Archive | February 26th, 2010

Union Budget 2010 – 2011 Reactions of Mr. Seemanto Roy, Head – Aamby Valley City and Sahara Entertainment Business

Posted on 26 February 2010 by admin

The Budget presented by the Hon’ble Finance Minister is progressive and with help the economy leapfrog.

The relief announced for the real estate sector and the enhanced allocation for development of Urban & Rural infrastructure augers well for the Indian Real Estate Industry.

The emphasis on solar energy and setting up of the National Clean Energy Fund is also well timed and will make India a key player in supporting the cause of curbing Global Warming.

The Budget has something for everybody. His proposal to corporate surcharge from 10% to 7.5% and also the lowering of tax slabs on personal incomes will create a surge of demand and competitiveness in the market.

 

The creation of a unique symbol for the Indian Rupee like the US Dollar and the British Pound will give an enhanced and unique identity to our national currency.

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लघु सिंचाई की योजनाओं के लक्ष्य समय से पूर्ण हों

Posted on 26 February 2010 by admin

लघु सिंचाई विभाग की चालू वित्तीय वर्ष की सभी योजनाओं के लक्ष्य गुणवत्तायुक्त ढंग से आगामी 31 मार्च से पहले पूर्ण कर लिये जायं। यह निर्देश मुख्य अभियन्ता श्री एस0आर0आर्य ने विभागीय अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में 1.64 लाख हेक्टेयर भूमि की अतिरिक्त सिंचन क्षमता वृद्धि का लक्ष्य है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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ग्राम समाओं की जमीनों पर लगे वृक्ष कदापि न काटे जायें अवैध आरा मशीनों को बन्द कराकर उनके विरूद्ध कार्यवाही करें

Posted on 26 February 2010 by admin

प्रदेश के वन एवं जन्तु उद्यान मन्त्री श्री फतेह बहादुर सिंह ने वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गॉंव सभाओं की जमीनों में लगे पेड़ों की अवैध कटान प्रत्येक दशा में रोकी जाये। हरदोई एवं सीतापुर में अवैध आरा मशीने चलने की सूचना भी शासन के संज्ञान में आई हैं, तुरन्त जांच करके आरा मशीनों के विरूद्ध कार्यवाही की जायें।

 वन मन्त्री ने यह निर्देश आज यहां वन विभाग मुख्यालय के पारिजात सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2009-10 में अब एक माह बाकी बचा है। निर्धारित लक्ष्यों को तत्काल पूर्ण किया जाये। इसके साथ ही राजस्व लक्ष्य को भी हासिल किया जाये।

 श्री सिंह ने कहा कि विन्ध्य व बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत 11 जनपदों में वर्ष 2009 में वृक्षारोपण मे शत-प्रतिशत उपलब्धि विभागीय अधिकारियों के प्रयास से मिली है। भविष्य में भी उपलब्ध भूमि के आधार पर वृक्षारोपण लक्ष्य प्राप्ति किये जायें।

 वन मन्त्री ने वित्तीय वर्ष 2009-10 के लिये शासन द्वारा बढ़ाये गये राजस्व लक्ष्य व जनवरी 2010 तक राजस्व प्राप्ति तथा सी-1, सी-17 प्रकाष्ठ, निष्प्रयोज्य वाहन व डी-2 के निस्तारण की समीक्षा करते हुए चेतावनी दी कि राजस्व का लक्ष्य पूर्ण न करने वाले प्रभागीय वनाधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
 
श्री सिंह ने वन्य जीवों द्वारा घायल किये गये व मारे गये व्यक्तियों, पालतू पशुओं व फसलों को पहुंचाई गई क्षति के प्रकरणों का अविलम्ब निस्तारण करने का निर्देश देते हुए कहा कि समय से निस्तारण न होने पर कठोर कार्यवाही होगी।

 वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री चंचल कुमार तिवारी ने वन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं को समय से संचालित करने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा कराये जा रहे वृक्षारोपण कार्यक्रमों को शासन से सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की गई है। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता नहीं होनी चिाहए।

