उ0प्र0 की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती आज दिनांक 03 फरवरी, 2010 को वित्तीय वर्ष 2010-11 के बजट को अन्तिम रूप देती हुईं। साथ मे हैं वित्त मन्त्री श्री लालजी वर्मा तथा प्रमुख सचिव वित्त श्री मंजीत सिंह।
दहेज के चलते मंत्री द्वारा सगाई तोड़ने का मामला मंत्री की पत्नी, भाई, पुत्र व पुत्रियों सहित सात लोग आए घेरे में
पुलिस ने देर शाम 3/4 दहेज निषेध अधिनियम व धारा 406 आईपीसी के तहत दर्ज किया मुकदमा
चित्रकूट - पुत्री की सगाई टूटने के मामले में डाक्टर पाल को न्याय मिलने की उम्मीद जगने लगी है। मंत्रीके रुआब से चुप बैठी पुलिस न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई करेगी। इसके लिए डाक्टर के वकील ने मंत्री व उसके परिवार वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रार्थना-पत्र दिया था। जिसके आधार पर न्यायालय ने संज्ञेय अपराध मानते हुए एफआईआर दर्ज कर कृत कार्रवाई से न्यायालय को अवगत कराने के आदेश दिए हैं। जिसके आधार पर बुधवार की देर शाम कर्वी कोतवाली में प्रदेश सरकार के मंत्री अयोध्यापाल सहित उनके सात परिजनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई।
मालूम हो कि प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री अयोध्यापाल ने अपने पुत्र ओमदत्तपाल उर्फ राजू पाल की सगाई चित्राकूट स्थित यू.पी. टूरिस्ट बंगला में अपने रिश्तेदारों की उपस्थित में डा. पीपी पाल की पुत्री प्रीती पाल से की थी। इसके बाद मंत्री व उसके परिवार वाले व्यस्तता का बहाना बना शादी की तारीख निश्चित करने से बचते रहे, और काफी समय बीत जाने के बाद दहेज की मांग पूरी न होने के कारण सगाई तोड़ दी गई। जिससे आहत हो डाक्टर ने पुलिस से उचित कार्रवाई करने की अपील की। लेकिन मामला सत्तापक्ष के मंत्री का होने के कारण पुलिस हाथ डालने से बचती रही। मामला सुर्खियों में आने के बाद पुलिस अधिकारी जांच कर कार्रवाई करने की बात तो करते रहे लेकिन मंत्री व उसके किसी भी रिश्तेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई। जिस पर डाक्टर पाल ने अपने वकील रुद्र प्रसाद के मार्फत न्यायालय में प्रार्थना-पत्रा देकर न्याय मांगा। जिसके आधार पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वीरेन्द्र पाण्डेय ने सुनवाई करते हुए डाक्टर पाल की पुत्री से हुई सगाई तोड़ने के मामले को संज्ञेय आपराध माना और कोतवाली पुलिस को मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, मंत्री की पत्नी, मंत्री के भाई राजकुमार पाल व पत्नी, पुत्रा ओमदत्त पाल उर्फ राजू पाल व उसकी दो बहनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते हुए विवेचना करने के आदेश दे दिए हैं। इसके अलावा कृत कार्रवाई से अदालत को भी अवगत कराने के आदेश पुलिस को दिए गए हैं। डाक्टर के वकील श्री मिश्रा ने बताया कि उनके प्रार्थना-पत्रा के आधार पर पुलिस को दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद अब उन्हें अवश्य ही न्याय मिलेगा। उधर दूसरी तरफ न्यायालय के आदेश पर एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रीती के पिता डा. पी.पी पाल व उसके परिवार वालों के चेहरे पर खुशी झलकने लगी है।
डा. पाल का कहना है कि अब उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि इसके बाद अब कोई भी व्यक्ति अपने पद और रुआब के बल पर किसी भी लड़की का जीवन बर्बाद करने का अपराध नहीं करेगा।
कोतवाली प्रभारी सी.डी गौड़ ने बताया कि प्रदेश सरकार के मंत्री अयोध्यापाल समेत उनके पुत्र व भाई, पत्नी, बेटियों आदि सात लोगों के खिलाफ कर्वी कोतवाली में धारा 3/4 दहेज निषेध अधिनियम व धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर लिया गयाहै।
