Archive | February 4th, 2010

उत्तर प्रदेश की जमीन पर सामाजिक परिवर्तन की ठोस शुरूआत - मायावती

Posted on 04 February 2010 by admin

बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने पर जोर - मायावती

लखनऊ - उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने कहा है कि आज विधानसभा में वित्त मन्त्री द्वारा प्रदेश का विकासोन्मुखी बजट प्रस्तुत किया गया है। जिसमें सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीति के आधार पर विभिन्न विकास योजनाओं के माध्यम से सभी वर्गो, समुदायों एवं क्षेत्रों का सन्तुलित विकास करने का प्रयास उनकी सरकार द्वारा किया गया है। इस बजट में किए गए प्राविधान से गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं, व्यापारियों, कर्मचारियों एवं विभिन्न पेशों में लगे लोगों और समाज के उपेक्षित व निर्बल वर्गो, अल्पसंख्यकों, युवाओं तथा छात्रों का उत्थान होगा, जो पिछली किसी सरकार के दौरान नही हो पाया। उन्होंने कहा कि यह बजट उनके स्वयं के अनुभव एवं जमीनी सोच को प्रदर्शित करता है। इसके साथ ही यह बजट उत्तर प्रदेश की जमीन पर सामाजिक परिवर्तन की ठोस शुरूआत करने की दिशा का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

सुश्री मायावती ने कहा है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि की प्रधानता के दृष्टिगत तथा किसानों को केन्द्र बिन्दु मानते हुए कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास तथा समग्र ग्रामीण विकास को पहली बार इतनी अधिक प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को खुशहाल और समृद्ध देखना चाहती है, इसलिए उनकी सरकार द्वारा समय-समय पर ऐतिहासिक निर्णय लिये गये है। उन्होनें कहा कि वर्षो से किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए चौतरफा रणनीति सहित एक व्यापक कृषि योजना बनायी गई है। इसके अन्तर्गत किसानों को खाद की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही खाद के अग्रिम भण्डारण की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही प्रमाणित बीजों की आपूर्ति एवं सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के कार्यक्रम भी बनाये गये हैं। कृषि एवं सम्बद्व कार्यकलापों के लिए 4125.85 करोड़ तथा मुख्य एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं हेतु 5485 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा लघु सिंचाई कार्यक्रमों हेतु 1296 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने कृषि की पैदावार को दोगुना करने का निर्णय लिया है। इसको दृष्टिगत रखते हुए पर्याप्त कृषि निवेश के साथ ही गांवो में पम्प सेटों को निबंध बिजली की आपूर्ति के लिए अलग फीडर से जोड़ने हेतु 2600 करोड़ रुपये की धनराशि से डा0 अम्बेडकर कृषि ऊर्जा सुधार योजना का शुभारम्भ किया गया है। इस योजनान्तर्गत कृषि हेतु ऊर्जा के फीडर को ग्रामीण घरेलू बत्ती के फीडरों से अलग करके स्वतन्त्र कृषि फीडर भी लगाये जायेगें। इससे जहॉ किसानों की विभिन्न समस्याओं का निदान होगा तथा वहीं उनकी आय में भी वृद्धि होगी और खाद्यान्न के उत्पादन में भी बद्वोत्तरी होने से आम जनता को उचित दर पर खाद्यान्न उपलब्ध हो सकेगा।

सुश्री मायावती ने कहा कि पूर्ववर्ती किसी भी सरकार ने केन्द्र द्वारा निर्धारित बी0पी0एल0 सूची से छूटे हुये गरीबों के बारे में नहीं सोचा और न ही कोई ठोस कदम उठाया। उन्होंने कहा कि आज पेश किये गये बजट में प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करनें वाले ऐसे हर गरीब परिवार को, जिसे भारत सरकार द्वारा बी0पी0एल0 कार्ड धारकों की संख्या न बढ़ाये जाने के कारण सस्ता खाद्यान्न पाने से वंचित हो रहे थे तथा अन्य कोई पेंशन भी प्राप्त नही हो रही थी, को रोजमर्रा की जरुरतों को पूरा करने में सहयोग देने के लिए 402 करोड़ रुपये की व्यवस्था मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना में की गई है। इस नयी योजना के तहत ऐसे गरीबो को 300 रुपये प्रतिमाह की नगद धनराशि सीधे दी जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की दूरगामी एवं अभिनव सोच को दर्शाता है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि आज पेश किये गये बजट में माध्यमिक स्तर पर शैक्षिक सुविधाओं के सृजन तथा विस्तार के साथ-साथ बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने, छात्र-छात्राओं को कम्प्यूटर शिक्षा और कम्प्यूटर सहायतित शिक्षा प्रदान करनें पर बल दिया गया है और माध्यमिक शिक्षा हेतु 6340.36 करोड़ रुपये की बृहद व्यवस्था की गई है। इसके अलावा यह बजट हाईस्कूल की शिक्षा अधिकतम 5 किमी0 के अन्दर तथा इण्टर कालेज की शिक्षा अधिकतम 7 से 10 किमी0 की परिधि में सर्वजन को उपलब्ध हो सके। उसकी दिशा में चलने का मार्ग प्रशस्त करता है। बजट में ऐसी शिक्षा की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है, जो सबसे अच्छी एवं गुणवत्तापरक हो। इसके साथ ही उच्चशिक्षा क्षेत्र में भी गुणात्मक सुधार और शोधकार्यो हेतु उत्कृष्टता-केन्द्र विकसित किये जाने की व्यवस्था की गई है।

