Posted on 05 October 2018 by admin
लखनऊ: 05 अक्टूबर, 2018
भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के अवसर पर इन्दिरा गांधी
प्रतिष्ठान में आयोजित कृषि कान्क्लेव में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री
श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह मंच कृषि से जुड़े हुए विषयों पर
चर्चा करने का सुअवसर प्रदान करेगा जो कृषि एवं किसानों के विकास एवं आय
को बढ़ाने में मदद करेगा। देश की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र के योगदान
को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि परम्परागत कृषि के स्थान पर बाजार आधारित
कृषि पर ध्यान देना होगा, जिससे किसानों की आय में अपेक्षित वृद्धि हो
सके। उन्होंने कहा कि किसान खुशहाल होगा तभी देश भी खुशहाल होगा। कृषि
क्षेत्र को देखने का नजरिया हमें बदलना होगा तथा मशीनों से खेती को सरल
बनाना होगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में विपरीत परिस्थितियों के
बावजूद आज हम खाद्यान्न उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य उत्पादन आदि में
अग्रणी हंै। उन्होंने कहा कि हमें कृषि लागत को कम करना होगा तभी किसानों
को उनकी उपज का सही मूल्य प्राप्त होगा।
इससे पहले प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि
कान्क्लेव को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह
आवश्यक है कि किसान स्थानीय आवश्यकताओं एवं बाजार की मांग के मुताबिक
खेती पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि रसायनिक खाद से खाद्यान्नों की
पौष्टिकता प्रभावित हो रही है। खाद्यान्नों की पौष्टिकता को बढ़ावा देने
के लिए हमें जैविक खेती पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। छोटी जोत की
समस्या को देखते हुए उन्होंने सामुदायिक खेती करने पर बल दिया। उन्होंने
कहा कि कृषि क्षेत्र में हो रहे वैज्ञानिक शोधों को खेतों में उतारने की
जरूरत है, जिससे उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि लायी जा सके।
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खेल व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है
खेलों से जुड़े युवा हमारे राष्ट्रीय सम्मान एवं गौरव में वृद्धि कर रहे है
छात्रों को खेलों से जोड़ना एमिटी विश्वविद्यालय का
अत्यन्त प्रशंसनीय कदम है
-डा0 नीलकंठ तिवारी
लखनऊ: 05 अक्टूबर, 2018
व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में उसकी प्रकृति और उसके पालन-पोषण इन
दो कारकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। पालन-पोषण के दौरान व्यक्ति
अपने आस-पास के लोगों, घटनाओं, खेलों आदि से जीवन की समझ विकसित करता है।
खेल मनुष्य को जीवन में हार और जीत के पलों में संयमित आचरण करना सिखाता
है। इस तरह खेल मानव जीवन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
उक्त विचार राज्य मंत्री सूचना, विधि एवं न्याय, खेल एवं युवा कल्याण,
उत्तर प्रदेश सरकार
डा. नीलकंठ तिवारी ने एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर में व्यक्त किए।
डा. तिवारी एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के वार्षिक खेल समारोह
संगठन-2018 के समापन समारोह के अवसर बोल रहे थे।
छात्रों को संबोधित करते हुए डा. नीलकंठ तिवारी ने कहा कि, यह दुखद है
कि, आज भी खेल हमारी शिक्षा व्यवस्था में अभिन्न अंग के रूप में नहीं
लिया जाता। जबकि खेलों से जुड़े हमारे युवा आज राष्ट्रीय सम्मान और गौरव
में भी वृद्धि कर रहे हैं। उन्होने एमिटी विश्वविद्यालय की सराहना करते
हुए कहा कि एमिटी जिस तरह गंभीरता से अपने छात्रों के बीच खेलों को जोड़
रहा है वह अत्यंत प्रशंसनीय है।
कार्यक्रम में उपस्थित 2500 छात्र-छात्राओं और खिलाडियों को संबोधित
करते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि भले आज युवा शौक में खेल रहे हो परन्तु
उम्र बढ़ने पर जब शरीर व्याधिग्रस्त होता है तब यही खेल मजबूरी बन जाते
हैं। इसलिए सभी को जीवन में स्वस्थ्य रहने के लिए भी खेलों से जुड़ना
चाहिए।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्जवलित कर पुरस्कार वितरण कार्यक्रम
का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर चेयरमैन एमिटी विवि उत्तर प्रदेश के
