Posted on 10 September 2018 by admin
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी के आवाहन पर पेट्रोल एवं डीजल की मंहगाई से व्यथित आम जनता की पीड़ा और आक्रोश को अभिव्यक्ति देने वाला ‘भारत बन्द’ व्यापारियों एवं आम जन के अभूतपूर्व समर्थन से उत्तर प्रदेश में पूर्ण एवं व्यापक रूप से सफल रहा। इस ऐतिहासिक ‘भारत बन्द’ में आम जनता को कोई परेशानी नहीं हुई।
कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी के आह्वान पर उ0प्र0 में ‘भारत बन्द’ को मिले अपार जन समर्थन पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री राजबब्बर जी ने प्रदेश की जनता एवं व्यापारी वर्ग को व्यक्तिगत रूप से साधुवाद दिया और कहा कि आम जनमानस राहुल जी की आवाज बनने एवं इस संवेदनहीन सरकार के विरूद्ध बन्द में सम्मिलित हो सफल बनाने के लिए बधाई की पात्र है।
‘भारत बन्द’ से अपनी पीड़ा और आक्रोश को अभिव्यक्ति पाती जनता इस बन्द के आह्वान में स्वतः स्फूर्त सम्मिलित हो गयी। सिर्फ आग्रह मात्र से दुकानों के शटर गिरने लगे और जनता बन्द अभियान में सम्मिलित हो इस बन्द को एक जन आन्दोलन का रूप देती दिखाई दी। कांग्रेस के विनम्र आग्रह पर आधारित इस भारत बन्द ने बलात् बन्द की अवधारणा को ध्वस्त कर एक इतिहास कायम किया।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डाॅ0 उमाशंकर पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण शहर बनारस, लखनऊ, गोरखपुर, इलाहाबाद, कानपुर, मेरठ, आजमगढ़, झांसी, आगरा, बलिया, फैजाबाद, उरई, मथुरा, मुरादाबाद, अमरोहा, अलीगढ़, संभल, कुशीनगर, देवरिया, गोण्डा, मिर्जापुर, उन्नाव, जौनपुर, नोएडा, गाजियाबाद, महराजगंज, गोण्डा, बहराइच, हरदोई, बरेली, मुजफ्फरनगर, बांदा, लखीमपुर, सीतापुर, बस्ती, फतेहपुर, सुलतानपुर, अमेठी, रायबरेली, प्रतापगढ़ सहित प्रदेश के सभी जिलों में बन्द पूर्णरूपेण सफल रहा।
आम जनता की जरूरत को विशेष ध्यान रखते हुए चिकित्सा, मेडिकल स्टोर, दैनिक जरूरत एवं खराब होने वाले कच्चे माल जैसी वस्तुओं को बन्द में शामिल नहीं किया गया।
बन्द को मिल रहे अभूतपूर्व जन समर्थन से प्रदेश सरकार विचलित नजर आई तथा कई शहरों में इसकी बौखलाहट भी दिखाई पड़ी जब उन्होने प्रशासन एवं पुलिस के माध्यम से बन्द को असफल बनाने का प्रयास किया उदाहरण स्वरूप मेरठ एवं कानपुर में कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर भय का माहौल बनाने का प्रयास किया गया लेकिन पुलिस की मनमानी नहीं चली। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ विवाद खड़ा करने का असफल प्रयास भी किया।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘भारत बन्द’ का नेतृत्व स्वयं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री राजबब्बर जी, सांसद द्वारा किया गया एवं दर्जनों प्रमुख बाजारों तथा चैराहों पर उनके द्वारा दौरा कर अपील किये जाने व कांग्रेसजनों के आग्रह पर व्यापारिक प्रतिष्ठान पूर्ण रूपेण बन्द के पक्ष में खड़े रहे।
