लखनऊ: 16 फरवरी, 2018
सभी विकास सेक्टरों में महिलाओं की भागीदारी व नेतृत्व को बढावा देना चाहिए क्योंकि वो किसी भी आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। आपदा से प्रभावित महिलाओं की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में महिला वालंेटियर्स एवं स्वयं सहायता ग्रुप की भागीदारी बढाई जानी चाहिए। यह जानकारी आपदा विशेषज्ञ श्री नरेन्द्र तिवारी ने आज यहां ‘‘आपदा प्रबंधन में महिलायें एवं बच्चों की भूमिका‘‘ विषय पर राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण, पिकअप भवन, लखनऊ में दी।
आपदा प्रबन्धन में महिलायें एवं बच्चे ज्यादा संवेदनशील होते हैं इनके सशक्तीकरण हेतु सचिव एवं राहत आयुक्त, उ0प्र0 श्री संजय कुमार के कुशल नेतृत्व एवं मार्ग दर्शन में प्रदेश के आपदा प्रभावित 35 जनपदों के जिला परिवीक्षा अधिकारी एवं जिला बाल विकास अधिकारी को एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के परियोजना निदेशक, श्री बलबीर सिंह ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही प्रथम सत्र में एन0डी0आर0एफ0 के डिप्टी कमाण्डेन्ट श्री आर0पी0 भारती ने आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए अपने अनुभव साझा किये, तत्पश्चात इनके नेतृत्व में एन0डी0आर0एफ0 टीम के द्वारा कुशल पूर्वक माॅकड्रिल का प्रदर्शन भी किया गया। आपदा में महिलाओं की भूमिका के बारे में डा0 ललित मोहन जोशी ने प्रतिभागियों को टेबलटाॅप एक्सरसाइज के माध्यम से अवगत कराया।
डा0 विनोद चन्द्रा ने बताया कि महिलाओं और बच्चों को आपदा प्रबंधन के सम्बन्ध में विशेष ध्यान देना चाहिए। महिलाओं को पुरूषों की तरह समान दृष्टि से आपदा प्रबंधन में सहभागिता करनी चाहिए और पुरूषों को महिलाओं के प्रति सम्मान तथा उनकी क्षमताओं को बराबर से आॅकते हुए आपदा प्रबंधन के कार्यों में जोड़ना चाहिए। जेन्डर एवं डिजास्टर मैनेजमेन्ट विषय पर श्री संजय झल्डियाल ने जेन्डर बजटिंग, शरणालय प्रबंधन व राहत प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा की तथा प्रतिभागियों के साथ उनके अनुभव भी साझा किये।