जांच में पाया गया आमद अधिक व आपूर्ति कम
सुलतानपुर- नगर स्थित रूद्र गैस एजेन्सी पर जांच करने पहुंची टीम को कई अनियमितताएं मिली हैं। सत्यापन के दौरान स्टॉक में दर्शाये गये गैस सिलेन्डर नहीं मिले। जांच रिपोर्ट पर जिला पूर्ति निरीक्षक ने गैस एजेन्सी को नोटिस जारी किया है।
जिले में कूकिंग गैस सिलेन्डरों की काला बाजारी जोरों पर है। इसके मद्दे नज़र जिलाधिकारी ने जांच टीम गठित की है। इसी क्रम में तहसीलदार सदर, नायब तहसीलदार नगर व पूर्ति निरीक्षक सदर ने 21 जनवरी को रूद्र गैस एजेन्सी पर अचानक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान स्टाक रजिस्टर में दर्शाये गये 200घरेलू गैस सिलेन्डर सत्यापन में नहीं पाया गया। बुकिंग रजिस्टर के अनुसार गैस सिलेन्डर निर्गत नहीं किया गया था। इतना ही नहीं इसके पूर्व एसडीएम के निर्देश पर जांच करने गये पूर्ति निरीक्षक ए.पी.सिंह ने जब 29 दिसंबर 09 से 19 जनवरी 10 तक बुकिंग रजिस्टर चेक किया तो उसमें कुल बुकिंग 226 थी और आमद 600 सिलेन्डर था। इसके बाद भी कई उपभोक्ताओं को रिफिल नहीं मिला था।
जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिला पूर्ति अधिकारी ने रूद्र गैस एजेन्सी को नोटिस जारी की है, जिसमें तीन दिन के अन्दर स्पष्टीकरण प्रस्तुत न करने पर अग्रिम कार्रवाई की बात कही गई है।
सुलतानपुर-बैनामे के एक लाख बीस हजार रूपये हड़पने और धोखाधड़ी करने पर उ.प्र. बार कौंसिल ने जिले के एक अधिवक्ता अब्दुल हफीज पर दस वर्ष तक वकालत करने पर प्रतिबन्ध लगा दी है। चेयरमैन के नेतृत्व में बार कौंसिल की समिति ने यह आदेश एक अन्य अधिवक्ता के आवेदन पर दिया है।
अधिवक्ता मो. सलीम ने बार कौंसिल में आवेदन कर याचना की थी कि मो. सलीम ने अपनी चक गाटा संख्या 326 के बैनामे की बात दूसरे अधिवक्ता से बताई थी। जिन्होंने बेला पश्चिम निवासी बलराम की पत्नी मधु और धौराबाद के राजेन्द्र प्रताप से बैनामे की बात तय की। वर्ष 2006 में बैनामे के समय याची अधिवक्ता को अब्दुल हफीज ने बताया कि बैनामे के एक लाख 70 हजार रूपये मिले हैं। जिन्हें मोण् सलीम के इलाहाबाद बैंक की खाता संख्या 1282भ् में जमा कर दिया गया है। रूपया वापस नहीं मिला तो याची ने सिविल जज दक्षिणी के न्यायालय में बैनामा निरस्तीकरण का वाद दायर किया। नौ मार्च 2007 को मुकदमा दायर करने के 20 दिन बाद याची के बचत खाते में रूपये अब्दुल हफीज ने जाम कर दिया। बैनामे के एक लाख 20 हजार रूपये को धोखाधड़ी करने का आरोप अब्दुल हफीज पर लगाते हुए पीप्रड़त वकील ने बार कौंसिल में डी.सी. वाद प्रस्तुत किया। एडवोकेट एक्ट की धारा 3भ् के तहत कौंसिल के चेयरमैन बलवन्त सिंह की समिति ने अब्दुल हफीज को पेशे में धोखाधड़ी करने का दोषी माना।
लखनऊ- बुन्देलखण्ड के ललितपुर, झॉसी, हमीरपुर, महोबा जनपद में बीएसएनएल की मोबाइल व बेसिक लाईन ध्वस्त होने के कारण उपभोक्ताओं को खासा परेशान होना पड़ रहा है। लोगों का एक -दूसरे से सम्पर्क टूटा होने के कारण कई लोगों के कार्य प्रभावित हुये तो इण्टरनेट सेवा ठप्प होने का असर बैंको पर भी दिखाई दिया। उपभोक्ताओं द्वारा हंसी-हंसी में ही सही पर बीएसएनएल की व्याख्या भाई साहब नहीं लगेगा की जाना अब सच साबित हो रही है।
