Posted on 14 March 2018 by admin
लखनऊ: 14 मार्च, 2018
राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के संचालन हेतु चालू वित्तीय वर्ष के लिए द्वितीय किश्त के रुप में 25 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है।
इस संबंध में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि परिषद के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी, जिसमें से प्रथम किश्त के रुप में 25 लाख रुपये की धनराशि पूर्व में जारी की जा चुकी है।
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लखनऊ 14 मार्च 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर विगत सहकारिता चुनाव की समीक्षा एवं आगामी चुनावी रणनीति पर विमर्श हुआ। प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल ने कहा कि सहकारिता चुनाव में भाजपा की सहभागिता से किसान की समृद्धि और संगठन की मजबूती का लक्ष्य है। सहकारिता बैठक मंे क्षेत्र एवं जिलों के सहकारिता प्रभारियों का प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल, सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, प्रदेश महामंत्री एवं सहकारिता प्रभारी विद्यासागर सोनकर ने किया मार्गदर्शन, प्रदेश मंत्री शंकर गिरि ने संचालन किया तथा वृत्त लिया ।
भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल ने सहकारिता बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में भाजपा की पैठ बढ़े इसके पीछे किसानों की आर्थिक समृद्धि और पार्टी की मजबूती ही एक मात्र लक्ष्य है। इसलिए सहकारिता के माध्यम से पार्टी की मंशा के अनुरूप काम करना है। विगत सहकारिता चुनावों में भाजपा ने कीर्तिमान रचते हुए 80 फीसदी से अधिक सीटों पर विजय पताका फहराई थी।
बैठक में साधन सहकारी समितियों, सहकारी संघों एवं क्रय-विक्रय समितियों के चुनाव की समीक्षा की गई तथा डीसीडीएफ, केन्द्रीय उपभोक्ता भंडार एवं जिला सहकारी बैंकों के चुनाव की रणनीति पर विमर्श एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि सहकारिता चुनाव अब तक निष्पक्ष एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत सम्पन्न हुए है, आगे भी निष्पक्ष चुनावों के लिए सरकार संकल्पित है।
प्रदेश महामंत्री एवं सहकारिता प्रभारी विद्यासागर सोनकर ने कहा कि सहकारिता एक आंदोलन है। जन-जन तक इस आंदोलन को लेकर जाना है। सहकारिता के क्षेत्र में जितने अधिक भाजपाई जीतेंगे उतना ही सहकारिता आंदोलन प्रभावी होगा। गांव, गरीब, किसान की उन्नति सहकारिता के माध्यम से तेज गति से होगी। पं0 दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय को सहकारिता के माध्यम से भाजपा प्रभावी रूप से साकार करेगी । इसके लिए हमें आगामी सहकारिता चुनावों में भाजपा की अधिकतम जीत सुनिश्चिम करना है।
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लखनऊ 14 मार्च, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने ई-टेन्डरिंग प्रणाली के माध्यम से निविदाएं आमंत्रित करने वाले संस्थाओं एवं कार्यालयों द्वारा सफल निविदादाताओं को जारी कार्यादेश एवं क्रयादेश ;।ूंतक व िब्वदजतंबजद्ध की प्रतिलिपि ई-पोर्टल पर अपलोड नहीं किए जाने को गम्भीरता से लिया है।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव आई.टी. एवं इलेक्ट्रानिक्स द्वारा जारी आदेश में सभी विभागाध्यक्षों एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि टेन्डर आमंत्रित करने के बाद सफल निविदादाता को निर्गत क्रयादेश एवं कार्यादेश की प्रतिलिपि तत्काल ई-टेन्डर पोर्टल पर अपलोड करें, जिससे किसी तरह की भ्रम की सिथति न रहे। इसके अलावा प्राप्त निविदाओं का परीक्षण चेकलिस्ट के आधार पर करें न कि सरसरी आधार पर।
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चीनी मिलों के गन्ना मूल्य भुगतान एवं गन्ना पेराई की मुख्यालय
पर हो रही प्रतिदिन समीक्षा
लखनऊ 14 मार्च , 2018
प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने निजी एवं सहकारी क्षेत्र की 40 चीनी मिलों को अपनी क्षमता के अनुरूप गन्ना पेराई न करने पर कड़ी चेतावनी जारी की है। उन्होंने प्रदेश की समस्त चीनी मिलों को क्षमता अनुरूप गन्ना पेराई सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने चीनी मालिकों को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार की मंशा एकदम स्पष्अ है कि खेत में गन्ना खड़ा रहने तक कोई चीनी मिल बन्द नहीं होगी। इसलिए सभी चीनी मिल पूरी क्षमता से चलाकर गन्ने की पेराई की जाय ताकि गन्ना किसानों को कोई असुविधा न हो।
