Archive | October, 2018

राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा ने राजकीय बालगृह बालिका का निरीक्षण किया

Posted on 25 October 2018 by admin

लखनऊः 25 अक्टूबर, 2018
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती विमला बाॅथम ने आज लखनऊ के मोतीनगर स्थित राजकीय बालगृह बालिका का प्रातः 11ः30 बजे निरीक्षण किया। बालिकाओं के लिए चलाए जा रहे इस बालगृह में 100 किशोरियों को आवासित किये जाने की क्षमता स्वीकृत है। निरीक्षण के दौरान महिला आयोग की अध्यक्षा को 71 किशोरियां आवासरत मिली। निवासरत किशोरियों में 07 मानसिक बाधित/विकलांग पाई गयी तथा ये भी अवगत कराया गया कि एक संवासी किशोरी को अस्वस्थ होने के कारण चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
श्रीमती विमला बाॅथम ने बालगृह की रसोईघर, कक्षा, शौचालय, डिस्पेन्सरी, संवासिनी कक्ष की व्यवस्थाएं और सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया। बालगृह में दो नवीन शौचालयों का निर्माण भी किया जा रहा था। उन्होंने निर्देश दिया कि निर्माण के दौरान भी स्वच्छता व्यवस्था बनाये रखी जाये। संस्था में 02 स्वच्छकार तैनात हैं। श्रीमती बाॅथम द्वारा संवासियों के कौशल विकास प्रशिक्षण की जानकारी मांगे जाने पर संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि दो संवासी बालिकाओं को राज्य सरकार के व्यय पर उच्च शिक्षा, होटल मैनेजमेण्ट के कोर्स हेतु बैंगलौर भेजा गया है। आयोग की अध्यक्षा द्वारा अन्य संवासियों के लिए भी रोजगारपरक प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था के निर्देश दिए गए। उन्होंने संवासियों के स्वास्थ्य परीक्षण और चिकित्सा व्यवस्था के लिए भी समुचित निर्देश दिए।

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वर्ष 2018-19 के लिए शीरा नीति निर्धारण में दूसरे देशों से शीरे के आयात-निर्यात की अनुमति

Posted on 25 October 2018 by admin

लखनऊ: दिनांक 25 अक्टूबर, 2018
आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए जारी शीरा नीति निर्धारण के तहत दूसरे देशों को शीरे का आयात-निर्यात करने की अनुमति शासन के अनुमोदन के पश्चात् इस शर्त के साथ प्रदान की गयी है कि शीरा आयातक-निर्यातक को भारत सरकार द्वारा आयात-निर्यात के सम्बन्ध में निर्धारित नीति एवं शर्तों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
पेराई सत्र-2018-19 में शीरे का अधिक उत्पादन होने की सम्भावना है अतः ऐसी स्थिति में वर्ष 2018-19 में शीरे की उठान को और अधिक त्वरित एवं सुगम बनाने के उद्देश्य से देश के बाहर जैसे जापान एवं अन्य सुदूर स्थित देशों में भी शीरे का निर्यात किये जाने की अनुमति इस शर्त के साथ प्रदान की गयी है कि निर्यातक रजिस्टर्ड एवं शीरा एक्स्पोर्ट लाइसेन्स धारक को तथा विदेशी आयातक का अनुरोध उस देश के डिप्लोमेटिक चैनल के माध्यम से आया हो।
इसके लिए निर्यातक ऐसे इण्ड यूजर्स के नाम की सूची वचनबद्धता के साथ आबकारी विभाग को अधिक से अधिक तीन माह में उपलब्ध करानी होगी, ताकि शीरे के उठाने में कोई प्रशासनिक कठिनाई एवं विधिक अड़चन आदि उत्पन्न न हो। इसके लिए शीरे के उठान के समय 15 रुपये प्रति कुण्टल की दर से प्रशासनिक शुल्क अनिवार्य रूप से देना होगा। इस व्यवस्था के क्रियान्वयन के लिए शीरा नियंत्रण अधिनियम 1964 की धारा-8 में यथा आवश्यक संशोधन किया जायेगा।
शीरा वर्ष 2018-19 में प्रदेश के अन्दर खपत के लिए एवं देश के अन्य प्रान्तों से शीरा आयात करने पर प्रशासनिक शुल्क की दर पर 11 रुपये प्रति कुण्टल तथा प्रदेश के बाहर निर्यात पर अन्य राष्ट्रों शीरा आयात-निर्यात पर प्रशासनिक शुल्क की दर 15 रुपये प्रति कुण्टल रखी गयी है।

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अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा द्वारा विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों के साथ उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा

