मनुष्य का जन्म सहज होता है, किन्तु मनुष्यता बड़ी तपस्या के बाद मिलती है। उक्त बातें गायत्री प्रज्ञा पीठ पर आयोजित कथा का सुनाते हुए परिव्राजक पं. विवेक शुक्ल ने बताई।
कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि जन्म से नहीं कर्म से विद्वान बनता है। सत्संग की महिमा के बारे में उन्होंने बताया कि मनुष्यता पाने के लिए ही तो मनुष्य जप, तप आदि करता है, किन्तु सत्संग ऐसी चीज होती जो आसानी से सभी का फल देती है।
संगीतमयी कथा में उन्होंने मन और शरीर के रहष्य को समझाया। विशन एवं राहुल द्विवेदी ने अपनी संगीत से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कथा का संचालन रामप्रसाद त्रिपाठी ने किया। इसके पूर्व मां गायत्री के सामने दीप प्रज्जवलित कर वरिष्ठ एडवोकेट सतीश श्रीवास्तव ने कथा का शुभारभ किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com