बीते दो दिनों से यहां बीएसएनएल उपभोक्ता खासे परेशान है। न तो मोबाइल लग रहे है और न ही लैण्ड लाईन फोनों पर ही घण्टी खनखना रही है। व्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त होने की वजह से व्यापार पर तो प्रतिकूल असर पड़ा ही बैंकों का कामकाज भी पुरी तरह ठप रहा। हालात इस कदर बिगड़ गये कि बहुत से उपभोक्ताओं ने इस कम्पनी की सिम निकाल कर अन्य कम्पनियों की डाल ली। उपभोक्ताओं की मानें तो हमेशा ही बीएसएनएल सेवा का यही हाल रहता है। ये कहते है कि बिगड़ी सेवा का असर ही है कि अब लोगों ने इस सरकारी व्यवस्था को बाय बाय कर दिया। अधिकतर लोग घरो में लगे लैण्डलाइन कनेक्शन कटवा चुके है और अब मोबाइल का इस्तेमाल भी धीरे-धीरे बन्द करते जा रहे है। बीएसएनएल उपभोक्ता बीएसएनएल की सेवाओं से त्रस्त हो चुके हैं पिछले कई माह से हो रही असुविधा के कारण लोगों में बीएसएनएल के प्रति आक्रोश पनप रहा है। उनका कहना है कि वाकई में बीएसएनएल का अर्थ अब भाई साहब नहीं लगेगा हो गया है। क्योंकि किसी भी वक्त इससे कहीं अन्यत्र सम्पर्क करने पर इसमें बस यही रिकार्डिग आवाज सुनाई देती है कि दिस रूट इज विजी प्लीज ट्राई आफ्टर सम टाईम। की असुविधा को देखते हुए सुनील शर्मा का कहना है कि अधिकतर इस कम्पनी की लाईने व्यस्त ही रहती है और लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है बहुत से लोगों ने इसकी असुविधाओं को देखते हुए अपनी-अपनी सिमों को निकाल फेंक भी दिया है और अन्य कम्पनियों की सिम का प्रयोग शुरू कर दिया है। ब्राडबैण्ड के तो हाल ही बेहाल है। प्लान कुछ होता है बिल कुछ आता है। आकड़े के खेल में रेलमपेल करके उपभोक्ताओं को चूना लगाने के साथ-साथ प्रइवेट मोबाइल सेवा से मिली भगत करके करोड़ों की हेरा-फेरी का खेल पिछले एक साल से बदसूरत जारी है।
लखनऊ- जनपद एटा से अलग हुए नवसृजित जनपद कांशीराम नगर के सावर कस्बे में कल दिनांक 02फरवरी को जबरन जमीन कब्जे को लेकर बहुजन समाज पार्टी के दबंग लोगों द्वारा, जो कि बसपा प्रमुख के करीबी बताये जाते हैं, के साथ स्थानीय पुलिस प्रशासन ने मिलकर न सिर्फ निर्दोष लोगों पर लाठियां बरसायीं बल्कि पुलिसवालों की गोली 16 वर्षीय रजनी के सिर में लगने एवं गोलीबारी के दहशत से गिरिराज किशोर की मृत्यु हो जाने की घटना शर्मनाक एवं निन्दनीय है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि बहुजन समाज पार्टी सत्ता के मद में पूरी तरह मदान्ध हो चुकी है। मुख्यमन्त्री जी ने पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता से जिस जंगलराज, माफियाराज से मुक्ति दिलाने के नाम पर सत्ता हासिल की, आज उन्हीं के शासनकाल में आम जनता जंगलराज और माफियाराज से कराह रही है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी की सरकार में शामिल मन्त्री, विधायक, सांसद तथा बसपा के नेता कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाकर कीर्तिमान स्थापित करने का रिकार्ड बनाने में जी-जान से जुटे हुए हैं। आये दिन बसपा के नेताओं द्वारा जबरिया जमीन कब्जे के चलते किसी दलित महिला(सीतापुर-शशिकला) को फंासी पर लटकाकर मार डालने का प्रयास किया जा रहा हैं, कहीं (कानपुर) किसी गरीब की लड़की के साथ बलात्कार कर पूरे परिवार को घर छोड़ने पर विवश कर रहे हैं तो कहीं पुलिस प्रशासन के सहयोग से जमीन के कब्जे के प्रयास(एटा) की खबरें अखबारों की सुर्खियां बन रही हैं। लेकिन राज्य सरकार ने इन सबसे इतर बसपा के अपराधियों को अपराध करने की मौन स्वीकृति दे रखी है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि जिस प्रदेश की मुखिया स्वयं महिला हो और खुद को दलितों का सबसे बड़ी हिमायती बताने में थकती न हों, आज उसी प्रदेश में महिलाओं पर जिस प्रकार अत्याचार हो रहे हैं, इससे अधिक शर्म की बात क्या हो सकती है। शासन और प्रशासन आज प्रदेश में अपराधियों पर कार्यवाही करने के बजाय उन्हें संरक्षण दे रही है।
लखनऊ - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय स्वागत योग्य है। श्री मुलायम सिंह को इस बात के लिए धन्यवाद है कि उन्होने समय रहते समाजवादी पार्टी की विचारधारा को भ्रमित करने की साजिशों को नाकाम किया है। इस निर्णय से अनुशासन न मानने वाले पार्टी नेताओं को सबक मिलेगा।
