Archive | February 22nd, 2010

मौलाना आजाद के जन्मदिवस को शिक्षा दिवस के रूप में घोषित किये जाने पर केन्द्र सरकार को धन्यवाद

Posted on 22 February 2010 by admin

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी मुख्यालय में आज महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद की पुण्यतिथि प्रदेश कंाग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन श्री मारूफ खान की अध्यक्षता में मनायी गई। कार्यक्रम का संचालन श्री साबिर अली ने किया।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने बताया कि इस मौके पर मौजूद कांग्रेस नेताओं ने मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा स्वतन्त्रता आन्दोलन में किये गये योगदान और समाज के प्रति उनके द्वारा किये योगदान का जिक्र करते हुए कंाग्रेसजनों से अबुल कलाम आजाद के बताये रास्ते पर चलने का आवाहन किया। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री मारूफ खान ने मौलाना आजाद के जन्मदिवस को शिक्षा दिवस के रूप में घोषित किये जाने पर केन्द्र सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कांग्रेस पार्टी के 125वें स्थापाना वर्ष में मौलाना आजाद के जन्मदिवस एवं पुण्यतिथि पर विभिन्न कार्यक्रमों को पूरे देश में मनाये जाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी को धन्यवाद दिया है।

श्री मदान ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष-पूर्व मन्त्री श्री रणजीत सिंह जूदेव, प्रदेश कंाग्रेस के महामन्त्री-प्रभारी प्रशासन श्री प्रदीप श्रीवास्तव, महामन्त्री श्री संगमलाल शिल्पकार, श्रम प्रकोष्ठ की चेयरमैन सुश्री अनुसुइया शर्मा, श्री जमील कुरैशी, श्री नदीम मजहर, श्री आरिज अली किदवई, श्री जरीफ खां रूक्खसार, श्री कमाल अहमद हीरू आदि वरिष्ठ नेताओं ने अबुल कलाम आजाद को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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प्रदेश में कानून व्यवस्था जर्जर

Posted on 22 February 2010 by admin

प्रदेश में सुश्री मायावती के शासन में न तो संविधान का पालन हो रहा है और न ही कानून का। आम लोगों को न्याय से भी वंचित किया जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद भी धुआंधार कार्य करवाया जा रहा है और कानून की धज्जियां उड़ायीं जा रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार हर स्तर पर अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए तानाशाही रवैया अपनाये हुए है। प्रदेश में कोई भी संगठन अपनी जायज मांगों व जनसमस्याओं को लेकर यदि अपनी आवाज शासन तक पहुंचाना चाहता है तो उस पर दमनपूर्ण कार्यवाही करके उसकी आवाज को दबा दिया जाता है। ऐसे तमा दृष्टान्त हैं, जिनमें प्रदेश सरकार की दमनकारी नीति स्पष्ट रूप से परिलच्छित होती है। राज्य कर्मचारी शिक्षक- संयुक्त मोर्चा द्वारा अपनी जायज मांगों केा लेकर किये जा रहे प्रदर्शन पर बर्बर लाठीचार्ज पुलिसिया जुल्म और बर्बर लाठीचार्ज और घायल कर्मचारियों के साथ अमानवीय बर्ताव, मोअल्मे-उर्दू का आन्दोलन, शिक्षा मित्रों के प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा किया गया बर्बर लाठीचार्ज राज्य सरकार की तानाशाही के ज्वलन्त उदाहरण हैं।

प्रदेश में कानून व्यवस्था जर्जर हो चुकी है। 11फरवरी,2010 को दिल्ली की मुख्यमन्त्री श्रीमती शीला दीक्षित सहित प्रमुख नेताओं द्वारा बरेली में दरगाह आला हजरत पर चादर चढ़ाते समय पुलिस-प्रशासन ने गैर-जिम्मेदाराना, शत्रुतापूर्ण तथा षडयन्त्रकारी ढंग से ऐसी अव्यवस्था पैदा की जिससे दिल्ली प्रदेश की मुख्यमन्त्री बेहोश हो गईं और सभी केन्द्रीय नेता जायरीनों की मदद से बाल-बाल बचे। इससे स्पष्ट रूप से जाहिर होता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। इतना ही नहीं, प्रदेश में महिलाओं पर निरन्तर हो रहे अत्याचार, बलात्कार, अपहरण आदि की घटनाओं को लेकर उत्तर प्रदेश महिला कंाग्रेस द्वारा किये गये धरना-प्रदर्शन और मुख्यमन्त्री से मिलने हेतु मांगे गये समय को दर-किनार करके जिस तरह से बर्बर लाठीचार्ज किया गया, उसमें प्रदेश अध्यक्ष सहित सैंकड़ों महिला नेता घायल हुईं। उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती सुनियोजित ढंग से लोकतन्त्र और संविधान का गला घोंट रही हैं, कानून व्यवस्था तोड़कर दमनचक्र चला रही हैं। इसके विरोध में प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी के आवाहन पर पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर जिला एवं शहर कंाग्रेस कमेटी के नेतृत्व में `विरोध दिवस´ मनाया गया।

प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने बताया कि उपरोक्त तथ्यों को विर्णत कर महामहिम राज्यपाल केा सम्बोधित ज्ञापन आज धरना देकर कंाग्रेसजनों ने जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा।