सुश्री मायावती ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता में निरन्तर सुधार के लिए विगत 3 वर्षो में किये गये प्रयासों के परिणाम अब नज़र आने लगे है। इसके फलस्वरुप बाह्य एवं अन्त: रोगियों की संख्या दूनी हुई है। प्रतिदिन 16 घंटे आपरेशन की सुविधा और 24 घंटे पैथालॉजी जांच की सुविधा उपलब्ध हो जाने की व्यवस्था प्रतिदिन की गई है, जिससे अब किसी भी गरीब को निजी अस्पताल जाने के लिए अपने खेत बेचनेें के लिए मजबूर नही होना पड़ेगा।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि इस बजट में ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों को आवास उपलब्ध करानें लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही शहरी गरीबों को भी सस्ती आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। पहली बार ऐसा हुआ है कि 5-6 लाख तक के कीमत वाले मकान गरीबों को नि:शुल्क दिये जा रहे हैं। राज्य सरकार गरीबों को छत उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विगत 3 वर्षो में मूलभूत आर्थिक अवस्थापना सुविधाओं जैसे ऊर्जा, सड़क, पुल, परिवहन, शहरी अवस्थापना आदि के विकास पर अपने सीमित संसाधनों के बावजूद भी बडे़ पैमाने पर व्यय किया है। हाल ही के वैश्विक मन्दी के दौर में यद्यपि राज्य सरकार उतना नही कर पायी है जितना कि वह चाहती थी परन्तु अब इस बजट में विकास की दर विकास के लिए बड़े पैमाने पर जो कदम उठाये गये हैं, उसके चलते प्रदेश इस वर्ष निश्चित रूप से प्रस्तावित 10 प्रतिशत विकास दर को प्राप्त करने में सफल होगा।

सुश्री मायवती ने कहा कि विपक्ष को चाहिए था कि सर्वजन के विकास पर आधारित इस बजट की खुले कंठ से सराहना करते परन्तु सदैव की भान्ति राजनीतिक कारणों और पूर्वाग्रहों के चलते उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को सिर्फ रस्मी तौर पर बजट की आलोचना से परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें सोशल सेक्टर के विकास के लिए किए गए सरकार के प्रयासों का भी खुले मन से स्वागत करना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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राज्य सरकार ने वर्ष 2010-11 के लिए 1,53,199.38 करोड़ रुपये का बजट पेश किया

Posted on 04 February 2010 by admin

प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट, गत वर्ष की अपेक्षा 14.6 फीसदी अधिक, छठें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू करने से आए व्ययभार के बावजूद प्रदेश सरकार ने राजस्व बचत का बजट पेश किया

उत्तर प्रदेश मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के लिये प्राविधान
राज्य सरकार द्वारा कर राजस्व बढ़ाने हेतु किये गये प्रयासों के फलस्वरूप वर्तमान वित्तीय वर्ष के अन्त
तक अनुमान से अधिक राजस्व आय होगी
वैट लागू करने के बाद देश के बड़े राज्यों में राजस्व घटा, वहीं उत्तर प्रदेश में युक्तिसंगत उपायों से राजस्व में वृद्धि
पुनरीक्षित वेतन, भत्ते, पेंशन आदि से पड़ने वाले अतिरिक्त भार के बावजूद वर्ष 2009-10 में 1987.87 करोड़ रू0 तथा वर्ष 2010-11 में 554.40 करोड़ रू0 की राजस्व बचत अनुमानित
सार्वजनिक निजी सहभागिता द्वारा मूलभूत इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रूपये के वचनबद्ध पूंजी निवेश के फलस्वरूप सीधे सरकारी निवेश की जरूरत में कमी
केन्द्र द्वारा 80 हजार करोड़ रूपये का विशेश आर्थिक सहायता पैकेज स्वीकृत न होने के कारण पी0पी0पी0 मॉडल पर निवेश आकर्शित करने की बाध्यता

कृषि उत्पादों का उचित मूल्य सुनिश्चित करते हुए किसानों की आय में वृद्धि का लक्ष्य
कृषि एवं सम्बद्ध कार्यकलापों हेतु 4125.85 करोड़ रूपये तथा सिंचाई क्रार्यक्रमों हेतु 7000 करोड़ रूपये की व्यवस्था
उर्वरक के अग्रिम भण्डारण की योजना, 75.11 करोड़ रूपये की व्यवस्था
बढ़े उत्पादन से आम जनता को सस्ते दामों में खाद्यान्न उपलब्ध होगा
बजट में महिलाओं, विशेशतौर पर बालिकाओं के सर्वागीण विकास के लिए व्यवस्था
छोटे बच्चों को कुपोशण से बचाने के लिए अनुपूरक पुश्टाहार का बजट दोगुना किया गया
आई0टी0आई0 एवं पॉलीटेक्निक्स की छात्राओं को भी मिलेगा सावित्रीबाई फुले बालिका शिक्षा मद्द योजना का लाभ

