समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा उत्तर प्रदेश की जनता पर सरकारी कहर जारी है। पहले से ही मंहगाई से जिन्दगी दूभर हो गई थी, अब प्रदेश सरकार ने लगभग 400 वस्तुओं पर एक फीसदी अतिरिक्त कर बढ़ाकर आम आदमी की कमर तोड़ दी है। स्पष्ट है कि प्रदेश की मायावती सरकार अपनी झोली भरने के लिए प्रदेश के तमाम नागरिकों को अभाव, कर्ज और भुखमरी की ओर ढकेलना चाहती है। उत्पीड़ित लोग इस चोट से अपनी जिन्दगी भी दॉव पर लगा सकते हैं और कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।
बसपा सरकार नए कर लगा कर आम आदमी को बबाZद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है। खाने का तेल, माचिस, मेेवा, फोन-मोबाइल, चाय, काफी, साईकिल, कागज, कपड़े, बेडशीट, प्लास्टिक, व हवाई चप्पलें, कृषि कार्य उपकरण, पिम्पंग सेट आदि पर कर लगाकर मंहगाई बढ़ाने का उसका कुचक्र अब चरम पर पहुंच गया है। इससे जनजीवन सीधे प्रभावित होगा। सरकार ने होली के अवसर पर मंहगाई को और बढ़ाकर अपनी ओछी जनविरोधी मानसिकता का ही परिचय दिया है।
मुनाफाखोरो ंऔर जमाखोरों पर नियन्त्रण लगाने में प्रदेश सरकार की कोई रूचि नहीं दिखाई देती है। उसके सांसद, विधायक और नेता ही अब तमाम अवांछनीय गतिविधियों के संचालक-संरक्षक बने हुए हैं। सरकार अतिरिक्त कर लगाकर 500 करोड़ रूपए का अतिरिक्त राजस्व कमाने का दावा कर रहे है। अब तक के सरकारी रिकार्ड को देखते हुए यह बात बेहिचक कहीं जा सकती है कि इस अतिरिक्त राजस्व का भी उपयोग मुख्यमन्त्री के चहेते कामों पर होगा। प्रदेश के बजट का एक बड़ा भाग वे विकास कार्यों के बजाए पत्थरों, पाकोZ, स्मारकों तथा अपनी प्रतिमाओं के लगाने पर खर्च कर चुकी है। उनके ये कार्य पूर्णतया जनसंवेदना शून्य और अलोकतािन्त्रक हैं। राज्य सरकार के जनविरोधी आचरण पर केन्द्र सरकार की चुप्पी आश्चर्यजनक है। केन्द्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस भी कम ढोंगी नहीं है, एक ओर तो वह भ्रष्ट राज्य सरकार को पूरा संरक्षण दे रही है और दूसरी ओर उसके विरूद्ध आन्दोलन का नाटक भी कर रही है।
रूपए के घाटे का है। श्री यादव ने बिना वैट लगाए ही संसाधन जुटाए थे और मंहगाई को भी नियन्त्रित किया था। उन्होंने अनुत्पादक कार्यो पर खर्च रोका और विकास को गति दी थी। वर्तमान मुख्यमन्त्री वसूली, कमीशनखोरी और प्लाट-कोठियों पर कब्जे की राजनीति चला रही है। उनके समय मे बाहरी पूंजी निवेश शून्य है और बुनियादी सुविधाओं का अकाल पड़ गया है। स्थिति इतनी गम्भीर है कि यह प्रदेश, जिसे श्री मुलायम सिंह यादव “उत्तम प्रदेश´´ बनाने के कार्य में जुटे हुये थे। हर क्षेत्र में पिछड़ता जा रहा हेै अब यह उत्तर प्रदेश यदि “उल्टा प्रदेश´´ बन जाये तो आश्चर्य नहीं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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