Posted on 10 February 2018 by admin
सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ , 10 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित जी की अध्यक्षता में आज यहां बख्शी का तालाब स्थित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों को गृह प्रवेश की कुंजी तथा विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों को चेक एवं प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी ने मनुष्य को केन्द्र में रखकर लोकमंगल और लोककल्याण की अवधारणा दी तथा इस दिशा में कार्य प्रारम्भ किया। उन्होंने कहा कि आज का भारत गतिशील भारत है। केन्द्र एवं राज्य की वर्तमान सरकारें पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के सपनों को साकार करने के लिए कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की कर्मठता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे जनकल्याण और प्रदेशवासियों के जीवन को मधुमय बनाने हेतु सतत प्रयासरत है।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 11 फरवरी, 2018 को पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि है। वर्ष 1991 में इस संस्थान का नाम पण्डित जी के नाम पर रखा गया था। विगत 27 वर्षों में यहां पर उनकी मूर्ति अथवा किसी अन्य स्मारक की स्थापना नहीं हो सकी। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर इस संस्थान में उनकी मूर्ति की स्थापना सराहनीय है।
योगी जी ने कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी भारत माता के महान सपूत थे। प्रदेशवासियों का सौभाग्य है कि उनकी जन्मभूमि और परिनिर्वाण भूमि दोनों ही उत्तर प्रदेश में हैं। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी एकात्म मानववाद के प्रणेता थे। उन्होंने अन्त्योदय की परिकल्पना को साकार करने वाली विचारधारा दी। राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता का महत्व समझाने के साथ ही उन्होंने इसे मूल्यों और आदर्शों से जोड़ने का काम किया। पण्डित जी की विचारधारा पर चलकर प्रधानमंत्री जी ने दुनिया में भारतवर्ष की धमक कायम की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि वर्ष 2022 में जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा हो, तब देश गन्दगी और भ्रष्टाचार से मुक्त हो, सबके पास आवास हो, व्यक्तिगत शौचालय हो। समाज में परिवारवाद, जातिवाद, अलगाववाद, आतंकवाद के लिए स्थान न हो और एक ऐसे भारत का निर्माण हो, जो स्वस्थ, सशक्त, समर्थ, एक और श्रेष्ठ हो। उन्हांेंने कहा कि ऐसे भारत का निर्माण वस्तुतः पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के भारत की संकल्पना को साकार करना होगा।
योगी जी ने कहा कि राजनीति पर लोकनीति का नियंत्रण होना चाहिए। राजनीति लोक लुभावन नहीं, बल्कि लोककल्याणकारी होनी चाहिए। वर्तमान केन्द्र और प्रदेश सरकार इसी मंशा से गरीबों को उनका हक दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। प्रधानमंत्री जी ने 30 करोड़ जन-धन खाते खुलवाकर गरीबांे को मुख्यधारा में भागीदारी सुनिश्चित की है। साथ ही, डिजिटल ट्रांजेक्शन के माध्यम से भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और पारदर्शिता लाकर गरीबों के हितों का संरक्षण किया गया है।
कार्यक्रम में महिला स्वयंसेवी समूहों को चेक प्रदान किए जाने को महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना समाज का सशक्तिकरण नहीं हो सकता। यदि प्रदेश के सभी 60 हजार गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ दिया जाए, तो यह देश और दुनिया के सामने महिला सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण होगा। राज्य सरकार ने एक वर्ष से भी कम समय में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 8.85 लाख आवास गरीब परिवारों को मुहैया कराए हैं। देश और दुनिया में किसी योजना के तहत एक वर्ष के अन्दर सर्वाधिक आवास बनाए गए हैं।
