लखनऊ- बुन्देलखण्ड के ललितपुर, झॉसी, हमीरपुर, महोबा जनपद में बीएसएनएल की मोबाइल व बेसिक लाईन ध्वस्त होने के कारण उपभोक्ताओं को खासा परेशान होना पड़ रहा है। लोगों का एक -दूसरे से सम्पर्क टूटा होने के कारण कई लोगों के कार्य प्रभावित हुये तो इण्टरनेट सेवा ठप्प होने का असर बैंको पर भी दिखाई दिया। उपभोक्ताओं द्वारा हंसी-हंसी में ही सही पर बीएसएनएल की व्याख्या भाई साहब नहीं लगेगा की जाना अब सच साबित हो रही है।
बीते दो दिनों से यहां बीएसएनएल उपभोक्ता खासे परेशान है। न तो मोबाइल लग रहे है और न ही लैण्ड लाईन फोनों पर ही घण्टी खनखना रही है। व्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त होने की वजह से व्यापार पर तो प्रतिकूल असर पड़ा ही बैंकों का कामकाज भी पुरी तरह ठप रहा। हालात इस कदर बिगड़ गये कि बहुत से उपभोक्ताओं ने इस कम्पनी की सिम निकाल कर अन्य कम्पनियों की डाल ली। उपभोक्ताओं की मानें तो हमेशा ही बीएसएनएल सेवा का यही हाल रहता है। ये कहते है कि बिगड़ी सेवा का असर ही है कि अब लोगों ने इस सरकारी व्यवस्था को बाय बाय कर दिया। अधिकतर लोग घरो में लगे लैण्डलाइन कनेक्शन कटवा चुके है और अब मोबाइल का इस्तेमाल भी धीरे-धीरे बन्द करते जा रहे है। बीएसएनएल उपभोक्ता बीएसएनएल की सेवाओं से त्रस्त हो चुके हैं पिछले कई माह से हो रही असुविधा के कारण लोगों में बीएसएनएल के प्रति आक्रोश पनप रहा है। उनका कहना है कि वाकई में बीएसएनएल का अर्थ अब भाई साहब नहीं लगेगा हो गया है। क्योंकि किसी भी वक्त इससे कहीं अन्यत्र सम्पर्क करने पर इसमें बस यही रिकार्डिग आवाज सुनाई देती है कि दिस रूट इज विजी प्लीज ट्राई आफ्टर सम टाईम। की असुविधा को देखते हुए सुनील शर्मा का कहना है कि अधिकतर इस कम्पनी की लाईने व्यस्त ही रहती है और लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है बहुत से लोगों ने इसकी असुविधाओं को देखते हुए अपनी-अपनी सिमों को निकाल फेंक भी दिया है और अन्य कम्पनियों की सिम का प्रयोग शुरू कर दिया है। ब्राडबैण्ड के तो हाल ही बेहाल है। प्लान कुछ होता है बिल कुछ आता है। आकड़े के खेल में रेलमपेल करके उपभोक्ताओं को चूना लगाने के साथ-साथ प्रइवेट मोबाइल सेवा से मिली भगत करके करोड़ों की हेरा-फेरी का खेल पिछले एक साल से बदसूरत जारी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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