उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने आज लोक सभा में दोनों सदनों के समक्ष भारत की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा सिंह पाटिल के अभिभाषण को दिशाहीन, आम आदमी के हितों की उपेक्षा करने वाला तथा आकड़ों का पुलिन्दा बताया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में आम आदमी को राहत देने वाली बात कही है, लेकिन अब तक केन्द्र सरकार द्वारा आम आदमी के लिए उठाये गये कदमों से जाहिर होता है कि यह पूरी तरह कोरी बयानबाजी है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2010-11 के दौरान विकास दर 08 प्रतिशत किए जाने की बात भी आंकड़ेबाजी के सिवा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि यू0पी0ए0 की सरकार सभी मोर्चाें पर विफल रही है और आकड़ों की जादूगरी के बल पर देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बढ़ती मंहगाई पर काबू करने के लिए अभिभाषण में कोई ठोस एवं कारगर रणनीति की बात नहीं कही गई है।
सुश्री मायावती ने कहा कि देश से गरीबी दूर करने के लिए किसानों एवं आम आदमी का विकास जरूरी है, लेकिन अभिभाषण में देश के 70 प्रतिशत किसानों के लिए कोई राहत की बात नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि किसान आज भी बदहाली की हालत में है। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में छोटे व सीमान्त किसान, जिन्हें जरूरत के लिए ऋण लेने हेतु सूदखोरों पर निर्भर रहना पड़ता है, उनके लिए सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लोग साहूकारों से कर्ज लेते हैं और उनके मकड़जाल में फंसकर आत्महत्या के लिए मजबूर होते हैं।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि किसानों को केन्द्र सरकार कोई राहत नहीं देना चाहती। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए आसान शर्ताें पर बैंकों से ऋण देने की व्यवस्था की जानी चाहिए थी, किन्तु यू0पी0ए0 सरकार ने कभी भी किसान के हितों को ध्यान में नहीं रखा। उन्होंने कहा कि हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा बजट सत्र से पहले ही यूरिया खाद के मूल्यों पर 10 प्रतिशत की वृद्धि करके किसानों के साथ भद्दा मजाक किया गया है। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में एक तरफ किसानों की माली हालत सुधारने और उनकी उपज का उचित लाभ, खाद्य सुरक्षा मिशन, अनाज का पर्याप्त भण्डारण तथा कृषि निवेश बढ़ाने की बात कही गई है, वहीं दूसरी तरफ एन0बी0एस0 (न्यूट्रियन्ट बेस्ड सिब्सडी) कम करके किसानों के साथ धोखा किया गया है। उन्होंने कहा कि उर्वरकों पर सिब्सडी कम करने से पैदावार में निश्चित रूप से गिरावट आयेगी और इस तरह खाद्य सुरक्षा मिशन का उद्देश्य बेमानी हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह केन्द्र सरकार किसानों को और बदतर हालत में ले जाना चाहती है।
सुश्री मायावती ने कहा कि अभिभाषण में कृषि उत्पादकता बढ़ाने तथा पी0डी0एस0 व खुले बाजार को नियन्त्रित करने की नीतियों में भी व्यापक सुधार करने की बात पूरी तरह सत्य से परे है। उन्होंने कहा कि खुले बाजार को नियन्त्रित करने हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसके विपरीत यूपीए सरकार की नीतियों से मुनाफोखोरों, कालाबाजारियों व सटोरियों को बढ़ावा मिला है। जहां तक कृषि उत्पादकता बढ़ाने की बात है, केन्द्र सरकार की मंशा साफ नहीं है। सिर्फ कहने से उत्पादन नहीं बढ़ेगा, बल्कि इसके लिए कृषि निवेश के साथ ही किसानों को तमाम सहूलियतें देनी होंगी। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार कृषि सेक्टर पर ध्यान देती तो आज देश में तमाम किसान आत्महत्या के लिए मजबूर न होते।