श्री श्रीवास्तव ने बताया कि जिला-शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित किये गये आज के धरना के क्रम में जनपद लखनऊ में शहर अध्यक्ष एवं विधायक श्री श्यामकिशोर शुक्ल तथा जिलाध्यक्ष श्री सिराजवली खां`शान´ के नेतृत्व में पूर्व मन्त्री श्रीमती स्वरूप कुमारी बख्शी, पूर्व मन्त्री श्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मन्त्री श्री राजबहादुर, मुख्य प्रवक्ता श्री सुबोध श्रीवास्तव, श्री अमीर हैदर एडवोकेट, पूर्व विधायक श्रीमती महारानी दोहरे, चौधरी अखिलेश सिंह, श्री वीरेन्द्र मदान, श्री बलदेव चौधरी, श्रीमती सुषमा सिंह, श्री जगदीश अवस्थी, श्री शैलेन्द्र तिवारी बबलू पार्षद, श्री अंजनी शुक्ला पिण्टू, श्री वीरेन्द्र सिंह गुड्डू, श्री सुभाष श्रीवास्तव, श्री सुधीर श्रीवास्तव, श्री मेंहदी हसन, श्री कृपा निधान सहित लगभग एक हजार लोगों ने धरना दिया तथा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसी प्रकार जनपद आजमगढ़ में पूर्व मुख्यमन्त्री श्री रामनरेश यादव, जिलाध्यक्ष श्री एजाज अहमद, पूर्व विधायक श्री दीप नारायण सहित एक हजार लोगों ने, फैजाबाद में जिलाध्यक्ष श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह, प्रदेश कांग्रेस के महामन्त्री श्री के.के.सिनहा, पूर्व विधायक श्री माधव प्रसाद, शहर अध्यक्ष श्री नाजिम हुसैन, श्री अशोक सिंह के नेतृत्व में सैंकड़ों कांग्रेसजन जिला कार्यालय से निकलकर कचेहरी जा रहे थे, जिन्हें गांधी पार्क पर रोककर गिरफ्तार कर लिया गया, वहां पर मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया। जनपद गोरखपुर में जिलाध्यक्ष श्री संजीव सिंह एवं शहर अध्यक्ष, विधायक श्री माधो पासवान सहित पूर्व विधायक श्री लालचन्द्र निषाद, श्री सै. जमाल सहित लगभग पांच सौ लोगों ने धरना दिया एवं गिरफ्तारी दी। जनपद बहराइच में जिलाध्यक्ष श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह जीतू सहित पूर्व सांसद राना वीर सिंह, श्री देवतादीन, दुलारा देवी, श्री राम सागर राव पूर्व एमएलसी, श्रीमती पूनम किशोर सहित शहर के मुख्य मार्ग पर लगभग चार हजार लोगों ने धरना दिया जिन्हें पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। जनपद कन्नौज में श्री अनिल यादव, श्रीमती ऊषा दूबे, श्री धर्मेन्द्र यादव, श्री एच.पी.सिंह, श्री अजय पाण्डेय, श्री जीवन शुक्ला सहित तीन सौ लोगों ने गिरफ्तारी दी। एटा में जिलाध्यक्ष श्री प्रमोद गुप्ता के नेतृत्व में श्री नीरज गुप्ता, श्री आदर्श कुमार, श्री दिलीप गुप्ता, श्री दिलीप बाल्मीकि सहित तीन हजार लोगों ने धरना दिया। ज्ञापन देने हेतु जाते समय लाठीचार्ज की गई जिसमें कई लोग घायल हो गये तथा गिरफ्तार कर लिया गया। जनपद सीतापुर में जिलाध्यक्ष श्री महेश चन्द्र मेहरोत्रा`बबुआ´ एवं शहर अध्यक्ष श्रीमती पूनम मिश्रा के नेतृत्व में पूर्व मन्त्री डा. अम्मार रिजवी, पूर्व विधायक श्री हरीश बाजपेई, श्री अजय भार्गव, श्री अनिल द्विवेदी, श्री आशीष चौधरी, श्रीमती शमीना शफीक, श्री राजीव शर्मा, श्री कृष्णमोहन गुप्ता, श्री अर्जुन सिंह, श्री कल्लन खां, श्री मोइनुद्दीन, मो0 रिजवान सहित लगभग दो हजार लोगों ने धरना दिया। जनपद बस्ती में पूर्व विधायक श्री अिम्बका सिंह, पूर्व विधायक श्री रामजियावन, श्री राजेन्द्र बहादुर सिंह, श्रीमती फिरोजा पटवा सहित दस हजार लोगोें ने, जनपद बदायूं में जिलाध्यक्ष श्री ओमकार सिंह, सचिव श्री पीयूष रंजन यादव, श्री मुन्ना लाल सागर, श्रीमती रमा सिंह, श्रीमती वीरेश तोमर, श्री फकरे अहमद सोवी, श्रीमती फरहा नईम सहित आठ सौ लोगों ने, जनपद शाहजहांपुर में जिलाध्यक्ष श्री मानवेन्द्र सिंह, श्री कौशल मिश्रा, श्री रवीर सिंह, श्री सईद अनवर कुरैशी, श्री भूपेन्द्र सिंह सहित चार सौ लोगों ने, मुरादाबाद में पूर्व विधायक श्री हाफिज मोहम्मद सिद्दीक, श्रीमती फूलमती सैनी, श्रीमती सरिता गुप्ता, श्री देशराज शर्मा सहित लगभग तीन हजार लोगों ने, जनपद फतेहपुर में लगभग तीन सौ लोगों ने, कौशाम्बी में जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदेश सचिव श्री राम बहादुर त्रिपाठी सहित लगभग एक हजार लोगों ने, कानपुर में जिलाध्यक्ष श्री महेश दीक्षित, राष्ट्रीय सचिव श्री अब्दुल मन्नान, विधायक श्री संजीव दरियाबादी, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, श्रीमती गीता चौहान, श्रीमती आरती दीक्षित, श्री निजामुद्दीन खां, श्री रिजवान हमीद, श्री शंकरदत्त मिश्रा, श्री राजेन्द्र मिश्रा पप्पू सहित एक हजार लोगों ने, जनपद गोण्डा में शहर अध्यक्ष श्री अमरजीत सिंह, पूर्व विधायक श्री दीपनारायण पाण्डेय, श्रीमती शालिनी पाण्डेय, श्री प्रमोद मिश्रा, सै. अब्दुल मुजीब, श्री कमरूद्दीन सहित तीन हजार लोगों ने, जनपद उन्नाव में जिलाअध्यक्ष श्री वीर प्रताप सिंह, श्री जंगबहादुर सिंह, श्री शंकरलाल गौतम, श्री हनुमन्त सिंह, डा0 गंगा बख्श सिंह, श्री हसन वासिफ, श्री रामनरेश सिंह, डा. सूर्य नारायण यादव, श्री अमित शुक्ला, श्री अजय श्रीवास्तव सहित चार सौ लोगों ने, फिरोजाबाद में जिलाध्यक्ष श्री केशवदेव एवं शहर अध्यक्ष श्री शफात खान राजू के नेतृत्व में लगभग छ: सौ लोगों ने, जनपद अम्बेडकर नगर में जिलाध्यक्ष रामकुमार पाल के नेतृत्व में साढ़े चार सौ लोगों ने, महराजगंज में जिलाध्यक्ष श्री आलोक प्रसाद के नेतृत्व में पूर्व विधायक श्री गनपति सिंह, एम.पी.साहनी, श्री के.एम. पाण्डेय, श्री अवधेश पाठक, श्रीमती रमाकान्ती त्रिपाठी सहित दो हजार लोगों ने धरना दिया और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। भदोही में शशिप्रभा कनौजिया, श्री देवेन्द्र दुबे, श्री सुरेश गौतम, श्री सूर्यमणि तिवारी सहित पांच सौ लोगों ने, मऊ में श्रीमती सुधा राय सहित लगभग एक हजार लोगों ने धरना दिया और ज्ञापन सौंपा। लखीमपुर में जिलाध्यक्ष श्री इकबाल अहमद सहित अवधेश चन्द्र दीक्षित, श्री राजकुमार अवस्थी, श्रीमती विमलेश सिंह, डा0 देवराज सिंह, डा0 कलामुद्दीन एवं फ्रन्टल संगठनों के अध्यक्ष सहित लगभग एक हजार लोगों ने, जनपद बलरामपुर में जिलाध्यक्ष खालिद बिन अफजल, पूर्व विधायक कमलेश सिंह, पूर्व ब्लाक अध्यक्ष श्री शिवलाल, प्रदेश महामन्त्री श्री अरूण प्रकाश, सुरेश भान मिश्रा, नूरूल हसन, डा. जमाल फिदा मुहम्मद सहित लगभग एक हजार लोगों ने, जनपद सिद्धार्थनगर में जिलाध्यक्ष श्री चन्द्रशेखर त्रिपाठी के नेतृत्व में पूर्व विधानसभा प्रत्याशी डुमरियागंज श्री अशोक कुमार सिंह सहित लगभग डेढ़ हजार लोगों ने, इलाहाबाद में जिलाध्यक्ष श्री अनिल द्विवेदी, शहर अध्यक्ष चौधरी जितेन्द्र नाथ सिंह सहित लगभग ढाई हजार लोगों ने, श्रावस्ती में श्री कुंवर सिंह एवं श्री योगेन्द्र मणि त्रिपाठी सहित सात सौ लोगों ने, बरेली में जिलाध्यक्ष श्री राजीव शर्मा, श्री काशिम कशमीरी शहर अध्यक्ष, श्री मुकेश, ब्रहमानन्द धानवी, श्री अजय शुक्ला, श्री अलाउद्दीन, डा. नीतू मेहरोत्रा, श्री सोहनलाल शर्मा सहित पांच सौ लोगों ने, जनपद कुशीनगर में जिलाध्यक्ष श्री राजेन्द्र पाण्डेय, श्री रंजीत सिंह, श्री सुरेन्द्र मिश्रा, श्री रामानन्द गोण्ड, श्री राधेश्याम पासवान, श्री वाचस्पति पाण्डेय, श्री नन्दकिशोर गुप्ता, श्री नरेन्द्र यादव सहित लगभग पंाच सौ लोगों ने, जनपद जौनपुर में श्री शेर बहादुर जिलाध्यक्ष सहित चंचल सिंह, पूर्व विधायक श्री तेज बहादुर सिंह, फ्रन्टल संगठनों के सभी नेताओं सहित लगभग ढाई हजार लोगों ने व्यापक धरना दिया और ज्ञापन सौंपा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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दोषी विधायक को गिरफ्तार करने की मांग