अमर सिंह एण्ड कम्पनी की गतिविधियां पिछले कुछ दिनों से पार्टी हित में नहीं थी। समाजवादी पार्टी की प्रतिबद्धता लोकतन्त्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के प्रति रही है और उसकी लड़ाई पूंजीवाद, साम्प्रदायिकता तथा जातिवाद के खिलाफ रही है। इस विचारधारा को कमजोर करने की कोशिश परवान चढ़ती इसके पहले ही उनको श्री मुलायम सिंह ने किनारे कर सूझबूझ का कार्य किया है।
समाजवादी पार्टी को इस बात का फक्र है कि श्री मुलायम सिंह सहित उनका पूरा परिवार अन्याय, भ्रश्टाचार के खिलाफ और व्यवस्था परिवर्तन के लिए लड़ाई लड़ रहा है। यह परिवार सत्ता सुख के लिए नहीं जनसंघर्ष के लिए समर्पित है। परिवारवाद का अनर्गल आरोप निराधार है, यह घटिया एवं कुंठित मानसिकता का घोतक है।
समाजवादी पार्टी संघर्ष के रास्ते गतिशील रही है और वह समय-समय पर नौजवानों, महिलाओं, किसानों, गरीबों तथा अल्पसंख्यकों के हितों की लड़ाई जोशखरोश के साथ लड़ती रही है। साम्प्रदायिकता के खिलाफ उसकी मुहिम के चलते ही केन्द्र में ऐसी ताकतें पुन: सत्ता में आने से वंचित रहीं और उन्हें प्रदेश में बुरी तरह पराजय झेलनी पड़ी। समाजवादी पार्टी जातिवादी ताकतों से भी लोहा ले रही है।
अल्पसंख्यकों और नौजवानों के उत्पीड़न के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने ही आवाजें उठाई हैं। संसद, विधान मण्डल से लेकर सड़क तक पर उसने गरीबों और किसानों के लिए संघर्ष किया हैं। कुछ समय से उसकी इस प्रकृति पर साजिशन धुंध फैलाने की कोशिश की जा रही थी। इससे पूर्व कि पार्टी के हित और राजनीति को क्षति पहुंचती समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भ्रम फैलाने वाले तत्वों पर नकेल कस दी है और समाजवादी विचारधारा के मूल चरित्र कायम रहकर जनसामान्य की आशा आकांक्षाओं के साथ जोड़ने का काम किया है। इसके लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ता श्री मुलायम सिंह यादव का अभिनन्दन करते हैं।
बी0एस0पी0 सरकार ने ही सन्त रविदास के नाम पर नया जिला बनाया, गंगासेतु, पॉलिटेक्निक, विश्वविद्यलाय तथा सन्त रविदास पुरस्कार प्रारम्भ किया,मुख्यमन्त्री ने सन्त रविदास के जन्म स्थान के विकास के लिए 15 करोड़ रूपये की विभिन्न योजनाएं शुरू कीं
लखनऊ - बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस विधायक दल के नेता श्री प्रमोद तिवारी द्वारा इस वर्ष रविदास जयन्ती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित न किये जाने के मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे गलतबयानी बताया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस की सोच हमेशा से दलित विरोधी रही है। वास्तविकता यह है कि इस बार सन्त रविदास जयन्ती के दिन निर्बन्धित अवकाश था। श्री तिवारी को कम से कम कैलेण्डर देख लेना चाहिए था। इस प्रकार श्री तिवारी गलत बयानी कर रहे हैं।
श्री मौर्य ने कहा कि वास्तव में श्री तिवारी की नीयत प्रदेश की जनता खासतौर से सन्त रविदास के अनुयायियों में भ्रम फैला कर राजनीतिक लाभ उठाने की हैं। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस एवं उनके नेताओं को सन्त रविदास की इतनी ही चिन्ता होती तो वे केन्द्र एवं प्रदेश में लम्बे समय तक शासन करने के दौरान उनकी स्मृति में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा तथा उनके नाम पर स्मारक आदि बनाने की घोषणाएं अवश्य करते। इससे साफ है कि कांग्रेस के नेता अपना खोया हुआ जनाधार पाने की हताशा में ऊल-जलूल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता दलितों को रिझाने के लिए कभी झोपड़ी में सोने और खाने की नौंटकी करते हैं, तो कभी अनर्गल बयानबाजी करके सहानभूति बटोरने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि श्री तिवारी द्वारा गुरू रविदास की जयन्ती पर संविधान के नियमों की उल्लंघन का आरोप पूरी तरह बचकाना और सतही है।