योगी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश संसाधनों के मामले में सौभाग्यशाली राज्य है। यहां ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र होने के साथ ही, यह राज्य पशुपालन, डेयरी, गन्ना आदि क्षेत्रों में अग्रणी है। प्रदेशवासी पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के सिद्धान्तों से प्रेरणा प्राप्त कर अपने संसाधनों का समुचित सदुपयोग करें, तो प्रदेश में विकास की क्रान्ति हो सकती है।
कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री जी ने पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम को ग्रामीण विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, सांसद श्री महेन्द्रनाथ पाण्डेय, श्री विनय सहस्त्रबुद्धे ने भी सम्बोधित किया। प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। सचिव ग्राम्य विकास श्री सुधेश ओझा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर सांसद श्री कौशल किशोर सहित जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
Posted on 10 February 2018 by admin
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश का प्रांतीय द्विवार्षिक चुनाव सम्पन्न हुआ
-अजय कुमार बाजपेयी तीसरी बार अध्यक्ष चुने गए
लखनऊ।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश का प्रांतीय द्विवार्षिक चुनाव सम्पन्न हो गया। जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ भवन में शुक्रवार देर रात संघ के चुनाव के परिणाम आए। परिणाम आने के बाद अध्यक्ष पद पर अजय कुमार बाजपेयी तीसरी बार और महामंत्री अजीत प्रताप सिंह यादव चौथी बार महामंत्री चुने गए।
चुनाव प्रक्रिया पर्यवेक्षक रामेंद्र प्रताप सिंह व मुख्य चुनाव अधिकारी अजय सिंह की देखरेख में चुनाव अधिकारी सुभाष कश्यप, गिरिजा शंकर पाण्डेय, विक्रांत तिवारी, अम्बरीष कुमार सिंह, भीरू राम, जितेंद्र कुमार व पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में हुआ। मुख्य चुनाव अधिकारी अजय सिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह शुरू हुई चुनाव प्रक्रिया रात एक बजे के करीब समाप्त हुई। जिसमें प्रदेश भर से आए कर्मचारियों ने अपने मत का प्रयोग किया।
मतगणना के बाद अध्यक्ष पद पर अजय कुमार बाजपेयी ने अपने प्रतिद्वंदी गोविंद को 169 वोट से पराजित कर तीसरी बार कब्जा किया। वहीं, महामंत्री पद पर अजीत प्रताप सिंह यादव अपने प्रतिद्वंदी राम औतार को 280 वोट से हराकर चौथी बार विजयी हुए। वहीं, वरिष्ठ उपाध्यक्ष में अमित चौहान, उपाध्यक्ष पद पर अमित कुमार श्रीवास्तव व कमल कुमार, मंत्री पद पर तीसरी बार राजेंद्र कुमार त्रिपाठी व राम प्रकाश यादव, संगठन मंत्री में राजेश काके व जय प्रकाश सिंह, कोषाध्यक्ष पद पर पूरे चुनाव में अरविंद कुमार वर्मा ने सबसे ज्यादा 509 वोट पाकर विजय पताका लहराई। सम्प्रेक्षक पद पर चौथी बार हरीबाबू जीते। मीडिया प्रभारी पद पर राजेश तिवारी दोबारा काबिज हुए। सचिव पद पर सुनील कुमार मिश्रा निर्विरोध चुने गए। जीतने के बाद अध्यक्ष अजय बाजपेयी व महामंत्री अजीत यादव ने सभी कर्मचारियों का आभार जताया है। अजीत यादव ने बताया कि संघ की 17-08-2017 को हुई आमसभा के निर्णय के क्रम में ये चुनाव कार्यक्रम जारी हुआ था। अध्यक्ष अजय कुमार बाजपेयी ने बताया कि संघ का पूरा प्रयास है कि संविदा पर तैनात कर्मचारियों का विनियमितीकरण और बकाया मानदेय का भुगतान कराया जाए। वरिष्ठ सहायक से प्रधान सहायक पर प्रमोशन कराना, वरिष्ठता कोटि क्रम में छूटे कर्मचारियों का नाम शामिल कराना, मृतक आश्रित कर्मचारियों को ट्रिपल सी से मुक्त कराना प्राथमिकता रहेगी।
Posted on 10 February 2018 by admin
