Archive | February 16th, 2018

उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास को केन्द्र से मिलेगा बड़ा सहयोग

Posted on 16 February 2018 by admin

केन्द्र की दस आइकाॅनिक साइट्स के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विकास की योजना में ताजमहल और फतेहपुर सीकरी भी शामिल

वर्ष 2019 के होने वाले कुम्भ के अंतर्राष्ट्रीय प्रचार पर बनेगी केन्द्र से योजना -श्रीमती रश्मि वर्मा सचिव पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार
यू0पी0 में पर्यटन स्थलों पर विकसित होंगी विश्व स्तरीय सुविधाएं - प्रमुख सचिव पर्यटन उ0प्र0 श्री अवनीश कुमार अवस्थी

लखनऊः 16 फरवरी, 2018
प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा दिए जा रहे सहयोग की जानकारी देते हुए आज सचिव पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार श्रीमती रश्मि वर्मा ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा बड़े स्तर पर पर्यटन की ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’ की योजनाओं का लाभ उत्तर प्रदेश को दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि केन्द्र द्वारा पूरे देश में दस आइकाॅनिक साइट्स को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए चयनित किया गया है जिसमें दो साइट्स उ0प्र0 से ताजमहल और फतेहपुर सीकरी हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा इलाहाबाद में वर्ष 2019 में होने वाले कुम्भ को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने की योजना बनाई जा रही है।
सचिव पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार आज गोमती नगर लखनऊ स्थित एक होटल में पर्यटन की ‘रीजनल रिव्यु मीटिंग-नार्थ रीजन’ की दो दिवसीय बैठक के दौरान आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी दे रही थीं। उन्होंने प्रेसवार्ता में केन्द्र की पर्यटन योजनाओं और आगामी नीतियों की जानकारी भी दी। प्रमुख सचिव पर्यटन उ0प्र0 श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रदेश में पर्यटन के विकास के साथ-साथ इससे विविध क्षेत्रों में होने वाले लाभों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यटन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए यहां की सुविधाएं भी उसी स्तर की निर्मित की जायेगी। उन्होंने कहा कि हम कुम्भ को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का कार्य कर रहे हैं, शीघ्र ही अयोध्या की दीवाली और ब्रज की होली को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन से जोड़ दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हम वन-विभाग के साथ संयुक्त रूप से कार्य के लिए अग्रसर हो चुके हैं। प्रदेश के पर्यटन की ब्रान्डिग अंग्रेजी भाषा में भी की जायेगी और कुम्भ का लोगो शीघ्र ही अंग्रेजी में भी लाया जायेगा।
प्रमुख सचिव पर्यटन उ0प्र0 ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी कर इसके बड़े विस्तार को लेकर गम्भीर है। पर्यटन के द्वारा रोजगार में विस्तार तथा उद्योगों को भी लाभ प्राप्त होगा। उ0प्र0 में तीर्थ यात्रियों की सुविधाएं बढ़ेगी प्रदेश में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्धता से कार्य किया जा रहा है।

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स्वाती सिंह ने आशियाना में दो सड़कों और नालों का निर्माण प्रारम्भ करने के लिए किया भूमि पूजन

Posted on 16 February 2018 by admin

लखनऊः 16 फरवरी, 2018
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने आज लखनऊ की आशियाना काॅलोनी में दो सड़कों और नालों का निर्माण कार्य प्रारम्भ करने हेतु भूमि पूजन किया। ज्ञात हो कि आशियाना कानपुर रोड योजना के सेक्टर एम0 में पेट्रोल पंप के सामने गुरूद्वारा वाली सड़क तथा नागेश्वर मंदिर के सामने की सड़क का और नालों का निर्माण स्वीकृत है, जिसमें पेट्रोल पंप के सामने गुरूद्वारा वाली टू वे रोड का लगभग 2400 मीटर तथा नागेश्वर मंदिर के सामने लगभग 1100 मीटर निर्माण किया जाना है।
इस अवसर पर श्रीमती स्वाती सिंह ने बताया कि पेट्रोल पम्प के सामने गुरूद्वारा वाली सड़क लगभग 3.60 लाख रुपयों तथा नागेश्वर मंदिर के सामने की सड़क निर्माण लगभग 85 लाख रुपये से किया जायेगा। उन्होंने निर्माण कार्य के लिए अधिकृत विकास प्राधिकरण के अभियंताओं को निर्देश दिया कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता तथा समय सीमा का पूरा ध्यान रखा जाये।
निर्माण कार्य के प्रारम्भ हेतु भूमि पूजन किए जाने से जर्जर सड़क की समस्या से परेशान स्थानीय नागरिकों ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती सवाती सिंह के इस कदम पर हर्ष प्रकट किया।
इस अवसर पर विकास प्राधिकरण के सम्बन्धित अधिकारी, जनप्रतिनिधि विमल तिवारी, कौशलेन्द्र द्विवेदी, बीना रावत, पुष्कर शुक्ला, अनूप मिश्रा सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।