Posted on 10 September 2018 by admin
आज माननीय स्वतंत्र देव सिंह जी (परिवहन मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार) ने औचक निरीक्षण कर रोडवेज कार्यशाला विकास नगर में छापा मारा।वहां के GM मनोज भूषण से मंत्री जी ने नए बसों के निर्माण की गुणवत्ता ,सीट ड्राइविंग, सीट बेल्ट, फर्स्ट एड बॉक्स एवं बस के अंदर के यात्रियों द्वारा मूवमेंट हेतु मिल रहे स्थान,इमरजेंसी खिड़की, इमरजेंसी दरवाजा, नई चेचिस की स्ट्रेंथ,& महिला, दिव्यांग,सांसद,विधायक एवं पत्रकार सीट को नोटेड(नेम प्लेट) आदि की जांच की।
सभी उपस्थिति कर्मचारियों से, उनकी समस्याओं को,बुलाकर सुना। तथा गायब 15 कर्मचारियों की छुट्टी एप्लीकेशन एवं उपस्थिति रजिस्टर को चेक किया। जिसमें 3 कर्मचारियों के बिना सूचना गायब रहने पर जीएम से स्पष्टीकरण लिखित मांगा तथा कार्यवाही का निर्देश दिया। एक कैंसर पीड़ित कर्मचारी पिछले 3 महीने से छुट्टी पर है की जानकारी मिलने पर माननीय मंत्री जी ने उसकी यथा संभव मदद करने एवं कराने का मौखिक निर्देश दिया मौके पर प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष BJP कानपुर सुरेंद्र मैथानी,विधायक अभिजीत सिंह सांगा,दीप अवस्थी,छोटे यादव, अंशु सिंह सेंगर,राहुल कटियार,पवन गुप्ता,मनु गोयल एवं सभी अधिकारी गण तथा आर.टी.ओ के समस्त अधिकारी उपस्थित थे
Posted on 10 September 2018 by admin
लखनऊ 10 सितम्बर 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा है कि देश की जनता भाजपा नेतृत्व के एनडीए के साथ है और उसका भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी में है। देश तेजी से कांग्रेस और उसके भ्रष्टाचार से मुक्त हो रहा है। कांग्रेस जनविरोधी, स्वार्थी, नकारात्मक और भ्रष्टाचार की राजनीति करने वाले विपक्ष को साथ लेने के लिए गठबंधन करने की कोशिश कर रही है। इसके बावजूद तमाम विपक्षी दल कांग्रेस के साथ नही है। उत्तर प्रदेश में सपा व बसपा दोनों कांग्रेस के बंद से अलग है। सपा-बसपा परिवारवादी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली पार्टियां है। बसपा-सपा की प्रदेश की सरकारों के भ्रष्टाचार व पाप जनता को अच्छी तरह याद है।
श्री शुक्ला ने कहा कि कथित महागठबंधन की बात करने वाले विपक्ष को बताना चाहिए कि मनरेगा, एनआरएचएम में हुए घोटाले की जांच हाईकोर्ट के आदेश से सीबीआई को सौंपी गई। लखनऊ में दो सीएमओ की मौत की घटना लोग अभी तक भूले नही है। 11 सरकारी चीनी मिलों को औने-पौने में किसने बेंचा? जनता जानती है कि खूली लूट के कारण उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त को बसपा सरकार के दौरान क्यों 22 मंत्रियों को दोषी मानते हुए रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। कांग्रेस सरकार में हुए मेरठ मलियाना, हाशिमपुरा, अलीगढ़ के दंगों के साथ 2013 में सपा सरकार के दौरान मुजफ्फरनगर के दंगों में 67 मौतें और 50 हजार लोगों को लंबे समय तक राहत शिविरों में क्यों रहना पड़ा?