Posted on 22 February 2010 by admin

इटावा के नलकूप विभाग के अधिशासी अभियन्ता श्री शिवदास को स्थानीय बसपा विधायक भीमराव अम्बेडकर द्वारा प्रताड़ित करने के चलते इंजीनियर द्वारा इस्तीफा दिया जाना राज्य सरकार के इशारे पर बसपा के कार्यकर्ताओं की घोर निरंकुशता की पुष्टि करता है। प्रदेश कंाग्रेस इस घटना की कड़ी निन्दा करते हुए दोषी विधायक को गिरफ्तार करने की मांग की है।

प्रदेश कंाग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि बसपा विधायक भीमराव अम्बेडकर द्वारा प्रताड़ित किये गये इंजीनियर द्वारा इस्तीफे के साथ ही मुख्यमन्त्री को भेजे पत्र में अपनी जान को खतरा बताया जाना तथा औरैय्या काण्ड से भी भयानक अंजाम भुगताने की धमकी दिया जाना प्रदेश में सत्तारूढ़ बसपा सरकार एवं बसपा विधायकों की निरंकुशता का ही परिणाम है। उन्होने कहा कि बसपा विधायक भीमराव अम्बेडकर के हौसले इंजीनियर शिवदास केा प्रताड़ित करने के लिए इसलिए बढ़े, क्योंकि औरैय्या में इन्जीनियर स्व0 मनोज गुप्ता हत्याकाण्ड के दोषी बसपा विधायक श्री शेखर तिवारी पर मुख्यमन्त्री द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई और वह अभी भी बसपा के सदस्य बने हुए हैं। इटावा का प्रकरण इस पाखण्ड को भी खोलता है कि दलित इस सरकार में पूरी तरह सुरक्षित हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के जन्मदिन को अब भले ही आर्थिक सहयोग दिवस न मनाये जाने का निर्णय किया गया हो, लेकिन यह प्रक्रिया उनके जन्मदिन के बजाय पूरे वर्ष भर जारी रहती है। जो अधिकारी और व्यापारी धन देने में हीलाहवाली करते हैं उनका उत्पीड़न किया जाता है और उत्पीड़न करने वाले बसपा विधायकों और कार्यकर्ताओं को स्वयं मुख्यमन्त्री का वरदहस्त प्राप्त है। मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में महिला उत्पीड़न की हद हो चुकी है। कानून व्यवस्था का आलम यह है कि हत्या, लूट और अपहरण की घटनाओं में बाढ़ आ चुकी है। समाचारपत्रों की मुख्य सुर्खियां इन्ही घटनाओं से भरी रहती हैं लेकिन राज्य सरकार आंख मूदे बैठी है। अभी दो दिन पहले उ0प्र0 राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु नियम की जिला प्रबंधक श्रीमती राकेश का अपहरण कर लिया गया और प्रशासन ने ठोस कार्यवाही करने के बजाय श्रीमती राकेश के सकुशल लौटने का इन्तजार कर रही है। प्रदेश सरकार ने अभी तक श्रीमती राकेश के अपहरण में कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की है, निन्दनीय है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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प्रदेश की जनता पर सरकारी कहर