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राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने सूचना उपलब्ध न कराने के दोषी 22 जनसूचना अधिकारियों पर लगाया अर्थदण्ड

Posted on 16 February 2018 by admin

लखनऊः 16 फरवरी, 2018
राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने आरटीआई अधिनियम के तहत 22 अधिकारियों को सूचना न उपलब्ध कराने का दोषी मानते हुए 05 लाख 50 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया है। आयोग ने इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर वादी को 30 दिन में सूचना उपलब्ध कराने को कहा था।
श्री उस्मान द्वारा उपलब्ध करायी गई सूचना के अनुसार इन अधिकारियों में ज0सू0अ0, कार्यालय मण्डलायुक्त, मुरादाबाद, अपर जिलाधिकारी, सम्भल, तहसीलदार तहसील शामली, जनपद शामली, तहसीलदार तहसील देवबन्द, सहारनपुर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सहारनपुर, विकास प्राधिकरण, सहारनपुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बिजनौर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, रामपुर, अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड खतौली, मुजफ्फरनगर, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका परिषद चन्दौसी, सम्भल, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका परिषद, बिजनौर, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी, सम्भल, मुख्य अभियन्ता (वि0) पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 मुरादाबाद, जिला पूर्ति अधिकारी, सहारनपुर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, रामपुर, अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड, सम्भल, जिला विद्यालय निरीक्षक, सम्भल, खण्ड विकास अधिकारी विकास खण्ड आॅकू नहटौर, बिजनौर, ग्राम पंचायत अधिकारी टोडा विकास खण्ड ऊन, शामली, ग्राम पंचायत अधिकारी, पीतपुर नैया खेड़ा, कुन्दरकी, मुरादाबाद, ग्राम पंचायत अधिकारी जलालपुरा विकास खण्ड नकुड़, सहारनपुर, ग्राम पंचायत अधिकारी, लाडपुर बीबी ब्लाॅक स्वार, रामपुर पर 25-25 हजार रूपये का अर्थदण्ड लगाया गया है।
जिन अधिकारियों ने वादी को सूचना देने में विलम्ब किया है, और जानबूझकर वादी को परेशान किया है, जिसकी वहज से उसका मानसिक उत्पीड़न हुआ है, ऐसे अधिकारियों को आदेश दिया कि वादी को बतौर क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराये। इनमें जनसूचना अधिकारी, जिलाधिकारी, रामपुर पर 05 हजार रुपये, ग्राम पंचायत अधिकारी, खेड़की विकास खण्ड ऊन, शामली पर 05 हजार रुपये, प्रतिवादी जनसूचना अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, मुजफ्फरनगर पर 02 हजार रुपये एवं महामाया पाॅलीटेक्निक आॅफ आई0टी0 जे0पी0 नगर पर 01 हजार रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में वादी को देने का आदेश दिया है।

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वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट के मुख्य बिन्दु