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सपा सरकार के दौरान हर साल 300 से अधिक दंगों ने प्रदेश के सद्भाव को बिगाड़ कर रख दिया था। उत्तर प्रदेश की जनता को याद है कि वह होली, दीवाली, ईद-बकरीद सहित कोई भी त्यौहार शांति पूर्वक नही मना सकते थे। तीन चार जिलों को छोड़ कर क्यों पूरा प्रदेश अंधेरे में डूबा रहता था? क्यों इन्ही तीन चार जिलों के एक जाति के लोगों को सरकारी नौकरियां दी जाती थी? क्यों पांच आयोगों के अध्यक्षों को हाईकोर्ट को बर्खास्त करना पड़ा? प्रदेश की जनता सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व बसपा मुखिया मायावती को अच्छी तरह से समझती है। जनता को पता है प्रदेश के विकास का पैसा इनकी सरकारों में कैसे लूटा गया था।
Posted on 09 September 2018 by admin
आगामी त्योहार मोर्हरम के अवसर पर प्रदेश में कड़ी चैकसी बरत कर
हर हाल में साम्प्रदायिक सद्भाव एवं सौहार्द बनाए रखा जाए: अरविन्द कुमार
संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलिस पिकेटिंग एवं पेट्रोलिंग के
माध्यम से निरन्तर निगरानी रखना अनिवार्य: प्रमुख सचिव, गृह
समस्त महानिरीक्षकों, पुलिस उप महानिरीक्षकों एवं
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को प्रमुख सचिव, गृह ने दिये कड़े निर्देश
लखनऊ: 09 सितम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश में और अधिक बेहतर कानून-व्यवस्था बनाने हेतु अराजक तत्वों एवं भू-माफियाओं के विरूद्ध अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी एवं निजी सम्पत्तियों पर अवैध कब्जा करने वालों के विरूद्ध प्राप्त हो रही शिकायतों पर यथाशीघ्र कार्यवाही गठित एन्टी भू-माफिया टास्क फोर्स के माध्यम से सुनिश्चित कराई जाए।
प्रमुख सचिव, गृह श्री अरविन्द कुमार ने यह निर्देश समस्त महानिरीक्षकों, पुलिस उप महानिरीक्षकों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न मण्डलों एवं जनपदों में तैनात पुलिस अधिकारियों छोटी-छोटी संभावित घटनाओं को घटित होने से रोकने के लिये प्रभावी कार्रवाईयां सुनिश्चित कराई जाएं। उन्होंने कहा कि कोई भी घटना घटित होने के तत्काल बाद घटनास्थल पर सम्बन्धित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को स्वयं जाकर यथाशीघ्र आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करानी होगी ताकि कोई भी अप्रिय घटना की पुनरावृत्ति कतई न होने पाए।
प्रमुख सचिव, गृह ने आगामी त्योहार मोर्हरम के अवसर पर प्रदेश में कड़ी चैकसी बरतने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मोर्हरम के अवसर पर कड़ी चैकसी बरतते हुये हर हाल में साम्प्रदायिक सद्भाव एवं सौहार्द बनाए रखा जाए। उन्होंने कहा कि उपद्रवी व असमाजिक तत्वों को चिन्हित कर उन पर कड़ी निगरानी करते हुये सख्त निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलिस पिकेटिंग एवं पेट्रोलिंग के माध्यम से निरन्तर निगरानी रखने के निर्देश दिये।
श्री अरविन्द कुमार द्वारा दिये गये निर्देशों में कहा गया कि जनपदीय अधिकारी अपने अभिसूचना तंत्र को सुदृढ़ करें। इस मौके पर यातायात प्रबन्धन एवं यातायात परिवर्तन जैसे कार्य पूरी सजगता एवं स्थानीय स्थितियों की संवेदनशीलता को ध्यान में रख कर सुनिश्चित किया जाए, ताकि नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा तथा अप्रिय घटना घटित न होने पाए।
प्रमुख सचिव, गृह द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया कि वरिष्ठ अधिकारी छोटी से छोटी घटनाओं की अनदेखी न करें और ऐसे मामलों को और बिगड़ने से रोकने हेतु पहले से ही सचेत होकर आवश्यक कार्यवाही स्थानीय स्तर पर सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि शान्ति एवं व्यवस्था के माहौल को बिगाड़ने वाले तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।