लखनऊ  - उत्तर प्रदेश के वित्त मन्त्री श्री लाल जी वर्मा ने राज्य के सन्तुलित सामाजिक और आर्थिक विकास पर केंद्रित वर्ष 2010-2011 का बजट आज यहां विधान सभा में प्रस्तुत किया, जो छठें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू करने से आए व्ययभार के बावजूद भी राजस्व बचत का बजट है। बजट में जहां एक ओर समाज के गरीब, कमजोर, दबे कुचले और उपेक्षित वर्ग के लोगों की बुनियादी जरूरतों का पूरा ध्यान रखा गया है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश की अवस्थापना सम्बन्धी आवश्यकताओं को, निजी-सार्वजनिक सहभागिता (पी0पी0पी0) से पूरी करने को प्राथमिकता दी गई है। वर्ष 2010-2011 के बजट में अनुसूचित जातियों के लिए विशेश घटक योजना के अन्तर्गत 9099.75 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है तथा निर्धन महिलाओं और गरीब किसानों को भी वरीयता दी गई है। यह बजट राज्य सरकार द्वारा समतामूलक समाज व्यवस्था की सही स्थापना के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के नेतृत्व में लगातार चौथी बार बजट के आकार में वृद्धि की गई है। आज प्रस्तुत 1,53,199.38 करोड़ रुपये का बजट प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़े आकार वाला बजट है, जो गत वित्तीय वर्ष के बजट की अपेक्षा 14.6 फीसदी अधिक है। आगामी वित्तीय वर्ष में कुल 1,44,177.27 करोड़ रूपये की प्राप्तियॉं अनुमानित हैं, जिनमें 1,11,620.61 करोड़ रूपये की राजस्व प्राप्तियॉं तथा 32,556.66 करोड़ रूपये की पूंजीगत प्राप्तियॉं सम्मिलित हैं। यहॉं यह भी उल्लेख करना आवश्यक है कि वर्ष 2010-11 में कर राजस्व का अंश 77,823.09 करोड़ रूपये अनुमानित हैं, जिसमें केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 35,517.22 करोड़ रूपये हैं।

केन्द्रीय योजना आयोग द्वारा प्रदेश की वर्ष 2010-11 की वार्षिक योजना का निर्धारण अभी नहीं किया गया है परन्तु राज्य सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिये अनन्तिम रूप से 42000 करोड़ रूपये का परिव्यय निर्धारित किया है। अगला वित्तीय वर्ष 11वीं पंचवर्षीय योजना का चौथा वर्ष है। राज्य सरकार ने प्रदेश के सन्तुलित सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिये आयोजनागत योजनाओं के लिये 45645.13 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है जो वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट के मुकाबले 13.8 प्रतिशत अधिक है।

ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने अपने पहले शासनकाल से ही प्रदेश में विकास और सामाजिक परिवर्तन की जो ठोस शुरूआत की है वह उनके वर्तमान शासनकाल में भी गतिमान है। उनका मानना है कि समाज में व्याप्त गैर-बराबरी वाली व्यवस्था को बदल कर समतामूलक समाज व्यवस्था की स्थापना में ही सर्वसमाज के सभी वर्गों का कल्याण निहित है। उनकी सरकार की प्रत्येक नीति और निर्णय सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के संकल्प पर आधारित है। आज प्रस्तुत किया गया बजट भी राज्य सरकार के इस संकल्प को प्रतिबििम्बत करता है।

बजट में विशेष रूप से गरीब, दलित, आर्थिक रूप से कमजोर किसानों, महिलाओं, बालिकाओं एवं छोटे बच्चों के हित में महत्वपूर्ण योजनायें प्रस्तावित की गई हैं। सरकार ने अपने सीमित आर्थिक संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग को ध्यान में रखकर मूलभूत आर्थिक अवस्थापना सुविधाओं, जैसे ऊर्जा, सड़क-पुल, परिवहन एवं शहरी अवस्थापना सम्बन्धी वृहदृ परियोजनाओं को पी0पी0पी0 के आधार पर संचालित करते हुए इन पर सीधे सरकारी निवेश की जरूरत को कम किया है। इस प्रकार इन योजनाओं से धन बचाकर दुर्बल एवं गरीब वर्गों के उत्थान, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, शिक्षा, चिकित्सा-स्वास्थ्य के लिये अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था इस बजट की विशेशताओं में शामिल हैं। इस प्रकार राज्य सरकार ने सामाजिक सेक्टर की योजनाओं पर अधिक धनराशि व्यय करने के लिए यह व्यवस्था की है। इसके अलावा बजट में आधारभूत सुविधायें मुहैया कराने एवं किसानों को सिंचाई सुविधायें बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।

प्रदेश में मूलभूत आर्थिक अवस्थापना सुविधाओं के विकास को वरीयता देते हुए सरकार ने ऊर्जा, सड़क, पुल, परिवहन एवं शहरी अवस्थापना सम्बन्धी परियोजनाओं पर सार्वजनिक क्षेत्र में व्यय हेतु आवश्यक धनराशि की व्यवस्था की है। इसके साथ ही इन सेक्टरों में निजी क्षेत्र में पूंजी निवेश प्रोत्साहित करने हेतु सार्वजनिक निजी सहभागिता (पी0पी0पी0) मॉडल पर अनेक परियोजना ली जा रही हैं।

