लखनऊ - समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा उत्तर प्रदेश विधान सभा में प्रस्तुत वर्ष 2010-2011 का घाटे का बजट प्रदेश की जर्जर आर्थिक स्थिति पर और ज्यादा बोझ बढ़ाने वाला, निराशाजनक, जनहित विरोधी,किसान विरोधी और विकास विरोधी बजट है। इसमें जनता को कोई राहत नहीं दी गई है बल्कि अनुत्पादक खर्चो को बढ़ावा देने से घपला घोटाला करने की पूरी पृष्ठभूमि तैयार कर ली गई है।
यह बजट मायावती सरकार की भ्रम और जालबट्टा वाली राजनीति का हो पोषक है। इसमें गरीबों, महिलाओं, मजदूरों, किसानों, कर्मचारियों, अल्पसंख्यको तथा छात्रों के लिए जो भी प्रावधान है सब छलावा है। किसानों को फसल के उत्पादन/विपणन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। औद्योगिक विकास के विस्तार का कोई इरादा इसमें नहीं झलकता है। इसमें निवेश और रोजगार के झूठे दावें किए गए हैं।
सरकार घाटे के बजट के माध्यम से जो लुभावनी योजनाएं बता रही हैं उनकी हकीकत समझने में किसी को ज्यादा देर नहीं लगेगी। छठे वेतनमान के कारण 21 हजार करोड़ का अतिरिक्त व्यय तो ऐसे ही बढ़ गया है। सरकार न तो राजस्व वसूली लक्ष्य पूरे कर पा रही है और नहीं निजी क्षेत्र तथा सार्वजनिक क्षेत्र से पर्याप्त धन जुटाने में समर्थ है। दरअसल सरकार का वित्त प्रबंध भी अनियमितता और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। पिछले बजट का अधिकांश हिस्सा पाकोZ, स्मारकों, पत्थरों पर खर्च कर दिया गया। अब इन स्थलों की और मुख्यमन्त्री की व्यक्तिगत सुरक्षा के नाम पर भी करोड़ों खर्च होगें, जिसका बोझ भी आगे चलकर पड़ेगा ही। अभी जनरोष से इसे टाल दिया गया है।
इस बजट में न तो मांग के अनुरूप विद्युत उत्पादन बढ़ाने का कोई ठोस प्रयास किया गया है और नहीं भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी रोकने की चेष्टा है। विगत ढाई वर्षो में इस सरकार ने सभी वर्गो की घोर उपेक्षा की है और इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों को दमन का शिकार होना पड़ा है।
बजट में अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त तथा भयमुक्त वातावरण सृजित किए जाने का दावा किया गया है जो कि वास्तविकता से परे है। आए दिन गम्भीर अपराधो में वृद्धि हो रही है और महिलाओं सहित जनमानस में असुरक्षा व्याप्त है। इस सरकार का लोकतन्त्र तथा संविधान विरोधी चरित्र है। वह प्रदेश को समस्याग्रस्त बना रही है। यह बजट अत्यन्त निराशाजनक है और प्रदेश को आगे ले जाने के बजाए पीछे ले जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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