 प्रमुख वन संरक्षक श्री डी0एन0एस0सुमन ने वन मन्त्री को आश्वस्त किया है कि उनके आदेशों का अक्षृरश: अनुपालन कराया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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लखनऊ प्राणि उद्यान 28 फरवरी एवं 01 मार्च को बन्द रहेगा

Posted on 26 February 2010 by admin

होली के पावन पर्व पर दर्शकों के लिए लखनऊ प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) दिनांक 28 फरवरी एवं 01 मार्च 2010 को बन्द रहेगा तथा दिनांक 02 मार्च, 2010 से लखनऊ प्राणि उद्यान सभी दर्शकों के लिए सामान्य दर पर पूर्ण रूप से खुला रहेगा।
 यह जानकारी निदेशक प्राणि उद्यान लखनऊ रेणु सिंह ने आज यहां दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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होली एवं ईद-ए-मीलाद की बधाई

Posted on 26 February 2010 by admin

उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री सुखदेव राजभर, विधान परिषद के सभापति श्री गणेश शंकर पाण्डेय तथा होम गाड्Zस एवं प्रान्तीय रक्षा दल मन्त्री श्री वेदराम भाटी ने होली और ईद-ए-मीलाद के पावन पर्व पर प्रदेश वासियों को हादिZक बधाई दी है। उन्होंने इन पर्वों को शान्ति और सद्भावना के साथ मनाने की अपील भी की है।  
 

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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बुन्देलखण्ड के हितों को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा किये जा रहे नाटक का खुलासा वित्त आयोग की संस्तुतियों से हुआ-मुख्यमन्त्री

Posted on 26 February 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने कहा है कि 13वें वित्त आयोग की संस्तुतियों में राज्यों के हितों की अनदेखी की गई है। उन्होंने केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी में महज डेढ़ फीसदी बढ़ोत्तरी को पूरी तरह छलावा बताते हुए कहा कि केन्द्रीय करों की शुद्ध प्राप्तियों में राज्यों का अंश  कम से कम 50 प्रतिशत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार राज्यों को उनका वाजिब हिस्सा न देकर राजनीति कर रही है और राज्यों को आर्थिक रूप से अपना पिछलग्गू बनाए रखना चाहती है।