Posted on 16 February 2018 by admin

वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट के मुख्य बिन्दु
ऽ प्रस्तुत बजट का आकार 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये (4,28,384.52 करोड़ रुपये) है, जो वर्ष 2017-2018 के बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत अधिक।
ऽ बजट में 14 हजार 341 करोड़ 89 लाख रुपये (14,341.89 करोड़ रुपये) की नई योजनायें सम्मिलित।
कृषि एवं संबद्ध सेवाएं -
ऽ वर्ष 2018-19 में खाद्य उत्पादन का लक्ष्य 581 लाख 60 हजार मीट्रिक टन तथा तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 11 लाख 28 हजार मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है।
ऽ बुन्देलखण्ड क्षेत्र में खेत-तालाब योजना के अन्तर्गत आगामी वर्ष में 05 हजार तालाबों के निर्माण का लक्ष्य है। सोलर फोटो वोल्टाइक इरीगेशन पम्पों की स्थापना के लिये 131 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
ऽ ’’स्प्रिंकलर सिंचाई योजना’’ के अन्तर्गत किसानों को सब्सिडी हेतु 24 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
ऽ शरदकालीन गन्ना बुवाई हेतु 01 लाख 65 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। 80 लाख कुंटल उन्नतिशील गन्ना बीज गन्ना कृषकों को उपलब्ध कराया जाएगा।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण -
ऽ प्रदेश में मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 लागू की गई है। मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण मिशन के क्रियान्वयन हेतु 42 करोड़ 49 लाख रुपये की व्यवस्था।
सहकारिता -
ऽ उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण की योजना हेतु 100 करोड़
रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 31 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पशुपालन -
ऽ पं0 दीन दयाल उपाध्याय लघु डेयरी योजना के लिये 75 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ विकास खण्डों में पं0 दीन दयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेले के आयोजन हेतु 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्रदेश में 770 सचल पशु चिकित्सालय संचालित किये जा रहें हैं, जिससे पशु आरोग्य व नस्ल में सुधार अपेक्षित है। इसके लिये 27 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
दुग्ध विकास -
ऽ डेयरी विकास फण्ड की स्थापना के लिये 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ दुग्ध मूल्य भुगतान डी0बी0टी0 प्रक्रिया के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में भुगतान की प्रक्रिया आरम्भ।
ऽ देशी नस्ल की गायों के माध्यम से सर्वाधिक गौ दुग्ध उत्पादन करने वाले दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने हेतु नई ’’नन्द बाबा पुरस्कार योजना’’ हेतु 52 लाख का प्राविधान साथ ही ’’गोकुल पुरस्कार’’ हेतु 54 लाख रुपये की व्यवस्था।
मत्स्य -
ऽ मछुआरों के कल्याण के लिये मत्स्य पालक कल्याण फण्ड की स्थापना हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ ब्लू रिवोल्यूशन इन्टीग्रेटेड डेवलपमेन्ट एण्ड मैनेजमेंट फार फिशरीज योजना के अन्तर्गत 20 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित।
ग्राम्य विकास -
ऽ प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु वर्ष 2018-19 के बजट में 11 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत लगभग 01 हजार 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ श्यामा प्रसाद रुर्बन मिशन हेतु 214 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम हेतु 01 हजार 500 करोड़ रुपये और राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिये 120 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ मुख्यमंत्री आवास योजना हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पंचायती राज -
ऽ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के लिये वर्ष 2018-19 में 5,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना में उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने के लिये 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ ग्रामीण क्षेत्रों में श्मशान एवं अन्य सभी मत, पंथ एवं मजहब के स्थलों के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
लघु सिंचाई -
ऽ निः शुल्क बोरिंग योजना के लिये 36 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
औद्योगिक विकास -
ऽ औद्योगिक निवेश नीति-2012 के लिये 600 करोड़ रुपये तथा नई औद्योगिक नीति हेतु 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्य हेतु वर्ष 2018-19 के बजट में 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्यों हेतु बजट में 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु 01 हजार करोड़ रुपये तथा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम -
ऽ एक जनपद एक उत्पाद योजना को क्रियान्वित किये जाने हेतु 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग -
ऽ उत्तर प्रदेश हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स एण्ड गारमंेटिंग नीति-2017 हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली देने के लिये 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
खादी एवं ग्रामोद्योग -
ऽ खादी एवं ग्रामोद्योग विकास तथा सतत् स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के क्रियान्वयन के लिये 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पं0 दीन दयाल उपाध्याय ग्रामोद्योग रोजगार योजना के क्रियान्वन के लिये 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के लिये 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

