कच्ची चीनी की प्रोसेसिंग स्थगित करने से गन्ना किसानों को बड़ी राहत - राज्य सरकार
गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा अब तक 5939.87 करोड़ रूपये का भुगतान
गन्ना किसानों को 260 रूपये प्रति कुन्तल तक भुगतान-राज्य सरकार
लखनऊ - उत्तर प्रदेश सरकार के लिए गन्ना किसानों का हित सर्वोपरि है। इसको दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि जब तक गन्ने की पेराई पूरी नहीं हो जाती है, तब तक चीनी मिलों द्वारा आयातित कच्ची चीनी की प्रोसेसिंग नहीं की जाएगी। इसके अलावा गन्ना किसानों के लिए समय-समय पर अनेक महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये हैं। राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप गन्ना किसानों को वर्तमान में 260 रूपये प्रति कुन्तल तक की धनराशि प्राप्त हो रही है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी आज यहां देते हुए बताया कि गन्ना किसानों को वर्तमान पेराई सत्र में अधिक से अधिक मूल्य दिलाये जाने और उनके खेत शीघ्र खाली करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने रेलवे रैक द्वारा प्रदेश में कच्ची चीनी के आयात/परिवहन को स्थगित किया है। इसके साथ ही गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य के ससमय भुगतान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि कल 01 फरवरी तक चीनी मिलों को आपूर्ति गन्ना मूल्य 6926.58 करोड़ रूपये के सापेक्ष गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा 5939.87 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। गौरतलब है कि चीनी मिलें गन्ना मूल्य भुगतान हेतु 14 दिन की समय सीमा निर्धारित है, लेकिन इस समय सीमा के पहले ही त्वरित भुगतान किया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार गन्ना किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध एवं संवेदनशील है। इसलिए पेराई सत्र 2009-10 के लिए राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य (एस0ए0पी0) में एकमुश्त 25 रूपये प्रति कुन्तल की अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। उल्लेखनीय है कि एस0ए0पी0 न्यूनतम गन्ना मूल्य है। इससे कम दिये जाने का कोई प्रश्न ही नहीं है। इसलिए एस0ए0पी0 के साथ प्रोत्साहन राशि का भुगतान किये जाने पर गन्ना किसानों को 260 रूपये तक की धनराशि प्राप्त हो रही है। इस धनराशि को सभी चीनी मिलें भुगतान कर रही हैं। पिछली सरकारों में एक वर्ष में गन्ना मूल्य में इतनी बढ़ोत्तरी कभी नहीं की गई। इसके साथ ही गन्ना किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के साथ-साथ अन्य सुविधायें भी दिलाने के निर्देश दिये गये हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि गन्ना उत्पादन लागत में वृद्धि से सम्बन्धित किसानों की मांगों को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा 21 नवम्बर, 2009 तथा 01 दिसम्बर, 2009 को मण्डलायुक्तों को निर्देश दिये गये कि गन्ना किसानों के हित में चीनी उत्पादन को अपेक्षित गति प्रदान करने के लिए गन्ना विकास समितियों/गन्ना किसानों के प्रतिनिधियों एवं चीनी मिलों के बीच एस0ए0पी0 के अतिरिक्त गन्ना किसानों को दिये जा सकने वाले प्रोत्साहन/सुविधाओं के सम्बन्ध में पहल कर पारस्परिक सहमति बनायी जाए। शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत मण्डलायुक्तों द्वारा की गई कार्यवाही के फलस्वरूप गन्ना किसानों को 260 रूपये प्रति कुन्तल तक दिया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार गन्ना किसानों की समस्याओं के प्रति गम्भीर है। इसके साथ ही किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने तथा गन्ना का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। किसानों की समस्याओं का निस्तारण प्रभावी ढंग से करने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही भी की जा रही है। चीनी मिलों मे गन्ने की घटतौली आदि अनियमितताओं पर नियन्त्रण के लिए व्यापक अभियान चलाया गया है, जिसके फलस्वरूप अबतक 211 तौल लिपिक निलिम्बत किये गये हैं तथा चीनी मिल अध्यासियों एवं मिल मालिकों के विरूद्ध 59 मामलों में एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गई है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि गन्ना किसानों की शिकायतों पर समय रहते कार्यवाही न करने पर सम्बन्धित लोगों को दण्डित किया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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