श्री भूसरेड्डी आज अपने कार्यालय कक्ष में पेराई सत्र 2017-18 में चीनी मिलों के गन्ना मूल्य भुगतान तथा गन्ना पेराई की समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा के दौरान उन्होंने यह पाया कि 40 चीनी मिलें स्थापित गन्ना पेराई क्षमता के अनुसार गन्ना पेराई नहीं कर रही है। क्षमता के अनुरूप पेराई नहीं होने से जहां एक ओर समय से किसानों को पर्चियां नहीं मिल रहीं हैं, वहीं चीनी मिलों को समस्त गन्ने की पेराई हेतु अधिक दिनांे तक चालू रखना पड़ेगा।
इसको देखते हुए श्री भूसरेड्डी ने बलरामपुर जिले की इटईमैदा, गोण्डा की कुन्दुरखी, बदायुं जिले की बिसौली, बरेली जिले की बिजनौर, सहारनपुर जिले की देवबन्द एवं गागनौली तथा मुजफ्फरनगर जिले की रोहानकलां सहित 40 चीनी मिलों को नोटिस जारी करते हुए सम्बन्धित चीनी मिल मालिकों को निर्देशित किया है कि चीनी मिलों को उसकी पेराई क्षमता के अनुसार पूरी क्षमता से चलाया जाना सुनिश्चित कराया जाय।
आयुक्त ने कहा कि क्षेत्रीय कृषकों को समय से गन्ना आपूर्ति हेतु पर्चियों की उपलब्धता एवं उनके गन्ने की समुचित आपूर्ति समयान्तर्गत सुनिश्चित करायी जाय। इसके साथ ही कृषकों के पास उपलब्ध एवं पेराई योग्य गन्ने की समयान्तर्गत चीनी मिलों को आपूर्ति सुनिश्चित कराने एवं समस्त गन्ने की पेराई करने के उपरान्त ही चीनी मिलों को सत्र समाप्त करने की अनुमति दी जायेगी।
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लखनऊ 14 मार्च, 2018
प्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति (माइक्रो इरीगेशन) के माध्यम से पौधों की जड़ों को सीधे विभिन्न प्रकार के संयन्त्रों, पाइप तकनीकों को अपनाकर पौधों की आयु, आवश्यकता के अनुसार जल उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे उत्पादन में गुणवत्ता तो आयेगी ही साथ ही बहुमूल्य जल तथा ऊर्जा की भी बचत की जा सकेगी।
‘‘पर ड्राप-मोर क्राप’’ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का एक उपघटक है, जो कि प्रदेश में कृषकों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए उद्यान निदेशक एस.पी. जोशी ने बताया कि इस योजना को अपनाकर कृषक लगभग 35 से 40 प्रतिशत पानी की बचत कर रहे हैं। वही दूसरी ओर पानी देने के लिए मेड़ व नालियों को बनाने में खर्च हो रहे श्रम एवं समय की भी बचत होती है। इसके अलावा उबड़-खाबड़ जमीन में भी इस विधि से सिंचाई करने में कोई असुविधा नहीं होती है।
इस विधि का उपयोग फलों के बागों जैसे-आम, अमरूद, आँवला, नीबू, बेर, बेल व पपीता तथा केला के स्थापित बागों अथवा नवीन रोपित बागों एवं गन्ना की फसल में कुशलतापूर्वक किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कद्दूवर्गीय सब्जियों समेत मौसमी सब्जियों एवं सुगन्धित पुष्पों व औषधियों पौधों के लिए भी यह विधि उपयोगी है। स्प्रिंकलर सिंचाई से मटर, आलू, गाजर तथा व्यावसायिक पत्तेदार सब्जियों में गुणवत्तायुक्त उत्पादन हो रहा है। उद्यान निदेशक ने किसान भाइयों व बागवानों को सलाह दी है कि इस प्रकार की पद्धति को अपनाकर कृषक अधिकाधिक लाभ उठायें।
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लखनऊः 14 मार्च, 2018
प्रदेश सरकार ने प्रदेश के निर्धन एवं असहाय दिव्यांग व्यक्तियों की दिव्यांगता निवारण हेतु शल्य चिकितसा नियमावली में काॅक्लियर इम्प्लांट सर्जरी (श्रवण बाधितों के लिए) को भी शामिल करते हुए इस सर्जरी के लिए अनुदान की अधिकतम सीमा छः लाख रुपये प्रतिलाभार्थी किये जाने की मंजूरी दे दी है।
इस संबंध में प्रमुख सचिव, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, श्री महेश कुमार गुप्ता द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गयी है, जिसके अनुसार काॅक्लियर इम्प्लांट सर्जरी हेतु ऐसे श्रवण बाधित दिव्यांग बच्चे, जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय बी.पी.एल. श्रेणी की आय सीमा से दोगुनी होगी, पात्र होंगे।
उल्लेखनीय है कि शल्य चिकित्सा नियमावली में सभी प्रकार की सर्जरी हेतु अनुदान की अधिकतम सीमा 10,000 रुपये प्रति लाभार्थी निर्धारित है।