Posted on 05 February 2010 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा उत्तर प्रदेश में वित्तीय अनुशासन तार-तार है और लोक कल्याणकारी शासन व्यवस्था का सिद्धान्त निजी स्वार्थो की बलि चढ़ गया है। विधान सभा में विपक्ष की अनुपस्थिति में षडयन्त्रपूर्वक विशेष परिक्षेत्र सुरक्षा बल विधेयक जिस तरह पारित कराया गया उससे स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमन्त्री की लोकतान्त्रिक व्यवस्था में कोई आस्था नहीं है। वे तानाशाह की भूमिका में बहुमत की आड़ लेकरं सभी संवैधानिक कायदे-कानूनों और विधायिका की निर्णायक शक्ति को बुलडोजर के हवाले करना पसन्द करती है। प्रदेश में कई महत्वपूर्ण स्थल है जिनकी सुरक्षा आवश्यक है। ताजमहल का तो अन्तर्राष्ट्रीय महत्व है लेकिन मुख्यमन्त्री को तो अपनी प्रतिमाएं एवं अपना आवास ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थल दिखाई देता है जिसकी सुरक्षा पर प्रतिमाह 14 करोड़ रूपए अतिरिक्त खर्च होने है। यह तो जनता के साथ एक निहायत घटिया मजाक है।
प्रदेश में पहले से पुलिस बल मौजूद है इसके बावजूद नई भर्ती के पीछे का उद्देश्य स्पष्ट नहीं किया गया है। ऐसा लगता है कि बहुजन वालेटियरों को ही इसके अतंर्गत भर्ती किया जाना है। प्रदेश में अल्पसंख्यकों के लिए विशेष बल की मांग पर इस सरकार ने अनुकूल निर्णय नही लिया। प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति सम्हालने की चिन्ता नहीं की, उसे सिर्फ अपने ही महापुरूषों की और अपनी सुरक्षा की चिन्ता है।
लगातार घाटा बढ़ाकर यह सरकार प्रदेश को विकास के बजाय विनाश की गर्त में ढकेल रही है। मुख्यमन्त्री श्री मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 2006-07 में 24000 करोड़ रूपए का कोष छोड़ा था। इस सरकार ने आते ही ऐसी लूट मचाई कि अब 9022Û11 करोड़ रूपए का घाटा बजट में हो गया हैं। इस घाटे की पूर्ति के लिए उसके पास कोई पुख्ता योजना नहीं क्योंकि उसका ज्यादा खर्च अनुत्पादक मदों में हो रहा है जिसका अधिकांश भाग कमीशन की भेंट चढ़ जाता है।
बसपा सरकार की मुख्यमन्त्री केवल पत्थर की प्रतिमाओं, पाकोZ, स्मारकों के निर्माण में ही सामाजिक परिवर्तन देखती हैं तथा उसका दावा करती हैं। जबकि हकीकत यह है कि उनके जंगलराज में दलितों की दशा बिगड़ी है, अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न बढ़ा है, व्यापारियों, वकीलों और छात्रों पर दमनचक्र चला है। महिलाएं घर-बाहर कहीं सुरक्षित नहीं। वृद्ध दंपतियों और सर्राफों की लूट तथा हत्या की वारदातों पर कोई नियन्त्रण नहीं रहा है। जनता उन्हें शीघ्र ही परिवर्तन का अर्थ सिखाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 05 February 2010 by admin
लखनऊ व्यापार मण्डल के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद बनवारी लाल कंछल ने प्रेसवार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा तीस जनवरी को सम्पन्न हुई लखनऊ व्यापार मण्डल की कार्यकारिणी समिति की बैठक मे उपस्थित व्यापारी प्रतिनिधियों ने एक स्वर में लखनऊ नगर के संगठन को मजबूती प्रदान करने की चर्चा की गई। बैठक में उपस्थित व्यापारी प्रतिनिधियों ने कहा कि लखनऊ नगर के संगठन की और अधिक गतिशील बनाने के लिए युवा व्यापारियों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों की राय से लखनऊ युवा व्यापार मण्डल के अध्यक्ष सुरेश कंछल को पदोन्नति करते हुए चेयरमैन के पद पर मनोनीत किया गया। युवा अध्यक्ष के पद पर संगठन के वरिश्ठ युवा महामन्त्री अकरम अंसारी को एक वरिश्ठ महामन्त्री के पद पर मोतीलाल अग्रवाल, वरिश्ठ उपाध्यक्ष संजीव भार्गव, गोविन्दर कृश्ण अग्रवाल, मंजीत सिंह दुआ, महामन्त्री अनुज अग्रवाल, नसीम अंसारी, देशराज यादव एवं हेमन्त बंसल को मनोनीत किया गया।