Posted on 25 October 2018 by admin

लखनऊः 25 अक्टूबर, 2018
प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों के साथ उच्च शिक्षा विभाग से सम्बन्धित महत्वपूर्ण बिन्दुओं के सम्बन्ध में डाॅ0 अनिता भटनागर जैन, अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग द्वारो समीक्षा की गयी। समीक्षा में मुख्य बिन्दु यह रहा कि शासन के निर्देशों के क्रम में नकल पर पूर्णतया अंकुश लगाया जाये। पूर्व में जारी निर्देशों के क्रम में प्रत्येक विश्वविद्यालयवार निर्धारित किये गये परीक्षा केन्द्र, कक्षों की संख्या, लगाये गये सी0सी0टी0वी0 कैमरे, केन्द्रवार माॅनीटरिंग कक्ष की संख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। साथ ही गत परीक्षा में जो विद्यार्थी नकल करते पाये गये उनकी संख्या व सम्बन्धित कक्ष निरीक्षक (पदअपहपसंजवत) आदि के दोषी होने पर की गयी कार्यवाही की सूचना भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये।
समीक्षा में यह भी स्पष्ट हुआ कि सेमेस्टर सिस्टम के आधार पर नवम्बर व दिसम्बर माह में लखनऊ विश्वविद्यालय, इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद, डा0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ में परीक्षायें आयोजित होनी हैं। सभी को निर्देशित किया गया कि आगामी परीक्षाओं के परिप्रेक्ष्य में यू0जी0 व पी0जी0 के छात्रों की विषयवार संख्याके आधार पर परीक्षा केन्द्रों की संख्या व कक्षों की संख्या, प्रत्येक कक्ष में सी0सी0टी0वी0 कैमरे के सही स्थान पर लगे होने व माॅनीटरिंग कक्ष में तैनाती, ब्राडबैण्ड कनेक्टिीविटी तथा परीक्षा समय-सारिणी जिसमें कि निर्धारित क्षेत्रफल का ध्यान रखते हुये न्यूनतम कक्षों में परीक्षा सम्पन्न हो सके और पर्याप्त मात्रा मंेे सी0सी0टी0वी0 कैमरे ध्वनि सहित लग सके, के परिप्रेक्ष्य में विस्तृत तैयारी कर आँकड़ो सहित सूचना शासन को भी उपलब्ध करायें।

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पोस्ट मैट्रिक/मेरिट-कम-मीन्स स्काॅलरशिप के लिए आवेदन 31 अक्टूबर तक किये जा सकेंगे

Posted on 25 October 2018 by admin

लखनऊः 25 अक्टूबर, 2018
शैक्षणिक सत्र-2018-19 के अन्तर्गत अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र/छात्राओं के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित पोस्ट मैट्रिक तथा मेरिट-कम-मीन्स स्काॅलरशिप योजनाओं के आॅनलाइन आवेदन की अन्तिम तिथि 31 अक्टूबर, 2018 निर्धारित है। इच्छुक छात्र/छात्राएं भारत सरकार की वेबसाइट ेबीवसंतेीपचेण्हवअण्पद पर जाकर आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पोस्ट मैट्रिक तथा मेरिट-कम-मीन्स स्काॅलरशिप स्कीम के तहत 85,318 तथा मेरिट-कम-मीन्स स्काॅलरशिप स्कीम के तहत 10,238 छात्र/छात्राओं को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। छात्रवृत्ति योजनाओं में अर्हता, दरें तथा अन्य सम्बन्धित विस्तृत जानकारी ेबीवसंतेीपचेण्हवअण्पद पर जाकर प्राप्त की जा सकती हैं।

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पैरावेटनरी कार्यकर्ताओं एवं प्रगतिशील पशुपालकों की दक्षता व प्रशिक्षण के लिए 32 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

Posted on 25 October 2018 by admin

लखनऊः 25 अक्टूबर, 2018
राज्य सरकार ने पशुपालन विभाग के कर्मियों पैरावेटनरी कार्यकर्ताओें तथा प्रगति शील पशुपालकों के प्रशिक्षण एवं दक्षता निर्माण के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में बत्तीस लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह योजना 60 प्रतिशत केन्द्र पोषित तथा 40 प्रतिशत राज्य पोषित हैं।
पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी करते हुए निदेशक, पशुपालन को स्वीकृत धनराशि का व्यय भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कार्ययोजना एवं निर्धारित गाइडलाइन्स का पालन करने के निर्देश दिये गये हैं।

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प्रदेश के 23 जनपदों में 31 अक्टूबर, 2018 को होगी महिला जनसुनवाई

