राज्य सरकार को इटावा जनपद के अधिशासी अभियन्ता नलकूप खण्ड श्री शिवदास ने आज एक प्रार्थना पत्र देकर स्पष्ट किया है कि वह सेवा से त्याग पत्र न देकर यथावत् इटावा में ही कार्य करना चाहते हैं और उन्हें लखना (जनपद इटावा) के विधायक श्री भीमराव अम्बेडकर से कोई शिकायत नहीं है। इसी प्रकार विधायक श्री भीमराव अम्बेडकर ने भी इस प्रकरण के लिए खेद व्यक्त करते हुए अपने पत्र में कहा है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस प्रकार अधिशासी अभियन्ता नलकूप और विधायक के बीच अब कोई भी विवाद नहीं रहा है।
यह जानकारी अतिरिक्त मन्त्रिमण्डलीय सचिव श्री विजय शंकर पाण्डेय ने आज यहां मीडिया सेन्टर, एनेक्सी में मीडिया प्रतिनिधियों को दी। उन्होंने कहा कि अधिशासी अभियन्ता नलकूप जांच अधिकारी प्रमुख सचिव सिंचाई के समक्ष स्वयं उपस्थित हुए थे। अतिरिक्त मन्त्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि 19 फरवरी, 2010 को श्री शिवदास ने एक पत्र इटावा के विधायक के सम्बंध में लिखा था। उन्होंने कहा कि जैसे ही उनका पत्र शासन की जानकारी में आया, राज्य सरकार ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच प्रमुख सचिव, सिंचाई को करने के आदेश दिए। श्री पाण्डेय ने कहा कि कतिपय समाचार पत्रों में अधिशासी अभियन्ता के उपलब्ध न होने की खबरें प्रकाश में आयी थीं। अधिशासी अभियन्ता ने आज जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें अब विधायक से कोई शिकायत नहीं है। अधिशासी अभियन्ता ने अपने प्रार्थनापत्र में यह भी कहा है कि नलकूपों के चयन की कार्यवाही को लेकर विधायक श्री अम्बेडकर ने गुस्सा किया था, जिससे आहत होकर उन्होंने शासन को चिट्ठी लिखी थी। अधिशासी अभियन्ता ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि वह अपने बेटे की शादी में 20 फरवरी, 2010 को चले गये थे।
अतिरिक्त मन्त्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार किसी भी परिस्थिति में शासकीय कार्य में लगे कर्मचारियों एवं अधिकारियों पर दबाव की स्थिति बर्दास्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सभी शासकीय कर्मचारियों तथा अधिकारियों से यह अपेक्षा है कि वह बिना भय या दबाव के अपने दायित्वों का निर्वहन निष्ठापूर्वक करते रहेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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