Posted on 09 September 2018 by admin
लखनऊ: 09 सितम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने राज्य विधान मण्डल से पारित ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2018’ को राष्ट्रपति को संदर्भित कर दिया है। उक्त विधेयक केन्द्रीय कानून को प्रभावित करता है, इस पर राष्ट्रपति की अनुमति आवश्यक है। अतः राज्यपाल ने राज्य सरकार के प्रस्ताव पर ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2018’ को राष्ट्रपति की अनुमति हेतु संदर्भित किया है।
‘दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2018’ के माध्यम से पूर्व में अधिनियमित ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973’ में धारा-438 को जोड़कर प्रदेश में अग्रिम जमानत की व्यवस्था को प्रभावी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973’ की अग्रिम जमानत से संबंधित धारा-438 को ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम 1976’ द्वारा निकाल दिया गया था।
Posted on 09 September 2018 by admin
अटल जी की कविताओं का उर्दू अनुवाद एक अच्छी पहल है - राज्यपाल
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लखनऊ: 09 सितम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित मासिक उर्दू साहित्य पत्रिका ‘नया दौर’ के ‘अटल विशेषांक’ का आज राजभवन में विमोचन किया। माह अगस्त 2018 के विशेषांक में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी पर एक विशेष परिशिष्ट प्रकाशित किया गया है जिसमें अटल जी की कवितायें तथा उनके लेखों को उर्दू में अनुवाद करके प्रकाशित किया गया है। इस विशेष परिशिष्ट में 34 गैर मुस्लिम समकालीन उर्दू कवि एवं लेखकों की उत्कृष्ट रचनाओं का भी समावेश किया गया है। इस अवसर पर निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश डाॅ0 उज्जवल कुमार, नया दौर पत्रिका के सम्पादक श्री सुहैल वहीद, उर्दू प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आकाशवाणी श्री प्रतुल जोशी, श्री प्रवेश मलिकजादा, श्री तारिक कमर, श्री रफत नईम, श्री सलीम अहमद, श्री वकार रिज़वी सहित अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने विमोचन के पश्चात अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि अटल जी की कविताओं का उर्दू अनुवाद एक अच्छी पहल है। विशेषांक में श्री रत्न सिंह, श्री गुलजार दहेलवी, श्री खुशबीर सिंह ‘शाद’, सुश्री नलिनी विभा, श्री कृष्ण भावुक, श्री सिया सचदेवा व अन्य गैर मुस्लिम कवियों एवं लेखकों की कृतियों को शामिल करके यह बताने का अच्छा प्रयास किया गया है कि उर्दू केवल मुस्लिमों की भाषा नहीं है। हिन्दी के बाद देश भर में उर्दू दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। वास्तव में उर्दू भाषा हिन्दी की छोटी बहन है। उर्दू में अनुवादित अटल जी की कविताओं को उर्दू भाषियों तक पहुंचाने का ‘नया दौर’ ने सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि समाज के सामने यह लाने की जरूरत है कि भाषायें एक-दूसरे को जोड़ने का माध्यम हैं।
