Posted on 09 September 2018 by admin
आगामी त्योहार मोर्हरम के अवसर पर प्रदेश में कड़ी चैकसी बरत कर
हर हाल में साम्प्रदायिक सद्भाव एवं सौहार्द बनाए रखा जाए: अरविन्द कुमार
संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलिस पिकेटिंग एवं पेट्रोलिंग के
माध्यम से निरन्तर निगरानी रखना अनिवार्य: प्रमुख सचिव, गृह
समस्त महानिरीक्षकों, पुलिस उप महानिरीक्षकों एवं
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को प्रमुख सचिव, गृह ने दिये कड़े निर्देश
लखनऊ: 09 सितम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश में और अधिक बेहतर कानून-व्यवस्था बनाने हेतु अराजक तत्वों एवं भू-माफियाओं के विरूद्ध अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी एवं निजी सम्पत्तियों पर अवैध कब्जा करने वालों के विरूद्ध प्राप्त हो रही शिकायतों पर यथाशीघ्र कार्यवाही गठित एन्टी भू-माफिया टास्क फोर्स के माध्यम से सुनिश्चित कराई जाए।
प्रमुख सचिव, गृह श्री अरविन्द कुमार ने यह निर्देश समस्त महानिरीक्षकों, पुलिस उप महानिरीक्षकों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न मण्डलों एवं जनपदों में तैनात पुलिस अधिकारियों छोटी-छोटी संभावित घटनाओं को घटित होने से रोकने के लिये प्रभावी कार्रवाईयां सुनिश्चित कराई जाएं। उन्होंने कहा कि कोई भी घटना घटित होने के तत्काल बाद घटनास्थल पर सम्बन्धित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को स्वयं जाकर यथाशीघ्र आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करानी होगी ताकि कोई भी अप्रिय घटना की पुनरावृत्ति कतई न होने पाए।
प्रमुख सचिव, गृह ने आगामी त्योहार मोर्हरम के अवसर पर प्रदेश में कड़ी चैकसी बरतने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मोर्हरम के अवसर पर कड़ी चैकसी बरतते हुये हर हाल में साम्प्रदायिक सद्भाव एवं सौहार्द बनाए रखा जाए। उन्होंने कहा कि उपद्रवी व असमाजिक तत्वों को चिन्हित कर उन पर कड़ी निगरानी करते हुये सख्त निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलिस पिकेटिंग एवं पेट्रोलिंग के माध्यम से निरन्तर निगरानी रखने के निर्देश दिये।
श्री अरविन्द कुमार द्वारा दिये गये निर्देशों में कहा गया कि जनपदीय अधिकारी अपने अभिसूचना तंत्र को सुदृढ़ करें। इस मौके पर यातायात प्रबन्धन एवं यातायात परिवर्तन जैसे कार्य पूरी सजगता एवं स्थानीय स्थितियों की संवेदनशीलता को ध्यान में रख कर सुनिश्चित किया जाए, ताकि नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा तथा अप्रिय घटना घटित न होने पाए।
प्रमुख सचिव, गृह द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया कि वरिष्ठ अधिकारी छोटी से छोटी घटनाओं की अनदेखी न करें और ऐसे मामलों को और बिगड़ने से रोकने हेतु पहले से ही सचेत होकर आवश्यक कार्यवाही स्थानीय स्तर पर सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि शान्ति एवं व्यवस्था के माहौल को बिगाड़ने वाले तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।
Posted on 09 September 2018 by admin
लखनऊ: 09 सितम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने राज्य विधान मण्डल से पारित ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2018’ को राष्ट्रपति को संदर्भित कर दिया है। उक्त विधेयक केन्द्रीय कानून को प्रभावित करता है, इस पर राष्ट्रपति की अनुमति आवश्यक है। अतः राज्यपाल ने राज्य सरकार के प्रस्ताव पर ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2018’ को राष्ट्रपति की अनुमति हेतु संदर्भित किया है।
‘दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2018’ के माध्यम से पूर्व में अधिनियमित ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973’ में धारा-438 को जोड़कर प्रदेश में अग्रिम जमानत की व्यवस्था को प्रभावी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973’ की अग्रिम जमानत से संबंधित धारा-438 को ‘दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम 1976’ द्वारा निकाल दिया गया था।