सलाहकार सेवानिवृत्त मेजर जनरल केके ओहरी (एवीएसएम), प्रति कुलपति एमिटी
लखनऊ परिसर, डा. सुनील धनेश्वर, निदेशक परियोजना, एमिटी विवि लखनऊ परिसर
नरेश चंद्र, डीन शोधकार्य विज्ञान एवं तकनीकि, एमिटी लखनऊ परिसर,
प्रोफेसर कमर रहमान सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष एवं संकाय सदस्य भी
उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में डा. नीलकंठ तिवारी ने सभी विजेताओं को मैडल, ट्राॅफी और
सर्टिफिकेट बांटे और उनहें भविष्य में और भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए
प्रोत्साहित किया। उन्होने संगठन 2018 के विजेता एमिटी स्कूल आॅफ
इंजीनियरिंग टैक्नालाजी के खिलाडियों को संगठन की रनिंग चैम्पियनस्
ट्राफी भी सौपी।
संगठन 2018 में आयोजित हुईं खेल प्रतियोगिताओं में एमिटी बिजिनेस स्कूल,
एमिटी ला स्कूल, एमिटी स्कूल आफ इंजीनियरिग टैक्नाॅलाजी, एमिटी स्कूल आॅफ
कम्यूनिकेशन, एमिटी स्कूल आॅफ लैग्वेजेज और एमिटी इंस्टीट्यूट आॅफ
बिहैवोरियल एण्ड एलाइड साइंसेज सहित सभी विभागों के विद्यार्थियों ने
हिस्सा लिया।
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172 प्रकरणों पर हुई सुनवाई
लखनऊ: दिनांक 05 अक्टूबर, 2018
उत्तर प्रदेश सचिवालय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री महेश
कुमार गुप्ता द्वारा आज यहां तिलक हाॅल में सचिवालय केे सेवानिवृत्त
अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लम्बित प्रकरणों के संबंध में प्रथम पेंशन
अदालत का आयोजन किया गया। उन्होंने इस अदालत में आए हुए पेंशनर्स एवं मृत
पेंशनर्स के आश्रितों की शिकायतें गंभीरता से सुनी। उन्होंने पेंशनर्स के
मामले लम्बी अवधि से लम्बित होने के कारण अधिकारियों से गहरा रोष व्यक्त
किया तथा संबंधित अनुभागों के अधिकरियों से लम्बित पड़े मामलों को 10 से
15 दिन के भीतर निस्तारण कर भुगतान कराए जाने के सख्त निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि भविष्य में पेंशन सबंधित किसी भी प्रकार के पत्र यदि
किसी भी अनुभाग में लम्बित पड़े होेंगे और संबंधित अधिकारी/कर्मचारी उसका
शीघ्र निस्तारण नहीं करेंगे तो उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिनके अदेयता प्रमाण पत्र यदि नहीं प्राप्त हुए हैं तो
उससे संबंधित देयकों को छोड़ते हुए अन्य देयकों का भुगतान शीघ्र कराना
सुनिश्चित करें तथा अदेयता संबंधित प्रमाण पत्र दूसरे अनुभागों से मगांने
के लिए स्वयं प्रयासरत रहें ताकि पेंशनर्स को उसका लाभ समय पर मिल सके।
उन्होंने कुछ मामलों को आज ही निपटाने के निर्देश दिए।
जी0पी0एफ0 भुगतान न होने की शिकायत आने पर उन्होंने अधिकारियों से कहा
कि सेवानिवृत्त होने के 06 माह पूर्व ही जी0पी0एफ0 कटौती बंद होने पर
जी0पी0एफ0 भुगतान की प्रक्रिया कर्मी के सेवानिवृत्त होने से पहले ही
पूरी करें, जिससे सेवानिवृत्ति के समय कर्मी को जी0पी0एफ0 की राशि उसी
दिन हस्तगत की जा सके। इसी तरह अवकाश नगदीकरण भी समय पर स्वीकृत कराना
सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शाखा अधिष्ठान एवं लेखा
अधिष्ठान के बीच ताल-मेल का अभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने एस0ए0डी0-6
को भी सक्रिय होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी
अपनी मनोदशा एवं मनोभावों को संवेदनशील करें और जो भविष्य में
सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनके भुगतान संबंधी तैयारी 06 माह पूर्व ही
शुरु कर दें। इस कार्य में जो भी रुकावट या संशय हो उसे उच्च अधिकारियों
से विचार-विमर्श कर दूर करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी एवं कर्मचारी
पत्रों को दबाकर न बैठें और यह न भूले की भविष्य में उन्हें भी इस स्थिति
का सामना करना पड़ेगा। फाइलों को अनावश्यक रुप से इधर-ऊधर पटल पर न भेजा
जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन पेंशनर्स के जी0पी0एफ0, पासबुक एवं
सर्विस बुक में अंकन नहीं हुआ है, उसे 31 अक्टूबर तक पूरा कराना
सुनिश्चित करें। आज की अदालत में कुल 172 प्रकरणों पर विचार किया गया।
पेंशन अदालत में सचिवालय केे विभिन्न अनुभागों से आए अधिकारी एवं