सुश्री मायावती ने कहा कि अभिभाषण में गरीबों एवं कमजोर वर्गों के लिए तमाम सहुलियतों की बातें कही गई हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि 50 साल तक इस देश में शासन करने के बाद भी अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। केन्द्र सरकार द्वारा गठित की गई सच्चर कमेटी की रिपोर्ट से यह बात पूरी तरह से साफ हो जाती है। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों को लेकर कोरी बयानबाजी की गई है। यदि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए केन्द्र सरकार का नज़रिया साफ होता, तो सच्चर कमेटी की सिफारिशों को अब तक लागू कर दिया गया होता।
मुख्यमन्त्री ने महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस की लगातार हीला-हवाली पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार सर्वसमाज की महिलाओं और उनमें दबे-कुचले वर्ग की महिलाओं को आरक्षण का लाभ नहीं देगी, तब तक महिला आरक्षण विधेयक का सही मायने में उद्देश्य पूरा नहीं होगा। महिलाओं के आरक्षण के मामलें में उन्होंने मांग किया कि अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़े वर्गों की महिलाओं को अलग से आरक्षण की सुविधा दी जाये।
सुश्री मायावती ने कहा कि अभिभाषण में अर्थव्यवस्था को तेल और गैस पर आश्रित होने की बात कही गई है और नये तेल क्षेत्रों की खोज से तेल उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी होने की संभावना व्यक्त की गई है। उन्होंने कहा कि नये तेल क्षेत्रों की निरन्तर खोज होते रहने के बावजूद भी आम आदमी को तेल मूल्यों में राहत नहीं मिली है। क्योंकि सरकार ने देश के विशाल भूगर्भ तेल-गैस की सम्पदा अपने चहेते पूंजीपतियों के हाथों “विण्डफॉल प्रॉफिट´´ कमाने के लिए सौंप दी है, जिसकी जानकारी आम जनता को है कि ये चहेते पूंजीपति कौन हैं।
सुश्री मायावती ने अभिभाषण में मनरेगा को लेकर केन्द्र सरकार की पीठ थपथपाये जाने की बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि यह सबसे बड़ा सवाल है कि आम आदमी 08 घण्टे मिट्टी खोदकर एक वक्त का भोजन जुटाता रहे और वह भूख से न मरे और बदहाली का जीवन जीता रहे, कांग्रेस यही चाहती है। उन्होंने कहा है कि यू0पी0ए0 सरकार गरीबों का उत्थान नहीं चाहती, उचित होता कि केन्द्र की सरकार गरीबों के लिए स्थायी रोजगार और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कोई ठोस कदम उठाने की बात कहती। केन्द्र सरकार को आम आदमी की चिन्ता होती तो वह 365 दिन के रोजगार की व्यवस्था करती। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि कांग्रेस की सभी नीतियां हमेशा से गरीब विरोधी रही हैं। जिसके कारण आजादी के 62 वर्ष के बाद भी आम आदमी लाचार और मजबूर है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि अभिभाषण में सूखे जैसी विशिष्ट चुनौतियों से सामना करने के लिए राज्य सरकारों को सहूलियत एवं सहयोग देने वाली बात कही गई है। इस सम्बन्ध में कहना है कि कांग्रेस के केन्द्र की सत्ता में 50 वर्ष के कार्यकाल के दौरान जो क्षेत्र लगातार अनदेखी और भौगोलिक परेशानियों के कारण अन्य क्षेत्रों की तुलना में निरन्तर पिछड़ते चले गये, उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। राज्य सरकार ने पूर्वांचल व बुन्देलखण्ड के लिए 80 हजार करोड़ रूपये का पैकेज मांगा था, उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस तरह सूखा प्रभावित राज्यों को सहायता दिये जाने वाली बात झूठी बयानबाजी के सिवा कुछ नहीं है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि देश में आतंकवादी घटनायें घटित हो रही हैं। इन्हें रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने कोई पुख्ता इन्तजाम न करके सिर्फ बयानबाजी कर रही है और राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी इसी बात को दोहराया गया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की समस्या के स्थायी समाधान के लिए कोई कारगर कदम उठाने की बात नहीं कही गई है। सच्चाई यह है कि केन्द्र सरकार आतंकवाद के नियन्त्रण में पूरी तरह विफल रही है। इसी तरह गम्भीर होती जा रही नक्सली समस्या सिर्फ बात करने से दूर नहीं होगी, बल्कि इसके कारणों का पता लगाकर स्थायी समाधान निकालना होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग विकास से वंचित तथा अन्याय के शिकार रहे, उनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण नक्सलवाद आज पूरे देश में उग्ररूप लेता जा रहा है।