आई0टी0 एवं इलेक्ट्राॅनिक्स -
ऽ समस्त शासकीय कार्यालयों में ई-आॅफिस व्यवस्था लागू करने हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ स्टार्ट-अप फण्ड की स्थापना के लिये 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य -
ऽ पी0पी0पी0 मोड पर 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन किये जाने का निर्णय।
ऽ ग्रामीण ़क्षेत्रों में 100 नये आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना का लक्ष्य।
ऽ प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के लिये 291 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
चिकित्सा शिक्षा -
ऽ प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के फेज-3 के अन्तर्गत 04 मेडिकल कालेजों यथा-झांसी, गोरखपुर, इलाहाबाद तथा मेरठ में उच्चीकृत सुपर स्पेशियलिटी विभाग बनाये जा रहे हैं तथा 02 मेडिकल काॅलेजों कानपुर एवं आगरा में सुपर स्पेशियलिटी विभाग बनाये जाने हेतु कुल 126 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
ऽ एस0जी0पी0जी0आई0 में रोबोटिक सर्जरी को प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित।
ऽ के0जी0एम0यू0 में आर्गन ट्रान्सप्लान्ट यूनिट स्थापित किये जाने का लक्ष्य।
ऽ डा0 राम मनोहर लोहिया इन्स्टीयूट आॅफ मेडिकल साइंसेज के नवीन कैम्पस में 500 शैय्यायुक्त सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग कालेज का निर्माण कराया जायेगा।
ऽ प्रदेश के पाॅच जनपदों के जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल कालेज के रूप में पूर्ण करने के लिये 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोयडा में शैक्षणिक सत्र 2018-19 में एम0बी0बी0एस0 की 100 सीटों पर पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जायेगा।
ऽ राजकीय मेडिकल कालेज कानपुर, गोरखपुर, आगरा और इलाहाबाद में बर्न यूनिट की स्थापना के लिये 14 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राजकीय मेडिकल कालेजों एवं संस्थानों में फायर फाइटिंग और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
वन एवं पर्यावरण -
ऽ जन एवं वनवासी केन्द्रित राज्य वन नीति-2017 का प्रख्यापन।
ऽ सब मिशन आॅन एग्रोफाॅरेस्ट्री योजना हेतु 20 करोड़ रुपये तथा कुकरैल वन क्षेत्र में पर्यटन एवं जैव विविधता केन्द्र की स्थापना प्रस्तावित।
राजस्व -
ऽ प्रदेश में भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 42 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ आम आदमी बीमा योजना हेतु 10 करोड़ रुपये, ’’प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’’ हेतु 130 करोड़ 60 लाख रुपये तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिये 4 करोड़ 75 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्रदेश में आपदा प्रबंधन के वित्त पोषण हेतु आपदा मोचन निधि में 777 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
खाद्य तथा रसद -
ऽ रबी खरीद वर्ष 2018-19 में 50 लाख मीट्रिक टन गेहूॅ खरीद का कार्यकारी लक्ष्य।
ऽ गेहूॅ क्रय करने हेतु कुल 05 हजार 500 क्रय केन्द्र खोले जायेंगे।
सड़क एवं सेतु -
ऽ प्रदेश में सड़कों के निर्माण कार्यों हेतु 11 हजार 343 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ पुलों के निर्माण के लिये 1 हजार 817 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ मार्गों के नवीनीकरण, अनुरक्षण एवं मरम्मत कार्य के लिए 3 हजार 324 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ ‘‘आर0आई0डी0एफ0’’ योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मार्गों के नव निर्माण, चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण तथा सेतुओं के निर्माण हेतु 920 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वांचल की विशेष परियोजनाओं हेतु 300 करोड़ रुपये तथा बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिये 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ सड़कों के अनुरक्षण हेतु राज्य सड़क निधि में 1 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ ‘‘केन्द्रीय मार्ग निधि योजना’’ के अन्तर्गत मार्गों के निर्माण, चैड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण हेतु 2 हजार 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राज्य राजमार्गों के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ जिला मुख्यालयों को फोर लेन सड़कों से जोड़े जाने हेतु 1 हजार 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ शहरों के बाईपास, रिंग रोड, फ्लाईओवर के निर्माण हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ ग्रामीण अंचलों में नदियों एवं बड़े नालों पर पुलों के निर्माण हेतु
1 हजार 467 करोड़ रुपये तथा रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 350 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ ग्राम्य विकास विभाग के बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 2018-2019 में 2 हजार 873 करोड़ की व्यवस्था।
सिंचाई -
ऽ सरयू नहर परियोजना हेतु 1 हजार 614 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ अर्जुन सहायक परियोजना हेतु 741 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ मध्य गंगा नहर परियोजना हेतु 1 हजार 701 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ कनहर सिंचाई परियोजना हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ बाण सागर परियोजना हेतु 127 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ बाढ़ एवं जल प्लावन से बचाव हेतु तटबंध निर्माण, कटाव निरोधक कार्य एवं जल निकासी की विभिन्न परियोजनाओं हेतु 1004 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
बिजली -
ऽ भारत सरकार की सौभाग्य योजना प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत लगभग डेढ़ करोड़ परिवारों को मार्च, 2019 तक विद्युत संयोजन दिये जाने का लक्ष्य।
ऽ ऊर्जा क्षेत्र की योजनाओं हेतु वर्ष 2018-2019 में 29 हजार 883 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
अतिरिक्त ऊर्जा -
ऽ ‘‘सौर ऊर्जा नीति-2017’’ में निजी सहभागिता से 2022 तक कुल 10 हजार 700 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनायें स्थापित करने का लक्ष्य।
ऽ निजी आवासों पर ग्रिड संयोजित रूफटाॅप सोलर पाॅवर प्लाण्ट स्थापना हेतु अनुदान योजना के लिये 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पं0 दीन दयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग -
ऽ दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ कारिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना हेतु 250 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ प्रदेश में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
ऽ लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के नए कार्यों हेतु 300 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन -
ऽ कुम्भ मेला 2019 हेतु बजट में 1 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं हेतु राज्यांश के रूप में बजट में 240 करोड़ रुपये की बजट प्रस्तावित।
ऽ प्रधानमंत्री आवास योजना- सबके लिए आवास (शहरी) मिशन योजना हेतु वर्ष 2018-2019 में 2 हजार 217 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, अलीगढ़, झाँसी, मुरादाबाद, बरेली तथा सहारनपुर हेतु स्मार्ट सिटी मिशन योजना के अन्तर्गत 1 हजार 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ स्वच्छ भारत मिशन हेतु 1 हजार एक सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ अमृत योजना के लिए 2 हजार 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्रत्येक जनपद में एक नगर पंचायत को विकसित किये जाने के उद्देश्य से पं0 दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ कान्हा गौ-शाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु बजट में