Posted on 25 October 2018 by admin

लखनऊ: दिनांक 25 अक्टूबर, 2018
उ0प्र0 राज्य महिला आयोग द्वारा प्रदेश के 23 जनपदों में आगामी 31 अक्टूबर, 2018 दिन बुद्धवार को महिला जनसुनवाई एवं समीक्षा बैठक की जाएगी। बैठक में महिला थानाध्यक्षों को पिछले तीन माह तक महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर की गई कार्यवाही के साथ-साथ पिछले माह महिला जनसुनवाई में प्राप्त प्रार्थना पत्रों पर हुई कार्यवाही आवश्यक रुप से प्रस्त्ुत किए जाने का निर्देश दिया गया है।
जनसुनवाई दिवस पर जनपद पर शामली में राज्य महिला आयोग की माननीय सदस्या डा0 प्रियम्बदा तोमर, जनपद प्रतापगढ़ में श्रीमती अनीता सिंह, जनपद फिरोजाबाद में श्रीमती सुमन चतुर्वेदी, जनपद हरदोई में श्रीमती रश्मि जाएसवाल, जनपद बलरामपुर में श्रीमती सुनीता बंसल, जनपद गोरखपुर में श्रीमती निर्माला द्विवेदी, जनपद मेरठ में श्रीमती राखी त्यागी, जनपद चन्दौली में श्रीमती मीना चैबे, जनपद बिजनौर में श्रीमती अवनी सिंह, जनपद आगरा में श्रीमती निर्मला दीक्षित, जनपद अलीगढ़ में श्रीमती मीना कुमारी, जनपद झांसी में डा0 कंचन जायसवाल, जनपद बांदा में श्रीमती प्रभा गुप्ता, जनपद कानपुर नगर में श्रीमती पूनम कपूर, जनपद पीलीभीत में श्रीमती शशिबाला भारती, जनपद रायबरेली में श्रीमती मनोरमा शुक्ला, जनपद इलाहाबाद में सुश्री उषारानी गौतम, जनपद सुल्तानपुर में श्रीमती सुमन सिंह, जौनपुर में शशि मौर्या, जनपद आजमगढ़ में श्रीमती संगीता तिवारी, जनपद कन्नौज में श्रीमती कुमुद श्रीवास्तव, जनपद मिर्जापुर में श्रीमती अनामिका चैधरी एवं जनपद एटा में श्रीमती रामसखी कठेरिया द्वारा जनसुनवाई/समीक्षा बैठक की जाएगी।

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अवध शिल्प ग्राम में कल से चार दिवसीय ओ0डी0ओ0पी0 प्रदर्शनी का अयोजन

Posted on 25 October 2018 by admin

प्रदर्शनी में चिकनकारी, जरी, जरदोजी के 80 स्टाल लगेंगे

विभिन्न जनपदों के 150 कारीगर करेंगे अपने उत्पादों का प्रदर्शन
लखनऊ: दिनांक 25 अक्टूबर, 2018
आगामी 26 से 29 अक्टूबर तक यहां अवध शिल्प ग्राम में ‘एक जनपद एक उत्पाद‘ (ओ0डी0ओ0पी0) योजना के तहत चार दिवसीय प्रदर्शनी का अयोजन किया जायेगा। इस प्रदर्शनी में ओ0डी0ओ0पी0 उत्पादों के प्रदर्शन के साथ ही उनकी बिक्री तथा लाइव डेमो सहित इस पर आधारित लघु फिल्म भी दिखाई जायेगी। इसके अलावा ऋण वितरण मेगा कैम्प लगाकर लोगों को ऋण दिया जायेगा। साथ ही कारीगरों के उत्पादों की उचित मार्केटिंग हेतु बायर सेलर मीट भी कराई जायेगी।
यह जानकारी प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में चिकनकारी, जरी, जरदोजी के 80 स्टाल लगाये जायेंगे। विभिन्न जनपदों के लगभग 150 कारीगर इस अवसर पर अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में प्रमुख रूप से लखनऊ, उन्नाव, चन्दौली, ललितपुर, कासगंज, बरेली, एवं बदायंूं के चिकनकारी, जरी, जरदोजी कारीगर शामिल होंगे। इस दौरान उनके उत्पादों का लाइव डेमो भी कराया जायेगा, ताकि लोग इन उत्पादों को बनते हुए देखें और इनकी ओर आकर्षित हो सकें।
श्री पचैरी ने बताया कि 28 अक्टूबर को बायर-सेलर मीट का अयोजन किया जायेगा। इसमें भारी संख्या में व्यापारियों के शामिल होने की सम्भावना है। इसके अलावा इसी दिन विभिन्न विषयों पर आधारित टेक्निकल सेशन्स का भी अयोजन किया जायेगा। इसमें चिकनकारी, जरी, जरदोजी से जुड़े लोगों को व्यापार बढ़ाने के नये तौर-तरीकों से परिचित कराया जायेगा। साथ ही उत्पादों की आनलाइन बिक्री पर विशेष बल दिया जायेगा।

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कृशि कुम्भ-2018 विशयक - कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