सुश्री मायावती ने कहा कि यू0पी0ए0 सरकार की गलत आर्थिक एवं आयात-निर्यात सम्बन्धी नीतियों के कारण आसमान छूती मंहगाई से आम आदमी और गरीबों का जीवन दूभर हो गया है। इसके साथ ही समय-समय पर केन्द्रीय कृषि मन्त्री के गैर जिम्मेदाराना बयान ने भी आग में घी डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में राष्ट्रपति जी ने स्वीकार किया है कि उत्पादन में कमी और विश्व स्तर पर चावल, दालों, खाद्य तेल के बढ़े हुए मूल्यों के कारण कीमतों में बढ़ोत्तरी अपरिहार्य थी। जबकि वास्तविकता यह है कि बढ़ती महंगाई के लिए केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियां पूरी तरह जिम्मेदार हैं। केन्द्र सरकार का यह दावा करना कि बढ़ती खाद्य कीमतों से आम आदमी को राहत देने के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, कोरी बयानबाजी के सिवा कुछ नहीं है। आम आदमी को प्राथमिकता देना कभी नहीं रही है। यूपीए सरकार केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाली ही नीतियां बनाती रही है।
सुश्री मायावती ने कहा कि अभिभाषण में आम आदमी की चिन्ता की बात कही गई है। यूपीए सरकार के अब तक के प्रदर्शन से स्पष्ट है कि वह आम आदमी के प्रति कतई संवेदनशील नहीं है। केन्द्र सरकार का यह संकल्प कोरी ड्रामेबाजी के सिवा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को आम आदमी को बताना चाहिए कि देश में गरीबी, अज्ञानता, बेरोजगारी तथा अवसर की असमानता आज भी क्यों मौजूद है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का अभिभाषण में जमकर बखान किया गया है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में अल्ट्रा मेगा पावर हाउस लगाने के मांग की गई थी, जिस पर केन्द्र सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है और प्रदेश के प्रति भेदभाव किया गया। सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश के विकास के बगैर देश का विकास सम्भव नहीं है। इसके बावजूद भी केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में शहरी गरीबों के लिए बुनियादी सुविधाएं व आवास मुहैया कराने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है, जबकि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से मान्यवर कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना तथा सर्वजन हिताय शहरी गरीब मकान (स्लम एरिया) मालिकाना हक योजना शुरू की है।
सुश्री मायावती ने कहा कि जहां तक समाज के वंचित वगोंZ को तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था की सफलता में हिस्सेदार बनाने की बात है, सच्चाई यह है कि इसकी सफलता की कहानी अमीरों को और अमीर तथा गरीबों को और गरीब बनाने की है। इनका हाथ वास्तव में पूंजीपतियों के साथ है। देश में पिछले 50 वषोंZ में कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान गरीबों और वंचितों की संख्या बढ़ी है। केन्द्र सरकार ने जान-बूझकर बी0पी0एल0 का नया सर्वे नहीं कराया है, जिससे गरीब आदमी की स्थिति और दयनीय होती जा रही है। इसके विपरीत राज्य सरकार ने उ0प्र0 मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना संचालित करके वंचित लोगों को 300 रूपये प्रति माह की आर्थिक मद्द देने की भी येाजना शुरू की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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