98 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में ‘‘मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित एवं मलिन बस्ती विकास योजना’’ के अन्तर्गत मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के सृजन हेतु 426 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
नियोजन -
ऽ बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम के लिए लगभग 57 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ विकास कार्यों को त्वरित गति से क्रियान्वित करने हेतु त्वरित आर्थिक विकास योजना के अन्तर्गत 1 हजार एक सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
बेसिक शिक्षा -
ऽ सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 18 हजार 167 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ कक्षा-1 से 8 तक के सभी बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें एवं यूनीफाॅर्म हेतु बजट में क्रमशः 76 करोड़ रुपये एवं 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ मध्याह्न भोजना योजना हेतु 2 हजार 48 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था। इसके अतिरिक्त छात्र तथा छात्राओं को फल वितरित किये जाने हेतु 167 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर, पेयजल, बिजली, चहारदीवारी का निर्माण किये जाने हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
माध्यमिक शिक्षा -
ऽ प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के स्तर को सुधारने हेतु माध्यमिक शिक्षा अभियान हेतु 480 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय माॅडल विद्यालयों के संचालन हेतु 26 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित।
उच्च शिक्षा -
ऽ राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान हेतु 167 करोड़ रुपये एवं माॅडल महाविद्यालयों की स्थापना हेतु 37 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ अहिल्याबाई निःशुल्क शिक्षा योजना हेतु 21 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना तथा पूर्व से निर्माणाधीन महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों को पूर्ण किए जाने हेतु 106 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
प्राविधिक शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षा -
ऽ रूसा योजना के अन्तर्गत जनपद गोण्डा एवं बस्ती में
2 इंजीनियरिंग काॅलेजों की स्थापना की जा रही है, जिसके लिये 14 करोड़ 52 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ जनपद कन्नौज, सोनभद्र तथा मैनपुरी में इंजीनियरिंग काॅलेजों के संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2018-2019 में लगभग 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राज्य के संसाधनों से मिर्जापुर तथा प्रतापगढ़ में नये इंजीनियरिंग काॅलेज निर्माणाधीन हैं, जिसके लिये 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
महिला एवं बाल कल्याण -
ऽ महिला एवं बाल कल्याण के विभिन्न कार्यक्रमों हेतु लगभग 8 हजार 815 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ किशोरी बालिका सशक्तीकरण योजना सबला हेतु लगभग
351 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ पुष्टाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत समन्वित बाल विकास परियोजनाओं में पोषाहार हेतु 3 हजार 780 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ शबरी संकल्प योजना हेतु 524 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान हेतु 1 हजार 263 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
समाज कल्याण -
ऽ सामान्य वर्ग एवं अनुसूचित जातियों के कल्याण एवं विकास की योजनाओं के लिए लगभग 7 हजार 858 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले सभी वर्गों के परिवारों की पुत्रियों की शादी हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिये 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ अनुसूचित जाति तथा सामान्य वर्ग के निर्धन परिवारों की पुत्रियों की शादी हेतु क्रमशः 121 करोड़ रुपये व 82 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2018-2019 में 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से संचालित स्वरोजगार योजनाओं हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी वर्गों के पात्र वृद्धजनों को वृद्धावस्था एवं किसान पेंशन योजना के अन्तर्गत 2 हजार 560 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ अनुसूचित जाति के युवाओं हेतु राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के संचालन के लिये 66 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पिछड़ा वर्ग कल्याण -
ऽ पिछड़ा वर्ग कल्याण की योजनाओं हेतु 1 हजार 705 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पिछड़े वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ पिछड़े वर्ग के छात्र एवं छात्राओं के लिये शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के अंतर्गत 551 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
अल्पसंख्यक कल्याण -
ऽ प्रदेश में अल्पसंख्यकों के विकास एवं कल्याण की योजनाओं के लिए 2 हजार 757 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ अरबी-फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण की योजना हेतु
404 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित।
ऽ अरबिया पाठशालाओं को अनुदान हेतु लगभग 486 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ स्थायी मान्यता प्राप्त आलिया स्तर के 246 अरबी-फारसी मदरसों को अनुदान हेतु 215 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
दिव्यांगजन कल्याण -
ऽ दिव्यांग पेंशन योजना के अन्तर्गत 575 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ कृत्रिम अंग तथा सहायक उपकरण योजना के अन्तर्गत 33 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ कुष्ठावस्था भरण-पोषण (पेंशन) योजना के अंतर्गत 18 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ दिव्यांगजन को परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा के लिए 32 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
खेल -
ऽ एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
ऽ विभिन्न स्पोर्ट्स कालेजों तथा स्टेडियमों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु लगभग 74 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ऽ प्रदेश के खिलाड़ियों को प्रेरित करने हेतु राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार हेतु 3 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
कारागार -
ऽ प्रदेश के कारागारों में सोलर एनर्जी आधारित पावर प्लाण्ट तथा समुचित प्रकाश व्यवस्था हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
न्याय -
ऽ युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरूआती 3 वर्षों के लिए पुस्तक एवं पत्रिकाएं खरीदने हेतु आर्थिक सहायता दिये जाने के लिए
10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
धर्मार्थ कार्य -
ऽ कैलाश मानसरोवर भवन, गाजियाबाद के निर्माण के लिये 94 करोड़ 26 लाख रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।