कर्मचारियों ने बताया कि दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से पूर्व के सचिवालय
सेवा से सेवानिवृत्त/मृत अधिकारियों/कर्मचारियों के सेवानिवृत्तिक देयकों
के कुल 34 प्रकरण लम्बित थे। इनमें 27 मामले ऐसे हैं जिनमें सम्बन्धित
कर्मियों को आंशिक रूप से देयकों/पावनाओं का भुगतान किया जा चुका है तथा
07 कर्मी ऐसे हैं जिन्हें कुछ भी भुगतान नहीं किया गया है। इसी प्रकार
दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से 31 जुलाई, 2018 तक सचिवालय सेवा के कुल 439
अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं। इनमें से 301 अधिकारी/कर्मचारी
ऐसे हैं, जिन्हें समस्त सेवानिवृत्तिक देयताएं प्राप्त हो चुकी हैं एवं
138 ऐसे अधिकारी/कर्मचारी हैं जिन्हें देय पावनाओं में से आंशिक भुगतान
प्राप्त हो चुका है। मात्र 06 अधिकारी/कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें कुछ भी
प्राप्त नहीं हुआ है।
इन कुल 172 प्रकरणें में से 13 ऐसे अधिकारी/कर्मचारी हैं जिन्हें अभी
तक सेवानिवृत्तिक कोई भुगतान नहीं हुआ है। इनमें अधिकांश प्रकरण मृत
कर्मचारियों के हैं जिनमें उत्तराधिकार का विवाद है। विवाद रहित प्रकरणों
को निस्तारित करने के लिए यदि अभिलेखों में कोई कमी है तो उनके प्रकरणों
को पूरा कराने का प्रयास किया गया है। इन 172 प्रकरणों के बारे में जो
कार्यवाही की गयी है उनमें 05 अधिकारियों/कर्मचारियों को पेंशन, राशिकरण,
ग्रेच्यूटी की स्वीकृति प्रदान की गयी है। 18 लोगों को अवकाश नकदीकरण
स्वीकृत कर दिया गया है। ग्रुप इन्श्योरेंस के 19 प्रकरण निस्तारित किये
गये। 03 कर्मियों को 90 प्रतिशत जी0पी0एफ0 का भुगतान किया गया। 07
कर्मियों को शेष 10 प्रतिशत जी0पी0एफ0 का भुगतान किया गया। 03 चतुर्थ
श्रेणी कर्मियों को शतप्रतिशत जी0पी0एफ0 का भुगतान किया गया। शेष
कर्मियों के सम्बन्ध में जो विभागीय आपत्तियाॅं थीं या कमियाॅं थीं उनके
निराकरण हेतु सम्बन्धित सेवानिवृत्त कर्मियों से विवरण प्राप्त किया गया
है और उन्हें भी शीघ्र निस्तारित कराया जायेगा। भविष्य में इतनी अधिक
पावनाओं की इतनी अधिक देयता न लम्बित रहने पाये, इसके लिए भी आने वाली
समस्याओं का चिन्हांकन कर लिया गया है। इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश
दो-तीन दिन में जारी करा दिये जायेगें।
उल्लेखनीय है कि सचिवालय में पेंशनर्स अदालत अपर मुख्य सचिव, सचिवालय
प्रशासन द्वारा अब समय-समय पर लगायी जाएगी। उत्तर प्रदेश सचिवालय के
इतिहास में यह पेंशन अदालत पहली बार आयोजित की गयी है और भविष्य में इसे
नियमित रूप से आयोजित किया जायेगा।
Posted on 05 October 2018 by admin
आश्रम में रहने वाले वृद्धों को प्राथमिकता के आधार पर वृद्धावस्था पेंशन
स्वीकृत करने के दिए निर्देश
जरूरतमंद वृद्ध व्यक्तियों को संस्था में प्रवेश दें
-मंत्री रमापति शास्त्री
लखनऊ: 05 अक्टूबर, 2018
प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री ने कहा कि उ0प्र0
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण नियमावली-2014 में
दिये गये प्राविधानों का पालन अवश्य किया जाये। प्रदेश के समस्त 75
जनपदों में पी0पी0पी0 माडल पर संचालित वृद्धाश्रमों की विभिन्न कार्य
विधियों एवं गुणवत्तापरक बनाने के उद्देश्य से वृद्धाश्रमों के
संस्थाध्यक्षों/संस्था अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिये।
यह निर्देश श्री शास्त्री ने भागीदारी भवन गोमतीनगर के सभाकक्ष में
आयोजित विभागीय बैठक में दिये। उन्होने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के
समस्त 75 जनपदों में समाज कल्याण विभाग के माध्यम से वृद्धाश्रम स्वीकृत
है, जिसमें देवरिया जनपद में संचालित वृद्धाश्रम को छोडकर सभी जनपदों में
वृद्धाश्रम संचालित किये जा रहे है, जिसमें निवासरत वृद्धजनों को
निःशुल्क भोजन, वस्त्र, आवास, पर्सनल केयर, मनोरंजन, औषधि आदि की पूर्ण
व्यवस्था शासन/विभाग द्वारा की जा रही है।
श्री शास्त्री ने कहा है कि वृद्वाश्रम में निवासरत वृद्वजनों को किसी
प्रकार की कोई परेशानी नही होने पाये इसका विशेष ध्यान रखा जाये। उन्होने
आश्रम में रहने वाले वृद्धों को प्राथमिकता के आधार पर वृद्धावस्था पेंशन
स्वीकृत करने के निर्देश जिला समाज कल्याण अधिकारियों को दिये है।