Posted on 25 October 2018 by admin

सुरेन्द्र अग्निहोत्री लखनऊ: दिनांक 25 अक्टूबर, 2018
surya-pratap-sahiप्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृशि है। कृशि एवं संबंधित क्षेत्र न केवल जीवन यापन का साधन मुहैया कराते हैं बल्कि प्रदेष की 67.68 प्रतिषत आबादी के भी रोजगार का साधन है। कृशि का प्रदेष की डी0जी0पी0 में 25.5 प्रतिषत योगदान है तथा राश्ट्रीय स्तर पर 14 प्रतिषत है। प्रदेष की अर्थव्यवस्था में कृशि को महत्ता देते हुए भारत सरकार एवं प्रदेष सरकार द्वारा सन 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए संकल्पित है। इसी परिपेक्ष में उत्तर प्रदेष में पहली बार कृशि कुम्भ-2018 का आयोजन दिनांक-26, 27 एवं 28 अक्टूबर 2018 को भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, तेलीबाग, लखनऊ के परिसर में किया जा रहा है जिसमें अन्तर्राश्ट्रीय कृशि सम्मेलन, प्रदर्षनी तथा वृहद किसान मेले का आयोजन सम्मिलित है जिसमें प्रदेष के 75 जनपदों के 1.00 लाख से अधिक किसान,ं कृशि विषेशज्ञ, छात्र, कृशि क्षेत्र में कार्य करने वाले उद्यमी, अधिकारी एवं नीति नियामक आदि भाग ले रहे हैं।
कृशि कुम्भ का उदघाटन दिनंाक-26 अक्टूबर 2018 को प्रातः 10.00 बजे देष के यषस्वी प्रधानमंत्री मा0 श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से किया जायेगा जिसमें प्रदेष के मा0 मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ जी एवं भारत सरकार के कृशि मंत्री मा0 श्री राधामोहन सिंह, केन्द्रीय कृशि राज्य मंत्री मा0 श्रीमती कृश्णा राज, डा0 प्रेम कुमार, मा0 कृशि मंत्री, बिहार, डा0 सुबोध उनियाल, मा0 कृशि मंत्री, उत्तराखण्ड तथा प्रदेष के पशुपालन, उद्यान, दुग्ध विकास सहित कृशि से जुड़े अन्य विभागों के मा0 मंत्रीगण, मा0 राज्य मंत्रीगण सहभागी होंगे। कृशि कुम्भ में कृशि क्षेत्र में तकनीकी दृश्टि से काफी विकसित विष्व के 02 देष जापान एवं इजराइल सहयोगी देष के रूप में भाग ले रहे हैं।
कृशि कुम्भ में आयोजित हो रहे तकनीकी अन्तर्राश्ट्रीय सेमिनार में 14 सत्र निर्धारित किए गए हैं जो निम्नवत् हैं-
ऽ इण्डो इजराइल पार्टनरषिप के अन्तर्गत सस्टनेबल एण्ड इक्वीटेबल डेवलपमेन्ट एण्ड डिलीवरी आफ सर्विसेज सत्र के अन्तर्गत डा0 के0 वी0 राजू, आर्थिक सलाहकार, मा0 मुख्यमंत्री, उ0प्र0 सरकार अध्यक्ष होंगे तथा श्री दान अल्लूफ, मषाव, इजराइल दूतावास, सह-अध्यक्ष होंगे। इस सत्र में पानी एवं कृशि निवेषों के उचित एवं प्रभावी उपयोग, मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन तथा प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग, मानव एवं अन्य संसाधनों का सर्वाधिक उचित उपयोग एवं प्रबन्धन आदि पर विस्तृत चर्चा होगी।
ऽ दूसरा सत्र एग्रीकल्चर पालिसी एण्ड रिफार्म फार हायर एण्ड सस्टेन फारमर्स इनकम के अध्यक्ष श्री एस0 के0 पटनायक एवं डा0 सुरेन्द्र मोहन्ती, निदेषक, आई0एफ0पी0आर0आई0 सह-अध्यक्ष होंगे। इसमें कृशि संबंधी नीतियों, नियमों एवं उनके सुधार, कृशि निवेष जिसमें बीज, उर्वरक, पशुपालन एवं व्यापार नीति बाॅस/टिम्बर/बैम्बू के प्रोत्साहन आदि पर चर्चा होगी। कृशि निवेषों के निदान हेतु जैव उर्जा एवं एथेनाल उत्पादन एवं अन्य विभागों से कृशि क्षेत्र में योजनाओं के कन्वर्जेन्स पर विचार किया जायेगा।