 सुश्री मायावती आज संसद में प्रस्तुत किये गये 13वें वित्त आयोग के प्रतिवेदन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्यों के आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने को सर्वाधिक महत्व दिया जाय, क्योंकि राज्य सरकारें ही जनता के हितों और विकास से जुड़े तमाम कार्यक्रमों को संचालित करती हैं। इनकी पूर्ति के लिए जरूरी है कि केन्द्रीय करों की शुद्ध प्राप्तियों में राज्यों को वर्तमान में मिल रहे 30.5 प्रतिशत अंश को बढ़ाकर कम से कम 50 प्रतिशत किया जाय। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार अनुत्पादक मदों और अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इस धनरािश का अपव्यय करना चाहती है, जो पूरी तरह अनुचित होने के साथ-साथ संविधान की संघीय भावना के विपरीत भी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का यह भेदभावपूर्ण कदम राज्य की जनता के हितों की अनदेखी है।
 सुश्री मायावती ने कहा कि 13वें वित्त आयोग द्वारा राज्यों को अनुदान की जो संस्तुति की गई है, वह भी 12वें वित्त आयोग की अपेक्षा कम है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त आयोग ने 11.4 प्रतिशत अनुदान की सिफारिश की थी, जबकि 13वें वित्त आयोग ने 10.3 फीसदी अनुदान की ही सिफारिश की है। इस प्रकार अकेले इस मद में ही उत्तर प्रदेश को लगभग तीन हजार करोड़ रूपये कम मिलेंगे।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि 13वें वित्त आयोग ने आयोजनेत्तर राजस्व घाटा अनुदान, प्रारंभिक िशक्षा, पर्यावरण, आउट-कम में सुधार, सड़क एवं पुलों का अनुरक्षण, पंचायती राज एवं नगर निकायों को अनुदान, आपदा राहत तथा राज्य विशेश अनुदान के लिए जो संस्तुतियां की हैं, वह भी नाकाफी और अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा अनुक्रिया निधि का गठन कर इसके अन्तर्गत जो धनरािश वित्त आयोग द्वारा संस्तुत की गई है, उसमें प्रदेश की हिस्सेदारी लगभग 1622 करोड़ रूपये है, जो कुल धनरािश का मात्र 06 फीसदी है। उन्होंने कहा कि 20 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य को आपदा से निपटने के लिए इतनी कम धनरािश की संस्तुति राज्य की जनता के साथ धोखा है। उन्होंने इस मद में राज्य की हिस्सेदारी कम से कम 20 फीसदी किये जाने की मांग की है।
सुश्री मायावती ने कहा कि 13वें वित्त आयोग द्वारा राज्य विशेश अनुदान के अन्तर्गत भी प्रदेश की भारी उपेक्षा की गई है। राज्य विशेश अनुदान के अन्तर्गत प्रदेश के लिए 1679 करोड़ रूपये की संस्तुति की गई है, जो कुल धनरािश का 06 फीसदी है। उन्होंने कहा कि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के लिए इस मद में 20 फीसदी की धनरािश का प्राविधान किया जाना चाहिए।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि पिछड़े क्षेत्रों के विकास के तहत बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सूखा रोकने के उपाय के अन्तर्गत 13वें वित्त आयोग ने महज़ 200 करोड़ रूपये की संस्तुति की है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सड़क संयोजकता में सुधार के लिए 150 करोड़ रूपये तथा पूर्वांचल क्षेत्र के जिलों की संयोजकता हेतु सड़क निर्माण के लिए 150 करोड़ रूपये के अनुदान की संस्तुति की गई है। उन्होंने 13वें वित्त आयोग द्वारा इन क्षेत्रों के लिए पिछले वित्त आयोग से भी कम धनरािश की संस्तुति पर असन्तोश व्यक्त करते हुए कहा कि 12वें वित्त आयोग ने बुन्देलखण्ड तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए 700 करोड़ रूपये की संस्तुति की थी, जबकि वर्तमान वित्त आयोग द्वारा मात्र 500 करोड़ रूपये की संस्तुति की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में निर्माण कायोंZ की लागत में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार बुन्देलखण्ड क्षेत्र के हितों को लेकर अभी तक जो नाटक कर रही थी, उसका खुलासा वित्त आयोग की संस्तुतियों से हो गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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`आम आदमी की आकाक्षाओं की पूर्ति का बजट´

Posted on 26 February 2010 by admin

संसद में आज केन्द्रीय वित्त मन्त्री श्री प्रणव मुखर्जी द्वारा पेश किये गये देश के वर्ष 2010-11 के आम बजट का स्वागत करते हुए उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने इसे सन्तुलित, रोजगारपरक, विकासोन्मुखी एवं `आम आदमी की आकाक्षाओं की पूर्ति का बजट´ करार दिया है। इस बजट में कंाग्रेस पार्टी द्वारा जनता से किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है। इसके लिए यूपीए चेयरपरसन श्रीमती सोनिया गांधी एवं प्रधानमन्त्री डॉ0 मनमोहन सिंह बधाई के पात्र हैं।

  डॉ. जोशी ने कहा कि केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा, भारत निर्माण एवं सामाजिक क्षेत्र के लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था केन्द्र सरकार के सामाजिक सरोकारों को रेखांकित करती है। टैक्स दरों में परिवर्तन नौकरी पेशा लोगों के लिए अच्छी खबर है। 