उन्होने कहा कि आश्रम में वृद्धजनों हेतु योगासन तथा भजन कीर्तन की
व्यवस्था कराई जा रही है। मनोरंजन हेतु टी0वी0 तथा केविल भी लगा है।
प्रत्येक माह मुख्य चिकित्साधिकारी की टीम द्वारा उनका स्वस्थ परीक्षण
कराया जाता है, तथा संस्था में प्राथमिक उपचार की भी समुचित व्यवस्था है।
अधिकांश आश्रमों में सी0सी0टी0वी0 लगा है। संस्थाओं को यह भी जिम्मेदारी
दी गयी है कि प्रचार-प्रसार के माध्यम से जरूरतमन्द वृद्ध व्यक्तियों को
संस्था में प्रवेश दें।
निदेशक समाज कल्याण श्री जगदीश प्रसाद ने बताया कि प्रत्येक वृद्धाश्रम
में प्रति वृद्ध हेतु 75 रू0 में प्रतिदिन दो समय का भोजन एवं दो समय का
नाश्ता, तथा 200 रू0 औषधि, 150 रू0 मनोरंजन, 100 रू0 पर्सनल केयर (तेल,
साबुन, पेस्ट, सेविंग आदि) प्रतिमाह प्रति वृद्धजन पर व्यय किया जा रहा
है। आर0ओ0 का शुद्ध पेयजल, निःशुल्क प्रकाश की व्यवस्था हेतु जनरेटर तथा
इन्र्वटर एवं वार्शिंग मशीन की व्यवस्था प्रत्येक आश्रम में है।
अपर निदेशक समाज कल्याण श्री पी0सी0उपाध्याय ने बताया कि संस्थाओं में
वृद्धजनों के प्रवेश के लिए आवेदन पत्र जनपद के विकास खण्ड कार्यालय,
जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय, नगर निकाय कार्यालय, तहसील,
कलेक्टेªट के साथ ही संस्था में सीधे जमा कराने की व्यवस्था है। जिला
समाज कल्याण अधिकारी/भरण-पोषण अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी द्वारा नामित
खण्ड विकास अधिकारी, नगर निकाय का प्रतिनिधि के साथ बैठक आहूत करके
संस्थाओं में वृद्धजनों के प्रवेश के लिए अधिकृत है। सभी आश्रमों में बजट
की व्यवस्था कराकर उक्त सुविधा अनुमन्य करायी जायेगी।
इस अवसर पर बैठक में विशेष सचिव समाज कल्याण श्री धीरज कुमार, सयुक्त
निदेशक समाज कल्याण श्री आर0के0सिंह, निदेशक हेल्पेज इण्डिया श्री
ए0के0सिंह सहित अन्य सम्बधित अधिकारी उपस्थित थे।
Posted on 05 October 2018 by admin
लखनऊ: 05 अक्टूबर, 2018
केन्द्रीय विज्ञान एवं टेक्नोलाॅजी मंत्री डा. हर्ष वर्धन एवं प्रदेश के
उप मुख्यमंत्री एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री डा. दिनेश शर्मा ने आज
यहां गोमतीनगर रेलवे ग्राउण्ड में चैथे भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान
महोत्सव का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन भाषण में डा. हर्ष वर्धन ने कहा
कि विज्ञान प्रेमियों के लिए यह सुअवसर है कि वे एक ही स्थान पर देश में
विज्ञान से जुड़ी गतिविधियों एवं नवाचारों (इनोवेशन) को देख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि विज्ञान महोत्सव से लोगों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
के क्षेत्र में हुए प्रत्येक अत्याधुनिक पहलू को नजदीक से जानने का अवसर
मिलेगा। देश में स्टार्टअप एवं इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है और आज
देश दुनिया के विज्ञान में अग्रणी 10 देशों में से एक है। उन्होंने ने
कहा कि विज्ञान को एक जन आन्दोलन का रूप देने का प्रयास है। विज्ञान
महोत्सव के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि वैज्ञानिक पूरे देश को
नजदीक से देखें और देश के युवा भी विज्ञान को नजदीक से देखें और समझें।
रेलवे मैदान में लगे मेगा साइन्स टेक्नोलाॅजी एण्ड इंडस्ट्री एक्सपो में
देश के कई राज्यों के विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग तथा विभिन्न संगठनो और
संस्थानों द्वारा नवाचारों की प्रदर्शनी लगायी गयी है।
इससे पहले उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार एवं
विज्ञान भारती के सहयोग से वर्ष 2015 से लगातार ‘भारत अंतर्राष्ट्रीय
विज्ञान महोत्सव’ (आईआईएसएफ) आयोजित कर रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य
लोगों को विज्ञान और प्रोद्योगिकी की सफलता को बताना है। आईआईएसएफ के
पिछले संस्करण आईआईटी दिल्ली (2015), सीएसआईआर-एनपीएल, नई दिल्ली (2016)
और आईआईटी मद्रास और अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई (2017) में क्रमशः
आयोजित किए गए थे। ये समस्त कार्यक्रम आम जनता, मुख्य रूप से युवा
वैज्ञानिकों, इनोवेटर्स, टेक्नोक्रेट्स, ग्रासरूट इनोवेटर्स और छात्रों
के बीच वैज्ञानिकता एवं महत्व को बढ़ावा देने में सफल रहीं। उन्होंने कहा
