अधिवक्ता की वकालत पर बार कौंसिल ने दस वर्ष की लगाई रोक

Posted on 03 February 2010 by admin

बैनामे के एक लाख 20 हजार हड़पने पर हुई कार्रवाई

सुलतानपुर-बैनामे के एक लाख बीस हजार रूपये हड़पने और धोखाधड़ी करने पर उ.प्र. बार कौंसिल ने जिले के एक अधिवक्ता अब्दुल हफीज पर दस वर्ष तक वकालत करने पर प्रतिबन्ध लगा दी है। चेयरमैन के नेतृत्व में बार कौंसिल की समिति ने यह आदेश एक अन्य अधिवक्ता के आवेदन पर दिया है।

अधिवक्ता मो. सलीम ने बार कौंसिल में आवेदन कर याचना की थी कि मो. सलीम ने अपनी चक गाटा संख्या 326 के बैनामे की बात दूसरे अधिवक्ता से बताई थी। जिन्होंने बेला पश्चिम निवासी बलराम की पत्नी मधु और धौराबाद के राजेन्द्र प्रताप से बैनामे की बात तय की। वर्ष 2006 में बैनामे के समय याची अधिवक्ता को अब्दुल हफीज ने बताया कि बैनामे के एक लाख 70 हजार रूपये मिले हैं। जिन्हें मोण् सलीम के इलाहाबाद बैंक की खाता संख्या 1282भ् में जमा कर दिया गया है। रूपया वापस नहीं मिला तो याची ने सिविल जज दक्षिणी के न्यायालय में बैनामा निरस्तीकरण का वाद दायर किया। नौ मार्च 2007 को मुकदमा दायर करने के 20 दिन बाद याची के बचत खाते में  रूपये अब्दुल हफीज ने जाम कर दिया। बैनामे के एक लाख 20 हजार रूपये को धोखाधड़ी करने का आरोप अब्दुल हफीज पर लगाते हुए पीप्रड़त वकील ने बार कौंसिल में डी.सी. वाद प्रस्तुत किया। एडवोकेट एक्ट की धारा 3भ् के तहत कौंसिल के चेयरमैन बलवन्त सिंह की समिति ने अब्दुल हफीज को पेशे में धोखाधड़ी करने का दोषी माना।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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