दहेज के चलते मंत्री द्वारा सगाई तोड़ने का मामला
मंत्री की पत्नी, भाई, पुत्र व पुत्रियों सहित सात लोग आए घेरे में
पुलिस ने देर शाम 3/4 दहेज निषेध अधिनियम व धारा 406 आईपीसी के तहत दर्ज किया मुकदमा
चित्रकूट - पुत्री की सगाई टूटने के मामले में डाक्टर पाल को न्याय मिलने की उम्मीद जगने लगी है। मंत्री के रुआब से चुप बैठी पुलिस न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई करेगी। इसके लिए डाक्टर के वकील ने मंत्री व उसके परिवार वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रार्थना-पत्र दिया था। जिसके आधार पर न्यायालय ने संज्ञेय अपराध मानते हुए एफआईआर दर्ज कर कृत कार्रवाई से न्यायालय को अवगत कराने के आदेश दिए हैं। जिसके आधार पर बुधवार की देर शाम कर्वी कोतवाली में प्रदेश सरकार के मंत्री अयोध्यापाल सहित उनके सात परिजनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई।
मालूम हो कि प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री अयोध्यापाल ने अपने पुत्र ओमदत्तपाल उर्फ राजू पाल की सगाई चित्राकूट स्थित यू.पी. टूरिस्ट बंगला में अपने रिश्तेदारों की उपस्थित में डा. पीपी पाल की पुत्री प्रीती पाल से की थी। इसके बाद मंत्री व उसके परिवार वाले व्यस्तता का बहाना बना शादी की तारीख निश्चित करने से बचते रहे, और काफी समय बीत जाने के बाद दहेज की मांग पूरी न होने के कारण सगाई तोड़ दी गई। जिससे आहत हो डाक्टर ने पुलिस से उचित कार्रवाई करने की अपील की। लेकिन मामला सत्तापक्ष के मंत्री का होने के कारण पुलिस हाथ डालने से बचती रही। मामला सुर्खियों में आने के बाद पुलिस अधिकारी जांच कर कार्रवाई करने की बात तो करते रहे लेकिन मंत्री व उसके किसी भी रिश्तेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई। जिस पर डाक्टर पाल ने अपने वकील रुद्र प्रसाद के मार्फत न्यायालय में प्रार्थना-पत्रा देकर न्याय मांगा। जिसके आधार पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वीरेन्द्र पाण्डेय ने सुनवाई करते हुए डाक्टर पाल की पुत्री से हुई सगाई तोड़ने के मामले को संज्ञेय आपराध माना और कोतवाली पुलिस को मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, मंत्री की पत्नी, मंत्री के भाई राजकुमार पाल व पत्नी, पुत्रा ओमदत्त पाल उर्फ राजू पाल व उसकी दो बहनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते हुए विवेचना करने के आदेश दे दिए हैं। इसके अलावा कृत कार्रवाई से अदालत को भी अवगत कराने के आदेश पुलिस को दिए गए हैं। डाक्टर के वकील श्री मिश्रा ने बताया कि उनके प्रार्थना-पत्रा के आधार पर पुलिस को दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद अब उन्हें अवश्य ही न्याय मिलेगा। उधर दूसरी तरफ न्यायालय के आदेश पर एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रीती के पिता डा. पी.पी पाल व उसके परिवार वालों के चेहरे पर खुशी झलकने लगी है।
डा. पाल का कहना है कि अब उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि इसके बाद अब कोई भी व्यक्ति अपने पद और रुआब के बल पर किसी भी लड़की का जीवन बर्बाद करने का अपराध नहीं करेगा।
कोतवाली प्रभारी सी.डी गौड़ ने बताया कि प्रदेश सरकार के मंत्री अयोध्यापाल समेत उनके पुत्र व भाई, पत्नी, बेटियों आदि सात लोगों के खिलाफ कर्वी कोतवाली में धारा 3/4 दहेज निषेध अधिनियम व धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर लिया गयाहै।
श्री गोपाल
09839075109 (bundelkhandlive.com)