Posted on 22 February 2010 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा उत्तर प्रदेश की जनता पर सरकारी कहर जारी है। पहले से ही मंहगाई से जिन्दगी दूभर हो गई थी, अब प्रदेश सरकार ने लगभग 400 वस्तुओं पर एक फीसदी अतिरिक्त कर बढ़ाकर आम आदमी की कमर तोड़ दी है। स्पष्ट है कि प्रदेश की मायावती सरकार अपनी झोली भरने के लिए प्रदेश के तमाम नागरिकों को अभाव, कर्ज और भुखमरी की ओर ढकेलना चाहती है। उत्पीड़ित लोग इस चोट से अपनी जिन्दगी भी दॉव पर लगा सकते हैं और कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।

बसपा सरकार नए कर लगा कर आम आदमी को बबाZद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है। खाने का तेल, माचिस, मेेवा, फोन-मोबाइल, चाय, काफी, साईकिल, कागज, कपड़े, बेडशीट, प्लास्टिक, व हवाई चप्पलें, कृषि कार्य उपकरण, पिम्पंग सेट आदि पर कर लगाकर मंहगाई बढ़ाने का उसका कुचक्र अब चरम पर पहुंच गया है। इससे जनजीवन सीधे प्रभावित होगा। सरकार ने होली के अवसर पर मंहगाई को और बढ़ाकर अपनी ओछी जनविरोधी मानसिकता का ही परिचय दिया है।

मुनाफाखोरो ंऔर जमाखोरों पर नियन्त्रण लगाने में प्रदेश सरकार की कोई रूचि नहीं दिखाई देती है। उसके सांसद, विधायक और नेता ही अब तमाम अवांछनीय गतिविधियों के संचालक-संरक्षक बने हुए हैं। सरकार अतिरिक्त कर लगाकर 500 करोड़ रूपए का अतिरिक्त राजस्व कमाने का दावा कर रहे है। अब तक के सरकारी रिकार्ड को देखते हुए यह बात बेहिचक कहीं जा सकती है कि इस अतिरिक्त राजस्व का भी उपयोग मुख्यमन्त्री के चहेते कामों पर होगा। प्रदेश के बजट का एक बड़ा भाग वे विकास कार्यों के बजाए पत्थरों, पाकोZ, स्मारकों तथा अपनी प्रतिमाओं के लगाने पर खर्च कर चुकी है। उनके ये कार्य पूर्णतया जनसंवेदना शून्य और अलोकतािन्त्रक हैं। राज्य सरकार के जनविरोधी आचरण पर केन्द्र सरकार की चुप्पी आश्चर्यजनक है। केन्द्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस भी कम ढोंगी नहीं है, एक ओर तो वह भ्रष्ट राज्य सरकार को पूरा संरक्षण दे रही है और दूसरी ओर उसके विरूद्ध आन्दोलन का नाटक भी कर रही है।

रूपए के घाटे का है। श्री यादव ने बिना वैट लगाए ही संसाधन जुटाए थे और मंहगाई को भी नियन्त्रित किया था। उन्होंने अनुत्पादक कार्यो पर खर्च रोका और विकास को गति दी थी। वर्तमान मुख्यमन्त्री वसूली, कमीशनखोरी और प्लाट-कोठियों पर कब्जे की राजनीति चला रही है। उनके समय मे बाहरी पूंजी निवेश शून्य है और बुनियादी सुविधाओं का अकाल पड़ गया है। स्थिति इतनी गम्भीर है कि यह प्रदेश, जिसे श्री मुलायम सिंह यादव “उत्तम प्रदेश´´ बनाने के कार्य में जुटे हुये थे। हर क्षेत्र में पिछड़ता जा रहा हेै अब यह उत्तर प्रदेश यदि “उल्टा प्रदेश´´ बन जाये तो आश्चर्य नहीं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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25 फरवरी को भारी विरोध प्रदर्शन व विधान सभा मार्च

Posted on 22 February 2010 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 रमापतिराम त्रिपाठी ने जानलेवा महंगाई को केन्द्र की कांग्रेसी व राज्य की बसपा सरकार की आर्थिक नीतियो, भ्रष्टाचार व आर्थिक कुप्रबंधन की देन बताया और कहा कि कांग्रेस और महंगाई का पुराना साथ है। कांग्रेस जब-जब सत्ता में रही है, महंगाई को साथ लेकर ही आई है। डा0 त्रिपाठी ने आज यहां पार्टी मुख्यालय पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि सभी सरकारें महंगाई को रोकने की बातें करती थी। अटल जी की सरकार ने महंगाई को रोक दिया था लेकिन वर्तमान कांग्रेसी सत्ता के प्रधान मन्त्री कृषि मन्त्री, वित्त मन्त्री में महंगाई बढ़ाने की पूर्व सूचना देने की होड़ है। मन्त्रिगण हर सप्ताह मंहगाई बढ़ जाने की पूर्व सूचना देते हैं, जमाखोरों को ही फायदा पहुंचाते हैं।

