लखनऊ - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय स्वागत योग्य है। श्री मुलायम सिंह को इस बात के लिए धन्यवाद है कि उन्होने समय रहते समाजवादी पार्टी की विचारधारा को भ्रमित करने की साजिशों को नाकाम किया है। इस निर्णय से अनुशासन न मानने वाले पार्टी नेताओं को सबक मिलेगा।
अमर सिंह एण्ड कम्पनी की गतिविधियां पिछले कुछ दिनों से पार्टी हित में नहीं थी। समाजवादी पार्टी की प्रतिबद्धता लोकतन्त्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के प्रति रही है और उसकी लड़ाई पूंजीवाद, साम्प्रदायिकता तथा जातिवाद के खिलाफ रही है। इस विचारधारा को कमजोर करने की कोशिश परवान चढ़ती इसके पहले ही उनको श्री मुलायम सिंह ने किनारे कर सूझबूझ का कार्य किया है।
समाजवादी पार्टी को इस बात का फक्र है कि श्री मुलायम सिंह सहित उनका पूरा परिवार अन्याय, भ्रश्टाचार के खिलाफ और व्यवस्था परिवर्तन के लिए लड़ाई लड़ रहा है। यह परिवार सत्ता सुख के लिए नहीं जनसंघर्ष के लिए समर्पित है। परिवारवाद का अनर्गल आरोप निराधार है, यह घटिया एवं कुंठित मानसिकता का घोतक है।
समाजवादी पार्टी संघर्ष के रास्ते गतिशील रही है और वह समय-समय पर नौजवानों, महिलाओं, किसानों, गरीबों तथा अल्पसंख्यकों के हितों की लड़ाई जोशखरोश के साथ लड़ती रही है। साम्प्रदायिकता के खिलाफ उसकी मुहिम के चलते ही केन्द्र में ऐसी ताकतें पुन: सत्ता में आने से वंचित रहीं और उन्हें प्रदेश में बुरी तरह पराजय झेलनी पड़ी। समाजवादी पार्टी जातिवादी ताकतों से भी लोहा ले रही है।
अल्पसंख्यकों और नौजवानों के उत्पीड़न के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने ही आवाजें उठाई हैं। संसद, विधान मण्डल से लेकर सड़क तक पर उसने गरीबों और किसानों के लिए संघर्ष किया हैं। कुछ समय से उसकी इस प्रकृति पर साजिशन धुंध फैलाने की कोशिश की जा रही थी। इससे पूर्व कि पार्टी के हित और राजनीति को क्षति पहुंचती समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भ्रम फैलाने वाले तत्वों पर नकेल कस दी है और समाजवादी विचारधारा के मूल चरित्र कायम रहकर जनसामान्य की आशा आकांक्षाओं के साथ जोड़ने का काम किया है। इसके लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ता श्री मुलायम सिंह यादव का अभिनन्दन करते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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