समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को चैपट करने के साथ जनसामान्य की जिंदगी को भी तबाह करने का काम किया है। चूंकि भाजपा की प्राथमिकता में कभी गरीब, किसान, नौजवान नहीं रहे हैं इसलिए जनहित की कोई योजना कंेद्र या राज्य की भाजपा सरकारों ने लागू नहीं की। वे कारपोरेट घरानों की सुख सुविधा के विस्तार के काम में ही लगी रही है। इसलिए देश की सारी पूंजी चंद घरानो में ही सिमटकर रह गई है।
भाजपा सरकार कितनी शक्तिहीन है इसीसे पता चलता है कि तेल कंपनियों के साथ प्रधानमंत्री जी और पेट्रोलियम मंत्री की बातचीत भी बेनतीजा रही क्योंकि तेल कंपनियों पर उनका कोई अंकुश नहीं दिखाई दिया। पेट्रोलियम मंत्री जी ने तो साफ कह दिया है कि सरकार तेल कंपनियों के पेट्रोल-डीजल के रोजाना मूल्य समीक्षा में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। हस्तक्षेप भाजपा सरकार करेगी भी कैसे?
सरकार की निष्क्रियता से डीजल के दाम बढ़ने से जहां माल भाड़ा बढ़ गया है वही घरेलू अर्थव्यवस्था भी बिगड़ गई है। एक अप्रैल 2018 को जो डीजल 64.00 रूपए लीटर था 16 अक्टूबर 2018 को वह 73.67 रूपए लीटर हो गया है। थोक मार्केट में 4 रूपये प्रति किलो तक तेल-आटा के दाम बढ़ गए है। माल भाडे़ में अभी 5 फीसदी बढ़त है जो कि सहालग के दिनों में 10 प्रतिशत तक होने की संभावना है। अब बाहर से जो सामान मंगाया जाएगा रास्ते के खर्च जोड़कर वह भी स्वतः क्रेता को मंहगा मिलेगा।
जब से भाजपा ने कंेद्र में और राज्य में सत्ता सम्हाली है वह राष्ट्रीय मसलों पर ठोस नीति नहीं बना सकी है। सब कुछ भगवान के भरोसे चल रहा है। नोटबंदी और जीएसटी ने व्यापक स्तर पर अराजकता फैलाई है। नोटबंदी से न तो आतंकियों पर रोक लगी न पत्थरबाजी रूकी और नहीं कालाधन वापस आया। घरेलू बचत भी इससे समाप्त हो गई। जीएसटी ने व्यापार के समस्त ढांचे को नेस्तनाबूद कर दिया है। इसके फलस्वरूप कई औद्योगिक संस्थानो ने अपने यहां बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी कर दी है।
समाजवादी सरकार में किसानो को मुफ्त सिंचाई सुविधा दी गई थी भाजपा सरकार ने डीजल महंगा कर सिंचाई मंहगी कर दी और किसानों को कर्जदार बनाने का रास्ता बनाने का नया रास्ता खोल दिया है। भाजपा राज में 50 हजार से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके है।
भाजपा के काले कारनामों ने नौजवानों और किसानों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। नौजवानों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार ने जो भर्तियां शुरू की थी, भाजपा की राज्य सरकार ने उन्हंे भी किसी न किसी बहाने रोक दिया है।
आर्थिक मोर्चे पर भाजपा की विफल नीतियांे के चलते देश संकट ग्रस्त हो गया है औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आ रही है। भाजपा के सभी दावे झूठे साबित हुए है। बाहर से निवेश आ नही रहा हैं आयात बढ़ा है जबकि निर्यात मंे गिरावट आई है। स्वास्थ्य योजनाएं ध्वस्त है। कानून व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। महिलाएं एवं बच्चियां तक सुरक्षित नही। अब जनता इससे निजात पाने के लिए व्याकुल है। जनता के सब्र का बांध टूट रहा है बस लोकसभा चुनाव का इंतजार है।