प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डॉ. जोशी ने कहा है कि बजट में किसानों के हितों का अधिक से अधिक ध्यान रखा गया है। इसके साथ ही बजट में बेरोजगारों, नौजवानों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और अनुसूचितजाति के कल्याण की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है। कुल मिलाकर यह बजट आम आदमी के हितों के अनुरूप है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आर्थिक सर्वेक्षण की आड़ में यूपीए सरकार की मंहगाई बढाने की कोशिश - मायावती

Posted on 26 February 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने आज लोकसभा में केन्द्रीय वित्त मन्त्री श्री प्रणव मुखर्जी द्वारा पेश किये गये बजट पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण को गरीब एवं किसान विरोधी बताते हुए कहा है कि यदि इसके आधार पर बजट तैयार किया गया तो इससे मंहगाई की मार झेल रहे आम आदमी को दो वक्त का भोजन जुटाना भी दूभर हो जायेगा। शायद यूपीए सरकार की मंशा भी यही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि सर्वेक्षण में दिये गये सुझावों को बजट का रूप न दिया जाये। सिर्फ उन्ही सुझावों को शामिल किया जाये, जिससे गरीब आदमी और किसानों का लाभ हो सके।

सुश्री मायावती ने आर्थिक सर्वेक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यूपीए सरकार आर्थिक समीक्षा की आड़ में पूंजीपतियों के फायदे के लिए नीतियां बनाने की रूपरेखा तैयार करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आर्थिक समीक्षा में परिलक्षित विकास दर को झूठ का पुलिन्दा बताते हुए कहा है कि यूपीए सरकार कृत्रिम अभाव पैदा कर मंहगाई बढाने के लिए पहले से ही पेशबन्दी करना चाहती है।

सुश्री मायावती ने कहा कि कृषि निवेशों की बढ़ती लागत से किसान पहले से ही परेशान है और केन्द्र सरकार उसे राहत न देकर यूरिया के दामों में बढ़ोत्तरी करने जा रही है। इससे किसान एवं कृषि क्षेत्र पर दोहरी मार पड़ेगी और एक ओर जहां उत्पादन घटेगा वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का उद्देश्य भी विफल हो जायेगा। इसी तरह देश का आम आदमी आज बढ़ती हुई मंहगाई से त्रस्त है। केन्द्र सरकार इस दिशा में कोई कठोर कदम न उठाकर पूंजीपतियों और धन्नासेठों के हाथों मे कठपुतली बनी हुई है।
सुश्री मायावती ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में कृषि उत्पादन और उत्पादकता में सुधार, कृषि निवेशों के बेहतर उपयोग, विपणन, बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग कृषि निवेश बढाने तथा खाद्य प्रबंधन पर जोर देने के सुझाव यद्यपि दिये गये हैं, परन्तु वास्तव में यूपीए सरकार की नीतियां किसान विरोधी हैं, जिसके कारण ही कृषि क्षेत्र की लगातार उपेक्षा हो रही है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की सोची समझी रणनीति के चलते कृषि क्षेत्र की विकास दर 2005-06 से 2009-10 के बीच में लगभग हर वर्ष घटी है । जहां 2005-06 में यह 5.2 प्रतिशत थी वहीं यह घटते-घटते 2009-10 में -0.2 प्रतिशत रह गई। कोई भी सरकार, जिसको जनता के व्यथा का कुछ भी मर्म होगा, वो ऐसी अवस्था में कृषि आधारित ऐसी योजना लायेगी जिससे गरीब किसानो की स्थिति सुधारी जा सके।

सुश्री मायावती ने कहा कि उन्होंने पहले भी इस ओर इशारा किया था कि भारत सरकार कुछ खास औद्योगिक घरानों की मदद कर रही है। इस आर्थिक सर्वेक्षण में भी इन घरानों का नाम लेकर के यह कहा जाना कि चालू वित्तीय वर्ष में भारत के तेल उत्पादन को 11 फीसदी से बढ़ाकर 3.67 करोड़ मीट्रिक टन करने में मदद करेंगे सिर्फ सरकार की मंशा और उसका उद्योगपतियो के हाथ में कठपुतलियों बन जाना जगजाहिर करता है।