ऽ तीसरा सत्र इन्टीग्रेटेट फार्मिग सिस्टम, आर्गेनिंक फार्मिंग पर होगा जिसमें एग्रोक्लाइमेटिक जोन के आधार पर फसलोत्पादन, वर्शा आधारित क्षेत्र में टिकाऊ खेती एवं अधिक उत्पादन तथा किसानों की आय बढ़ाने हेतु आर्गेनिक खेती एवं आई0एफ0एस0 माडल को प्रोत्साहित करना एवं कृशि विकास योजना आदि पर चर्चा की जाएगी। इस सत्र के अध्यक्ष श्री संजय भूसरेड्ी, प्रमुख सचिव, गन्ना, उत्तर प्रदेष तथा डा0 ए0एस0 पंवार, निदेषक, आई0सी0ए0आर0, मेरठ सह-अध्यक्ष होंगे।
ऽ चैथे सत्र में दूसरे दिन ट्रेड पाॅलिसी एण्ड एक्सपोर्ट प्रमोषन के अध्यक्ष डा0 के0वी0 राजू, आर्थिक सलाहकार, मा0 मुख्यमंत्री,उ0प्र0 तथा सह-अध्यक्ष श्री सुखवीर गर्ग, प्रमुख सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उ0प्र0 सरकार होंगे। इसमें कृशि संबंधी आयात कम करने तथा निर्यात को बढ़ावा देने , किसानों के हित का संरक्षण, प्रदेष में अधिक मात्रा में उत्पादन होने वाली फसलों के अतिरिक्त उत्पादन तथा मांग के सापेक्ष कम उत्पादन होने वाले कृशि उत्पादों के अन्तर्राज्यीय व्यवसाय आदि पर चर्चा होगी।
ऽ पाॅचवा सत्र कृशि उत्पादन का विपणन तथा कृशि व्यवसाय के प्रोत्साहन पर आधारित होगा जिसमें कृशि उत्पादों के विपणन हेतु मण्डियों का क्षमता उन्नयन, लाभकारी कृशि मूल्य, बाजार मूल्यों के उतार-चढ़ाव को कम करना, कृशि उत्पादन की मांग एवं मूल्य विशयक भविश्यवाणी तथा पूर्व में ही सूचना उपलब्ध कराने की तकनीकी का विकास, कृशि बाजारों का आधुनिकीकरण, वेल्यूचेन एवं मेनेजमेन्ट आदि पर विचार विमर्ष किया जायेगा।
ऽ छठा सत्र कृशि क्षेत्र में विज्ञान तकनीकी, इन्फार्मेषन टैक्नालाॅजी तथा स्टार्टअप्स पर आधारित होगा जिसमें कृशि की उत्पादकता बढ़ाने के संबंध में कीट एवं बीमारियों, पर्यावरण परिवर्तन, सूखे एवं बंजर क्षेत्र, फसल चक्र, फ्यूचर फार्मिंग जीएम जीन एडेंटिंग, रिमोट सेन्सिंग टेक्नालाॅजी आदि के व्यावसायिक उपयोग पर विचार विमर्ष किया जायेगा। इसके अध्यक्ष डा0 ए0के0 सिंह उप महा निदेषक, प्रसार, आई0सी0ए0आर नई दिल्ली होगें।
ऽ सातवा सत्र बुन्देलखण्ड क्षेत्र में कृशि के विकास की रणनीति पर केन्द्रित होगा। डा0 सुषील सोलोमन, कुलपति, कृशि विष्वविद्यालय, कानपुर इसके अध्यक्ष होंगे। बुन्देलखण्ड में पानी एवं अन्य निवेषों का उचित उपयोग, मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन, कृशि विविधीकरण, वर्शा आधारित बुन्देलखण्ड के लिए उपयुक्त वारानी खेती एवं अन्य कृशि तकनीको का उचित प्रयोग, मृदा एवं जल संरक्षण तकनीकी, पषु एवं दुग्ध उत्पादन में वृद्धि पर चर्चा होगी।
ऽ आठवा सत्र पूर्वी उत्तर प्रदेष के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए औद्यानिक फसलों को प्रोत्साहित करना होगा। इस सत्र के श्री देवेष चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव, कृशि, भारत सरकार अध्यक्ष तथा डा0 ए0के0 सिंह उप महानिदेषक, उद्यान सह-अध्यक्ष होंगे। इस सत्र में औद्यानिक क्षेत्र में फसल प्रबन्प्धन को बढ़ावा देकर विभिन्न फसलों की उत्पादकता बढ़ाने, सब्जियों की खेती, फलो एवं फूलों की खेती के उत्पादन को प्रोत्साहित करना, पूर्वी उत्तर प्रदेष के किसानों के लिए नए फसल चक्र तथा पोस्ट हार्वेस्ट प्रबन्धन का सुझाव देने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेष में बाढ़ एवं सूखे की स्थिति में उत्पादन की रणनीति पर विचार विमर्ष किया जायेगा।