लखनऊ 10 फरवरी 2018, भारतीय जनता के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना के जरिए अलग-अलग जिलों में सरकारी खर्चे पर गरीब बेटियों की न सिर्फ धूमधाम से शादी कराई जा रही है बल्कि मुख्यमंत्री जी के आशीर्वाद के तौर पर उन्हें उपहार भी दिया जा रहा है। आनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए कोई भी अपने विवाह के लिए इस योजना में रजिस्ट्रेशन करा सकता है। सरकार अपने खर्चे पर ऐसे जोड़ों की शादी कराएगी। मानवीय संवेदनाओं से भरी इस योजना के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी साधुवाद के पात्र हैं। हर जिले में इस योजना को लेकर जरूरतमंद लोगों का रूझान देखने को मिल रहा है। समाज के लोगों को भी सरकार की इस शानदार योजना में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए और ऐसे परिवारों को चिन्हित कराने में अपना योगदान देना चाहिए जिनको इसकी जरूरत है।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के लिए बेटियों की शादियां हमेशा से एक चिंता का कारण रहती थीं। कई बार पैसे की कमी के चलते युवाओं की शादियां तक नहीं हो पाती थीं। इसे ही देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने सामूहिक विवाह योजना शुरू की है। इस योजना के तहत कोई भी आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर सामूहिक विवाह के इस अभियान का लाभ ले सकता है। अधिकारियों को भी निर्देश हैं कि वे सर्वे के आधार पर ऐसे परिवारों का चयन करें जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं और पैसों की कमी के चलते बच्चों का विवाह नहीं कर पा रहे हैं। खासतौर पर समाज कल्याण विभाग, जिलों के जिलाधिकारियों और नगर निगम व नगर पंचायतों के अधिशाषी अधिकारियों को ऐसे परिवारों को चिन्हित कर उनकी मदद करने का निर्देश दिया गया है।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि इस योजना के तहत हर जोड़े पर 35 हजार रूपए खर्च किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं उपहार के तौर पर घरेलू सामान और एक मोबाइल फोन भी दिया जा रहा है। शादी के लिए बेटियों को कपड़े और गहने भी सरकार की तरफ से दिए जा रहे हैं। सामूहिक विवाह के इस आयोजन में टेंट से लेकर भोजन और पेयजल तक का इंतजाम सरकार की तरफ से किया जा रहा है। इस विवाह योजना के जरिए विवाह कर रहे जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए अलग अलग जगहों पर जनप्रतिनिधियों के साथ ही साथ समाज के सम्मानित लोग भी आ रहे हैं। विवाह करने वाले जोड़े को बीस हजार रूपए का अनुदान भी दिया जा रहा है। प्रथम चरण में 71 हजार चार सौ बेटियों का विवाह कराने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें तीस प्रतिशत अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के, 35 फीसदी अन्य पिछड़े वर्ग के, 20 प्रतिशत सामान्य वर्ग के और 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक वर्ग के शामिल होंगे। एक परिवार की कम से कम दो बेटियों का विवाह इस योजना के तहत हो सकता है।
Posted on 10 February 2018 by admin
लखनऊ 10 फरवरी 2018, राजनीति में आज पश्चिमी विद्वानों का बोलबाला बढ़ रहा है। प्राफिट बेस्ड विश्व के दौर में इन पश्चिमी आर्थिक शिक्षाविदों ने राजनीति से धर्म को दूर कर दिया है। जबकि धर्म भारतीय राजनीति का अहम बिन्दु रहा है। भारत में प्राचीन काल से हमेशा धर्म ने राजनीति को आत्मसात किया है। लेकिन कर्म की बजाए भोगवादी माॅडल ने धर्म को राजनीति का दुश्मन बना दिया। इससे भारत की सामाजिक-आर्थिक विचारधारा में पश्चिमी शिक्षा प्राप्त विद्वानों का बोलबाला हो गया। राजनीति की धारा एक कोने में सिमट गई। आज भारत में मैकेनिज्म पश्चिमी है। जो कुछ पश्चिमी है वह ब्यूरोक्रेसी है। यह ब्यूरोक्रेसी राजनीति को जटिल बनाकर उसको आम आदमी की पहुंच से दूर कर रही है। यह उद्गार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 50वीं पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर कमल ज्योति में आयोजित त्रिदिवसीय विचार कार्यशाला के अवसर पर राष्ट्रधर्म के प्रबंध संपादक श्री सर्वेश द्विवेदी ने व्यक्त किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री राकेश त्रिवेदी ने किया। मंच का संचालन कमल ज्योति के प्रबंध संपादक श्री राजकुमार ने किया।