कि यह लखनऊ के लिए गौरव की बात है कि भारत सरकार ने चैथे भारतीय
अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के लिए लखनऊ का चयन किया।
इसके अलावा चतुर्थ भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव-2018 के अवसर
पर आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान के मार्स हाल में नेशनल सोशल
आर्गेनाइजेशन्स एण्ड इंस्टिट्यूशन्स मीट विषयक सत्र को सम्बोधित करते हुए
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम में
लगभग 1000 से अधिक वैज्ञानिक संगठनों के साथ एक मेगा विज्ञान प्रदर्शनी
का आयोजन जिसमें मुख्यतः वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद
(सीएसआईआर), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय अंतरिक्ष
अनुसंधान संगठन (इसरो), परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई), आदि प्रतिष्ठित
वैज्ञानिक संगठनों के साथ ही साथ विज्ञान एण्ड टेक्नोलाॅजी (डीएसटी),
बायो-टेक्नोलाॅजी विभाग (डीबीटी), आयुष-मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान
मंत्रालय (एमओईएस), पर्यावरण मंत्रालय, वन ओर जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
(एमओईएफ एवं सीसी), स्वच्छ गंगा (एनएमसीजी) के राष्ट्रीय मिशन, ब्रह्मोस
एयरोस्पेस, इलेक्ट्राॅनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, इण्डियन
काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद
(एआईसीटीई), केन्द्रीय जल आयोग, रेल मंत्रालय इत्यादि, वर्तमान सरकार के
दौरान उनकी उत्कृष्ट प्रौद्योगिकियों और महत्वपूर्ण उपलब्धियों को
प्रदर्शित कर रहे हैं।
डा. शर्मा ने कहा कि इस प्रदर्शनी से लोगों को विभिन्न एक्सपों के हिस्से
के रूप में एक रंगीन हस्तशिल्प प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, देश भर के
सैकड़ों कारीगर अपने सुंदर शिल्प कार्यों का प्रदर्शन करेंगे। इस मेगा
विज्ञान प्रदर्शनी का विशेष आकर्षण सभी राज्य सरकार के विभाग हैं जो कि
इस प्रदर्शनी में अपनी उल्लेखनीय परियोजनाओं और प्रगति का प्रदर्शन कर
रहे हैं। छात्रों, युवा वैज्ञानिकों, इनोवेटर्स और आम जनता समेत 10 लाख
से अधिक लोग भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को नजदीक देखेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश में विज्ञान एवं तकनीक
के क्षेत्र मेें हो रही प्रगति का प्रयोग करते हुए कृषि उत्पादन लागत में
कमी लायी जाय, जिससे जहां एक तरफ कृषि के उत्पादन में वृद्धि होगी वही
कृषकों की आय में भी वृद्धि होगी। देश में परम्परागत किसी प्रणाली के
स्थान पर तकनीकी आधारित, व्यापारोन्मुख एवं निर्यातोन्मुख खेती के विकास
पर बल देना होगा। उन्होंने कहा कि कृषकों की आय बढ़ाने के लिए वैल्यु
एडीशन जरूरी है।
Posted on 05 October 2018 by admin
प्रदेश में 02 लाख से अधिक मिस्त्रियों को शौचालय निर्माण
हेतु प्रशिक्षित किया गया -मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी
1 करोड़ 41 लाख शौचालयों का निर्माण कराया गया
30 जनपद व 82863 ग्राम खुले में शौचमुक्त
- अपर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी
सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ: 05 अक्टूबर, 2018
भारत सरकार द्वारा कराये गये स्वच्छ सर्वेक्षण (ग्रामीण) 2018 के आधार पर उत्तर प्रदेश राज्य को सर्वश्रेष्ठ जन सहभागीदारी एवं फीडबैक हेतु मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा पुरस्कार दिया गया। यह पुरस्कार विगत 02 अक्टूबर, 2018 को राष्ट्रपति भवन में एक भव्य समारोह में पंचायतीराज मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी एवं अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज विभाग श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी को प्रदान किया गया। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव श्री एन्टोनियो गुटैरस, विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, आवास एवं शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री सुश्री उमा भारती तथा संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा सहित कई केन्द्रीय मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी तथा लगभग 80 देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