डा0 त्रिपाठी ने केन्द्र व बसपा सरकार के विरूद्ध लखनऊ में 25 फरवरी को भारी विरोध प्रदर्शन व विधान सभा मार्च की घोषणा की। प्रदेश अध्यक्ष ने महंगाई के लिए बसपा सरकार को भी पूरा जिम्मेदार ठहराया और कहा कि बसपाई भ्रष्टाचार ने भी महंगाई बढ़ाई है। रोडवेज बसों के किराए में अकूत वृद्धि हुई है। पेट्रोल, डीजल पर भारी स्थानीय करों ने महंगाई बढ़ाई है। सरकार ने विधान सभा के बजट सत्र के बाद लगभग 500 करोड़ के अतिरिक्त कर लगाए हैं। ये भी महंगाई बढ़ाने वाले हैं।

डा0 त्रिपाठी ने कहा कि बसपा सरकार के प्रशासनिक तन्त्र व अधिकारी वर्ग में दो समूह बन गए हैं। एक वर्ग बसपाई भ्रष्टाचार में शामिल है। वह वसूली करता है, सरकार को धन देता है। गैर कानूनी गलत काम करता है। दूसरा वर्ग गलत काम से बचता है, वही पीड़ित किया जाता है। एक मुख्य सचिव गलत काम न करने के कारण त्याग पत्र को विवश हुए। एक आई0ए0एस0 अधिकारी ने आत्महत्या की। एक इंजीनियर मनोज गुप्त की हत्या हुई। इटावा के एक इंजीनियर ने त्यागपत्र दे दिया है। नौकरशाही का यह वर्ग स्थानान्तरणों पोस्टिंगों के जरिए उत्पीड़न का शिकार है।

बसपा सरकार में कानून व्यवस्था को ध्वस्त बताते हुए डा0 त्रिपाठी ने कहा कि हत्या, अपहरण, लूट, बलात्कार बढ़े हैं। पुलिस अत्याचार बढ़े हैं। मानवाधिकार में यू0पी0 अव्वल है। सरकार ने माफियाराज चला रखा है। सरकार माफिया सुरक्षित अपहरण, हिंसा के अगुवा है। बसपा नेताओं, समर्थकों पर दर्ज अपराधिक मुकदमों की वापसी हुई है। यह प्रक्रिया जारी है। इसने अपराधियों का मनोबल बढ़ाया है। केवल भाजपा पार्टी सारी जन समस्याओं को लेकर लगातार जन संघर्ष कर रही है। पार्टी ने पिछले एक माह में छोटी-बड़ी 5000 सभाएं की हैं। पदयात्रा व जुलूस निकाले गए हैं। यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार त्यागपत्र देकर हट नहीं जाती।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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आकड़ों की जादूगरी के बल पर देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश

Posted on 22 February 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने आज लोक सभा में दोनों सदनों के समक्ष भारत की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा सिंह पाटिल के अभिभाषण को दिशाहीन, आम आदमी के हितों की उपेक्षा करने वाला तथा आकड़ों का पुलिन्दा बताया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में आम आदमी को राहत देने वाली बात कही है, लेकिन अब तक केन्द्र सरकार द्वारा आम आदमी के लिए उठाये गये कदमों से जाहिर होता है कि यह पूरी तरह कोरी बयानबाजी है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2010-11 के दौरान विकास दर 08 प्रतिशत किए जाने की बात भी आंकड़ेबाजी के सिवा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि यू0पी0ए0 की सरकार सभी मोर्चाें पर विफल रही है और आकड़ों की जादूगरी के बल पर देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बढ़ती मंहगाई पर काबू करने के लिए अभिभाषण में कोई ठोस एवं कारगर रणनीति की बात नहीं कही गई है।

सुश्री मायावती ने कहा कि देश से गरीबी दूर करने के लिए किसानों एवं आम आदमी का विकास जरूरी है, लेकिन अभिभाषण में देश के 70 प्रतिशत किसानों के लिए कोई राहत की बात नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि किसान आज भी बदहाली की हालत में है। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में छोटे व सीमान्त किसान, जिन्हें जरूरत के लिए ऋण लेने हेतु सूदखोरों पर निर्भर रहना पड़ता है, उनके लिए सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लोग साहूकारों से कर्ज लेते हैं और उनके मकड़जाल में फंसकर आत्महत्या के लिए मजबूर होते हैं।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि किसानों को केन्द्र सरकार कोई राहत नहीं देना चाहती। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए आसान शर्ताें पर बैंकों से ऋण देने की व्यवस्था की जानी चाहिए थी, किन्तु यू0पी0ए0 सरकार ने कभी भी किसान के हितों को ध्यान में नहीं रखा। उन्होंने कहा कि हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा बजट सत्र से पहले ही यूरिया खाद के मूल्यों पर 10 प्रतिशत की वृद्धि करके किसानों के साथ भद्दा मजाक किया गया है। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में एक तरफ किसानों की माली हालत सुधारने और उनकी उपज का उचित लाभ, खाद्य सुरक्षा मिशन, अनाज का पर्याप्त भण्डारण तथा कृषि निवेश बढ़ाने की बात कही गई है, वहीं दूसरी तरफ एन0बी0एस0 (न्यूट्रियन्ट बेस्ड सिब्सडी) कम करके किसानों के साथ धोखा किया गया है। उन्होंने कहा कि उर्वरकों पर सिब्सडी कम करने से पैदावार में निश्चित रूप से गिरावट आयेगी और इस तरह खाद्य सुरक्षा मिशन का उद्देश्य बेमानी हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह केन्द्र सरकार किसानों को और बदतर हालत में ले जाना चाहती है।

