सफेद नकाब पोश के लोग भी क्या सोने पर सुहागा उस समय सावित हुआ जब मितयी पाण्डे पुरवा निवासी क्षत्रिय व प्रजापति छात्राओं के बीच विद्यालय में विबाद हो गया। जिसकी खबर क्षत्रिय परिवार की बालिका ने धर पर फोन से दी, !और छात्रा के अभिभावक विद्यालय पहुंचकर वाडेZन से इस कदर भिड़ गये कि दोनो के बीच हाथा-पायी की नौबत आ गई र्षोर्षो ´´और उसने आवेस में आकर अपनी दोनो बच्चोें का नाम विद्यालय से कटवा कर हस्ताक्षर कर दिया। उक्त विबाद की भनक जब नेताओ को लगी तब उन्होने कूट रचित खडयन्त्र के तहत छात्रांें के द्वारा जनपद के आला अधिकारियो का दरवाजा खट-खटाया, तथा विद्यालय पर सैक्स रैकेट जैसे गम्भीर आरोप लगाये, ! वही मामले की जांच एसडीएम सदर को मिली जिन्होने विद्यालय का औचक निरीक्षण किया, और बल्कि विद्यालय में अध्ययन रत छात्राओं व उनके अभिभावको से गोपनीय जानकारी हासिल कर अन्य-पहलुओं पर भी निरीक्षण किया। एस0डी0एम0 सदर आशुतोश मोहन अग्निहोत्री के औचक निरीक्षण के आधार पर जिला बेसिक िशक्षा अधिकारी मसीहूज्जमा सिद्दीकी ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कुड़वार में कार्यरत वाडेZन केा विन्दुवार कमियोें को उल्लेख कर यथा सीध्र सुधार की हिदायत दी। ऐसे मे सफेद नकाब पोश के लोग कूट रचित खडयन्त्र में अपने को असफल होते देख कुड़वार बजार बन्द करने का लाउड स्पीकर से एलान कराया। किन्तु कस्बा दूकानदारो ने उक्त बाजार बन्द के एलान को सिरे से नकारते हुंए सुबह से अपनी अपनी दुकाने खोल दी जिससे उक्त नेता लोेगो को करारा झटका लगा।
बताते चले कि कई दूकानदारो ने दबे जुवान से बताया कि राहजनी, चोरी, अश्लील हरकते, गरीबो के आसियाना लूटने वाले दलाल तथा बालिकाओ पर फिब्तया कसने व अश्लील हरकते करने वाले लोगो की भरमार है जिन्हे सफेद पोश नेता लोग संरक्षण दे रखे है और क्षेत्र में हमेशा अशान्ति बातावरण माहौल को पैदा करने को प्रयास रत है। इसी कड़ी में पूर्व थानाध्यक्ष के बीस हजार रूपये प्रतिमाह गौ-कशी के एसटीएफ द्वारा भण्ड़ा फोड़ के तरफ इशारा करते हुए दूकान दारों ने कहा कि उक्त सफेद पोश नेता के कान पर उस समय जूं ,, तक नही रेगंा, और आज झूंठे प्रकरण लेकर समाज में विग्रह कर रहे क्योकि वै स्वजातीय रहे। आज क्षेत्र के बच्चो का भविश्य बर्वाद करने व अपनी राजनैतिक रोटिया सेकने का प्रयास रत है जो चिन्ता का विशय है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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