गौरतलब है कि, 11 फरवरी, 1968 की रात में रेलयात्रा करते समय पं दीन दयाल उपाध्याय की हत्या कर दी गई थी। जिसका राज आज तक नहीं खुल सका है। आज उनकी पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में श्री द्विवेदीने कहा कि दीनदयालजी मूलतः एक चिंतक, सृजनशील विचारक, प्रभावी लेखक और कुशल संगठनकर्ता व भारतीय राजनीतिक चिंतन में एक नए विकल्प एकात्म मानववाद के मंत्रद्रष्टा थे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्ममानव दर्शन जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी थी।
श्री द्विवेदी ने अपने व्यानख्यान में बताया कि, दीनदयाल उपाध्याय का चिंतन शाश्वत विचारधारा से जुड़ता है। इसके आधार पर वह राष्ट्रभाव को समझने का प्रयास करते हैं। समस्याओं पर विचार करते हैं। उनका समाधान निकालते हैं। उनका तथ्य ही भारत के अनुकूल प्रमाणित होता है। इसलिए आज हमको यह समझना होगा कि, दीनदयाल उपाध्याय ने कोई अपना वाद नहीं बनाया। उनका दिया गया एकात्म मानव, अन्त्योदय जैसे विचार वाद की श्रेणी में नहीं आते। यह दर्शन है। जो हमारी ऋषि परंपरा से जुड़ता है। इसके केंद्र में व्यक्ति या सत्ता नहीं है। बल्कि व्यष्टि, समष्टि और परमेष्टि व्याप्त है। इसके विपरीत व्यक्ति, मन, बुद्धि, आत्मा सभी का महत्व है। वे कहते हैं कि प्रत्येक जीव में आत्मा का निवास होता है। आत्मा को परमात्मा का अंश माना जाता है। यह एकात्म दर्शन है। इसमें समरसता का विचार है। इसमें भेदभाव नहीं है। व्यक्ति का अपना हित स्वभाविक है। वे कहते हैं कि, राष्ट्रवाद का यह विचार प्रत्येक नागरिक में होना चाहिये। मानव जीवन का लक्ष्य भौतिक मात्र नहीं है। जीवन यापन के साधन अवश्य होने चाहिए। ये साधन हैं। साध्य नहीं है। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष का विचार भी ध्यान रखना चाहिये। सभी कार्य धर्म से प्रेरित होने चाहिये। अर्थात लाभ की कामना हो, लेकिन का शुभ होना अनिवार्य है।
श्री द्विवेदी ने कहा कि, दीनदयाल जी ने संपूर्ण जीवन की रचनात्मक दृष्टि पर विचार किया। उन्होंने विदेशी विचारों को सार्वलौकिक नहीं माना। भारतीय संस्कृति संपूर्ण जीवन व संपूर्ण सृष्टि का संकलित विचार करती है। इसका दृष्टिकोण एकात्मवादी है। इसलिए टुकड़ों−टुकड़ों में विचार नहीं हो सकता। संसार में एकता का दर्शन, उसके विविध रूपों के बीच परस्पर पूरकता को पहचानना, उनमें परस्पर अनुकूलता का विकास करना तथा उसका संस्कार करना ही संस्कृति है। प्रकृति को ध्येय की सिद्धि हेतु अनुकूल बनाना संस्कृति और उसके प्रतिकूल बनाना विकृति है। संस्कृति प्रकृति की अवहेलना नहीं करती। भारतीय संस्कृति में एकात्म मानव दर्शन है। मानव केवल एक व्यक्ति मात्र नहीं है। समाज व समष्टि तक उसकी भूमिका होती है। राष्ट्र भी आत्मा होती है। समाज और व्यक्ति में संघर्ष का विचार अनुचित है। राज्य ही सब कुछ नहीं होता। यह राष्ट्र का एकमात्र प्रतिनिधि नहीं होता। राज्य समाप्त होने के बाद भी राष्ट्र का अस्तित्व बना रहता है।
उन्होंने कहा कि, दीनदयाल जी ने भारतीय दर्शन की इस पंरपरा को लेकर इस बात का पूरा प्रयास किया कि दल संरचना संतुलित हो इसके लिए उन्होंने संगठन, भ्रमण, पठन पाठन और चिंतन को नित्यकर्म बनाया। मुद्दों पर गहराई तक जाना, गहन विचार विमर्श करना और कराना, उनकी कार्यशैली का महत्वपूर्ण अंग था। स्वतंत्रता के पश्चात भारत में कांग्रेस द्वारा अपनाये गये समाजवाद के अलावा भी कई प्रकार के समाजवाद और साम्यवाद देश पर थोपे जा रहे थे। तब उन्होंने इन वादों के तात्कालिक प्रभाव को रोक देने के लिये, भारतीय चिंतन की परिपक्व एवं हजारों वर्षो से सफलतापूर्वक अपनाये जा रहे, आदर्श जीवन-आयामों को एक सूत्र में पिरो कर एकात्म मानववाद के रूप में संकलित व स्थापित किया और सांस्कृतिक सत्य से मिली सनातन् धरोहर को नये स्वरूप में परिभाषित कर समाज के सामने रखा। जिससे वे लोग जो भारतीय चिन्तन के साथ थे उन्हंे अपना मंच मिला। समाजवाद, साम्यवाद, पूंजीवाद और भौतिकतावाद को एकात्म मानववाद के द्वारा भारतीय चुनौती दी गई और आज सारे वाद हवा हो चुकें हंै, मगर