श्री मौर्य ने कहा कि राज्य सरकार पर आरोप लगाने से पहले श्री तिवारी को अपने गिरेहबान में झांक लेना चाहिए। कांग्रेस की सोच हमेशा से दलित विरोधी रही है। इसका सीधा प्रमाण है कि अपने शासनकाल में कांग्रेस की सरकारों ने समय-समय पर दलित एवं पिछडे़ वर्गों में जन्में सन्तों, गुरूओं एवं महापुरूषों की यादगार में एक भी स्मारक, संग्रहालय अथवा पार्क स्थापित नहीं किये। इसके विपरीत बी0एस0पी0 सरकार द्वारा बनवाये गये स्मारकों आदि को लेकर लगातार कोसते रहे और दुष्प्रचार करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि सन्त रविदास जी की जयन्ती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित न किये जाने का बयान भी एक घड़ियाली आंसू की तरह है। कांग्रेस के नेता रविदास जयन्ती पर अवकाश घोषित न करने को लेकर झूठी सहानुभूति दिखाने का नाटक मात्र कर रहे हैं।
श्री मौर्य ने कहा कि प्रदेश के दलित व पिछड़े वर्ग के लोग कांग्रेस के दोहरे चरित्र से भलीभान्ति परिचित हैं और इनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस को दलित महापुरूषों, सन्तों एवं गुरूओं की चिन्ता होती तो केन्द्र सरकार इनकी जयन्ती एवं पुण्य तिथियों पर अवकाश की घोषणा करती। सिर्फ जबानी जमा-खर्च से काम नहीं चलाती। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी के निधन पर यू0पी0ए0 की सरकार ने अवकाश की घोषणा करने सोचने तक की जहमत नहीं उठायी, जबकि पूरा देश जानता है कि मान्यवर श्री कांशीराम जी से करोड़ों दलित एवं पिछड़े वर्ग के लोगों की भावनायें जुड़ी हैं और वे उन्हें समाज का उद्धारक तथा अपना मसीहा मानते हैं।
बी0एस0पी0 प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चौथीबार सत्ता में आते ही उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने सन्त शिरोमणि रविदास जी के जन्म स्थान वाराणसी जाकर उनकी जयन्ती पर सार्वजनिक अवकाश तथा विभिन्न योजनाओं की भी घोषणा की थी। इनमें नगवा वाराणसी में लगभग पौने चार करोड़ रूपये की लागत से सन्त रविदास घाट का निर्माण और इसके साथ ही घाट के पास बहने वाले नाले के सुधार तथा पानी की सफाई हेतु 15 करोड़ रूपये देने की भी घोषणा शामिल है। इन सभी घोषणाओं पर तेजी से कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार ने अपनी पूर्व की सरकारों के कार्यकालों में सन्त रविदास जी की स्मृति में अनेक निर्णय लिये थे, इनमें गंगा नदी पर बनने वाले पुल का नाम सन्त रविदास सेतु रखने, सन्त रविदास पार्क की स्थापना, पार्क में सन्त रविदास की प्रतिमा तथा वाराणसी में ही सन्त रविदास एस0सी0एस0टी प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना, चन्दौली के चकिया में सन्तरविदास पॉलिटेक्निक तथा फैजाबाद में सन्त रविदास महाविद्यालय व सन्त रविदास सम्मान पुरूस्कार का निर्णय आदि सम्मिलित हैं। उन्होंने पूछा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने क्या कभी कोई कार्य इनके लिए किया है।
श्री मौर्य ने कहा मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने अपने पूर्व कार्यकाल में जनपद भदोही का नामकरण सन्त रविदास नगर घोषित किया था। उन्होंने कहा कि देश में समय-समय पर ऐसे सन्तों, गुरूओं और महापुरूषों ने जन्म लिया, जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज में व्याप्त गैरबराबरी व भेदभाव वाली सामाजिक व्यवस्था को समाप्त करने के लिए समर्पित कर दिया। इनमें सन्त श्री रविदास जी का नाम पूरे आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। सन्त रविदास जी ने 15वीं शताब्दी में जो समतामूलक समाज व्यवस्था