इटावा के नलकूप विभाग के अधिशासी अभियन्ता श्री शिवदास को स्थानीय बसपा विधायक भीमराव अम्बेडकर द्वारा प्रताड़ित करने के चलते इंजीनियर द्वारा इस्तीफा दिया जाना राज्य सरकार के इशारे पर बसपा के कार्यकर्ताओं की घोर निरंकुशता की पुष्टि करता है। प्रदेश कंाग्रेस इस घटना की कड़ी निन्दा करते हुए दोषी विधायक को गिरफ्तार करने की मांग की है।
प्रदेश कंाग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि बसपा विधायक भीमराव अम्बेडकर द्वारा प्रताड़ित किये गये इंजीनियर द्वारा इस्तीफे के साथ ही मुख्यमन्त्री को भेजे पत्र में अपनी जान को खतरा बताया जाना तथा औरैय्या काण्ड से भी भयानक अंजाम भुगताने की धमकी दिया जाना प्रदेश में सत्तारूढ़ बसपा सरकार एवं बसपा विधायकों की निरंकुशता का ही परिणाम है। उन्होने कहा कि बसपा विधायक भीमराव अम्बेडकर के हौसले इंजीनियर शिवदास केा प्रताड़ित करने के लिए इसलिए बढ़े, क्योंकि औरैय्या में इन्जीनियर स्व0 मनोज गुप्ता हत्याकाण्ड के दोषी बसपा विधायक श्री शेखर तिवारी पर मुख्यमन्त्री द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई और वह अभी भी बसपा के सदस्य बने हुए हैं। इटावा का प्रकरण इस पाखण्ड को भी खोलता है कि दलित इस सरकार में पूरी तरह सुरक्षित हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के जन्मदिन को अब भले ही आर्थिक सहयोग दिवस न मनाये जाने का निर्णय किया गया हो, लेकिन यह प्रक्रिया उनके जन्मदिन के बजाय पूरे वर्ष भर जारी रहती है। जो अधिकारी और व्यापारी धन देने में हीलाहवाली करते हैं उनका उत्पीड़न किया जाता है और उत्पीड़न करने वाले बसपा विधायकों और कार्यकर्ताओं को स्वयं मुख्यमन्त्री का वरदहस्त प्राप्त है। मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में महिला उत्पीड़न की हद हो चुकी है। कानून व्यवस्था का आलम यह है कि हत्या, लूट और अपहरण की घटनाओं में बाढ़ आ चुकी है। समाचारपत्रों की मुख्य सुर्खियां इन्ही घटनाओं से भरी रहती हैं लेकिन राज्य सरकार आंख मूदे बैठी है। अभी दो दिन पहले उ0प्र0 राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु नियम की जिला प्रबंधक श्रीमती राकेश का अपहरण कर लिया गया और प्रशासन ने ठोस कार्यवाही करने के बजाय श्रीमती राकेश के सकुशल लौटने का इन्तजार कर रही है। प्रदेश सरकार ने अभी तक श्रीमती राकेश के अपहरण में कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की है, निन्दनीय है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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