एकात्ममानववाद के आधार पर चली जनसंघ और अब भाजपा देश की सत्ता तक पहंुच चुकी है। उनके मूल के अनूरूप आज 19 प्रातों में भाजपा की सरकारें हैं। और अच्छे से काम कर रहीं हैं। यानि हम कह सकते हैं कि पंडित जी का राजनीतिक चिंतन आज पूरा होता दिख रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री राकेश त्रिवेदी ने कहा कि पंडित जी ने अपनी अल्प अवधि के जीवन काल में भारतीय समाज जीवन को जो कुछ भी दिया वह अविस्मरणीय है। उनके राजनीतिक चितंन को हम उनके पहले चुनाव अभियान से समझ सकते हैं जब उन्होंने जीतने के लिए जाति का सहारा लेने से इंकार कर दिया। वे चुनाव हार गए लेकिन उन्होंने भारतीय राजनीति की चिंतन धारा में जिस समावेशी विचार का प्रादुर्भाव किया वह अनूठा उदाहरण बन गया।
इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम में के प्रथम दिन शैलेन्द्र पांडेय, संजय कुमार गौड, चेतन शुक्ला, अमर सिंह, सफायत हुसैन, जितेन्द्र तिवारी, धनंजय शुक्ला, अश्विनी पाठक, प्रयागमति आदि मौजूद रहे।
Posted on 10 February 2018 by admin
मुलाकात के दौरान प्रदेश में निवेश
की सम्भावनाओं के सम्बन्ध में विचार-विमर्श
आईटीसी के सी0ई0ओ0 ने मुख्यमंत्री को उपभोक्ता खाद्य सामग्री, ग्रीन इनर्जी एवं गाजियाबाद में लाॅजिस्टिक्स हब
की स्थापना के लिए 1100 करोड़ रु0 से अधिक पूंजी निवेश किए जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव दिए
आईटीसी के सी0ई0ओ0 ने निवेश प्रोत्साहन एवं औद्योगिक विकास
के लिए राज्य सरकार की नीतियों की सराहना की
आईटीसी कम्पनी उत्तर प्रदेश में अपनी कारोबारी
गतिविधियां बढ़ाने की इच्छुक: श्री संजीव पुरी
लखनऊ: 10 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आज यहां उनके सरकारी आवास पर आईटीसी के सी0ई0ओ0 श्री संजीव पुरी ने भेंट की। इस अवसर पर प्रदेश में निवेश की सम्भावनाओं के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री जी से भेंट के दौरान श्री पुरी ने उपभोक्ता खाद्य सामग्री, ग्रीन इनर्जी एवं गाजियाबाद में लाॅजिस्टिक्स हब की स्थापना के लिए 1100 करोड़ रुपए से अधिक पूंजी निवेश किए जाने के सम्बन्ध मंे प्रस्ताव दिए। श्री संजीव पुरी ने निवेश प्रोत्साहन एवं औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी कम्पनी उत्तर प्रदेश में अपनी कारोबारी गतिविधियां बढ़ाने की इच्छुक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘ईज़ आॅफ डूईंग बिजनेस’ के प्रोत्साहन के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। उद्यमों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को विभिन्न सुविधाएं दी जा रही हैं। औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति सहित सेक्टरवार नीतियां लागू की गई हैं, जिनमें उद्यमों की स्थापना के लिए आकर्षक प्राविधान हैं। इन सुविधाओं और विकास कार्यों से प्रभावित होकर निवेशक उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए आदर्श राज्य स्वीकार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने श्री संजीव पुरी को 21 व 22 फरवरी को लखनऊ में आयोजित होने वाली इन्वेस्टर्स समिट के लिए आमंत्रित भी किया।
भेंट के दौरान अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय भी उपस्थित थे।
Posted on 09 February 2018 by admin
लखनऊ: 09 फरवरी, 2018
उद्योगों एवं वाणिज्यिक कनेक्शन के लिये उपभोक्ताओं को अब अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु, विद्युत सुरक्षा निदेशालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे। निदेशालय ने इसके लिये आॅनलाइन आवेदन हेतु पोर्टल चालू किया है। अब 440 वोल्ट के ऊपर के अधिष्ठापन, मीडियम अधिष्ठापन (230.650) उच्चवोल्ट अधिष्ठापन तथा 230 वोल्ट के नीचे के विद्युत अधिष्ठापन के लिये अनापत्ति प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। अभी तक इस तरह के अनापत्ति के लिये उपभोक्ता को निदेशालय में निस्तारण हेतु सम्पर्क करना पड़ता था। यह जानकारी ऊर्जा मंत्री श्री कान्त शर्मा ने शक्ति भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में दी है। उन्होंने बताया कि विद्युत सुरक्षा निदेशालय ने इन आवेदनों की सम्पूर्ण प्रक्रिया आनलाइन कर दी है।