यह जानकारी पंचायतीराज राज्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने आज यहां एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में प्रेसवार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि इस पुरस्कार को पंचायतीराज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज द्वारा आज मा0 मुख्यमंत्री जी, उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ को भेंट किया गया। मुख्यमंत्री जी द्वारा उत्तर प्रदेश की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए पंचायतीराज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से जुड़े समस्त अधिकारियों तथा प्रदेश की जनता को बधाई दी तथा आवाहन किया कि प्रदेश को यथाशीघ्र खुले में शौच से मुक्त कर देश के सबसे स्वच्छ एवं सुन्दर प्रदेश के रूप में विकसित किया जाये।
श्री चैधरी ने बताया कि 02 अक्टूबर 2014 को मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा लाल किले से देश में स्वच्छता की मुहिम चलाने का आह्वाहन किया गया एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के माध्यम से देश को 02 अक्टूबर 2019 तक खुले मे शौच से मुक्त बनाये जाने का निर्णय लिया गया। योजना के आरम्भ में प्रदेश का आच्छादन मात्र 33.75 प्रतिशत था। उन्होंने बताया कि मार्च 2017 तक इस योजना के अन्तर्गत कुल 29,35,834 शौचालयों का निर्माण कराकर आच्छादन 43.6 प्रतिशत था। वर्तमान सरकार के गठन के बाद मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश को राष्ट्रीय लक्ष्य से पूर्व ही खुले में शौचमुक्त करने का निर्णय लिया गया। मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में राज्य स्वच्छता मिशन द्वारा एक व्यापक रणनीति तैयार की गई। इस रणनीति के केन्द्र में ग्रामीण समुदाय के व्यवहार परिवर्तन को रखते हुए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को एक जन आन्दोलन के रूप में लागू किया गया है। प्रदेश के समस्त जनपदों में लगभग 500 प्रशिक्षणों का आयोजन कर 60,000 स्वच्छाग्रहियो की फौज तैयार की गई और उन्हें ग्रामो का स्वामित्व प्रदान करते हुए समुदाय के व्यवहार परिवर्तन हेतु तैनात किया गया। साथ ही साथ व्यवहार परिवर्तन के लिए बड़े पैमान पर आइ.ई.सी. गतिविधियां संचालित की गई, जिसमें एलइडी वैन, नुक्कड़ नाटक, घर-घर सम्पर्क, वाल राइटिंग व होर्डिंग इत्यादि सम्मिलित थी। उन्होंने बताया कि इस जागरूकता अभियान के दोैरान शौचालय निर्माण की मांग सृृजित की गई व ग्रामीणेां को भारत सरकार द्वारा प्राविधानित 02 सोख्ता गढ्ढे वाले शौचालयों के निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया गया। प्रदेश में शौचालय निर्माण के बड़े लक्ष्य को समय से प्राप्त करने हेतु तथा तकनीकी रूप से सही व गुणवत्तायुक्त शौचालय निर्माण हेतु प्रदेश में 02 लाख से अधिक मिस्त्रियों को शौचालय निर्माण में प्रशिक्षित किया गया व उन्हें शौचालय निर्माण के काम में लगाया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज श्री आर0के0 तिवारी ने बताया कि अप्रैल 2017 से अब तक 1 करोड़ 41 लाख शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है। इस प्रकार जहां मार्च 2017 में शौचालय आच्छादन 43.6 प्रतिशत था, वहीं दिनांक 04 अक्टूबर 2018 तक शौचालय आच्छादन 99.7 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 94.69 प्रतिशत से भी अधिक है। इसी प्रकार मार्च 2017 तक कुल 5918 ग्राम तथा 01 जनपद खुले में शौचमुक्त हुए थे वही 4 अक्टूबर 2018 तक 30 जनपद व 82863 ग्राम खुले में शौचमुक्त हो चुके है तथा प्रदेश को अगले तीन माह में खुले मे शौचमुक्त करने के प्रयास किये जा रहे हेै।
श्री तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश द्वारा किये गये प्रयासों को 29 सितम्बर 2018 से 02 अक्टूबर 2018 तक चले महात्मा गांधी इन्टरनेशनल स्वच्छता कन्वेंशन में भी सराहा गया है।
इस अवसर पर निदेशक सूचना डा0 उज्ज्वल कुमार, निदेशक पंचायतीराज श्री मासूम अली सरवर, उप निदेशक पंचायत श्री योगेन्द्र कटियार, स्टेट कन्सलटेन्ट श्री संजय चैहान सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।