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आपदा प्रबंधन के संबंध में जिलों के परिवीक्षा एवं बाल विकास अधिकारियों को दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण

Posted on 16 February 2018 by admin

लखनऊ: 16 फरवरी, 2018
सभी विकास सेक्टरों में महिलाओं की भागीदारी व नेतृत्व को बढावा देना चाहिए क्योंकि वो किसी भी आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। आपदा से प्रभावित महिलाओं की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में महिला वालंेटियर्स एवं स्वयं सहायता ग्रुप की भागीदारी बढाई जानी चाहिए। यह जानकारी आपदा विशेषज्ञ श्री नरेन्द्र तिवारी ने आज यहां ‘‘आपदा प्रबंधन में महिलायें एवं बच्चों की भूमिका‘‘ विषय पर राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण, पिकअप भवन, लखनऊ में दी।
आपदा प्रबन्धन में महिलायें एवं बच्चे ज्यादा संवेदनशील होते हैं इनके सशक्तीकरण हेतु सचिव एवं राहत आयुक्त, उ0प्र0 श्री संजय कुमार के कुशल नेतृत्व एवं मार्ग दर्शन में प्रदेश के आपदा प्रभावित 35 जनपदों के जिला परिवीक्षा अधिकारी एवं जिला बाल विकास अधिकारी को एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के परियोजना निदेशक, श्री बलबीर सिंह ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही प्रथम सत्र में एन0डी0आर0एफ0 के डिप्टी कमाण्डेन्ट श्री आर0पी0 भारती ने आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए अपने अनुभव साझा किये, तत्पश्चात इनके नेतृत्व में एन0डी0आर0एफ0 टीम के द्वारा कुशल पूर्वक माॅकड्रिल का प्रदर्शन भी किया गया। आपदा में महिलाओं की भूमिका के बारे में डा0 ललित मोहन जोशी ने प्रतिभागियों को टेबलटाॅप एक्सरसाइज के माध्यम से अवगत कराया।
डा0 विनोद चन्द्रा ने बताया कि महिलाओं और बच्चों को आपदा प्रबंधन के सम्बन्ध में विशेष ध्यान देना चाहिए। महिलाओं को पुरूषों की तरह समान दृष्टि से आपदा प्रबंधन में सहभागिता करनी चाहिए और पुरूषों को महिलाओं के प्रति सम्मान तथा उनकी क्षमताओं को बराबर से आॅकते हुए आपदा प्रबंधन के कार्यों में जोड़ना चाहिए। जेन्डर एवं डिजास्टर मैनेजमेन्ट विषय पर श्री संजय झल्डियाल ने जेन्डर बजटिंग, शरणालय प्रबंधन व राहत प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा की तथा प्रतिभागियों के साथ उनके अनुभव भी साझा किये।

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दो दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी में आई हुई विभिन्न वर्गों की प्रविष्टियों के मूल्यांकन का कार्य जारी