समीक्षा बैठक में ऊर्जा मंत्री ने सुरक्षा निदेशालय को 1912 हेल्पलाइन से जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अभी तक सुरक्षा निदेशालय की इमेज बहुत खराब है इसे बेहतर बनाने के लिये यह जरूरी है कि हर स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही हो तथा सारी प्रक्रिया आॅन लाइन हो। उन्होंने अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिये समय सीमा को कम करने के भी निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान श्री शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 21 व 22 फरवरी को प्रदेश की राजधानी में आयोजित होने वाली इन्वेस्टर्स समिट के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाये। इसके साथ ही ऐतिहासिक तथा प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों, बाजारों एवं अन्य दर्शनीय स्थलों के आस-पास ट्राॅन्सफार्मर, जर्जर तारों, विद्युत पोलों को इस तरह से सजाया जाय, जो आकर्षक लगे।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आम आदमी को बिजली के कनेक्शन आसानी से सुलभ हो इसके लिए व्यापक प्रबन्ध किये जाये और जटिल प्रक्रियाओं का सरलीकृत करके आम जनता को सुविधा पहुंचायी जाये। इसके साथ ही पूरे लखनऊ में जहां पर तार लूज है उन्हें ठीक किये जाये।
प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री आलोक कुमार ने बताया कि आवेदक को सुरक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर अपना आवेदन लोड करना होगा। उसके बाद आवेदक को तत्काल एस0एम0एस0 से सूचना प्राप्त हो जायेगी। निरीक्षण की तिथि की सूचना भी एस0एम0एस0 से आवेदक को मिलेगी और सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्णकर 20 दिन में अनापत्ति प्रमाण पत्र भी आॅनलाइन आवेदक के पास पहॅुच जायेगी। यदि किसी भी कारण से उसे 20 दिन में अनापत्ति नहीं मिलेगी तो उच्चाधिकारियों को आॅनलाइन इसकी सूचना प्राप्त हो जायेगी कि निश्चित समयावधि में यह आवेदन पर कार्यवाई पूर्ण नहीं हुयी। इस तरह उच्चाधिकारियों द्वारा विभाग की माॅनीटरिंग आसान होगी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा निदेशालय की निदेशक शुभ्रा सक्सेना खुद इस पोर्टल की माॅनीटरिंग कर इसे और प्रभावी बनानें में लगी हुयी है।
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने कहा कि सुरक्षा निदेशालय की इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार की सम्भावना पर रोक लगेगी। आवेदक को बिना परेशानी के घर पर ही अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। सुरक्षा निदेशालय उद्योगों और व्यापारिक संस्थाओं को चार तरह की अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करता है। इस अनापत्ति के लिये आवेदक को बहुत परेशानी उठानी पड़ती थी।
समीक्षा बैठक के दौरान प्रबन्ध निदेशक श्रीमती अपर्णा यू0, सुरक्षा निदेशालय की निदेशक सुश्री शुभ्रा सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Posted on 09 February 2018 by admin
लखनऊ: 09 फरवरी, 2018
प्रदेश सरकार आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें सुलभ कराने एवं संक्रामक रोगों की रोकथाम हेतु संकल्पबद्ध है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा डेंगू, चिकनगुनिया एवं स्वाइन फ्लू की रोकथाम हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिये इक्कीस करोड़ चार लाख पचपन हजार रूपये की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गयी हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डेंगू, चिकनगुनिया एवं स्वाइन फ्लू की रोकथाम हेतु समुचित धनराशि की व्यवस्था की गयी है, जिससे इसका बेहतर उपयोग कर मरीजों को इन बीमारियों के संक्रमण से बचाया जायेगा।