सुश्री मायावती ने कहा कि अभिभाषण में कृषि उत्पादकता बढ़ाने तथा पी0डी0एस0 व खुले बाजार को नियन्त्रित करने की नीतियों में भी व्यापक सुधार करने की बात पूरी तरह सत्य से परे है। उन्होंने कहा कि खुले बाजार को नियन्त्रित करने हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसके विपरीत यूपीए सरकार की नीतियों से मुनाफोखोरों, कालाबाजारियों व सटोरियों को बढ़ावा मिला है। जहां तक कृषि उत्पादकता बढ़ाने की बात है, केन्द्र सरकार की मंशा साफ नहीं है। सिर्फ कहने से उत्पादन नहीं बढ़ेगा, बल्कि इसके लिए कृषि निवेश के साथ ही किसानों को तमाम सहूलियतें देनी होंगी। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार कृषि सेक्टर पर ध्यान देती तो आज देश में तमाम किसान आत्महत्या के लिए मजबूर न होते।
सुश्री मायावती ने कहा कि अभिभाषण में गरीबों एवं कमजोर वर्गों के लिए तमाम सहुलियतों की बातें कही गई हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि 50 साल तक इस देश में शासन करने के बाद भी अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। केन्द्र सरकार द्वारा गठित की गई सच्चर कमेटी की रिपोर्ट से यह बात पूरी तरह से साफ हो जाती है। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों को लेकर कोरी बयानबाजी की गई है। यदि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए केन्द्र सरकार का नज़रिया साफ होता, तो सच्चर कमेटी की सिफारिशों को अब तक लागू कर दिया गया होता।
मुख्यमन्त्री ने महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस की लगातार हीला-हवाली पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार सर्वसमाज की महिलाओं और उनमें दबे-कुचले वर्ग की महिलाओं को आरक्षण का लाभ नहीं देगी, तब तक महिला आरक्षण विधेयक का सही मायने में उद्देश्य पूरा नहीं होगा। महिलाओं के आरक्षण के मामलें में उन्होंने मांग किया कि अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़े वर्गों की महिलाओं को अलग से आरक्षण की सुविधा दी जाये।

सुश्री मायावती ने कहा कि अभिभाषण में अर्थव्यवस्था को तेल और गैस पर आश्रित होने की बात कही गई है और नये तेल क्षेत्रों की खोज से तेल उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी होने की संभावना व्यक्त की गई है। उन्होंने कहा कि नये तेल क्षेत्रों की निरन्तर खोज होते रहने के बावजूद भी आम आदमी को तेल मूल्यों में राहत नहीं मिली है। क्योंकि सरकार ने देश के विशाल भूगर्भ तेल-गैस की सम्पदा अपने चहेते पूंजीपतियों के हाथों “विण्डफॉल प्रॉफिट´´ कमाने के लिए सौंप दी है, जिसकी जानकारी आम जनता को है कि ये चहेते पूंजीपति कौन हैं।

सुश्री मायावती ने अभिभाषण में मनरेगा को लेकर केन्द्र सरकार की पीठ थपथपाये जाने की बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि यह सबसे बड़ा सवाल है कि आम आदमी 08 घण्टे मिट्टी खोदकर एक वक्त का भोजन जुटाता रहे और वह भूख से न मरे और बदहाली का जीवन जीता रहे, कांग्रेस यही चाहती है। उन्होंने कहा है कि यू0पी0ए0 सरकार गरीबों का उत्थान नहीं चाहती, उचित होता कि केन्द्र की सरकार गरीबों के लिए स्थायी रोजगार और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कोई ठोस कदम उठाने की बात कहती। केन्द्र सरकार को आम आदमी की चिन्ता होती तो वह 365 दिन के रोजगार की व्यवस्था करती। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि कांग्रेस की सभी नीतियां हमेशा से गरीब विरोधी रही हैं। जिसके कारण आजादी के 62 वर्ष के बाद भी आम आदमी लाचार और मजबूर है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि अभिभाषण में सूखे जैसी विशिष्ट चुनौतियों से सामना करने के लिए राज्य सरकारों को सहूलियत एवं सहयोग देने वाली बात कही गई है। इस सम्बन्ध में कहना है कि कांग्रेस के केन्द्र की सत्ता में 50 वर्ष के कार्यकाल के दौरान जो क्षेत्र लगातार अनदेखी और भौगोलिक परेशानियों के कारण अन्य क्षेत्रों की तुलना में निरन्तर पिछड़ते चले गये, उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। राज्य सरकार ने पूर्वांचल व बुन्देलखण्ड के लिए 80 हजार करोड़ रूपये का पैकेज मांगा था, उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस तरह सूखा प्रभावित राज्यों को सहायता दिये जाने वाली बात झूठी बयानबाजी के सिवा कुछ नहीं है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि देश में आतंकवादी घटनायें घटित हो रही हैं। इन्हें रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने कोई पुख्ता इन्तजाम न करके सिर्फ बयानबाजी कर रही है और राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी इसी बात को दोहराया गया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की समस्या के स्थायी समाधान के लिए कोई कारगर कदम उठाने की बात नहीं कही गई है। सच्चाई यह है कि केन्द्र सरकार आतंकवाद के नियन्त्रण में पूरी तरह विफल रही है। इसी तरह गम्भीर होती जा रही नक्सली समस्या सिर्फ बात करने से दूर नहीं होगी, बल्कि इसके कारणों का पता लगाकर स्थायी समाधान निकालना होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग विकास से वंचित तथा अन्याय के शिकार रहे, उनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण नक्सलवाद आज पूरे देश में उग्ररूप लेता जा रहा है।

सुश्री मायावती ने कहा कि यू0पी0ए0 सरकार की गलत आर्थिक एवं आयात-निर्यात सम्बन्धी नीतियों के कारण आसमान छूती मंहगाई से आम आदमी और गरीबों का जीवन दूभर हो गया है। इसके साथ ही समय-समय पर केन्द्रीय कृषि मन्त्री के गैर जिम्मेदाराना बयान ने भी आग में घी डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में राष्ट्रपति जी ने स्वीकार किया है कि उत्पादन में कमी और विश्व स्तर पर चावल, दालों, खाद्य तेल के बढ़े हुए मूल्यों के कारण कीमतों में बढ़ोत्तरी अपरिहार्य थी। जबकि वास्तविकता यह है कि बढ़ती महंगाई के लिए केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियां पूरी तरह जिम्मेदार हैं। केन्द्र सरकार का यह दावा करना कि बढ़ती खाद्य कीमतों से आम आदमी को राहत देने के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, कोरी बयानबाजी के सिवा कुछ नहीं है। आम आदमी को प्राथमिकता देना कभी नहीं रही है। यूपीए सरकार केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाली ही नीतियां बनाती रही है।