Posted on 09 September 2018 by admin
अटल जी की कविताओं का उर्दू अनुवाद एक अच्छी पहल है - राज्यपाल
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लखनऊ: 09 सितम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित मासिक उर्दू साहित्य पत्रिका ‘नया दौर’ के ‘अटल विशेषांक’ का आज राजभवन में विमोचन किया। माह अगस्त 2018 के विशेषांक में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी पर एक विशेष परिशिष्ट प्रकाशित किया गया है जिसमें अटल जी की कवितायें तथा उनके लेखों को उर्दू में अनुवाद करके प्रकाशित किया गया है। इस विशेष परिशिष्ट में 34 गैर मुस्लिम समकालीन उर्दू कवि एवं लेखकों की उत्कृष्ट रचनाओं का भी समावेश किया गया है। इस अवसर पर निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश डाॅ0 उज्जवल कुमार, नया दौर पत्रिका के सम्पादक श्री सुहैल वहीद, उर्दू प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आकाशवाणी श्री प्रतुल जोशी, श्री प्रवेश मलिकजादा, श्री तारिक कमर, श्री रफत नईम, श्री सलीम अहमद, श्री वकार रिज़वी सहित अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने विमोचन के पश्चात अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि अटल जी की कविताओं का उर्दू अनुवाद एक अच्छी पहल है। विशेषांक में श्री रत्न सिंह, श्री गुलजार दहेलवी, श्री खुशबीर सिंह ‘शाद’, सुश्री नलिनी विभा, श्री कृष्ण भावुक, श्री सिया सचदेवा व अन्य गैर मुस्लिम कवियों एवं लेखकों की कृतियों को शामिल करके यह बताने का अच्छा प्रयास किया गया है कि उर्दू केवल मुस्लिमों की भाषा नहीं है। हिन्दी के बाद देश भर में उर्दू दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। वास्तव में उर्दू भाषा हिन्दी की छोटी बहन है। उर्दू में अनुवादित अटल जी की कविताओं को उर्दू भाषियों तक पहुंचाने का ‘नया दौर’ ने सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि समाज के सामने यह लाने की जरूरत है कि भाषायें एक-दूसरे को जोड़ने का माध्यम हैं।
श्री नाईक ने अटल बिहारी वाजपेयी से अपने पांच दशकों के संबंध का उल्लेख करते हुये कहा कि अटल जी की सहजता उनकी विशेषता थी और उन्हें लोगों को अपना बनाने की कला आती थी। कविता पढ़ने का उनका विशेष अंदाज था। स्वर्गीय अटल जी की विशेषता है कि लखनऊ से सांसद रहते हुये वे तीन बार प्रधानमंत्री बने पर उन्होंने लखनऊ में अपना कोई निजी मकान नहीं बनाया। प्रधानमंत्री रहते हुये राजभवन को उनके आतिथ्य का अनेक बार अवसर मिला। राज्यपाल ने बताया कि 1994 में जब उन्हें कैंसर हुआ तब वे कई संसदीय समितियों के अध्यक्ष, सदस्य तथा चीफ व्हिप थे तथा अटल जी विपक्ष के नेता थे। अपनी बीमारी की जानकारी देते हुये अटल जी को अपना इस्तीफा सौपा की ‘पता नहीं कब आऊंगा या नहीं आऊंगा, इसलिये अपना इस्तीफा दे रहा हूँ।’ अटल जी ने जिम्मेदारी दूसरों को देते हुये प्रोत्साहित करने की दृष्टि से मुझसे पूरे विश्वास से कहा कि ‘आपको आना ही पड़ेगा।’ राज्यपाल ने कहा कि ऐसे कठिन समय पर प्रोत्साहित करना कोई अटल जी से सीखे। उन्होंने कहा कि अटल जी उन्हें देखने कई बार मुंबई भी आये।
सूचना निदेशक डाॅ0 उज्जवल कुमार ने राज्यपाल का स्वागत करते हुये कहा कि नया दौर पत्रिका काफी लोकप्रिय है। लगभग 3,500 प्रतियाँ प्रतिमाह प्रकाशित की जा रही हैं। स्वर्गीय अटल जी पर आधारित यह विशेषांक उर्दू साहित्य के शोधार्थियों के काम आयेगा। उन्होंने नया दौर की सम्पादकीय टीम की सराहना भी की।
श्री सुहैल वहीद सम्पादक नया दौर ने विशेषांक के बारे में अपने विचार रखते हुये बताया कि इस अंक में आॅस्कर, ग्रेमी अवार्ड एवं दर्जनों अन्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले विश्व विख्यात गीतकार गुलजार की भी ‘ऩज्में’ इस अंक में प्रकाशित की गयी हैं।