सुश्री मायावती ने कहा कि समीक्षा में अल्पसंख्यक वर्ग के विकास के लिए व्यय बढने की बात कही गई है। वास्तविकता यह है कि यदि यूपीए सरकार अल्पसंख्यकों की हितैषी होती तो सच्चर कमेटी की रिर्पोट को अबतक लागू कर देती, क्योंकि कांग्रेस के 50 वषों के शासनकाल के दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति/पिछडे़ तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों की सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक हालत में कोई खास बदलाव नहीं आया है।

सुश्री मायावती ने कहा कि पिछले कुछ समय से लगातार आम आदमी मंहगाई की मार झेल रहा है। आश्चर्यजनक तौर पर जहां मंहगाई खाद्य पदार्थो तथा आम आदमी के इस्तेमाल की चीजो तक सीमित है किन्ही विशेष कारणों से भारत सरकार तथा रिजर्व बैंक मंहगाई को नियन्त्रित करने के लिए सिर्फ उपलब्ध ऋण को या तो कम करने की कोशिश कर रही है या मंहगा करने की कोशिश कर रही है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र तथा शिक्षा के क्षेत्र में भी किसी तरह की प्रतिबद्धता दिखाई नहीं देती।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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संवेदनहीन यू0पी0ए0 सरकार का बजट पहले से ही मंहगाई की मार झेल रहे आम आदमी का जीवन दूभर करने वाला-मुख्यमन्त्री

Posted on 26 February 2010 by admin

´´कांग्रेस का हाथ, आम आदमी के साथ´´ का नारा देने वाली
कांग्रेस का हाथ एक बार फिर पूंजीपतियों के साथ-
मायावती

डीजल, पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी से
रोजमर्रा के इस्तेमाल की सभी चीजें मंहगी होंगी-
मुख्यमन्त्री

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने आज संसद में पेश किए गए 2010-11 के आम बजट को दिशाहीन, मंहगाई बढ़ाने वाला और मुनाफाखोरी को बढ़ावा देने वाला तथा आम आदमी व किसानों, विशेषकर गरीबों का विरोधी बताते हुए कहा है कि इस बजट से बहुत निराशा हुई है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल, फर्टीलाइजर, सीमेन्ट तथा स्टील के दामों में की गई बढ़ोत्तरी से मंहगाई और बढ़ेगी तथा इसका सीधा प्रभाव देश के गरीब, किसान, मजदूर और आम जनता पर पड़ेगा। उन्होंने आम बजट को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि बजट में गरीबों को कोई राहत नहीं मिली है, इससे गरीब लोग अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

सुश्री मायावती ने कहा कि विदेशी पूंजी निवेश की प्रक्रिया सरल करके विदेशी पूंजीपतियों द्वारा इस देश के खुले बाजार में अनाप-शनाप मुनाफा कमाने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि सोशल सेक्टर तथा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के निर्धन लोगों के उत्थान के लिए बजट में कुछ खास नहीं है। आंकड़ों की बाजीगरी से देश को गुमराह करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट पूंजीपति समर्थक तथा धन्नासेठों को माला-माल करने वाला है और उनके हित में इसमें प्राविधान किए गए हैं।