सुश्री मायावती ने कहा कि अभिभाषण में आम आदमी की चिन्ता की बात कही गई है। यूपीए सरकार के अब तक के प्रदर्शन से स्पष्ट है कि वह आम आदमी के प्रति कतई संवेदनशील नहीं है। केन्द्र सरकार का यह संकल्प कोरी ड्रामेबाजी के सिवा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को आम आदमी को बताना चाहिए कि देश में गरीबी, अज्ञानता, बेरोजगारी तथा अवसर की असमानता आज भी क्यों मौजूद है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का अभिभाषण में जमकर बखान किया गया है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में अल्ट्रा मेगा पावर हाउस लगाने के मांग की गई थी, जिस पर केन्द्र सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है और प्रदेश के प्रति भेदभाव किया गया। सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश के विकास के बगैर देश का विकास सम्भव नहीं है। इसके बावजूद भी केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में शहरी गरीबों के लिए बुनियादी सुविधाएं व आवास मुहैया कराने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है, जबकि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से मान्यवर कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना तथा सर्वजन हिताय शहरी गरीब मकान (स्लम एरिया) मालिकाना हक योजना शुरू की है।

सुश्री मायावती ने कहा कि जहां तक समाज के वंचित वगोंZ को तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था की सफलता में हिस्सेदार बनाने की बात है, सच्चाई यह है कि इसकी सफलता की कहानी अमीरों को और अमीर तथा गरीबों को और गरीब बनाने की है। इनका हाथ वास्तव में पूंजीपतियों के साथ है। देश में पिछले 50 वषोंZ में कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान गरीबों और वंचितों की संख्या बढ़ी है। केन्द्र सरकार ने जान-बूझकर बी0पी0एल0 का नया सर्वे नहीं कराया है, जिससे गरीब आदमी की स्थिति और दयनीय होती जा रही है। इसके विपरीत राज्य सरकार ने उ0प्र0 मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना संचालित करके वंचित लोगों को 300 रूपये प्रति माह की आर्थिक मद्द देने की भी येाजना शुरू की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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त्याग पत्र न देकर इटावा में ही कार्य करना चाहते हैं अधिशासी अभियन्ता नलकूप खण्ड

Posted on 22 February 2010 by admin

राज्य सरकार को इटावा जनपद के अधिशासी अभियन्ता नलकूप खण्ड श्री शिवदास ने आज एक प्रार्थना पत्र देकर स्पष्ट किया है कि वह सेवा से त्याग पत्र न देकर यथावत् इटावा में ही कार्य करना चाहते हैं और उन्हें लखना (जनपद इटावा) के विधायक श्री भीमराव अम्बेडकर से कोई शिकायत नहीं है। इसी प्रकार विधायक श्री भीमराव अम्बेडकर ने भी इस प्रकरण के लिए खेद व्यक्त करते हुए अपने पत्र में कहा है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस प्रकार अधिशासी अभियन्ता नलकूप और विधायक के बीच अब कोई भी विवाद नहीं रहा है।

यह जानकारी अतिरिक्त मन्त्रिमण्डलीय सचिव श्री विजय शंकर पाण्डेय ने आज यहां मीडिया सेन्टर, एनेक्सी में मीडिया प्रतिनिधियों को दी। उन्होंने कहा कि अधिशासी अभियन्ता नलकूप जांच अधिकारी प्रमुख सचिव सिंचाई के समक्ष स्वयं उपस्थित हुए थे। अतिरिक्त मन्त्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि 19 फरवरी, 2010 को श्री शिवदास ने एक पत्र इटावा के विधायक के सम्बंध में लिखा था। उन्होंने कहा कि जैसे ही उनका पत्र शासन की जानकारी में आया, राज्य सरकार ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच प्रमुख सचिव, सिंचाई को करने के आदेश दिए। श्री पाण्डेय ने कहा कि कतिपय समाचार पत्रों में अधिशासी अभियन्ता के उपलब्ध न होने की खबरें प्रकाश में आयी थीं। अधिशासी अभियन्ता ने आज जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें अब विधायक से कोई शिकायत नहीं है। अधिशासी अभियन्ता ने अपने प्रार्थनापत्र में यह भी कहा है कि नलकूपों के चयन की कार्यवाही को लेकर विधायक श्री अम्बेडकर ने गुस्सा किया था, जिससे आहत होकर उन्होंने शासन को चिट्ठी लिखी थी। अधिशासी अभियन्ता ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि वह अपने बेटे की शादी में 20 फरवरी, 2010 को चले गये थे।

अतिरिक्त मन्त्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार किसी भी परिस्थिति में शासकीय कार्य में लगे कर्मचारियों एवं अधिकारियों पर दबाव की स्थिति बर्दास्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सभी शासकीय कर्मचारियों तथा अधिकारियों से यह अपेक्षा है कि वह बिना भय या दबाव के अपने दायित्वों का निर्वहन निष्ठापूर्वक करते रहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मांगों को लेकर ग्राम विकास व ग्राम पंचायत अधिकारियों ने की सभा

Posted on 22 February 2010 by admin

जिले में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी/ ग्राम पंचायत अधिकारियों की एक आम सभा तिकोनिया पार्क में सपन्न हुई, जिसमें सैकड़ों कर्मचारी मौजूद रहे। सभा की अध्यक्षता राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष केदारनाथ श्रीवास्तव ने की।