उन्होंने कहा संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए होली के तुरन्त बाद एक माह का व्यापारी जागरण अभियान चलाया जायेगा। नवनिर्वाचित अध्यच अकरम अंसारी ने प्रान्तीय अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने हम पर विश्वास जताते हुए मुझे यह दायित्व सौंपा है उसको सही तरीके से निभाते हुए मैं व्यापारिक हितों में दिन रात समर्पित रहूंगा। उन्होंने कहा हमने लक्ष्य निर्धारित किया है कि लखनऊ महानगर में युवा व्यापार मण्डल की कम से कम 250 इकाइयों का गठन किया जायेगा।उन्होंने कहा प्रान्तीय युवा अध्यक्ष अतुल जैन, कार्यवाहक युवा अध्यक्ष अनिल बजाज एवं कार्यवाहक युवा महामन्त्री अशोक मोतियानी एवं चन्द्र कुमार छाबड़ा का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 05 February 2010 by admin
आयुश के विभाग ने भारतीय गुणवत्ता परिशद (क्यू.सी.आई.) के साथ मिलकर आयुश के उत्पादों के लिए एक स्वैच्छिक प्रमाणीकरण योजना लांच की है। इसके तहत भारतीय बाजारों में व्यवनप्राश आदि जैसे सामान्य उत्पादों को एक गुणवत्तपरक मुहर के साथ उपलब्ध कराया जाएगा।
यह योजना भारतीय गुणवत्ता परिशद ने तैयार की है और वह उसका प्रबंधन करेगी। यह परिशद गुणवत्ता को सुसाध्य बनाने वाली भारत की शीशZ संस्था हैं इस योजना के तहत दो स्तरों के प्रमाणीकरण पर जोर दिया गया है पहला, घरेलू नियामक की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए एक आयुश मानक चिन्ह नियमों को पूरा करने के लिए एक आयुश प्रीमियम चिन्ह। इस योजना में शामिल होने वाले इच्छुक निर्माता तीसरे पक्ष की मूल्यांकन प्रणाली की कठिन परीक्षा से गुजरते है।
मविश्य में अन्तर्राश्ट्रीय स्वीकार्यकता को बढ़ावा देने के लिए यह येाजना उन प्रमाणीकरण निकायों और प्रयोगशालाओं का उपयोग आवश्यक मानती है, जो कयू.सी.आई. के तहत आने वाले प्रमाणीकरण निकायों के राश्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एन.ए.बी.सी.बी.) और एन.ए.बी.एल. अन्तर्राश्ट्रीय प्रत्यायन प्रणाली के अंग है ओर भारत की ओर से तद्नुरूप अंन्तर्राश्ट्रीय निकायों के सदस्य हैं। ये दोनेां उन अन्तर्राश्ट्रीय पारस्परिक मान्यता समझौतों पर भी हस्ताक्षरकर्ता हैं, जो भारत स्थित भारतीय प्रमाणीकरण निकायों और प्रयोगशालाओं को मिलने वाले प्रत्यायनों की मंजूरी को अन्तर्राश्ट्रीय स्वीकार्यकता प्रदान करते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 05 February 2010 by admin
उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सी. एच.जोशी को अनुसंधान अभिकल्प ओर मानक संगठन (आर.डी.एस.ओ.) के महानिदेशक का प्रभार अतिरिक्त रूप से सौंपा गया है। आरडीएसओ के पूर्व महानिदेशक एच.एस. पन्नु गत 31 जनवरी 2010 को सेवा निवृत्त हो गये हैं।
यह जानकारी देते हुए आरडीएसओ के कार्यकारी निदेशक प्रशासन एवं जनसम्पर्क ए.के. माथुर ने बताया कि आरडीएसओ के पूर्व महानिदेशक एच.एस. पन्नु के सेवा निवृत होने के उपरान्त उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एच.सी.जोशी को आरडीएसओ के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। श्री माथुर ने बताया कि गत 31 जनवरी को सेवा निवृत हुए श्री पन्नु की महानिदेशक के पद पर रहते हुए आरडीएसओ में उनके द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्यो के लिए उनकी काफी प्रशंसा हुई।
कार्यकारी निदेशक श्री माथुर ने बताया कि श्री जोशी ने स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिंस (एससीआरए) के रूप में रेलवे में कार्यभार ग्रहण किया था। उन्हें प्रशासनिक एवं तकनीकी क्षेत्रों में व्यावसायिक कार्यो का व्यापक अनुभव है। अपनी 39 वशZ की सेवा में उन्होंने पूर्व रेलवे में मुख्य यान्त्रिक इंजीनियर, मध्य रेलवे के भुसावल डिवीजन में मण्डल रेल प्रबंधक एवं मुख्य संरक्षा अधिकार मध्य रेलवे मुम्बई जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए भारतीय रेलवे की सेवा की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 05 February 2010 by admin
खेलमंत्री अयोध्यापाल व डाक्टर पीपी पाल के विवाद पर शासन भी हुआ सक्रिय