मुख्यमन्त्री ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यू0पी0ए0 सरकार की गलत नीतियों के कारण आसमान छूती मंहगाई से देश की जनता पहले से ही तबाह है। बजट में कोई राहत न देकर यू0पी0ए0 सरकार ने गरीबों, मजदूरों, दलितों, महिलाओं का जीवन और दूभर करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि कल आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर जो शंका उन्होंने जाहिर की थी, बजट को देखकर वह सच साबित हुई है और तुरन्त ही यू0पी0ए0 सरकार ने तेल कम्पनियों के दबाव में डीजल और पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी करने की घोषणा कर दी। इससे सभी वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे और जरूरी वस्तुएं भी आम लोगों की पहुंच से दूर हो जायेंगी। राष्ट्रपति अभिभाषण में यू0पी0ए0 की सरकार ने यह कहकर अपनी पीठ थपथपाई थी कि प्राईवेट तेल कम्पनियों द्वारा देश में खोजे गये नये तेल और गैस क्षेत्रों से उत्पादन में 3.67 करोड़ मीट्रिक टन से अधिक की वृद्धि हुई है, परन्तु अब यह साफ हो गया है कि इसका लाभ आम जनता को न मिलकर पूंजीपतियों को ही मिलेगा।

सुश्री मायावती ने कहा कि बजट में समाज के कमजोर वर्गों के हितों की पूरी तरह उपेक्षा की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास तथा बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए कोई खास नीति नहीं बनायी गई है। बजट में कारपोरेट जगत व पूंजीपतियों का विशेष ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि वित्त मन्त्री ने खुद ही कल लोक सभा में बहस के दौरान मंहगाई बढ़ने की बात स्वीकार की थी। इसके बावजूद भी आज आम बजट में उन्होंने मंहगाई रोकने के लिए कोई खास उपायों की घोषणा नहीं की है। उन्होंने कहा कि इस तरह यह यू0पी0ए0 सरकार का बजट जनविरोधी तथा गरीब विरोधी है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि यूपीए सरकार ने बजट में इण्डस्ट्री सेक्टर को भारी रियायत देने के साथ ही एफ0डी0आई0 की नीति को सरल बना दिया है। इसका सीधा कुप्रभाव घरेलू उद्योग पर पड़ेगा। इसके अलावा गरीबों व किसानों के उपयोग की वस्तुओं पर दी जाने वाली सिब्सडी में कटौती करके उसे और मंहगा करने का प्रयास किया गया है। इससे गरीब गृहणियां तथा खेती-किसानी में लगे हुए लोग अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले यूपीए सरकार ने मंहगाई बढ़ाकर गरीबों के मुंह से निवाला छिनने का काम किया है और अब बजट में सीमेन्ट और स्टील के दाम बढ़ाकर उनके सिर से छत भी छीन लिया है। इससे साफ है कि यूपीए सरकार की सारी नीतियां गरीब विरोधी और पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाली हैं।

सुश्री मायावती ने कहा कि इस बजट में की गई व्यवस्था का सबसे ज्यादा असर कृषि क्षेत्र पर पडे़गा। डीजल, पेट्रोल तथा खाद का दाम बढ़ाने से कृषि निवेश मंहगा होगा और किसान बबाZदी के कगार पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि सूखा-राहत के लिए कोई खास धनराशि नहीं रखी गई है। बुन्देलखण्ड के विकास को लेकर लगातार हो हल्ला मचाने वाले यूपीए की सरकार ने सिर्फ 1200 करोड़ रूपये की अतिरिक्त धनराशि रखी है, इससे बुन्देलखण्ड वासियों के लिए कांग्रेस की मानसिकता साफ उजागर हो जाती है, जबकि उन्होंने सरकार में आते ही 80 हजार करोड़ रूपये विशेष पैकेज मांगा था। लेकिन कांग्रेस पार्टी की सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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होली का आध्यातमक-वैज्ञानिक आधार

Posted on 26 February 2010 by admin

भारत पर्वो का देश है। प्रत्येक पर्व विशेष खगोलीय घटना से बनते हैं। जब सूर्य चन्द्रमा एवं पृथ्वी किसी विशेष अंशात्मक स्थिति में आकर कोण बनाते हैं तो कोई पर्व बनाते हैं। भारतीय जनमानस इन पर्वो को भक्तिरस में डूबकर मनाता है। जब सूर्य कुम्भ राशि में एवं चन्द्रमा सिंह राशि में होकर 180 पर आमने-सामने पड़ते हैं तो होली मनायी जाती है। यह पर्व चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस प्रकार भारत में प्रत्येक पर्व के कारण में `खगोल विज्ञान´ एवं अभिव्यक्ति में धर्मनिहित होता है।

