Posted on 06 February 2018 by admin
राजनीति के कार्यक्रमों से इतर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की रूचि संस्कृति, इतिहास और सामाजिक जीवन के विविध पक्षों पर भी रहती हैं। 5 फरवरी 2018 को जैसे ही राजनीति की व्यस्तता से उन्हें तनिक फुरसत मिली वे सूरत में चारधाम मंदिर जाने के लिए व्यग्र हो उठे। मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ जब अखिलेश जी ने कहा कि महाभारत के यशस्वी पात्र कर्ण के अंतिम संस्कार स्थल पर चलना हैं। उन्होंने कर्ण के बारे में ‘मृत्युंजय‘ नामक एक पुस्तक का भी जिक्र किया। श्री शिवा जी सावंत लिखित कर्ण का यह जीवनवृŸा उन्हांेंने पढ़ा था।
कर्ण का उल्लेख महान योद्धा और दानवीर के रूप में होता है। महाभारत के युद्ध में कर्ण के शौर्य की कहानियां पसरी पड़ी हैं। कर्ण अर्जुन के समानांतर शस्त्रों का ज्ञाता था। रणभूमि में घायल कर्ण को श्रीकृष्ण ने आशीर्वाद दिया था ‘‘जब तक सूर्य, चन्द्र, तारे और पृथ्वी रहेंगे, तुम्हारी दानवीरता का गुणगान तीनों लोगों में किया जाएगा। संसार में तुम्हारे समान महान दानवीर न तो हुआ है और न कभी होगा।‘‘
अपनी प्रतिद्धंदिता में अर्जुन कर्ण को हेय समझते थे। उन्हें यह ज्ञात नहीं था कि कर्ण उनके बड़े भाई है। कर्ण की दानशीलता की ख्याति सुनकर इंद्र उनके पास कुंडल और कवच मांगने गए थे। कर्ण ने इंद्र की साजिश समझते हुए भी उनको कवच कुंडल दानकर दिए थे। जब कर्ण घायल थे श्रीकृष्ण और अर्जुन कर्ण के पास ब्राह्मण बनकर पहुंचे और उससे दान मांगने लगे। कर्ण ने कहा इस समय और कुछ तो है नहीं, सोने के दांत हैं, कर्ण ने उन्हें ही तोड़कर भेंट किया। श्रीकृष्ण ने कहा यह स्वर्ण जूठा। तो कर्ण ने अपने धनुष से बाण मारा तो वहां गंगा की तेज जलधारा निकल पड़ी उससे दांत धोकर कर्ण ने कहा अब तो ये शुद्ध हो गए। श्रीकृष्ण ने तभी कर्ण को कहा था कि ‘‘तुम्हारी यह बाण गंगा युग युगों तक तुम्हारा गुणगान करती रहेगी।‘‘
यह तो पृष्ठभूमि की कथा है। अखिलेश जी गुजरात के सूरत में चारधाम मंदिर, तीन पŸो का वट वृक्ष का हजारों वर्षों का पौराणिक इतिहास जानने पहुंचे। तापी कुरान में कहा गया है कि जब कुरूक्षेत्र युद्ध में दानेश्वर कर्ण घायल होकर गिरे तो कृष्ण ने उनकी अंतिम इच्छा पूछी थी। कर्ण ने कहा- द्वाारिकाधीश मेरी अंतिम इच्छा है कि तुम्ही मेरा अंतिम संस्कार, एक कुंमारी भूमि पर करना। सूरत के प्रमुख समाजसेवी वेलजी भाई नाकूम के साथ राजेंद्र चौधरी को लेकर अखिलेश जी सूरत में तापी नदी, जिसे क्वांरी माता नदी भी कहा जाता है, के किनारे पहुंचे जहां कर्ण का मंदिर है। तापी नदी में जलकुम्भी और गंदगी देखकर अखिलेश जी दुःखी हुए। इसी नदी के किनारे कर्ण का अंतिम संस्कार हुआ था।
चारधाम मन्दिर के महंत गुरू श्री बलरामदास के उŸाराधिकारी महंत श्री विजय दास जी ने बताया कि जब कृष्ण भगवान और पांडवों ने सब तीर्थधाम करते हुए तापी नदी के किनारे कर्ण का शवदाह किया तब पांडवों ने जब कुंवारी भूमि होने पर शंका जताई तो श्रीकृष्ण ने कर्ण को प्रकट करके आकाशवाणी से कहलाया कि अश्विनी और कुमार मेरे भाई हैं। तापी मेरी बहन हैं। मेरा कंुवारी भूमि पर ही अग्निदाह किया गया है। पांडवों ने कहा हमें तो पता चल गया परंतु आने वाले युगों को कैसे पता चलेगा तब भगवान कृष्ण ने कहा कि यहां पर तीन पŸो का वट वृ़क्ष होगा जो ब्रह्मा, विष्णु, और महेश के प्रतीक रूपी होंगे।
अखिलेश जी स्तब्ध शून्य में ताकते हुए देर तक उस कुंवारी भूमि पर कुछ समय खड़े रहे। उस दानवीर कर्ण के लिए उनके पास कोई षब्द नहीं थे। धीरे-धीरे अनासक्त भाव से आगे बढ़े तो एक बड़ा जनसमूह अखिलेश जी के अभिनंदन के लिए खड़ा था। गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को स्थितप्रज्ञ होने के लक्षण बताए थे। गांधी जी ने उसे अनासक्तियोग का नाम दिया था। एक बड़े महाभारत ने बहुत कुछ गंवाया पर कर्म के धर्म का पालन तो करना ही होता है।
Posted on 06 February 2018 by admin
सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ: 06 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि किसानों की फसल को आवारा जानवरों से बचाने हेतु बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जनपद में फिलहाल कम से कम एक तहसील में स्टैण्डर्ड डिजाइन का एक-एक चारागाह का निर्माण यथाशीघ्र कराकर आगामी दो माह में क्रियाशील कराया जाये। उन्होंने कहा कि निर्मित होने वाले चारागाहों में भूंसा रखने हेतु एक टिन सेट रूम, आवश्यक जलापूर्ति हेतु सोलर बेस एक पम्प तथा बायोगैस की व्यवस्था सहित आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत भारत सरकार को भेजे गये लम्बित प्रस्ताव 4714.64 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त करने हेतु निरन्तर नीति आयोग से अनुरोध किया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत स्वीकृत धनराशि में कराये जा रहे कार्यों तथा भारत सरकार से प्राप्त होने वाली धनराशि की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में पेयजल की समस्या को दृष्टिगत रखते हुये ग्रामीण जलापूर्ति योजनान्तर्गत जनपद झांसी में उजियाॅन ग्राम समूह जलापूर्ति योजना हेतु 27.60 करोड़ रुपये तथा जनपद ललितपुर के ब्लाॅक तालबेहट के ग्राम पवा में जलापूर्ति योजना हेतु 13.00 करोड़ रुपये की स्वीकृति तत्काल निर्गत करते हुये नियमानुसार कार्य प्रारंभ करा दिये जायें ताकि संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुये बुन्देलखण्डवासियों को पेयजल के संकट से जूझना न पड़े।
श्री राजीव कुमार ने बुन्देलखण्ड पैकेज योजनान्तर्गत वन, लघु सिंचाई, सिंचाई, ग्राम्य विकास, पशुपालन, दुग्ध विकास, कृषि विपणन आदि विभागों को निर्गत धनराशि के अनुसार कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुये निर्देश दिये कि निर्गत धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग पारदर्शिता के साथ यथाशीघ्र कराते हुये उपयोगिता प्रमाण-पत्र सम्बन्धित विभाग यथाशीघ्र भेजना सुनिश्चित कराएं।
बैठक में बताया गया कि नीति आयोग भारत सरकार को 4717.64 करोड़ रुपये के प्रस्तावित कार्यों में से सिंचाई एवं जल संसाधन के 2727.08 करोड़ रुपये, कृषि विभाग 139.05 करोड़ रुपये, लघु सिंचाई विभाग के 665.36 करोड़ रुपये, दुग्ध विकास के 452.47 करोड़ रुपये, उद्यान विभाग के 304.36 करोड़ रुपये तथा पशुपालन विभाग 426.32 करोड़ रुपये के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होते ही प्रस्तावित कार्यों को यथाशीघ्र प्रारंभ कराया जाये।
बैठक में सचिव, सिंचाई, सी.पी. त्रिपाठी, सचिव, वित्त श्री एम.पी. अग्रवाल सहित सम्बन्धित विभागों के सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
Posted on 06 February 2018 by admin
लखनऊ: 06 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से सी0जी0 सिटी सुल्तानपुर रोड पर स्थापित किए जा रहे उच्च स्तरीय कैंसर संस्थान को क्रियाशील करने के सम्बन्ध में टाटा मेमोरियल कैंसर हाॅस्पिटल, मुम्बई के निदेशक प्रो0 आर0ए0 बड़वे की अध्यक्षता में एक त्रिसदस्यी दल ने सोमवार को यहां शास्त्री भवन में भेंट कर रोड मैप प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री जी से मुलाकात से पूर्व इस दल ने मौके पर जाकर निर्माणाधीन उच्चस्तरीय कैंसर संस्थान का निरीक्षण किया तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इस दल द्वारा प्रस्तुत योजना के अनुसार प्रथम चरण में संस्थान के सभी विभागों को जनवरी, 2019 तक क्रियाशील करने तथा सर्जिकल विभाग एवं मेडिकल आॅन्कोलाजी विभाग को अक्टूबर, 2018 तक क्रियाशील करने का लक्ष्य है।
इस संस्थान को क्रियाशील करने के लिए सिविल निर्माण, पद सृजन तथा उपकरण मंे कन्वर्जेन्स स्थापित करते हुए उत्कृष्ट फैकल्टी के साथ अन्य व्यवस्थाएं आगामी ग्यारह माह में सुनिश्चित की जानी हंै। संस्थान में पूर्णकालिक निदेशक की तैनाती शीघ्र करने के निर्देश दिए गए। इसके अतिरिक्त टाटा मेमोरियल कैंसर हाॅस्पिटल के विशेषज्ञों का एक दल प्रतिमाह तीन से चार दिन लखनऊ भ्रमण कर मौके पर अपनी सेवाएं उपलब्ध कराएगा। टाटा मेमोरियल कैंसर हाॅस्पिटल द्वारा उक्त परियोजना की डी0पी0आर0 भी तीन माह में बनाकर प्रस्तुत की जाएगी तथा इस परियोजना के क्रियान्वयन में मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। इस निमित्त उत्तर प्रदेश सरकार एवं टाटा मेमोरियल कैंसर हाॅस्पिटल, मुम्बई के मध्य एम0ओ0यू0 निष्पादित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह संस्थान दिल्ली और कोलकाता के मध्य कैंसर से सम्बन्धित सभी 26 सुपर स्पेशियलिटी विभागों की सेवाएं उपलब्ध कराने वाला सबसे बड़ा संस्थान होगा तथा यह प्रदेश के एपेक्स कैंसर सेन्टर के रूप मंे कार्य करेगा।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल एवं कुलपति के0जी0एम0यू0 प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट के अतिरिक्त टाटा मेमोरियल कैंसर हाॅस्पिटल के प्रो0 के0एस0 शर्मा, प्रो0 पंकज चतुर्वेदी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।