टीम ने कुछ गोपनीयता की बात कह जांच के विषय में कुछ नहीं कहा डाक्टर के घर पहुंच देखे फोटो व वीडियो फुटेज वकील के भी लिए बयान
यूपीटी बंगले में छानी रजिस्टरों की खाक
चित्रकूट - डाक्टर की बेटी से मंत्री द्वारा पुत्रा की सगाई तोड़ने को संज्ञेय अपराध मानते हुए जहां अदालत ने मंत्री व परिवार के लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश बुधवार को दिए थे। वहीं दूसरी ओर मामला सुर्खियों में आने के बाद शासन ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी के तहत मण्डल मुख्यालय बांदा से स्पेशल ब्रांच की टीम ने गुरुवार को यहां पहुंच डाक्टर के परिवार वालों से पूछताछ करते हुए सगाई से सम्बंधित फोटो आदि देखे। इसके बाद टीम ने सगाई कार्यक्रम स्थल यूपी टूरिस्ट बंगला पहुंच वहां के रजिस्टर आदि की खाक छानी। परन्तु टीम का नेतृत्व कर रहे स्पेशल ब्रांच के सीओ ने इस जांच को गोपनीय बताते हुए कुछ भी कहने से मना कर दिया।
प्रदेश सरकार के खेलमंत्री अयोध्यापाल द्वारा मुख्यालय निवासी पीपी पाल की बेटी के साथ की गई अपने बेटी की सगाई तोड़ देने के खिलाफ शासन व प्रशासन ने अपने-अपने स्तर से कार्रवाई शुरू कर दी है। डाक्टर पीपी पाल ने हर तरफ से ना उम्मीद हो चुकने के बाद अपने वकील रुद्र प्रसाद मिश्रा के माध्यम से अदालत में प्रार्थना-पत्र दे एफआईआर करवाए जाने की गुहार लगाई थी। जिसके आधार पर मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट वीरेन्द्र पाण्डेय ने बुधवार को कर्वी कोतवाली पुलिस को मंत्री अयोध्यापाल सहित परिवार के सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे। जिसके अनुसार देर शाम कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था।
उधर मामला सुर्खियों में आने के बाद शान्त बैठे शासन ने भी हस्तक्षेप करते हुए जांच करने के आदेश दिए। शासन से आदेश मिलने के बाद मण्डल मुख्यालय बान्दा से स्पेशल ब्रांच की एक 4 सदस्यीय टीम सीओ एन के सिंह के नेतृत्व में गुरुवार की सुबह जनपद मुख्यालय पहुंची। यहां पहुंचते ही सबसे पहले टीम के सदस्य अपने अधिकारी के साथ डाक्टर पीपी पाल के घर पहुंचे और डाक्टर सहित पत्नी व अन्य परिवारीजनों से गहन पूछतांछ की। इसके बाद टीम ने सगाई से सम्बंधित सारी फोटो व वीडियो फुटेज भी देखे और सघनता से जांच की। जबकि टीम के द्वारा डाक्टर की पुत्री प्रीती पाल के बयान बांदा में लिए जाने की बात बताई जा रही है। यहां से निपटने के बाद टीम ने डाक्टर के वकील रुद्र प्रसाद मिश्रा से भी काफी गहराई के साथ पूछताछ करते हुए मामले पर गहराई से जानकारी ली। वकील मिश्रा ने कहा कि स्पेशल ब्रांच की टीम को उन्होंने इस मामले से जुड़े सारे तथ्य सौंप उनके सवालों पर अपने बयान भी दर्ज कराए हैं। स्पेशल ब्रांच टीम ने वकील श्री मिश्रा से पूछताछ करने के बाद चित्रकूट स्थित यूपी टूरिस्ट बंगला सीतापुर में भी धावा बोला। यहां पर ही मंत्री अयोध्यापाल के बेटे की डाक्टर की पुत्री से सगाई हुई थी। इसी को आधार मानते हुए टीम के अधिकारियों ने उस समय के रजिस्टर आदि की खाक छानते हुए वहां तैनात कर्मियों से सगाई समारोह को लेकर बयान दर्ज किए। जहां कर्मियों ने बताया कि मंत्री पाल के नाम 7 अक्टूर की तिथि में चार सूट बुक किए गए थे। जबकि पर्यटक बंगले के मैनेजर टी एन यादव ने जांच के बारे में बताया कि उन्होंने स्पेशल ब्रांच की टीम को उनके द्वारा मांगी गई सारी जानकारियां दे दी हैं। जबकि उस समय व सगाई आदि के मामले पर वे कुछ नहीं बोले। अपनी कार्रवाई पूरी करने के बाद टीम ने मीडिया कर्मियों को कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। टीम लीडर सीओ श्री सिंह ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार वे गोपनीय जांच करने के लिए यहां आए थे और अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप देंगे। जांच के दौरान उनके साथ स्थानीय अधिसूचना इकाई के अधिकारी व सहयोगी मौजूद रहे।
श्री गोपाल 09839075109