वित्तीय वर्ष 2010-2011 में सार्वजनिक निजी सहभागिता मॉडल की विभिन्न परियोजनाओं में लगभग साढ़े ग्यारह हजार करोड़ का पूंजी निवेश अनुमानित है। इसके तहत ऊर्जा क्षेत्र में अधिश्ठापन क्षमता बढ़ाने वाली विभिन्न परियोजनाओं के विकासकर्ताओं द्वारा 5000 करोड़ रूपये तथा पारेशण तन्त्र के सुदृढ़ीकरण एवं वितरण में सुधार सम्बन्धी परियोजनाओं में 600 करोड़ रूपये का निवेश सम्भावित है। गंगा एक्सप्रेस-वे, अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेस-वे तथा राजकीय राजमार्गों की परियोजनाओं से 4900 करोड़ रूपये अनुमानित है। कुशीनगर में अन्तर्राश्ट्रीय हवाई अड्डा तथा बौद्ध परिपथ का विकास 750 करोड़ रूपये से तथा आगरा, मेरठ, अलीगढ़ तथा इलाहाबाद में 4000 करोड़ रूपये की लागत से रिंग रोड बनायी जाएगी। गाजियाबाद, इलाहाबाद एवं अन्य शहरों में 50 करोड़ रूपये प्रत्येक की लागत से मल्टी लेवल पार्किंग सुविधा विकसित होगी। पांच टाउनिशप के विकास पर 500 करोड़ रूपये, नौ जनपदों की सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट परियोजनाओं में 100 करोड़ रूपये तथा नये आई0टी0आई0, पॉलिटेक्निक् , मेडिकल कालेज, पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट एवं मल्टी स्पेशयालिटी हास्पिटल की परियोजनाओं में 250 करोड़ रूपये का निवेश अनुमानित है।

वर्ष 2010-2011 के बजट में स्पष्ट किया गया है कि कर-राजस्व बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रयासों के चलते प्रदेश अगले वित्तीय वर्ष के अन्त में भी रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बना रहेगा। ज्ञातव्य है कि छठे केन्द्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के फलस्वरूप राज्य सरकार ने कर्मचारियों के वेतन भत्ते एवं पेन्शन को पुनरीक्षित करने का निर्णय लिया, जिससे शासन पर काफी अधिक धनराशि का अतिरिक्त व्यय भार पड़ा। राज्य सरकार द्वारा वेतन आयोग की संस्तुतियों को लागू करने के फलस्वरूप बढ़े व्यय भार से निपटने के लिये व्यय प्रबन्धन में सुधार तथा मितव्ययिता के कड़े कदम उठाये गये। इसके अलावा सरकार ने योजनाओं के वित्त पोषण हेतु आवश्यक वित्तीय संसाधन जुटाने के भी प्रबन्ध किये हैं। राज्य सरकार द्वारा कर राजस्व बढ़ाने हेतु किये गये प्रयासों के फलस्वरूप वर्तमान वित्तीय वर्ष के अन्त तक राजस्व आय आय-व्ययक अनुमान से अधिक प्राप्ति होगी।

बजट में यह भी खुलासा किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा राजस्व प्राप्तियों को बढ़ाने के लिए उठाये गये विभिन्न कदमों के फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2010-11 में कर राजस्व में 20 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। इसके परिणामस्वरूप पुनरीक्षित वेतन भत्ते पेन्शन आदि से पड़ने वाले अतिरिक्त व्यय भार के बावजूद वर्तमान वित्तीय वर्ष में   1987.87 करोड़ रुपये तथा आगामी वित्तीय वर्ष में 554.40 करोड़ रूपये की राजस्व बचत अनुमानित है।

राज्य सरकार की यह उपलब्धि तब और महत्वपूर्ण हो जाती है जब बजट में तेरहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के आधार पर पड़ने वाले प्रभाव को संज्ञान में नहीं लिया गया है। आयोग की रिपोर्ट ए0टी0आर0 के साथ संसद में प्रस्तुत की जानी है। उम्मीद है कि 13वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के आधार पर राज्य को वर्तमान में मिल रहे केन्द्रीय करों के अंश एवं अनुदान की राशि में आशातीत वृद्धि होगी।

राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में किसानों की खुशहाली, समेकित ग्राम्य विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण तथा सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजना को सर्वोच्च वरीयता दी गई है। मुख्यमन्त्री द्वारा घोषित उत्तर प्रदेश मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना को पहली बार प्रदेश में लागू करने के लिये सरकार ने वित्तीय वर्ष 2010-11 के लिये 402 करोड़ रूपये का प्राविधान बजट में किया है। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों जिन्हें भारत सरकार द्वारा बी0पी0एल0 कार्डो की संख्या न बढ़ाये जाने के कारण सस्ता खाद्यान्न नहीं मिल रहा है तथा जिन्हें पेन्शन की किसी योजना से भी आच्छादित नहीं किया गया है, उन्हें प्रतिमाह 300 रूपये की मासिक अनुदान धनराशि देकर उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सहयोग प्रदान किया जायेगा। योजना के पहले चरण में 30 लाख गरीब परिवारों को सुविधा मुहैया करायी जायेगी।

वित्तीय वर्ष 2010-11 के लिये प्रस्तुत बजट में राज्य सरकार ने महिलाओं तथा विशेष तौर पर बालिकाओं के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिये सरकार ने महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना के तहत 360 करोड़ रूपये का प्राविधान किया है। इस योजना से वर्ष 2010-11 में 2.5 लाख बालिकाओं को लाभािन्वत किया जायेगा। इसके अलावा राज्य सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने वाली गरीब परिवार की तीन लाख छात्राओं को लाभािन्वत करने का भी निर्णय लिया है। इसके लिये प्रस्तुत बजट में सावित्रीबाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना के अन्तर्गत 421 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार ने अब औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों एवं पॉली टेक्निक्स में दाखिला लेने वाली छात्राओं को भी सावित्रीबाई फुले बालिका शिक्षा मद्द योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है।