वैदिक काल से ही होली भारत में मनायी जाती रही है। यह इकलौता पर्व है जिसे पूरा विश्व मनाता है। इस नवान्नेष्टि यज्ञ या मदनोत्सव कहा जाता था। लिंग पुराण में इसे फाल्गुनिका एवं भविष्योत्तर पुराण में होली का सम्बंध होम एवं लोगों के साथ बताया गया है। पश्चिमी जर्मनी में इसे मूर्ख दिवस कहा जाता है। अमेरिका में होलोबीन नाम के उत्सव पर लोग हंसी मजाक करते हैं। ग्रीस में फेमिना का पूजन करते हैं। थाईलैण्ड में सुगंधित जल छिड़कते हैं। ब्रजभूमि एवं भरतपुर में एक दूसरे पर पत्थर मारते हैं। मेहसाना में लट्ठमार होली विश्वविख्यात है। गुजरात के विसनगर में एक दूसरे पर जूते फेंकते हैं।

होली में पलाश (ढाक, टेशू) के फूल के अर्क को निकालकर उसे शरीर पर डाला जाता था। पलाश के पुष्प का अर्क चर्मरोगों के लिए औषधि होता है। जाड़े की समाप्ति के समय शरीर में अनेक चर्मरोगों का प्रकोप हो जाता है। इससे मुक्ति के लिए पलाश के पुष्प के लाल अर्क को शरीर पर डालते थे एवं सरसो के उबटन से शरीर को मालिश करते थे यह शरीर को निरोग एवं हष्ट पुष्ट रखता है। इस प्रकार होली शरीर को निरोग रखने का अच्छा माध्यम था परन्तु अब लोग ढाक पुष्प के अकया सरसों के उबटन की जगह रासायनिक रंगों को शरीर पर डालते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बड़ा हानिकारक होता है। लोग पारस्परिक वैमनस्य मिटाकर एक दूसरे के साथ फाग गाया करते थे।

इस बार होली 1 मार्च 2010 सोमवार को हो रही है। होलिका दहन 28 फरवरी रविवार को रात्रि 10.30 से पूर्व करे। 21 फरवरी से होलाष्टक लग रहा है। यह 1 मार्च तक 8 दिन रहेगा। इसमें जम्मू कश्मीर राजस्थान, पंजाब, हिमाचल एवं दिल्ली में विवाहादिशुभकार्य विर्णत होता है परन्तु शेष भारत में इस होलाष्टक का प्रभाव नहीं होगा।

सत्य की खोज विज्ञान है, सत्य की अनुभूति धर्म है एवं सत्य की अभिव्यक्ति कला है। भारतीय पर्व विज्ञान धर्म एवं कला के सामंजस्य हुआ करते है। होली में अपने आसपास के कूडे कचडे को जलाने से हानिकारक जीव एवं कीट पतंगो को जलाकर नष्ट करते है। होलिकादहन में होलिका को जलाकर भक्त प्रहलाद के बच जाने की चमत्कारिक घटना धर्म की विजय का प्रतीक है। होलिका दहन की परिक्रमा में 150-200 डिग्री तापक्रम के चारों ओर पंच परिक्रमा से शरीर में अधिक ऊष्मा प्रवेश करती है और प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। आजकल होली के दिन मदिरा पीकर एवं भाग खाकर लोग अपने को भ्रमित करते है आज इस कुरीति को दूर करने की आवश्यकता है। होली की आप सबको शुभ प्रार्थनाएं। (लेखक लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिर्विज्ञान विभाग में प्रवक्ता हैं)
विपिन पाण्डेय
सी-175, सेक्टर-सी
महानगर, लखनऊ
संपर्क सूत्र : 09415969147

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