स्थापित करने का कार्य शुरू किया था, उसको 20वीं सदी के महान सुधारकों अर्थात् छत्रपति शाहूजी महाराज, महात्मा ज्योतिबाफुले, श्री नारायणागुरू, बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर और मान्यवर श्री कांशीराम जी ने आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार इन महापुरूषों के अधूरे कार्यों को पूरा करने तथा इनके सपनों को साकार करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार सन्तों, गुरूओं और महापुरूषों को किसी जातीय बन्धन में बाधनें की पक्षधर नहीं है, क्योंकि इनके सन्देश सार्वभौम एवं विश्वकल्याण के लिए होते हैं।
कच्ची चीनी की प्रोसेसिंग स्थगित करने से गन्ना किसानों को बड़ी राहत - राज्य सरकार
गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा अब तक 5939.87 करोड़ रूपये का भुगतान
गन्ना किसानों को 260 रूपये प्रति कुन्तल तक भुगतान-राज्य सरकार
लखनऊ - उत्तर प्रदेश सरकार के लिए गन्ना किसानों का हित सर्वोपरि है। इसको दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि जब तक गन्ने की पेराई पूरी नहीं हो जाती है, तब तक चीनी मिलों द्वारा आयातित कच्ची चीनी की प्रोसेसिंग नहीं की जाएगी। इसके अलावा गन्ना किसानों के लिए समय-समय पर अनेक महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये हैं। राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप गन्ना किसानों को वर्तमान में 260 रूपये प्रति कुन्तल तक की धनराशि प्राप्त हो रही है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी आज यहां देते हुए बताया कि गन्ना किसानों को वर्तमान पेराई सत्र में अधिक से अधिक मूल्य दिलाये जाने और उनके खेत शीघ्र खाली करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने रेलवे रैक द्वारा प्रदेश में कच्ची चीनी के आयात/परिवहन को स्थगित किया है। इसके साथ ही गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य के ससमय भुगतान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि कल 01 फरवरी तक चीनी मिलों को आपूर्ति गन्ना मूल्य 6926.58 करोड़ रूपये के सापेक्ष गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा 5939.87 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। गौरतलब है कि चीनी मिलें गन्ना मूल्य भुगतान हेतु 14 दिन की समय सीमा निर्धारित है, लेकिन इस समय सीमा के पहले ही त्वरित भुगतान किया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार गन्ना किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध एवं संवेदनशील है। इसलिए पेराई सत्र 2009-10 के लिए राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य (एस0ए0पी0) में एकमुश्त 25 रूपये प्रति कुन्तल की अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। उल्लेखनीय है कि एस0ए0पी0 न्यूनतम गन्ना मूल्य है। इससे कम दिये जाने का कोई प्रश्न ही नहीं है। इसलिए एस0ए0पी0 के साथ प्रोत्साहन राशि का भुगतान किये जाने पर गन्ना किसानों को 260 रूपये तक की धनराशि प्राप्त हो रही है। इस धनराशि को सभी चीनी मिलें भुगतान कर रही हैं। पिछली सरकारों में एक वर्ष में गन्ना मूल्य में इतनी बढ़ोत्तरी कभी नहीं की गई। इसके साथ ही गन्ना किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के साथ-साथ अन्य सुविधायें भी दिलाने के निर्देश दिये गये हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि गन्ना उत्पादन लागत में वृद्धि से सम्बन्धित किसानों की मांगों को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा 21 नवम्बर, 2009 तथा 01 दिसम्बर, 2009 को मण्डलायुक्तों को निर्देश दिये गये कि गन्ना किसानों के हित में चीनी उत्पादन को अपेक्षित गति प्रदान