प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट के आंकड़ों से यह भी स्पष्ट होता है कि राज्य अपने स्रोतों से आर्थिक संसाधन जुटाने में, देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। प्रदेश के स्वयं के कर राजस्व का लगभग 70 प्रतिशत राजस्व वाणिज्य कर से ही प्राप्त होता है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2008-09 में वैट लागू करने के निर्णय के बाद सरकार की आय में काफी वृद्धि हुई। राज्य सरकार ने वैट लागू करने के बाद कर को युक्ति संगत बनाया और कोई ऐसा कर नहीं लगाया जो व्यापार कर के प्रचलन के दौरान न लगा रहा हो।

इसी के साथ सरकार ने कर-संग्रह की प्रक्रिया का कम्प्यूटरीकरण करके तथा पूर्व में स्थापित टोल बैरियर्स को पूरी तरह से हटाकर और कर-संग्रह की तकनीक का अभिनवीकरण करते हुए कर-राजस्व में बढ़ोत्तरी प्राप्त की। सरकार द्वारा उठाये गये इन कदमों से व्यापारियों को काफी सहूलियत हुई और वे स्वयं आगे बढ़कर देय राजस्व का भुगतान कर रहे हैं। यहॉ यह भी उल्लेखनीय है कि वैट लागू होने के बाद जहॉ देश के कई बड़े राज्यों में राजस्व संग्रह में कमी आई है वहीं उत्तर प्रदेश में वैट लागू होने के बाद राजस्व संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

प्रस्तुत बजट में राज्य सरकार के आत्मविश्वास की झलक मिलती है। सरकार, प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए, आवश्यकतानुसार योजनाएं बनाने और इसके लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था करने में पीछे नहीं हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिये 80 हजार करोड़ रूपये का विशेश आर्थिक सहायता पैकेज मंजूर करने के लिए केन्द्र सरकार से कई बार अनुरोध किया लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा इस दिशा में कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई है। मजबूर होकर राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के अतिरिक्त निजी क्षेत्र में भी निवेश आकषिZत करने की रणनीति बनायी। राज्य सरकार के प्रति केन्द्र सरकार के उपेक्षात्मक रवैये का आलम यह है कि विभिन्न योजनाओं में केन्द्र सरकार ने अभी तक 5000 करोड़ रूपये की प्रतिपूर्ति नहीं की है। गेहूं एवं चावल के क्रय हेतु राज्य सरकार द्वारा अब तक व्यय किये गये 3000 करोड़ रूपये तथा पिछड़ा वर्ग दशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति के मद में लगभग 2000 करोड़ रूपये की प्रतिपूर्ति अपेक्षित है।

राज्य सरकार अपने संसाधनों से एक हजार से अधिक आबादी वाले सभी बसावटों को पक्की सड़कों से जोड़ चुकी है। सरकार ने 500 से अधिक किन्तु एक हजार से कम आबादी वाले बसावटों को सम्पर्क मार्ग से जोड़ने के लिये प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत भारत सरकार के ग्रामीण विकास मन्त्रालय को 5962 करोड़ रूपये के प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजे हैं। इसी प्रकार केन्द्रीय सड़क निधि के तहत प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को 1424 करोड़ रूपये की 60 परियोजनाओं के प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं, जिनकी स्वीकृति भी केन्द्र सरकार के स्तर पर लिम्बत है।

प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान है। इसलिये राज्य सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों तथा समग्र ग्रामीण विकास को बजट में प्राथमिकता देते हुए कृशि एवं सम्बद्ध कार्यकलापों हेतु 4125.85 करोड़ रूपये तथा सिंचाई क्रार्यक्रमों हेतु 7000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की है। सरकार ने कृषि उत्पादों का उचित मूल्य सुनिश्चित करते हुये किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे आम जनता को सस्ते दामों में खाद्यान्न उपलब्ध कराने में सहूलियत होगी। किसानों को खाद की समय से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये अिग्रम भण्डारण की योजना को और प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्णय लेते हुए इस योजना हेतु बजट में 75.11 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा गॉवों में पम्प सेटों को बिजली के अलग फीडर से जोड़ने हेतु डॉ0 अम्बेडकर कृषि-उर्जा सुधार योजना का शुभारम्भ गत 15 जनवरी, 2010 से किया गया है।

सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में छोटे बच्चों के कुपोषण की समस्या के निवारण हेतु अनुपूरक पुष्टाहार का बजट लगभग दोगुना कर दिया गया है तथा मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से परिवर्तन लागत में वृद्धि की गई है। राज्य सरकार ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार के विशेष अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास किये हैं। पी0पी0पी0 मॉडल की परियोजनाओं में उपलब्ध होने वाली रोजगार के अवसरों के अलावा सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र में पुलिस आरक्षियों की भर्ती के साथ-साथ सभी राजस्व ग्रामों में सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई। इसके अलावा प्राथमिक शिक्षकों एवं चिकित्सकों की भर्ती से भी रोजगार के नये अवसर व्यापक रूप से सुलभ हुये हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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जनहित विरोधी,,किसान विरोधी और विकास विरोधी बजट है - सपा

Posted on 04 February 2010 by admin

लखनऊ -  समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा उत्तर प्रदेश विधान सभा में प्रस्तुत वर्ष 2010-2011 का घाटे का बजट प्रदेश की जर्जर आर्थिक स्थिति पर और ज्यादा बोझ बढ़ाने वाला, निराशाजनक, जनहित विरोधी,किसान विरोधी और विकास विरोधी बजट है। इसमें जनता को कोई राहत नहीं दी गई है बल्कि अनुत्पादक खर्चो को बढ़ावा देने से घपला घोटाला करने की पूरी पृष्ठभूमि तैयार कर ली गई है।