Posted on 05 October 2018 by admin
लखनऊ 05 अक्टूबर 2018, देश भर में सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन देने में उत्तर प्रदेश को अव्वल बनाने के लिए मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन और ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा जी की कड़ी मेहनत का सराहनीय योगदान है। प्रदेश प्रवक्ता डा. चन्द्रमोहन ने पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सौभाग्य योजना के तहत देश भर में कुल 3.60 करोड़ कनेक्शन दिए जाने थे जिसमें यूपी में ही अबतक कुल 39 लाख कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा. चन्द्रमोहन ने बताया कि पिछले 70 वर्षों में प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 70 लाख पहुंची थी जबकि वर्तमान भाजपा सरकार ने पिछले वर्ष अप्रैल से अबतक केवल डेढ़ वर्ष में ही 58 लाख बिजली कनेक्शन जारी किए हैं। भाजपा सरकार में जिस तरह से प्रदेश का हर कोने में बिजली पहुंचाकर वहां उजाला किया जा रहा है उससे विकास को एक नया आयाम मिला है। पिछली सपा और बसपा सरकारों में कुछ चहेते जिलों में ही बिजली पहुंचाई जाती थी वहीं भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास के सिद्धान्त पर काम करते हुए पूरे प्रदेश में एक समान रूप से बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करा रही है।
प्रदेश प्रवक्ता डा. चन्द्रमोहन ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में औसतन 6.50 लाख बिजली कनेक्शन प्रतिवर्ष स्वीकृत किए जाते थे वहीं पॉवर कार्पोरेशन ने पिछले सिंतबर महीने में ही 10 लाख से ज्यादा कनेक्शन देकर इतिहास रचा है जिसके लिए इस पुनीत कार्य में लगा हर व्यक्ति बधाई का पात्र है। बिजली की उपलब्धता किसी भी क्षेत्र के विकास की पहली शर्त है और भाजपा सरकार इसे हर घर तक पहुंचाने को पूरी तरह संकल्पबद्ध है। भाजपा सरकार ने निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए भी प्रयास शुरू किए हैं। बिजली लाइनों की गड़बड़ियां ठीक करने के लिए अलग से बजट भी निर्धारित किया है। इतना ही नहीं बिजली से जुड़ी समस्याओं का तत्काल निस्तारण करने के लिए भी न केवल टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं बल्कि “ट्विटर” जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भी सहारा लिया जा रहा है।
प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि ऊर्जा के क्षेत्र में जिस गति से भाजपा सरकार ने सफलता से इबारत लिखी है उससे देश और विदेश में यूपी की छवि बदलने में बड़ा योगदान है। यहीं से विकसित उत्तर प्रदेश की शुरुआत भी हुई है।
Posted on 05 October 2018 by admin
लगभग तीन कि0ग्रा0 एलोपैथिक औषधि लाइडोकेन जब्त की गयी
लखनऊ: 05 अक्टूबर, 2018
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा आयुर्वेदिक निर्माण इकाई
मेसर्स टायनाक्स फार्मा इण्डस्ट्री, ग्राम व पोस्ट बहेड़ी, ब्रहमान थाना
भोजपुर, मुरादाबाद पर छापे की कार्यवाही की गयी। निर्माण इकाई में अब्दुल
वाजिद नाम का व्यक्ति पकड़ा गया और लगभग तीन कि0ग्रा0 एलोपैथिक औषधि
लाइडोकेन जब्त की गयी। प्रकरण में समस्त दोषी व्यक्तियों और फर्मांे के
विरूद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत सुसंगत धाराओं
में विधिक कार्यवाही सम्पादित की गई। यह जानकारी औषधि अनुज्ञापन एवं
नियंत्रण प्राधिकारी, श्री ए0के0जैन ने दी।
श्री जैन ने बताया कि महाराष्ट्र के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन
विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद में स्थित आयुर्वेदिक फर्म
द्वारा निर्मित औषधि जब्त की गयी थी, जिसमें जांच के उपरान्त एलोपैथिक
औषधि-सिडनाफिल सिट्रेट (वियाग्रा) तथा लोकल एनेस्थेटिक्स लिग्नोकेन
उपस्थित पाया गया। इसी क्रम में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग,
उत्तर प्रदेश के औषधि नियंत्रण अधिकारियांे द्वारा आयुर्वेदिक अधिकारियों
के साथ प्रकरण की सघन जाँच के लिए प्रश्नगत निर्माण इकाई का औचक निरीक्षण
किया गया।
औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण प्राधिकारी ने बताया कि आज खाद्य सुरक्षा
एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त (औषधि) श्री आर0पी0पाण्डेय,