श्री नाईक ने अटल बिहारी वाजपेयी से अपने पांच दशकों के संबंध का उल्लेख करते हुये कहा कि अटल जी की सहजता उनकी विशेषता थी और उन्हें लोगों को अपना बनाने की कला आती थी। कविता पढ़ने का उनका विशेष अंदाज था। स्वर्गीय अटल जी की विशेषता है कि लखनऊ से सांसद रहते हुये वे तीन बार प्रधानमंत्री बने पर उन्होंने लखनऊ में अपना कोई निजी मकान नहीं बनाया। प्रधानमंत्री रहते हुये राजभवन को उनके आतिथ्य का अनेक बार अवसर मिला। राज्यपाल ने बताया कि 1994 में जब उन्हें कैंसर हुआ तब वे कई संसदीय समितियों के अध्यक्ष, सदस्य तथा चीफ व्हिप थे तथा अटल जी विपक्ष के नेता थे। अपनी बीमारी की जानकारी देते हुये अटल जी को अपना इस्तीफा सौपा की ‘पता नहीं कब आऊंगा या नहीं आऊंगा, इसलिये अपना इस्तीफा दे रहा हूँ।’ अटल जी ने जिम्मेदारी दूसरों को देते हुये प्रोत्साहित करने की दृष्टि से मुझसे पूरे विश्वास से कहा कि ‘आपको आना ही पड़ेगा।’ राज्यपाल ने कहा कि ऐसे कठिन समय पर प्रोत्साहित करना कोई अटल जी से सीखे। उन्होंने कहा कि अटल जी उन्हें देखने कई बार मुंबई भी आये।
सूचना निदेशक डाॅ0 उज्जवल कुमार ने राज्यपाल का स्वागत करते हुये कहा कि नया दौर पत्रिका काफी लोकप्रिय है। लगभग 3,500 प्रतियाँ प्रतिमाह प्रकाशित की जा रही हैं। स्वर्गीय अटल जी पर आधारित यह विशेषांक उर्दू साहित्य के शोधार्थियों के काम आयेगा। उन्होंने नया दौर की सम्पादकीय टीम की सराहना भी की।
श्री सुहैल वहीद सम्पादक नया दौर ने विशेषांक के बारे में अपने विचार रखते हुये बताया कि इस अंक में आॅस्कर, ग्रेमी अवार्ड एवं दर्जनों अन्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले विश्व विख्यात गीतकार गुलजार की भी ‘ऩज्में’ इस अंक में प्रकाशित की गयी हैं।
Posted on 08 September 2018 by admin
यह समिति दोषियों का उत्तरदायित्व निर्धारित
करते हुए सात दिन के अन्दर अपनी आख्या प्रस्तुत करेगी
अनियमितताओं के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पायी गईं सचिव,
परीक्षा नियामक प्राधिकारी श्रीमती सुत्ता सिंह को तत्काल प्रभाव
से निलम्बित कर उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाई प्रारम्भ करने के निर्देश
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में बेसिक शिक्षा परिषद तथा सचिव,
परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद के रिक्त पदों पर अधिकारियों की तैनाती की गई
लखनऊ: 08 सितम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने हाल ही में सम्पन्न हुई 68,500 सहायक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में संज्ञान में आयी अनियमित्ताओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। यह समिति दोषियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए सात दिन के अन्दर अपनी आख्या प्रस्तुत करेगी। उन्होंने अनियमितताओं के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पायी गईं सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी श्रीमती सुत्ता सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाई प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। निलम्बन की अवधि में इन्हें निदेशक बेसिक शिक्षा के लखनऊ कार्यालय से सम्बद्ध किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने बेसिक शिक्षा परिषद तथा सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद के रिक्त पदों पर अविलम्ब अधिकारियों की तैनाती किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुपालन में शासन द्वारा प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री संजय आर0 भूसरेड्डी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है। निदेशक सर्व शिक्षा अभियान श्री वेदपति मिश्रा तथा निदेशक बेसिक शिक्षा श्री सर्वेंद्र विक्रम सिंह को इस समिति का सदस्य नामित किया गया है।