यह बजट मायावती सरकार की भ्रम और जालबट्टा वाली राजनीति का हो पोषक है। इसमें गरीबों, महिलाओं, मजदूरों, किसानों, कर्मचारियों, अल्पसंख्यको तथा छात्रों के लिए जो भी प्रावधान है सब छलावा है। किसानों को फसल के उत्पादन/विपणन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। औद्योगिक विकास के विस्तार का कोई इरादा इसमें नहीं झलकता है। इसमें निवेश और रोजगार के झूठे दावें किए गए हैं।

सरकार घाटे के बजट के माध्यम से जो लुभावनी योजनाएं बता रही हैं उनकी हकीकत समझने में किसी को ज्यादा देर नहीं लगेगी। छठे वेतनमान के कारण 21 हजार करोड़ का अतिरिक्त व्यय तो ऐसे ही बढ़ गया है। सरकार न तो राजस्व वसूली लक्ष्य पूरे कर पा रही है और नहीं निजी क्षेत्र तथा सार्वजनिक क्षेत्र से पर्याप्त धन जुटाने में समर्थ है। दरअसल सरकार का वित्त प्रबंध भी अनियमितता और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। पिछले बजट का अधिकांश हिस्सा पाकोZ, स्मारकों, पत्थरों पर खर्च कर दिया गया। अब इन स्थलों की और मुख्यमन्त्री की व्यक्तिगत सुरक्षा के नाम पर भी करोड़ों खर्च होगें, जिसका बोझ भी आगे चलकर पड़ेगा ही। अभी जनरोष से  इसे टाल दिया गया है।

इस बजट में न तो मांग के अनुरूप विद्युत उत्पादन बढ़ाने का कोई ठोस प्रयास किया गया है और नहीं भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी रोकने की चेष्टा है। विगत ढाई वर्षो में इस सरकार ने सभी वर्गो की घोर उपेक्षा की है और इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों को दमन का शिकार होना पड़ा है।

बजट में अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त तथा भयमुक्त वातावरण सृजित किए जाने का दावा किया गया है जो कि वास्तविकता से परे है। आए दिन गम्भीर अपराधो में वृद्धि हो रही है और महिलाओं सहित जनमानस में असुरक्षा व्याप्त है। इस सरकार का लोकतन्त्र तथा संविधान विरोधी चरित्र है। वह प्रदेश को समस्याग्रस्त बना रही है। यह बजट अत्यन्त निराशाजनक है और प्रदेश को आगे ले जाने के बजाए पीछे ले जाएगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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कांग्रेस समितियों में संशोधन कर पुर्नगठन किया

Posted on 04 February 2010 by admin

लखनऊ - उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के संगठनात्मक चुनाव के परिपे्रक्ष्य में प्रथम चरण के अन्तर्गत अ0भा0 कांग्रेस कमेटी के महासचिव-प्रभारी उ0प्र0 श्री दिग्विजय सिंह से विचार-विमर्श के उपरान्त उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के सदस्यता अभियान समिति एवं संगठनात्मक चुनाव के प्रभारी श्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मन्त्री, द्वारा जिला/शहर कांग्रेस छानबीन समितियों में संशोधन कर पुर्नगठन किया गया है।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि जिला/शहर कांग्रेस छानबीन समिति में वर्तमान जिला/शहर कांग्रेस अध्यक्ष चेयरमैन होंगे तथा पूर्व जिला/शहर कांग्रेस अध्यक्ष, वर्तमान सांसद/विधायक/एमएलसी/महापैर/चेयरमैन नगर पालिका परिषद/जिला पंचायत अध्यक्ष, सम्बंधित जिला/शहर के रहने वाले उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष/महामन्त्री/सचिव/कार्यकारिणी सदस्य तथा युवक कांग्रेस/महिला कांग्रेस/छात्र संगठन/कांग्रेस सेवादल के जिला/शहर अध्यक्ष/मुख्य संगठक जिला/शहर कांग्रेस छानबीन समिति में सदस्य होंगे।

परवेह हाशमी, सांसद द्वारा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का संयोजक नियुक्त

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रभारी-उ0प्र0 श्री दिग्विजय सिंह जी के निर्देशानुसार डॉ. आर.पी.त्रिपाठी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के 125वीं जयन्ती पर कांग्रेस पार्टी आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का राष्ट्रीय सचिव श्री परवेह हाशमी, सांसद द्वारा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का संयोजक नियुक्त किया गया है।
डॉ. त्रिपाठी से अपेक्षा की गई है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में इन कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार का कार्य देख रहे श्री अविनाश पाण्डेय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में इसके सफल क्रियान्वयन का कार्य पूरी जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करेंगे।

मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत को सम्बोधित करेगें

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने एक  प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम जानकारी से दी है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव-प्रभारी उ0प्र0 श्री दिग्विजय सिंह(पूर्व मुख्यमन्त्री म0प्र0) एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी दिनांक 05फरवरी,2010 को मध्यान्ह मुजफ्फरनगर पहुंच रही हैं, जहां श्री सिंह एवं डॉ. जोशी मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत को सम्बोधित करेंगीं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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वोट बैंक तुष्टीकरण के लिये ओछी राजनीति - भा.ज.पा