ऽ नवें सत्र में पशुपालन, दुग्ध, मुर्गी पालन तथा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने से संबंधित होगा जिसमें इनके अधिक उत्पादन, उत्पादकता, संसाधनों के विकास तथा विस्तार के साथ ही गैर उपयोगी पशुओं के आर्थिक उपयोग पर चर्चा की जाएगी। डा0 के0एम0एल0 पाठक कुलपति, पशु विज्ञान विष्वविद्यालय, मथुरा अध्यक्ष तथा डा0 गया प्रसाद, कुलपति, कृशि विष्वविद्यालय, मेरठ सह-अध्यक्ष होगे।
ऽ दसवे सत्र में कृशि क्षेत्र पर पर्यावरण परिवर्तन एवं उसके प्रभाव पर चर्चा की जायेगी जिसमें पर्यावरण परिवर्तन के फलस्वरूप उत्पन्न स्थिति में लधु एवं सीमान्त कृशकों के लिए उपयुक्त प्रबन्धन तकनीकी पर विचार किया जायेगा। बदलती परिस्थितियों के दृश्टिगत जैविक एवं अजैविक कारकों तथा एकीकृत फसल प्रणाली के विकास के साथ ही उत्तर प्रदेष में विपरीत पर्यावणीय स्थितियों के लिए उपयुक्त तकनीकी के विकास पर विचार किया जायेगा, जिसमें डा0 जे0एस0 संधू, कुलपति कृशि विष्वविद्यालय फैजाबाद अध्यक्ष होंगे तथा डा0 यू0एस0 सिंह, निदेषक अन्तर्राश्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, वाराणसी सह-अध्यक्ष होगे।
ऽ ग्यारहवा सत्र किसानों के लिए पूंजी निवेष एवं संस्थागत वित्त पोशण व्यवस्था पर आधारित होगा जिसके अन्तर्गत किसानों को सरकारी एवं निजी क्षेत्र के वित्त पोशण, कृशि क्षेत्र में निजी निवेष बढ़ाने, कम अवधि एवं लम्बी अवधि के ऋण उपलब्ध कराना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मौसम आधारीय फसल बीमा योजना आदि विशयों पर विचार किया जायेगा। डा0 ए0के0 सिंह, मुख्य महाप्रबन्धक, नाबार्ड इसके अध्यक्ष होंगे।
ऽ बारहवा सत्र कृशि उत्पादों की खरीदारी, भण्डारण एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर आधारित होगा। डा0 प्रभात कुमार, कृशि उत्पादन आयुक्त, उ0प्र0 इसके अध्यक्ष तथा सह-अध्यक्ष श्रीमती निवेदिता षुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग होंगी जिसमें कृशि उत्पादों की खरीदारी, विपणन, भण्डारागृहों की व्यवस्था तथा विघायन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की वर्तमान स्थिति एवं किसानों की आय वृद्धि के लिए आवष्यक सुधार, राश्ट्रीय कृशि बाजार-ई-नाम आदि पर विचार किया जायेगा।
ऽ तेरहवा सत्र खासकर किसानों पर आधारित होगा जिसमें किसानों के अनुभव के आधार पर ज्ञान के आदान-प्रदान पर चर्चा की जाएगी। श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव, कृशि इस सत्र के अध्यक्ष एवं श्री आषीश भूटानी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सह-अध्यक्ष होंगे। इसमें कृशि क्षेत्र में अभिनव प्रयोगों से संबंधित विभिन्न किसानों की सफलता की कहानियाॅ, उर्वरक प्रयोग, नई फसल प्रणाली, कृशि यंत्रीकरण और उनके लाभों एवं अन्य सम सामयिक विशयों पर किसानों से सीधी चर्चा की जाएगी।
ऽ चैदहवा एवं आखिरी सत्र लाभकारी कृशि हेतु भारत एवं जापान सहयोग पर आधारित होगा। इसके अन्तर्गत कृशि के क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों को न्यूनतम क्षति पहुॅचाते हुए कृशि क्षेत्र में वर्टिकल प्राडक्सन को बढ़ावा देना, उ0प्र0 के सीमान्त कृशकों के लिए उपयुक्त यंत्रीकरण, गुणवत्तायुक्त उत्पादन हेतु रासायनिक निवेषों का न्यूनतम प्रयोग तथा प्रसंस्कृत कृशि उत्पादों में पोशक तत्वों की उपलब्धता आदि पर विचार विमर्ष होगा जिसमें श्री सुधीर एम0 बोबडे प्रमुख सचिव, पश्ुपालन अध्यक्ष तथा डा0 टेटसुआ यूइटाके, प्रथम सचिव, कृशि एवं खाद्य, जापान दूतावास सह-अध्यक्ष होंगी।
इन सभी सत्रों में कृशकों की सीधी भागीदारी होगी तथा उनसे विचार विमर्ष होगा।