ज्ञातव्य है कि इस प्रकरण में एक रिट याचिका संख्या 24172/2018 सोनिका देवी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में मा0 उच्च न्यायालय द्वारा यह संवीक्षण किया गया है कि इस प्रकरण में मूल्यांकन के समय अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका ही बदल दी गयी। इस सम्बन्ध में प्रदेश के महाधिवक्ता द्वारा मा0 उच्च न्यायालय में यह ंेेनतंदबम दिया गया है कि शासन स्तर पर इस सम्बन्ध में आवश्यक जाॅच कराने के पश्चात, इसमें जो भी व्यक्ति दोषी पाये जायेंगे उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
यह भी उल्लेखनीय है कि इसी भर्ती परीक्षा के सम्बन्ध में 23 ऐसे अभ्यर्थियों की सूची भी प्राप्त हुई जो अनक्वालिफाइड थे, लेकिन उन्हें परीक्षा में क्वालीफाइड बताया गया। संज्ञान में आने पर इन सभी की नियुक्तियाॅ परिषद के माध्यम से रोक दी गयी हैं। प्रथम दृष्टया परीक्षा के मूल्यांकन में तथा परिणाम घोषित होने में गम्भीर अनियमित्ताएं परिलक्षित हुईं हैं, जिसमें और अधिक जाॅच की आवश्यकता है, ताकि सभी दोषियों के विरूद्ध एक्जेम्प्लरी कार्यवाही की जा सके। प्रकरण में कार्रवाई की प्रभावी मिसाल स्थापित करते हुए वरिष्ठ स्तर पर जिम्मेदारी निर्धारित करने के लिए मुख्यमंत्री जी ने यह निर्णय लिए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद तथा सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी, इलाहाबाद के रिक्त पदों पर तत्काल अधिकारियों की नियुक्ति किए जाने सम्बन्धी मुख्यमंत्री जी के आदेशों के क्रम में अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ श्रीमती रूबी सिंह को सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के पद पर तैनात किया गया है। इसी प्रकार बेसिक शिक्षा विभाग के निवर्तन पर श्रीमती ललिता प्रदीप को अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ तथा संयुक्त शिक्षा निदेशक मेरठ श्री अनिल भूषण चतुर्वेदी को निदेशक राज्य विज्ञान संस्थान इलाहाबाद एवं सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद के पद पर तैनात किया गया है।
रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं इलाहाबाद, उ0प्र0 श्री जीवेन्द्र सिंह ऐरी को वरिष्ठ प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कौशाम्बी तथा संयुक्त निदेशक सर्व शिक्षा अभियान लखनऊ श्री अजय कुमार को रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं इलाहाबाद के पद पर तैनात किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ श्री पवन सचान को संयुक्त निदेशक सर्व शिक्षा अभियान लखनऊ तथा उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद श्री भगवती सिंह को बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यों हेतु शासन से सम्बद्ध किया गया है।
Posted on 08 September 2018 by admin
लखनऊ: 08 सितम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने राज्य विधान मण्डल द्वारा पारित (1) उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (आस्तियों एवं दायित्वों का अन्तरण) विधेयक 2018, (2) उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक 2018, (3) उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक 2018, (4) उत्तर प्रदेश लोकतंत्र सेनानी सम्मान (संशोधन) विधेयक 2018, (5) उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2018, (6) उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2018, एवं (7) उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (उपयोग ओर निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2018 को अपनी अनुमति प्रदान कर दी है।