करने के लिए गन्ना विकास समितियों/गन्ना किसानों के प्रतिनिधियों एवं चीनी मिलों के बीच एस0ए0पी0 के अतिरिक्त गन्ना किसानों को दिये जा सकने वाले प्रोत्साहन/सुविधाओं के सम्बन्ध में पहल कर पारस्परिक सहमति बनायी जाए। शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत मण्डलायुक्तों द्वारा की गई कार्यवाही के फलस्वरूप गन्ना किसानों को 260 रूपये प्रति कुन्तल तक दिया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार गन्ना किसानों की समस्याओं के प्रति गम्भीर है। इसके साथ ही किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने तथा गन्ना का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। किसानों की समस्याओं का निस्तारण प्रभावी ढंग से करने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही भी की जा रही है। चीनी मिलों मे गन्ने की घटतौली आदि अनियमितताओं पर नियन्त्रण के लिए व्यापक अभियान चलाया गया है, जिसके फलस्वरूप अबतक 211 तौल लिपिक निलिम्बत किये गये हैं तथा चीनी मिल अध्यासियों एवं मिल मालिकों के विरूद्ध 59 मामलों में एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गई है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि गन्ना किसानों की शिकायतों पर समय रहते कार्यवाही न करने पर सम्बन्धित लोगों को दण्डित किया जाएगा।
झांसी - झांसी महोत्सव को इस बार देख कर लगता है की “झांसी महोत्सव समिति “के सदस्य नाम के ही है वरना इस महोत्सव को सुन्दर ढण्ड से किया जा सकता था सूत्रों की माने तो जो चन्दा महोत्सव के लिए हुआ है उस की फिगर में कई शून्य(0) है। मगर जिलाधिकारी राजशेखर ने बताया की झांसी महोत्सव में जनता की भागीदारी के लिए सभी प्रयास किए जा रहे है। बताया कि प्रदेश शासन के संस्कृति मन्त्रालय से 3 लाख तथा भारत सरकार के वस्त्र मन्त्रालय से 13 लाख रुपए आवंटित हुए है। महोत्सव के खर्च के लिए यह धनराशि कम है। इसीलिए विभिन्न कम्पनियांए बैंक व दूसरे निजी संस्थान कार्यक्रमों के प्रायोजक बनाए गये है। साथ ही शिल्प मेले में दुकानों से भी होने वाली आय से कुछ सहयोग मिल रहा है। महोत्सव के लिए धनराशि की कमी नहीं है। हालांकि महोत्सव के कुल खर्च को लेकर स्थिति महोत्सव के बाद ही सामने आ पाएगी। महोत्सव को गरिमामय बनाने के लिए देश के ख्यातिनाम कलाकारों को बुलाया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि झांसी की पहचान रानी झांसी के साथ हाकी के जादूगर ध्यानचन्द से भी है। यहां लोगों में वीरता के साथ हाकी को लेकर भी जुनून है। इसीलिए पहली बार अखिल भारतीय महिला हाकी प्रतियोगिता होने जा रही है। प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों की आठ टीमें हिस्सा ले रही है। प्रतियोगिता लीग कम नॉक आउट के आधार पर खेली जाएगी। इसका उद्घाटन 3 फरवरी को अपराह्न 3 बजे प्रदेश सरकार के अम्बेडकर ग्राम राज्यमन्त्री रतन लाल अहिरवार करेगे, जबकि समापन पर 8 फरवरी को केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमन्त्री प्रदीप जैन आदित्य पुरस्कार वितरण करेगे। विजेता टीम को 20 हजार रुपए नकद दिए जाएंगे। हाकी प्रतियोगिता का प्रायोजक कालेज ऑफ साइन्स एण्ड इंजीनियरिंग है।
जिलाधिकारी ने कहा कि झांसी महोत्सव में 9 फरवरी तक प्रतिदिन मुक्ताकाशी मंच के साथ दीनदयाल सभागारए मेला ग्राउण्ड व बुन्देली मंच पर कार्यक्रम चलेंगे। मुक्ताकाशी मंच पर होने वाली सांस्कृतिक संध्या में प्रतिदिन अलग-अलग अतिथियों को आमन्त्रित किया गया है।
Select Indian script from the list and type with 'The way you speak, the way you type' rule on this page. Refer to following image for details. Press F12 to toggle between Indic script and English.