मुरादाबाद मण्डल के नेतृत्व में औषधि निरीक्षक, मुरादाबाद श्री राजेश
कुमार, औषधि निरीक्षक अमरोहा, श्री आशुतोष मिश्रा, औषधि निरीक्षक बिजनौर,
श्री अनुरोध कुमार तथा औषधि निरीक्षक रामपुर की टीम ने छापे की कार्यवाही
की।
Posted on 05 October 2018 by admin
लखनऊ 05 अक्टूबर।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी मुख्यालय में आज पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद डाॅ0
संजय सिंह ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है। जब राजधानी में
एप्पल जैसी कम्पनी के मैनेजर की पुलिस द्वारा हत्या कर दी जा रही है और कुछ ही
दिन में जिस प्रकार से राजधानी में ही दो सगे भाईयों की पुलिस थाने के पचास
कदम पर पहले बीस-पच्चीस मिनट तक पीटा गया और उसके बाद गोली मार दी गयी, यह
अपने आपमें दर्शाता है कि सरकार का शासन-प्रशासन पर नियंत्रण नहीं रह गया है।
डाॅ0 संजय सिंह ने सरकार को सचेत करते हुए कहा कि अगर पुलिस फोर्स अपनी वर्दी
पर काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध दर्शा रही है तो इससे गंभीर बात कोई और
हो ही नहीं सकती। उन्होने कहा कि यदि मुख्यमंत्री अपना दायित्व नहीं निभा पा
रहे हैं और शासन-प्रशासन पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें त्यागपत्र
दे देना चाहिए।
उन्होने कहा कि हत्या के बाद दोषियों को पकड़ना ही पुलिस प्रशासन का मकसद नहीं
होना चाहिए यह अपराध कैसे रोका जाय, इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
जनता को बरगलाने के लिए पुलिस ने करीब 1500 इनकाउंटर अपराधियों को पकड़ने में
किये हैं परन्तु उसका कोई फायदा जनता को नहीं मिला बल्कि पुलिस द्वारा ही
निर्दोष लोगों की हत्या की जा रही है। मुख्यमंत्री का ठोंक दो जैसे बयानों ने
ही प्रदेश में कानून व्यवस्था को तार-तार करने का काम किया है और अपराधी ही
नहीं बल्कि पुलिस भी अपराधियों की ही भांति ठोंक दो पर उतर आयी है जिसका
दुष्परिणाम आज प्रदेश के सामने निर्दोष लोगों की हत्या के रूप में सामने आयी
है।
पेट्रोल डीजल पर केन्द्र सरकार ने ढाई रूपये एक्साइज ड्यूटी में कम कर जनता को
भ्रमित करने का काम किया है। 2014 में जब कांग्रेस की सरकार सत्ता से हटी थी
तो पेट्रोल पर 9 रूपये 23 पैसे व डीजल पर 3 रूप्ये 46 रूप्ये प्रति लीटर
एक्साइज ड्यूटी थी जो मोदी सरकार ने बढ़ाकर पेट्रोल पर 19 रूप्ये 28 पैसे व
डीजल पर 15 रूप्ये 33 पैसे प्रति लीटर कर दिया। केन्द्र सरकार ने कहा कि भाजपा
सरकार जिन प्रदेशों में है उसमें ढाई रूपये वैट कम किया गया है पर डाॅ0 संजय
सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की जहां जहां सरकारें हैं वहां वैट
सर्वाधिक है। पाँच राज्यों में चुनावी हार को सामने देख और जनता के भयंकर
गुस्से से घबराकर आज मोदी सरकार ने चींटी जैसी मात्रा में पेट्रोल और डीजल की
कीमतों में सेंट्रल एक्साईज कम करने की घोषणा की। ये इसी प्रकार से है कि जैसे
किसी को सजा-ए-मौत सुना दीजिए और फिर कहिए कि तुम खुश हो जाओ क्योंकि अब
तुम्हारी सजा-ए-मौत उम्रकैद में हमने तब्दील कर दी है। डाॅ0 सिंह ने कहा कि
पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 2014 की भांति केन्द्र सरकार को लेना चाहिए।
डाॅ0 सिंह ने कहा कि आश्चर्य इस बात पर है कि देश में पेट्रोल मंहगा और विदेश
में पेट्रोल यह सरकार सस्ता बेंच रही है।
देश की गृहणियों को भी इस सरकार ने नहीं छोड़ा है निरन्तर रसोई गैस की कीमत
बढ़ाकर हजार रूपये के लगभग कर दिया है जिससे आम जनता भोजन पकाने के लिए परेशान
हो रही है।
सरकार विकास का दावा करती है जबकि रूपया डालर के मुकाबले निरन्तर गिरता जा रहा
है इसका सीधा कारण केन्द्र की मोदी सरकार की आयात-निर्यात नीति का दोषपूर्ण
होना है क्योंकि दिनों-दिन देश में उत्पादन कम हो रहा है जिससे निर्यात कम और
आयात बढ़ रहा है।
डाॅ0 सिंह ने राफेल घोटले पर कहा कि केन्द्र सरकार ने जनता के साथ विश्वासघात
किया है। कांग्रेस एवं विपक्ष के बार-बार कहने के बाद कि 526 करोड़ रु. का
राफेल विमान की कीमत 1670 करोड़ रूप्ये कैसे हो गयी, का जवाब देने के बयान
सरकार मौन है और टालमटोल कर रही है। उन्होने कहा कि देश की जनता जानना चाहती
है कि 41,205 करोड़ रु. किसकी जेब में गया।