‘उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (आस्तियों एवं दायित्वों का अन्तरण) विधेयक 2018’ के माध्यम से कम्पनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत गठित उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड की आस्तियों, दायित्वों, शक्तियों, क्रियाकलापों व कर्मचारियों को ‘उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास क्षेत्र अधिनियम 1976’ की धारा-3 के अंतर्गत गठित उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण में अंतरित किया गया है।
‘उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक 2018’ द्वारा उत्तर प्रदेश की विधिक प्रणाली को सुगम बनाने एवं सुधार लाने की दृष्टि से वर्ष 1976 से पूर्व के स्थापित ऐसे 95 अधिनियमों को निरसित किया गया है जो वर्तमान में अप्रचलित एवं अनावश्यक हो चुके हैं।
‘उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक 2018’ के माध्यम से पूर्व में अधिनियमित ‘उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम 1980’ की धारा 3-ड. की उपधारा(1) में संशोधन किया गया है। विधेयक द्वारा ऐसे अध्यापकों, जो शासनादेश दिनांक 7 अप्रैल 1998 के उपबंधों के अनुसार दिनांक 29 मार्च 2011 को या उसके पूर्व सहायता अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में नियुक्त हों और इस अधिनियम के प्रारम्भ होने पर कार्यरत हों और मानदेय प्राप्त कर रहे हों, की सेवाओं को विनियमित करने का निर्णय लिया गया है।
‘उत्तर प्रदेश लोकतंत्र सेनानी सम्मान (संशोधन) विधेयक 2018’ के माध्यम से पूर्व में अधिनियमित ‘उत्तर प्रदेश लोकतंत्र सेनानी सम्मान अधिनियम 2016’ की धारा-6 की उपधारा (1) में संशोधन किया गया है। ‘उत्तर प्रदेश लोकतंत्र सेनानी सम्मान अधिनियम 2016’ द्वारा लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान राशि, निःशुल्क परिवहन सुविधा और निःशुल्क चिकित्सा सुविधा अनुमन्य है। लोकतंत्र सेनानी की मृत्यु की दशा में यथास्थिति उनकी पत्नी अथवा पति को उक्त सुविधायें अनुमन्य होंगी। परन्तु 2016 के अधिनियम प्रारम्भ होने के पूर्व जिन लोकतंत्र सेनानियों की मृत्यु हुई थी उनके उत्तराधिकारी पत्नी या पति को उक्त सुविधायें नहीं प्राप्त हो रही थी। ‘उत्तर प्रदेश लोकतंत्र सेनानी सम्मान (संशोधन) विधेयक 2018’ द्वारा 2016 के अधिनियम के पूर्व जिन लोकतंत्र सेनानियों की मृत्यु हुई थी उनके उत्तराधिकारियों को भी सम्मान राशि, निःशुल्क परिवहन सुविधा और निःशुल्क चिकित्सा सुविधा अनुमन्य की गई है।
‘उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2018’ के माध्यम से उत्तर प्रदेश में चीनी कारखानों द्वारा उत्पादित शीरा के नियंत्रण, भण्डारण, श्रेणीकरण, कीमत और उसकी आपूर्ति एवं वितरण के लिए अधिनियमित किये गये ‘उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण अधिनियम 1964’ की कतिपय धाराओं में संशोधन कर आर्थिक दण्ड की धनराशि में वृद्धि की गयी है तथा अवैध शीरा तथा ऐसे पात्र या पैकेज जिसमें शीरा रखा गया हो, को ले जाने में प्रयुक्त कोई पशु, गाड़ी, जलयान, कंटेनर या वाहन को जब्त करने का प्राविधान किया गया है।
‘उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2018’ द्वारा पूर्व में अधिनियमित ‘उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण अधिनियम 1964’ की धारा 2 के खण्ड-(घ) में शीरे की परिभाषा को संशोधित किया गया है। शीरे की परिभाषा में बी-हैवी मोलासेस को शामिल किया गया है जिसमें अपेक्षाकृत अधिक शर्करायुक्त अंश होते हैं। पेट्रोलियम आयातों को कम करने तथा विदेशी मुद्रा की बचत के उद्देश्य से भारत सरकार ने शीरे से एथनाॅल के उत्पादन की योजना बनायी है तथा पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनाॅल मिश्रित करने का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार की मंशा के अनुरूप बी-हैवी मोलासेस से अधिक एथनाॅल उत्पादन के लिये शीरे की परिभाषा में संशोधित कर बी-हैवी मोलासेस को जोड़ा गया है।