“कृषि कुम्भ” में उन्नत कृषि यंत्रों से सम्बन्धित विभिन्न कम्पनियाॅ जैसे-जानडियर, लैण्डफोर्स दशमेश, शक्तिमान, इस्कार्ट, सोनालिका, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा, वी0एस0टी0 टिलर, बेरी उद्योग तथा टैफे आदि कम्पनियों द्वारा उन्नत कृषि यंत्रों की प्रदर्शनियाॅ लगाई जा रही है।
पशुपालन विभाग द्वारा गाय की गिर, साहीवाल, हरियाना, थरपारकर, गंगातीरी, भैंस की भदावरी एवं मुर्रा, बकरी की बर्बरी, जमुना पारी तथा बीटल, भेड़ की नाली एवं मुजफ्फर नगरी पोल्ट्री क्षेत्र में कडक नाथ, असील, ग्रामप्रिया, श्रीनिधि तथा चैबरौ और व्यवसायिक रूप से अण्डा उत्पादन हेतु व्हाइट लेग हार्न और जापानी बटेर आदि प्रजातियाॅ प्रदर्शित की जायेगी साथ ही हरे चारे के उत्पादन के लिए बरसीम, जई, नैपियर घास, मक्का, लोबियाॅ, गिनीघास, सहजन, मीठी ज्वार, अजोला, हाईप्रोटीन युक्त अजोला आदि के उत्पादन सम्बन्धी प्रदर्शन भी आयोजित किए गये है। इसके साथ ही दर्शाया गया है कि एक ही खेत से चारा उत्पादन के लिए मक्का़लोबियाॅ, नैपियर घास़ग्वार, गिनी ग्रास़लूसर्न आदि को अपनाकर इस प्रकार पशुओं के लिए पूरे वर्ष हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है।
किसानों की आय वृद्वि के लिए मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत फसल प्रणाली के अन्तर्गत मत्स्य पालन हेतु तालाब तथा धान के साथ मत्स्य पालन करने की तकनीक को भी दर्शाया गया है। इसके अतिरिक्त एक्वेरियम हेतु रंगीन मछलियों के साथ ही प्रदेश में उत्पादित होने वाली कत्ला, रोहॅू, नयन, ग्रास कार्प, कामन कार्प तथा पंगेशियस प्रजाति के मछलियों के भी प्रदर्शन किये जा रहें है। तालाब में मत्स्य पालन के लिए बायोफिल्टर से पानी को छानकर बार-बार उपयोग करने की दृष्टि से रिसर्कुलेेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम का भी प्रदर्शन मत्स्य विभाग द्वारा किया जा रहा है।
उद्यान विभाग द्वारा कृषि को लाभकारी बनाने के उद्देश्य से फलो, फूलो की विभिन्न प्रजातियों के साथ ही वर्टिकल फार्मिंग, हाइड्रोपानिक्स, एक्वापानिक्स तथा माइक्रो सिंचाई पद्वति विषयक प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे है।
कृषि विभाग द्वारा प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषकों की छोटी जोतों को लाभकारी उद्यम बनाने के उद्देश्य से एकीकृत फसल प्रणाली विषयक प्रदर्शन विशिष्ट रूप से दर्शाया गया है कि एक एकड़ खेत में मक्का की खेती, शिमला मिर्च एवं अन्य सब्जियों की खेती, तालाब तथा केला और पपीतें की खेती के साथ ही पशुपालन कर किस प्रकार किसान की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकती है और कृषि को लाभकारी बनाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त भूमि संरक्षण जैविक खेती, हरी खाद, परम्परागत खेती, सोलर पम्प, सामाजिक वानिकी आदि विषयक प्रदर्शनियाॅ स्थापित की गयी है।
रेशम विभाग द्वारा शहतूत एवं अर्जुन के वृक्षारोपण से रेशम कीट पालन तथा रेशम उत्पादन की पद्वतियों को दर्शाती प्रदर्शनी आयोजित की गयी है। इसके अतिरिक्त मेलें में सरकारी एवं निजी क्षेत्रों के लगभग 400 से अधिक स्टाल लगाये जा रहे है जिसमें कृषि एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकसित नवीनतम् तकनीकी गुणवत्तायुक्ता कृषि निवेश, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि विपणन की ई-मार्केटिंग पद्वति की जानकारी भी किसानों को प्राप्त होगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों तथा अन्य शोध संस्थानों के भी स्टाल लगाये जा रहे है जिनके द्वारा किसानों को नवीनतम् एवं लाभकारी कृषि की तकनीकी की जानकारी प्राप्त होगी। कहना न होगा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित यह कृषि कुम्भ भारत सरकार और राज्य सरकार की किसानों की आय सन् 2022 तक दोगुनी करने की दिशा में गम्भीर प्रतिबद्वता का परिचायक है। जिससे प्रेरित होकर प्रदेश के किसान अपनी खेती को लाभकारी बनाते हुए अपने आय वृद्वि करने में सक्षम हो सकेंगे।