Posted on 04 February 2010 by admin

लखनऊ - भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दिग्विजय सिंह से पूछा है कि बटाला हाउस काण्ड के आरोपी सैफ के घर जाने की तर्ज पर क्या वे कसाब के परिजनों से भी मिलने की कोई योजना बना रहे हैं, श्री दीक्षित ने आज गुरूवार को सम्वाददाताओं से वार्ता करते हुए कांग्रेस पर वोट बैंक तुष्टीकरण के लिये ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस ने मुसलमानों को आतंकवाद समर्थक मान कर ही अफजल की फांसी टरकायी है। बटाला हाउस काण्ड में गिरतार सैफ को भी कांग्रेस मुसलमानों का प्रतिनिधि मान रही है। कांग्रेस की इस मुहिम से आम मुसलमान की प्रतिष्ठा गिरी है।

श्री दीक्षित ने कहा कि राज्य में अनेक निर्दोष दलित पुलिस हिरासत में मारे गये हैं। विरोधी दलों के सैकड़ो प्रतिष्ठित राजनीतिक कार्यकर्ताओ को फर्जी मुकदमों में जेल भेजा गया है। लेकिन कांग्रेस ने इन परिवारों की सुधि नहीं ली। बटाला हाउस काण्ड के आरोपियों के घर जाकर कांग्रेस देश को आखिरकार क्या सन्देश देना चाहती है, कांग्रेस के इस अभियान से पुलिस का भी मनोबल गिर रहा है। आतंकवादियों, अपराधियों, माफिया तत्वों और अराजक तत्वों का मनोबल बढ़ा है। ऐसे तत्वों के प्रति कांग्रेस, बसपा व सपा तीनो दलों की सहानुभूति है। राज्य की जनता इसे बर्दास्त नहीं करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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विधानसभा में पेश किया गया बजट पूरी तरह भ्रामक - कांग्रेस

Posted on 04 February 2010 by admin

लखनऊ - उ0प्र0 सरकार द्वारा आज विधानसभा में पेश किया गया बजट पूरी तरह भ्रामक है। राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है। इसके साथ ही गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों के हितो के लिए सरकार द्वारा किसी भी तरह की रियायत की कोई घोषणा नहीं की गई है। जिस प्रकार का बजट पेश किया गया है उससे उ0प्र0 में पूंजीनिवेश पहले भी शून्य पर था और आगे भी वही स्थिति बने रहने की प्रबल सम्भावना है।

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से उ0प्र0 सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किये बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रस्तुत बजट में बिजली की उपलब्धता के लिए फण्ड की बात तो गई है लेकिन नये पावर प्लाण्ट लगाने हेतु कोई कार्ययोजना नहीं है, इससे आने वाले दिनों में बिजली की किल्लत और बढ़ेगी। मंहगाई पर काबू पाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई कार्ययोजना नहीं है।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि बजट किसान विरोधी है। आने वाले समय में किसानों की दिक्कतें, जिसमें गन्ने के बकाया भुगतान और खाद, बीज तथा पानी की कमी के सम्बन्ध में बजट में किसी तरह का कोई उल्लेख नहीं किया गया है, कि आखिर किसानों की इन समस्याओं को कैसे दूर किया जाय। सम्पूर्ण बजट देखने के बाद ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकार द्वारा पेश किया गया यह बजट प्रदेश की आम जनता, किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों, महिलाओं, नौजवानों और गरीबों के खिलाफ है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सपा के मुस्लिम विधायकों ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की

Posted on 04 February 2010 by admin

लखनऊ- समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा बटाला हाउस, नई दिल्ली में मारे गए नौजवानों के आजमगढ़ संजरपुर घर जाकर कांग्रेस महासचिव श्री दिग्विजय सिंह द्वारा सहानुभूति दिखाने पर समाजवादी पार्टी के मुस्लिम विधायकों ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इन्होने श्री सिंह से पूछा है कि आखिर मुसलमान कांग्रेस की सरकारों में किए गए किन-किन अत्याचारों को भूल जाएं, उन्होने कहा आजादी के बाद देश में 30 हजार दंगे हुए हैं जिसमें 99 प्रतिशत दंगे कांग्रेस सरकार में हुए हैं परन्तु आज तक किसी में दोषियों को सजा नहीं मिली है।

विधान सभा में समाजवादी पार्टी के उपनेता डा0 वकार अहमद शाह के नेतृत्व में हुई मुस्लिम विधायकों की बैठक में श्री इकबाल महमूद, श्री शाहिद मंजूर, श्री रियाज अहमद, श्रीमती शादाब फातिमा, चौ0 फसीहा गजाला, श्री अब्बास अली जैदी उर्फ रूश्दी मियॉ, श्री आरिफ अनवर हाशमी, श्री जावेद अंसारी, श्री महबूब अली, श्री इमरान मसूद, श्री आर0ए0 उस्मानी, श्री इरफान सोलंकी, आदि उपस्थित थे।

बैठक में कांग्रेस को मेरठ, मलियाना, मुरादाबाद, गुजरात में हुए दंगों, बाबरी मिस्जद कांण्ड आदि की याद दिलाई गई और कहा गया कि कांग्रेस में बैठे हुए साम्प्रदायिक तत्वों ने मुसलमानों को चरणबद्ध तरीके से प्रताड़ित करने का काम किया है। सुनियोजित तरीके से अल्पसंख्यक नौजवानों को आतंकवादी बताकर जेल में डाला जा रहा है या इन्काउंटर हो रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के मुस्लिम नेताओं ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली में  प्रदर्शन कर सबसे पहले बटालाकाण्ड की न्यायिक या सीबीआई जॉच की मांग की थी। दिल्ली में संजरपुर की दूरी तय करने में आम आदमी को दो दिन का और विशेष व्यक्ति को दो घंटे का समय लगता, लेकिन हैरत है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव श्री दिग्विजय सिंह को दो वर्ष का समय लग गया। जब बटाला काण्ड हुआ तब भी कांग्रेस की सरकार दिल्ली प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर थी।