स्वीकृत धनराशि का उपयोग पूर्ण पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित किये जाने के साथ ही धनराशि जिस मद हेतु स्वीकार की गयी है, उसी मद में उसका पूर्ण उपयोग किये जाने के निर्देश महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को दिये गये हैं।
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163.92 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति जारी
लखनऊ: 09 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने खजनी (जनपद गोरखपुर) में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण की लागत को पुनरीक्षित कर दिया है। अब इसकी निर्माण लागत एक करोड़ तिरसठ लाख बानबे हजार रूपये हो गई है, जिसकी प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति निर्गत कर दी गई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी कर दिये गये हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण के लिये अब तक कुल इक्यानबे लाख दस हजार रूपये की वित्तीय स्वीकृति निर्गत की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को इस केन्द्र के भवन निर्माण हेतु कार्य की गुणवत्ता एवं मानकों की जिम्मेदारी दी गयी है। वह यह सुनिश्चित करेंगे कि भवन निर्माण का कार्य तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होने के बाद शुरू किया जाय। भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ करने से पहले मानचित्रों को आवश्यकतानुसार प्रशासकीय विभाग द्वारा स्थानीय विकास प्राधिकरण अथवा सक्षम स्थानीय अथाॅरिटी से स्वीकृत कराने के निर्देश भी दिये गये हैं।
Posted on 09 February 2018 by admin
लखनऊ: 09 फरवरी, 2018
प्रदेश सरकार द्वारा मिलावटी और नकली शराब की रोकथाम के लिए चल रही शराब और बीयर की बोतलों पर होलोग्राम लगाने की व्यवस्था समाप्त कर नवीन तकनीकीयुक्त सुरक्षा प्रणाली लागू की जाएगी।
यह जानकारी प्रमुख सचिव आबकारी श्रीमती कल्पना अवस्थी ने दी। उन्होंने बताया कि नवीन तकनीकीयुक्त सुरक्षा प्रणाली की व्यवस्था करने हेतु ट्रैक एण्ड ट्रेस प्रणाली का साफ्टवेयर एन0आई0सी0 के द्वारा विकसित कर क्रियान्वित किया जाएगा। यह प्रणाली निर्माण इकाइयों से लेकर उपभोग तक मदिरा के संचरण को ट्रैक करेगा। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था का सुचारू संचालन आबकारी आयुक्त द्वारा विनियमित किया जायेगा।
श्रीमती कल्पना अवस्थी ने बताया कि अब तक प्रदेश की आसवनियों को प्रति होलोग्राम 37 पैसे प्रति बोतल दिये जाते थे। नई सुरक्षा प्रणाली में 15 पैसे प्रति बोतल का प्राविधान किया गया है। इस सम्बंध में आसवनियों को एन0आई0सी0 द्वारा विकसित साफ्टेवयर के आधार पर ई0आर0पी0 (इण्टरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) साफ्टवेयर की सूचना प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही आसवनियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वह वर्तमान समय में अपने ई0आर0पी0 साफ्टवेयर की सूचना विभाग को तत्काल प्रेषित करें तथा एन0आई0सी0 द्वारा विकसित किये जा रहे साफ्टवेयर के आधार पर बार कोड आधारित तकनीक अपनाई जाए।
Posted on 09 February 2018 by admin
कार्यालय समय 10 बजे से 05 बजे तक
रविवार अवकाश दिवस
लखनऊ 09 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने लोक सेवा आयोग अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग तथा उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में तात्कालिक प्रभाव से छः दिवसीय कार्य दिवस सप्ताह लागू कर दिया है।
इस संबंध में मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त परीक्षाओं के बैकलाग समाप्त करने तथा अन्य कार्यों को त्वरित गति से निस्तारित किये जाने के उद्देश्य से पांच दिवसीय कार्य सप्ताह को समाप्त करते हुए 06 दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करने का निर्णय लिया गया है। फलतः सोमवार से शनिवार तक कार्य दिवस एवं कार्यालय समय पूर्वान्ह 10ः00 बजे से अपरान्ह 05ः00 बजे तक रहेगा।