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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे भ्रष्टाचार का “अखिलेश मॉडल” है - डा0 चन्द्रमोहन

Posted on 25 October 2018 by admin

लखनऊ 25 अक्टूबर 2018, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे से बने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को समाजवादी पार्टी के मुखिया श्री अखिलेश यादव अपनी जागीर समझ बैठे हैं। ऐसा इसलिए कि इसी एक्सप्रेस-वे के जरिए श्री यादव ने अपनी सरकार के दौरान जमकर भ्रष्टाचार किया। अपने चहेतों को न केवल जमीनें बांटी बल्कि ऊंची दर पर इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर जमकर भ्रष्टाचार किया।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अब जांच में यह बात सामने आ रही है। श्री अखिलेश यादव के चहेते आइएएस अफसर जुहेर बिन सगीर ने आगरा में डीएम रहते हुए जिस तरह आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन के अधिग्रहण से पहले अपने संबधियों को जमीन खरीदवाई और उसके बाद उसी जमीन का अधिग्रहण किया, यह बगैर श्री अखिलेश यादव की सहमति के बिना नहीं हुआ होगा। जांच में यह जरूर सामने आएगा कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों की जमीन को कौड़ियों के दाम खरीदकर सपा नेताओं और उनके परिजनों ने उसी जमीन को दोबारा महंगे दामों पर सरकार को बेच दिया।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे भ्रष्टाचार का अखिलेश यादव मॉडल है। इसी भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हटाने के लिए श्री अखिलेश यादव और उनके चहेते नेता हर वक्त आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस पर ही मंडराया करते हैँ और उसी फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। ऐसा इसलिए कि इन लोगों को मालूम था कि एक न एक दिन आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के भ्रष्टाचार की पोल खुलेगी और इसके बाद वह इस पर सरकार को राजनीति करने का झूठा आरोप लगा देंगे।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार 350 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 12000 करोड़ रुपए में बनाने जा रही है, जबकि श्री अखिलेश यादव की सरकार ने 302 किलोमीटर लंबा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे 15 हजार करोड़ से अधिक की लागत से भी अधूरा ही तैयार कराया गया था। इस एक्सप्रेस-वे के लिए न केवल जमीन अधिक दाम पर खरीदी गई बल्कि श्री अखिलेश यादव के चहेतों को अलग-अलग ठेके भी दिए गए जिससे सड़क की गुणवत्ता खराब हुई। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का मंत्र लेकर चल रही भाजपा सरकार जनता के पैसे की लूट करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी। यही वजह है कि खुद को फंसता देख विपक्षी नेता इन दिनों बौखलाए हुए हैं और भाजपा सरकार के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को पूरे विश्व ने स्वीकार किया - डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय

Posted on 25 October 2018 by admin

मोदी जी को सियोल शांति पुरूस्कार के लिए बधाई

लखनऊ 25 अक्टूबर 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग और वैश्विक आर्थिक वृद्धि में योगदान देने के लिए सियोल शांति पुरूस्कार के लिए चुने जाने पर बधाई दी है।
डा0 पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व को पूरी दुनिया में स्वीकार्यता मिल रही है। मोदी जी का सम्मान देश के सवा सौ करोड़ भारतीयों को गौरवान्वित करता है। मोदी जी को भ्रष्टाचार समाप्त करने, सामाजिक एकीकरण को मजबूती देकर आर्थिक वृद्धि और लोकतंत्र के विकास को आगे बढ़ाने और भारतीयों के विकास के लिए अथक प्रयास करने के लिए सम्मानित किया जा रहा है। डा0 पाण्डेय ने कहा कि पुरूस्कार समिति द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी निर्णयों और विमुद्रीकरण के माध्यम से साफ-सुथरा वातावरण बनाने की दिशा में आगे बढ़ने पर मोदी सरकार की प्रशंसा की गई है। जहां एक ओर अमीर-गरीब के बीच खाई पाटने के लिए मोदीनाॅमिक्स की तारीफ हुई है तो दूसरी और क्षेत्रीय और विश्वशांति के लिए किये गये प्रयासों के लिए मोदी डाॅक्ट्रिन और एक्ट ईस्ट नीति को भी विश्व ने सराहा है।
प्रदेश अध्यक्ष डा0 पाण्डेय ने कहा कि हम सभी के लिए यह गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में हमारे पास ऐसा करिश्माई व्यक्तित्व है जो पूरे विश्व का मार्गदर्शन करने की क्षमता रखता है और जिसके कार्याे से देश की गौरव गरिमा में वृद्धि हुई है। सवा सौ करोड़ भारतीयों का सम्मान बढ़ाने के लिए मोदी जी को धन्यवाद और बधाई।

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