उन्होने आगे कहा है कि मुसलमानो की बर्बादी में बहुजन समाज पार्टी  और कांग्रेस की मिलीभगत है। यदि उनकी हमदर्दी होती तो क्रमश: सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक उसकी सिफारिशों को फौरन लागू किया जाए तथा निर्दोष मुसलमानों को कैद से रिहा किया जाए। झूठे मुकदमें कायम करने वाले अधिकारियों को दण्डित किया जाए और  बेकसूर मुसलमानों को प्रताड़ना के अनुपात में मुआवजे दिए जाएं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बी0एड0 सत्र 2010-11 की संयुक्त प्रवेश परीक्षा की तिथि बदली

Posted on 04 February 2010 by admin

परीक्षा का आयोजन अब 5 मई को

लखनऊ - उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ विश्वविद्यालय के अनुरोध पर बी0एड0 शैक्षिक सत्र 2010-11 की प्रवेश परीक्षा की तिथि में परिवर्तन कर दिया है और लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रस्ताव के अनुसार अब संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2010-11 को आगामी 5 मई को आयोजित कराया जायेगा।

यह जानकारी देते हुए विशेष सचिव उच्च शिक्षा श्री विमल किशोर गुप्ता ने बताया कि पूर्व में यह परीक्षा आगामी 11 अप्रैल को कराये जाने का निर्णय लिया गया था परन्तु लखनऊ विश्वविद्यालय ने गत 21 जनवरी को शासन से 11 अप्रैल को परीक्षा आयोजन के निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते हुए 5 मई की तिथि प्रस्तावित की थी। उन्होंने बताया कि शासन ने लखनऊ विश्वविद्यालय के डाक व्यय सम्बन्धी संशोधित प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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स्पेंसर्स रीटेल द्वारा गिट बैक ऑफर की पेशकश

Posted on 04 February 2010 by admin

गाजियाबाद - स्पेंसर्स रीटेल लिमिटेड, भारत के विशालतम मल्टी फॉर्मेट रीटेलर्स में से एक, के साथ गणतन्त्र दिवस के अवसर पर सौभाग्यशाली बनें, क्योंकि आप के लिए रोचक गिट बैक ऑफर की पेशकश की जा रही है। स्पेंसर्स में इस गणतन्त्र दिवस के अवसर पर फूड, फैशन, होम, एंटरटेन्मेंट से सम्बंधित अनेक नायाब पेशकशें की जा रही हैं। 999 रुपये के एक सिंगल बिल एमाउंट की खरीद पर समूचे स्पेंसर्स हायपर स्टोर्स में एपरेल (मेंस वीयर, वीमेंस वीयर, किड्सवीयर व फूट वीयर से) तथा होम सलेक्शन (हाउस होल्ड प्लास्टिक आइटम्स, स्टील युटेंसिल्स, खिलौने, स्टेशनरी, होम फर्निसिन्ग्स जैसे चयनित श्रेणी से) पर ग्राहकों को एक स्क्रेच कार्ड प्राप्त होगा, जिससे वे करेंगे और 599 रुपये और उससे अधिक मूल्य के निश्चित उपहार (एश्योर्ड गिट्स) प्राप्त कर सकेंगे।

भाग्यशाली उपहारों में एलसीडी टीवी, रेफ्रिजरेटर्स, वाशिंग मशीन्स, एयर कण्डिशनर्स, क्रॉकरी सेट्स, खिलौने इत्यादि शामिल हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राज्य बजट - आम आदमी के लिये निराशाजनक और किसानों के लिये हताशाजनक -त्रिपाठी

Posted on 04 February 2010 by admin

लखनऊ - भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रमापतिराम त्रिपाठी ने राज्य बजट को आम आदमी के लिये निराशाजनक और किसानों के लिये हताशाजनक बताते हुए कहा कि इस बजट से राज्य की जनता के किसी भी वर्ग को कोई राहत नहीं मिलेगी। बजट में करोड़ो का घाटा है। घाटे को पूरा करने की कोई कार्ययोजना नहीं दिखाई गई। अनुत्पादक खर्चे ज्यादा हैं। उत्पादक खर्च कम हैं। कृषि उत्पादन के लिये बजट में कोई विशेष प्राविधान नहीं है।

डॉ0 त्रिपाठी ने बजट को जानलेवा महंगाई के मोर्चे पर भी निराशाजनक बताया और कहा कि बजट के किसी भी प्राविधान से महंगाई की तेज रतार नहीं रूकेगी। विकास कार्यो को गति नहीं मिलेगी। बजट में रोजगार के नये अवसरों का कोई प्राविधान नहीं है और न ही रोजगार के नये अवसर पैदा करने के लिये अतिरिक्त धन प्राविधान किया गया है। बजट किसान विरोधी, नौजवान विरोधी, व्यापारी विरोधी और आम आदमी विरोधी है। इस बजट से राज्य की जनता को कोई भी फायदा नहीं होगा।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बजट भाषण से साफ जाहिर होता है कि इसे सरकार ने नहीं बल्कि अफसरों ने ही तैयार किया है। इसीलिए बजट में आम आदमी के लिये कोई भी धन प्राविधान खोजे भी नहीं मिलता।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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