Posted on 16 February 2018 by admin

लखनऊ: 16 फरवरी, 2018
राजभवन प्रांगण में दो दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी 2018 में गमलों में लगे मौसमी फूलों के पौधों, सकुलेन्ट्स, बोनसाई, शाकभाजी, गुलाब, डहेलिया, औषधीय एवं सगंध पौधों, गमलों के कलात्मक समूह, गमलों में लगे बोगनबिलिया के पौधों तथा सदाबहार पत्ती वाले तथा अन्य गमलों के पौधों की जजिंग का कार्य केन्द्र व प्रदेश के औद्यानिकी से जुड़े संस्थानों प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों तथा प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में कार्यरत एवं सेवानिवृत्त उद्यान-विशेषज्ञों के गठित निर्णायक मण्डलों द्वारा किया गया। कल दिनांक 17 फरवरी के पूर्वान्ह से फल, शाकभाजी, कटे मौसमी फूल, कलात्मक पुष्प सज्जा, रंगोली, शादी का मण्डप एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता के जंजिग का कार्य विषय-विशेषज्ञों द्वारा किया जायेगा। इस प्रदर्शनी में मुख्य रूप से राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, कारागार, सेना, पी0ए0सी0, रेलवे, एच0ए0एल0, लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम एवं व्यक्तिगत प्रतियोगियों के द्वारा विभिन्न श्रेणियों में व्यापक स्तर पर प्रतिभागिता की जा रही है।
इस बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश के उद्यान निदेशक श्री एस0पी0 जोशी ने बताया कि प्रादेशिक पुष्प प्रदर्शनी के इतिहास में पहली बार वर्टिकल गार्डेन, फूलों से बनी आकृतियों की प्रतियोगिता, पाॅली हाउस में उत्पादित शाकभाजी एवं पुष्प की प्रतियोगिता, यूरोपियन सब्जियाँ के साथ साथ विशिष्ट फलों मशरूम, शहद एवं पान के पत्तों की प्रतियोगिता को शामिल किया गया है। इस प्रदर्शनी के ले-आउट में अप्रत्याशित परिवर्तन करते हुए प्रदर्शनी को और अधिक आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया है।
पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन 17 फरवरी को प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ अपरान्ह् 03ः00 बजे राजभवन, लखनऊ के प्रांगण में करेंगे। तत्पश्चात्, प्रदर्शनी आम जनता के लिए खोली जायेगी। प्रादेशिक पुष्प प्रदर्शनी के अन्तर्गत विभिन्न श्रेणियों में आयोजित हो रही प्रतियोगिताओं के विजेताओं को 18 फरवरी, 2018 को अपरान्ह् 04ः00 बजे प्रदेश के मा0 राज्यपाल श्री राम नाईक तथा प्रदेश शासन के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। स्कूलों के नर्सरी छात्र/छात्राएं प्रदर्शनी में निःशुल्क प्रवेश पा सकेंगे। इसके अलावा प्रदर्शनी में पाॅलीथीन का प्रयोग पूर्ण रूप से वर्जित है।

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उत्तर प्रदेश का बजट गांव, गरीब, किसान तथा युवाओं पर फोकस किया गया

Posted on 16 February 2018 by admin

लोक कल्याणकारी बजट के लिए संसदीय कार्य मंत्री ने
मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जी को बधाई दी

लखनऊ: 16 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य एवं नगर विकास मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज विधान सभा में पेश किये गये वर्ष 2018-19 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस बजट में गांव, गरीब, किसान तथा युवाओं को फोकस किया गया है। मौजूदा सरकार उद्योगों के माध्यम से नौजवानों को रोजगार देने एवं किसानों तथा गरीबों को आवास देने के लिए बजट में प्राथमिकता दी है।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्मार्ट सिटी से लेकर स्वच्छ भारत अभियान तथा छोटे नगरों को मूलभूत सुविधाओं से संतृप्त करने का संकल्प इस बजट में दोहराया है। बजट में समाज के सभी वर्गों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कदम उठाये हैं, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।
श्री खन्ना ने कहा कि यह बजट सर्व समाज के लिए हितकारी है। उन्होंने बजट का स्वागत करते हुए यह भी कहा है कि इस कल्याणकारी बजट के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ एवं वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल बधाई के पात्र है।

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सबका साथ-सबका विकास को समर्पित बजट - डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय

Posted on 16 February 2018 by admin

लखनऊ 16 फरवरी 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी ने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी को गरीबों और किसानों को समर्पित बजट प्रस्तुत करने पर बधाई दी। 4,28,348.52 करोड़ का विशाल बजट प्रस्तुत किया गया है। जो कि गत वर्ष के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत अधिक है। बजट में 14341.89 करोड़ रूपये की नयी योजनाएं शामिल की गई है। विद्युतीकरण में गत वर्ष के सापेक्ष 54 प्रतिशत अधिक बजट में प्रावधान किया गया है। पीडब्लूडी में गत वर्ष के सापेक्ष 22 प्रतिशत अधिक बजट, कृषि में गत वर्ष की सापेक्ष 17.5 प्रतिशत अधिक बजट आंवटित किया गया है। बुन्देलखण्ड में सिंचाई के लिए विशेष रूप से ध्यान दिया गया है। इसी तरह ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को भी गत वर्ष के सापेक्ष में अधिक बजट आंवटित करने पर एक बार पुनः आदरणीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को उ0प्र0 के समग्र विकास का बजट पेश करने पर उन्हें हार्दिक बधाई। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संजोये रखते हुए कुम्भ मेला, बृज की होली, अयोध्या की दिवाली, काशी, मथुरा के विकास के लिए विशेष रूप से ध्यान दिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में परिवर्तन, विकास एवं गरीबों के सशक्तिकरण के लिए एक नये युग की शुरूआत कर चुकी है। केन्द्र में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने सुशासन के माध्यम से सामाजिक एवं आर्थिक न्याय के लक्ष्यों को जमीन पर उतार रही है। गरीब कल्याण के लिए तत्पर हमारी केन्द्र सरकार के कार्य को आगे बढ़ाते हुए आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी की सरकार उत्तर प्रदेश में सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशक विकास, गरीबों, किसानों के कल्याण, महिलाओं के सशक्तिकरण तथा युवाओं के आत्मसम्मान एवं आत्मर्निभरता के लिए समर्पित है।
डा0 पाण्डेय ने कहा कि हम ऐसे प्रदेश के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। जहां पर प्रत्येक नागरिक की आवश्यकता जैसे भोजन, आवास, सड़क, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था हो, बच्चों के लिए शिक्षा, रोजगार के अवसर, जानमाल की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं समुचित परिवहन की व्यवस्था हो।
डा0 पाण्डेय ने कहा हम समाज के गरीब, दलित एवं पिछड़े वर्ग के कल्याण एवं समाज में उचित समुचित भागीदारी हेतु वचनबद्ध है। हमने सभी लघु एवं किसानों का फसली ऋण माफ करके, गन्ना किसानों का पूरा बकाया भुगतान एवं गेहॅू-धान की रिकार्ड खरीद और बिचैलियों को बाहर कर के हमने ये साबित कर दिया है कि हमारी कथनी और करनी में कोई अन्तर नहीं है। गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन में हो जाये ऐसा हमने सुनिश्चित किया हुआ है।
प्रदेश को अपराध मुक्त करने की दिशा में योगी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार संकल्पबद्ध है। एण्टी भूमाफिया टास्क फोर्स ने हजारों हेक्टेयर जमीन छुड़ाई है और 1873 भूमाफियाओं के विरूद्ध विभिन्न अपराधिक धाराओं में दर्ज कर के कार्यवाही की गई है। हमने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजक्ट योजना को लागू करके रोजगार सृजन के एक बड़े कार्यक्रम को शुरू किया है। प्रदेश में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया है जिसमें निवेश के द्वारा रोजगार सृजन की प्रचुर साधन उपलब्ध होंगे।

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उत्तर प्रदेश ‘जंगल राज’ से ‘मंगल राज’ की ओर-डा0 चन्द्रमोहन

Posted on 16 February 2018 by admin

लखनऊ 16 फरवरी 2018, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश भयमुक्त, अपराध मुक्त प्रदेश बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में लगातार सुधरती कानून व्यवस्था की स्थिति विपक्षी दलों को काफी अखर रही है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में अब तक हुई 1200 मुठभेड़ों में कुल 40 अपराधी मारे जा चुके हैं।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इतना ही नहीं बड़ी संख्या में अपराधी जेलों में भी बंद किये गये है। अपराधियों पर सख्ती का आलम यह है कि विपक्षी सरकारों में बिना किसी भय के घूमने वाले अपराधी या तो प्रदेश छोड़ कर भाग रहे हैं यह फिर वे आत्म समर्पण कर दे रहे है। अपराधियों पर हो रही सख्त कार्यवाही ने देश-विदेश में उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के सुशासन की धाक जमाई हैं। इसका असर ‘इन्वेस्टर्स समिट’ में निवेशकों की बड़ी संख्या में हुए रजिस्ट्रेशन के रूप में देखा जा सकता है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि पिछली सपा और बसपा की सरकारों ने अपराधियों को ही संरक्षण देने का काम किया था। इन सरकारों के जंगल राज में कोई भी उद्यमी उत्तर प्रदेश में अपना कारोबार नहीं करना चाहता था। यही वजह थी कि सपा और बसपा सरकार में निवेश के लिए एमओयू तो किये लेकिन इन्हें धरातल पर नहीं उतारा। प्रदेश की भाजपा सरकार के सुशासन में उद्योगपति स्वयं बहुत उत्साहित है और यूपी के विकास में अपना भरपूर योगदान देना चाहते है। यही बात विपक्षी दलों को अखर ही है। इसी कारण ये दल छोटी घटनाओं को जातिगत, संप्रदायगत रंग देकर माहौल खराब करने पर तुले है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी अपराधियों को जरा भी छूट देने के मूड में नहीं है। अपराधियों पर जितनी सख्त कार्रवाई की जा सकती है उससे भी ज्यादा सख्त कार्रवाई करने का आदेश मुख्यमंत्री जी ने पुलिस प्रशासन को दिया है। भाजपा सरकार ने प्रदेश को ‘जंगल राज’ से निकाल कर ‘मंगल राज’ की तरफ मोड़ दिया है और ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मूलमंत्र को सुशासन के जरिये साकार किया है।

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