‘उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (उपयोग ओर निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2018’ द्वारा पूर्व में अधिनियमित ‘उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (उपयोग ओर निस्तारण का विनियमन) अधिनियम 2000’ की कतिपय धाराओं में संशोधन कर राज्य के अंतर्गत एक बार उपयोग वाले पाॅलीथीन/प्लास्टिक कैरी बैग और थर्माेकोल की वस्तुओं के उपयोग को रोकने हेतु प्राधिकृत अधिकारियों को किसी स्थान में प्रवेश और निरीक्षण करने के लिये सशक्त बनाने, ऐसी वस्तुओं के उपयोग, विनिर्माण, विक्रय, वितरण, भण्डारण, परिवहन, आयात या निर्यात को रोकने, दण्ड बढ़ाने तथा अधिनियम में थर्मोकोल को सम्मिलित करने का प्राविधान किया गया है।
Posted on 08 September 2018 by admin
लखनऊ : 8 सितम्बर 2018: आज यू०पी०डब्लू०जे०यू० की लखनऊ इकाई का प्रतिनिधि मंडल आज परिवहन राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री स्वतंत्र देव सिंह से उनके आवास पर मिला और पत्रकारों को परिवहन बसों में ऑनलाइन सीट बुकिंग की सुविधा प्रदान करने का ज्ञापन दिया | प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व लखनऊ जिला इकाई के अध्यक्ष शिव शरण सिंह ने किया | इस अवसर पर लखनऊ इकाई के महामंत्री के० विश्वदेव राव ने परिवहन मंत्री से परिवहन बसों में पत्रकार की आरक्षित सीटों को लिपिबद्ध कराने का आग्रह किया | विश्वदेव ने मंत्री जी को बताया की इस तरह की व्यवस्था पहले हुआ करती थी पर किसी कारण नयी बसों में इस तरह की व्यस्था नहीं है, जिस से पत्रकार साथिओं को कठिनाई होती है| संगठन के वरिष्ठ साथी अविनाश शुक्ला ने पत्रकारों को सीट बुकिंग की समय सीमा से मुक्त किये जाने का प्रस्ताव रखा | उन्होंने परिवहन मंत्री को बताया कि अभी पत्रकारों को 4 घंटे पहले बस स्टेशन पर दूरभाष या स्वयं जा कर सीट आरक्षित करानी पड़ती है | श्री शुक्ला के प्रस्ताव पर परिवाहन मंत्री ने कहा की वे इस समय सीमा को घटा कर “एक” घंटा कर देंगे |
विस्तृत चर्चा के दौरान परिवाहन मंत्री और प्रतिनिधि मंडल के बीच पत्रकारों और आम-जन की परिवहन से संबंधित कई समस्याओ पर वार्ता हुई। कई सुझावों का आदान-प्रदान भी हुआ | वरिष्ठ पत्रकार आशीष कुमार सिंह एवं मनीष पाण्डेय ने कुछ माह पूर्व चालू हुई ऑनलाइन व्यवस्था के विषय में लोगों को प्रशिक्षित करने और उसको और सरल बनाने का सुझाव दिया | इस पर परिवाहन मंत्री ने बताया की वे इस तरह के प्रशिक्षण शिविर लगाने का निर्देश दें चुकें है और इसे और प्रभावी तरीके से लागू करवाएंगे |
इस अवसर पर प्रमुख रूप से अमरेन्द्र प्रताप सिंह, आशीष कुमार सिंह, डी०पी० शुक्ल, आशुतोष श्रीवास्तव, मनीष पाण्डेय, दिनेश त्रिपाठी, आशीष सिंह, अतुल शुक्ल, हिमान्शु दीक्षित, नितिन श्रीवास्तव, दुर्गेश दीक्षित, सुशील अवस्थी, हिमान्शु चौहान, शिव विजय सिंह, संदीप मिश्रा एवं अन्य साथी उपस्थित थे |
Posted on 07 September 2018 by admin
लखनऊ : 7 सितम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक से आज केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री रामदास अठावले ने राजभवन में शिष्टाचारिक भेंट की।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल श्री राम नाईक एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री रामदास अठावले दोनों ही महाराष्ट्र के सांगली जनपद के रहने वाले हैं।