सभा को सबोधित करते हुए ग्राम विकास अधिकारी संघ के अध्यक्ष जंग बहादुर वर्मा ने बताया कि मां सावित्री बाई फूले बालिका शिक्षा मदद योजना के अन्तर्गत नौ खण्ड विकास अधिकारियों को निलçबत किया जा चुका है। लगभग 2भ् ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम पंचायत अधिकारी के विरूद्ध जांच कार्रवाई विचाराधीन है। जबकि उस योजना के सबन्ध में ये लोग किसी भी स्तर पर दोषी नहीं है। ग्रामीण स्तर पर राजनैतिक प्रतिनिधियों द्वारा वोट बैंक को बढ़ाने के लिए कुछ ग्रामवासियों को अनुदान लाभ दिये जाने के लिए दबाव डाला जा रहा था, जिसके सभव न होने पर कर्मचारियों के स्थानान्तरण करवाये जाने तथा मनगढ़न्त आरोपों से आरोपित करते हुए उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई के लिए अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा है।

सभा को सबोधित करते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव व रामलौट विEकर्मा, राम विलास यादव, ग्राम विकास अधिकारी राजेन्द्र पाण्डेय, चन्द्रभूषण तिवारी, राजीव पाण्डेय महेश शर्मा, दिनेश कुमार तिवारी, रामकृष्ण यादव, ज्ञानकुमारी, राम शिरोमणि यादव आदि कर्मचारी नेताओं ने बताया कि शिक्षा विभाग से जुड़े हुए काम शिक्षा विभाग से न करवाकर, समाज कल्याण विभाग से जुड़े पेंशन योजना को समाज विभाग से न करवाकर आर्थिक मदद योजना समबन्धी कार्य लेखपालों से न करवाकर जबरदस्ती ग्रा.वि.अ./ग्रा.पं.अधिकारियों से करवाया जा रहा है, तथा उन्हें लगातार दण्डित करने की धमकी दी जा रही है।

सभा को जिला पंचायत संघ के अध्यक्ष सूर्यसेन रवि दो कर्मचारी चन्द्रकान्त सिंह एवं श्रीराम द्विवेदी को तत्काल बहाल करने की मांग की।
सभाध्यक्ष केदारनाथ श्रीवास्तव ने यह घोषणा किया कि शीघ्र ही कर्मचारियों की पीड़ादायक समस्याओं के सबन्ध में एक मांग पत्र जिलाधिकारी/मुय विकास अधिकारी को दिया जायेगा। साा का संचालन ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिला मन्त्री जुबैर अहमद ने किया।

22lm1अपनी मांगों को लेकर सुलतानपुर के तिकोनिया पार्क में आयोजित सभा को सबोधित करते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष केदारनाथ श्रीवास्तव व मौजूद ग्राम विकास व ग्राम पंचायत अधिकारी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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83 भ् विवादों का लोक अदालत में हुआ निपटारा

Posted on 22 February 2010 by admin

दीवानी न्यायालयों में बढ़ते मुकदमों के बोझ के बीच लोक अदालतें वरदान साबित हो रही हैं, इससे जहां लबे अरसे तक दीवानी कचेहरी के चPर लगाने से तो लोगों को मुक्ति मिल ही रही है, वहीं  आपसी सौहार्दपूर्ण माहौल में मामलों का निपटारा भी हो रहा है।

दीवानी न्यायालय में आयोजित एक लोक अदालत में जरिये सुलह समझौते से 83भ् वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें सर्वाधिक 710 वाद फौजदारी के शामिल हैं। जो आम घटनाओं में रंजिश का कारण बनती देखी जाती हैं। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण वह क्षण था, जब इस अदालत ने आठ ऐसे जोड़ों को बिछुड़ने एवं उनके परिवारों को बिखरने से बचाते हुए उन्हें हंसी-खुशी पुनज् साथ रहने का संकल्प दिला कर बिदा किया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सिविल जज महेन्द्र सिंह ने बताया कि दीवानी में लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग न्यायालयों के माध्यम से 83भ् वादों का निस्तारण हुआ। इसमें दो वाद क्लेम पेटीशन, 8 वाद वैवाहिक,  21 वाद उत्तराधिकार, 94 वाद राजस्व व 710 वाद फौजदारी के निस्तारित किये गए।

श्री सिंह ने बताया कि वादों के निस्तारण से एक लाख सात हजार पांच सौ रूपये की क्षतिपूर्ति एवं पैतालिस हजार तीन सौ पैसठ रूपये का अर्थदण्ड वसूला गया। उत्तराधिकार वादों के निस्तारण में 2भ् लाख 97 हजार 777 रूपये का अधिकार प्रमाण पत्र जारी किया गया। प्रथम अपर जिला न्यायाधीश राम कुमार ने एक क्लेम पेटीशन व 8 वैवाहिक वादों का अकेले निस्तारण किया।  लोक अदालत की अध्यक्षता जिला न्यायाधीश वृजेन्द्र पाल सिंह ने की। इस लोक अदालत में जिला प्रशासन की ओर से उपजिलाधिकारियों ने भी अपने-अपने न्यायालय में वादों का निस्तारण किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बड़ी तपस्या के बाद मिलती है मनुष्यतां

Posted on 22 February 2010 by admin

22lmमनुष्य का जन्म सहज होता है, किन्तु मनुष्यता बड़ी तपस्या के बाद मिलती है। उक्त बातें गायत्री प्रज्ञा पीठ पर आयोजित कथा का सुनाते हुए परिव्राजक पं. विवेक शुक्ल ने बताई।

कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि जन्म से नहीं कर्म से विद्वान बनता है। सत्संग की महिमा के बारे में उन्होंने बताया कि मनुष्यता पाने के लिए ही तो मनुष्य जप, तप आदि करता है, किन्तु सत्संग ऐसी चीज होती जो आसानी से सभी का फल देती है।

संगीतमयी कथा में उन्होंने मन और शरीर के रहष्य को समझाया। विशन एवं राहुल द्विवेदी ने अपनी संगीत से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कथा का संचालन रामप्रसाद त्रिपाठी ने किया। इसके पूर्व मां गायत्री के सामने दीप प्रज्जवलित कर वरिष्ठ एडवोकेट सतीश श्रीवास्तव ने कथा का शुभारभ किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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